विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 15 मार्च, 2022
जेंडर संवाद
हाल ही में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा ‘जेंडर संवाद’ कार्यक्रम के तीसरे संस्करण का आयोजन किया गया। इस आयोजन में सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 3000 से अधिक राज्य मिशन कर्मचारियों एवं स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत वर्चुअल रूप में आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश भर में लैंगिक असमानता के विरुद्ध जागरूकता पैदा करना है। वर्ष 2022 के लिये इस दिवस की थीम है- ‘महिला समूहों के माध्यम से खाद्य और पोषण सुरक्षा को बढ़ावा देना।’ इस कार्यक्रम को ‘अमृत महोत्सय सप्ताह’ के अंतर्गत ‘नए भारत की नारी’ विषय पर आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में कोरोना काल के दौरान स्वयं सहायता समूहों द्वारा किये गए कार्यों की सराहना भी की गई। ज्ञात हो कि महिलाओं को भारत के सबसे बड़े आजीविका कार्यक्रम का हिस्सा बनाने के साथ दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) ने उन्हें स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण गरीबों के संघ के रूप में संगठित करके उनके सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण हेतु प्रतिबद्धता दिखाई है।
राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस
टीकाकरण के महत्त्व के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य में इसकी भूमिका को रेखांकित करने हेतु प्रतिवर्ष 16 मार्च को ‘राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस’ का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस का लक्ष्य इस संबंध में जागरूकता बढ़ाना है कि टीकाकरण ही अत्यधिक संक्रामक रोगों को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है। राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस 2022 की थीम है- 'वैक्सीन वर्क फॉर ऑल।’ राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस 2022 की थीम इस बात पर प्रकाश डालती है कि किस प्रकार टीके सभी के लिये उपयोगी हैं और दुनिया भर में लोगों की जान बचाते हैं। राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस भारत सरकार के ‘पल्स पोलियो कार्यक्रम’ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जो कि भारत से पोलियो उन्मूलन हेतु एक उल्लेखनीय पहल थी। इस कार्यक्रम के तहत 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों को पोलियो वैक्सीन की दो बूँदें प्रदान की जाती हैं। भारत में पल्स पोलियो कार्यक्रम एक बड़ी सफलता बन गया, क्योंकि वर्ष 2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को 'पोलियो मुक्त देश' घोषित कर दिया।
पावर फाउंडेशन
पावर फाउंडेशन बिजली और संबद्ध क्षेत्रों हेतु सरकार द्वारा स्थापित एक नीतिगत्त निकाय है। पावर फाउंडेशन, बिजली मंत्रालय के तत्त्वावधान में गठित एक सोसायटी है। यह पावरग्रिड एनटीपीसी, आरईसी, पीएफसी, एनएचपीसी, टीएचडीसी और एसजेवीएन जैसे प्रमुख बिजली क्षेत्र के केंद्रीय सार्वजनिक उद्यमों द्वारा सोसायटी अधिनियम के तहत पंजीकृत है। पावर फाउंडेशन का उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ने में भारत की सहायता करना है। यह राज्य सरकारों और व्यवसायों को अत्याधुनिक अनुसंधान में मदद करेगा। यह एक नीति निकाय के रूप में कार्य करेगा तथा राज्यों को सभी के लिये स्थायी ऊर्जा प्रदान करने में मदद हेतु डेटा, नीति और सिफारिशें प्रदान करेगा। भारत में 1,636 गीगावाट से अधिक अक्षय ऊर्जा (जलविद्युत सहित) की क्षमता है। विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से बिजली उत्पादन में वृद्धि हुई है और नवीकरणीय ऊर्जा शुल्कों में भी उल्लेखनीय कमी आई है। वर्ष 2021 में ग्लासगो में आयोजित UNFCCC COP 26 शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री द्वारा भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता को वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट तक बढ़ाने का संकल्प लिया गया है। भारत द्वारा देश के विद्युत उत्पादन में अक्षय ऊर्जा स्रोतों के योगदान को 50% से अधिक तक बढ़ाने का भी संकल्प लिया गया है।
न्यूट्रास्युटिकल उत्पाद
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) केंद्रों में अब न्यूट्रास्युटिकल उत्पाद भी मिलेंगे। न्यूट्रास्युटिकल्स कोई भी खाद्य-संबंधित पदार्थ हो सकते हैं, यह पौष्टिक-औषध (न्यूट्रास्युटिकल), जो "न्यूट्रिशन" (पोषण) तथा "फार्मास्युटिकल" (दवा/औषध) शब्दों से मिलकर बना एक खाद्य या खाद्य उत्पाद है जो बीमारी की रोकथाम एवं उपचार सहित स्वास्थ्य एवं चिकित्सीय लाभ प्रदान करता है। ये स्वास्थ्य और चिकित्सा लाभ के साथ ही कुछ बीमारियों को रोकने और उनका इलाज करने में भी मदद करते हैं। न्यूट्रास्युटिकल उत्पादों में प्रोटीन पाउडर, प्रोटीन बार, माल्ट-आधारित खाद्य पूरक, इम्युनिटी बार, विटामिन सप्लीमेंट आदि शामिल होते हैं। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना को वर्ष 2008 में भारत सरकार के ‘रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय’ के अंतर्गत कार्यरत ‘फार्मास्यूटिकल्स विभाग’ द्वारा प्रारंभ किया गया था। वर्ष 2015 में इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फिर से लॉन्च किया गया। PMBJP को फार्मास्युटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया (PMBI) द्वारा कार्यान्वित किया जाता है, जो सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1960 के तहत पंजीकृत सोसायटी है। इसका लक्ष्य ‘प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र’ के माध्यम से देश की जनता को सस्ती एवं गुणवत्ता युक्त दवाइयाँ प्रदान करना है। इन जन औषधि केंद्रों को गुणवत्ता एवं प्रभावकारिता में महँगी ब्रांडेड दवाओं के समतुल्य जेनेरिक दवाओं को कम कीमतों पर उपलब्ध कराने के लिये स्थापित किया गया है। इस परियोजना का मूल उद्देश्य है- “Quality Medicines at Affordable Prices for All”।