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ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 14 Nov, 2024
  • 20 min read
प्रारंभिक परीक्षा

निसार उपग्रह

स्रोत: डाउन टू अर्थ

चर्चा में क्यों?

नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (NISAR) उपग्रह, राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (NASA) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास है, जिसे वर्ष 2025 की शुरुआत में प्रक्षेपित किया जाना प्रस्तावित है।

  • इसमें दो उन्नत रडार प्रणालियाँ शामिल हैं- नासा का L-बैंड रडार और इसरो का S-बैंड रडार- जिससे यह ऐसी दोनों रडार प्रणालियाँ ले जाने वाला पहला उपग्रह बन जाएगा। 

NISAR क्या है?

परिचय: 

  • इसका निर्माण वर्ष 2014 के साझेदारी समझौते के तहत अमेरिका और भारत के सहयोग से किया गया है और इसे भारत के आंध्र प्रदेश स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया जाएगा। 
  • इस उपग्रह को इसरो के भू-तुल्यकाली उपग्रह प्रमोचन रॉकेट मार्क II का उपयोग करके पृथ्वी की निम्न कक्षा में प्रक्षेपित किया जाएगा।
  • उद्देश्य: यह प्रत्येक 12 दिन में पूरे विश्व का मानचित्र तैयार करने के साथ पारिस्थितिकी तंत्र, बर्फ द्रव्यमान, वनस्पति, समुद्र के जल स्तर में वृद्धि, भूजल तथा भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी और भूस्खलन जैसे प्राकृतिक खतरों के संबंध में सुसंगत डेटा उपलब्ध कराने पर केंद्रित है।

विशेषता

विवरण

थर्मल ब्लैंकेटिंग

सुनहरे रंग की थर्मल ब्लैंकेटिंग से संचालन के दौरान उपग्रह के तापमान को नियंत्रित किया जा सकेगा।

प्रमुखभाग

रडार पेलोड: सतह अवलोकन हेतु मुख्य उपकरण।

स्पेसक्राफ्ट बस: उपग्रह संचालन हेतु प्रणोदक, संचार, नेविगेशन और दिशा नियंत्रण प्रदान करने पर केंद्रित।

एंटीना और रिफ्लेक्टर: 12 मीटर व्यास का ड्रमनुमा वायर-मेस रिफ्लेक्टर (अंतरिक्ष में सबसे बड़ा) रडार सिग्नल फोकस एवं अवलोकन क्षमताओं को बढ़ाने पर केंद्रित है।

प्रौद्योगिकी प्रगति

 

दोहरी रडार प्रणाली: इसमें नासा के L-बैंड रडार और इसरो के S-बैंड रडार को शामिल किया गया है: 

एल-बैंड रडार: सघन वनस्पतियों में भूमि की हलचल का पता लगाने के साथ ज्वालामुखी और भूकंपीय क्षेत्रों के संदर्भ में अनुकूल है।

S-बैंड रडार: सतही निगरानी परिशुद्धता में सुधार पर केंद्रित है; 8-15 सेमी तरंगदैर्ध्य और 2-4 गीगाहर्ट्ज आवृत्ति पर संचालित होता है।

NISAR के अनुप्रयोग:

  • व्यापक निगरानी: NISAR पृथ्वी की सतहही गतिविधियों (क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर) को उच्च स्पष्टता के साथ कैप्चर करने के साथ दिन और रात संचालित होने पर केंद्रित है।
  • आपदा न्यूनीकरण: आपदा प्रभाव न्यूनीकरण के लिये भूकंपीय गतिविधियों, भूस्खलन, ज्वालामुखीय घटनाओं और बर्फ की चादर में बदलाव पर नज़र रखने पर केंद्रित है।
  • पर्यावरण ट्रैकिंग: धारणीय संसाधन प्रबंधन का समर्थन करने के क्रम में वनों, आर्द्रभूमि, कृषि भूमि और वनोन्मूलन पर नज़र रखने पर केंद्रित है।
  • अवसंरचना स्थिरता: अवसंरचना का आकलन, शहरीकरण की निगरानी ​​तथा बेहतर प्रबंधन हेतु तेल रिसाव का पता लगाने के अनुकूल है।
  • डेटा-संचालित निर्णय-निर्माण: विवर्तनिकी हलचलों को समझने में सहायक होने के साथ संसाधनों के सूचित, धारणीय और मितव्ययी उपयोग को बढ़ावा देने में सहायक है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)

इसरो द्वारा प्रक्षेपित मंगलयान

  1. को मंगल ऑर्बिटर मिशन भी कहा जाता है।
  2.  के कारण अमेरिका के बाद मंगल ग्रह की परिक्रमा करने वाला भारत दूसरा देश बना ।
  3.  ने भारत को अपने अंतरिक्ष यान को अपने पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह की परिक्रमा करने में सफल होने वाला एकमात्र देश बना दिया।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

(a) केवल
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)


प्रश्न. भारत के उपग्रह प्रक्षेपण यान के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018) 

  1. PSLVs पृथ्वी संसाधनों की निगरानी के लिये उपयोगी उपग्रहों को लॉन्च करते हैं, जबकि GSLVs को मुख्य रूप से संचार उपग्रहों को लॉन्च करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।  
  2.  PSLVs द्वारा प्रक्षेपित उपग्रह पृथ्वी पर किसी विशेष स्थान से देखने पर आकाश में उसी स्थिति में स्थायी रूप से स्थिर प्रतीत होते हैं।  
  3.  GSLV Mk-III एक चार चरणों वाला प्रक्षेपण यान है जिसमें पहले और तीसरे चरण में ठोस रॉकेट मोटर्स का उपयोग तथा दूसरे व चौथे चरण में तरल रॉकेट इंजन का उपयोग किया जाता है। 

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? 

केवल 1
B. केवल 2 और 3
C. केवल 1 और 2
D. केवल 3 

उत्तर: (A)


प्रारंभिक परीक्षा

राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन

स्रोत: पी.आई.बी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, वस्त्र मंत्रालय ने राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (NTTM) के तहत 12 शोध परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिससे अनुमोदित शोध परियोजनाओं की कुल संख्या बढ़कर 168 हो गई है। 

  • शोध परियोजनाओं को भू-वस्त्र, सतत् और स्मार्ट वस्त्र आदि के प्रमुख रणनीतिक क्षेत्रों में अनुमोदित किया गया।

NTTM के बारे में मुख्य बिंदु क्या हैं?

  • तकनीकी वस्त्र उद्योग मंत्रालय के बारे में: NTTM देश में तकनीकी वस्त्र क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिये वस्त्र मंत्रालय की एक पहल है।
    • इसका लक्ष्य वर्ष 2024 तक भारत को तकनीकी वस्त्र उद्योग में वैश्विक अग्रणी के रूप में स्थापित करना है।
  • कार्यान्वयन अवधि: NTTM को वित्त वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक चार वर्ष की कार्यान्वयन अवधि के साथ अनुमोदित किया गया था।
  • घटक: मिशन के चार घटक हैं।
    • शोध, नवाचार और विकास: मौलिक रूप से शोध वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) प्रयोगशालाओं, IIT तथा अन्य प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, औद्योगिक और शैक्षणिक संस्थानों में किया जाता है।
    • संवर्द्धन और बाज़ार विकास: यह बाज़ार विकास, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, निवेश प्रोत्साहन और 'मेक इन इंडिया' पहल पर केंद्रित है।
    • निर्यात संवर्द्धन: इस क्षेत्र में समन्वय और संवर्द्धनात्मक गतिविधियों को बढ़ाने के लिये तकनीकी वस्त्रों के लिये एक निर्यात संवर्द्धन परिषद की स्थापना की गई है।
    • शिक्षा, प्रशिक्षण और कौशल विकास: यह इंजीनियरिंग, चिकित्सा, कृषि और संबंधित क्षेत्रों को कवर करते हुए तकनीकी वस्त्रों में उच्च स्तरीय तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देता है।

तकनीकी वस्त्र:

  • तकनीकी वस्त्र के बारे में: वे वस्त्र सामग्री जो सौंदर्य और सजावटी विशेषताओं के बजाय उनके तकनीकी प्रदर्शन और कार्यात्मक गुणों के लिये निर्मित की जाती हैं, उन्हें तकनीकी वस्त्र कहा जाता है।
  • श्रेणियाँ: इन उत्पादों को सिविल इंजीनियरिंग, निर्माण, रक्षा, स्वास्थ्य सेवा और ऑटोमोबाइल तथा अन्य उद्योगों में उनके उपयोग के आधार पर 12 विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।
  • अनुप्रयोग: इनका उपयोग कृषि, सड़क, रेलवे ट्रैक, खेलकूद, स्वास्थ्य, बुलेट प्रूफ जैकेट, अग्निरोधक जैकेट, उच्च ऊँचाई वाले कॉम्बैट गियर और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों जैसे विभिन्न अनुप्रयोगों के लिये किया जा सकता है।
  • उदाहरण: अम्ब्रेला क्लॉथ, मच्छरदानी, सिगरेट फिल्टर नोड्स, कॉन्टैक्ट लेंस, सैनिटरी नैपकिन, सीट बेल्ट, टफ्टेड कालीन, हेलमेट, चाय बैग फिल्टर पेपर आदि।

तकनीकी वस्त्र से संबंधित पहल:

  यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रारंभिक

प्रश्न.ग्रामीण सड़क निर्माण में पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने या कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिये निम्नलिखित में से किसके उपयोग को प्राथमिकता दी जाती है? (2020)

  1. ताम्र स्लैब
  2. शीत मिश्रित ऐस्फाल्ट प्रौद्योगिकी
  3. जियोटेक्सटाइल
  4. हॉट मिक्स ऐस्फाल्ट प्रौद्योगिकी
  5. पोर्टलैंड सीमेंट

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2 और 3 
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 4 और 5 
(d) केवल 1 और 5

उत्तर: (A)


प्रश्न: हाल ही में हमारे देश में हिमालयी बिच्छू-बूटी (जिरार्डिनिया डाइवर्सीफोलिया) के महत्त्व के बारे में बढ़ती हुई जागरूकता थी, क्योंकि यह पाया गया है कि (2019)

(a) यह प्रति-मलेरिया औषध का संधारणीय स्रोत है 
(b) यह जैव डीज़ल का संधारणीय स्रोत है 
(c) यह कागज उद्योग के लिए लुगदी का संधारणीय स्रोत है 
(d) यह वस्त्रतंतु का संधारणीय स्रोत है

उत्तर: (D)


रैपिड फायर

टाइटन अरुम फूल

स्रोत: डाउन टू अर्थ

हाल ही में विश्व के सबसे बड़े फूलों में से एक टाइटन अरुम फूल (Titan Arum Flower) ऑस्ट्रेलिया में खिला। यह 10 फीट से अधिक ऊँचा होता है और एक दशक में एक बार खिलता है।

  • संरचना: इसमें केंद्र से ऊपर उठती हुई एक लंबी, हल्के पीले रंग की लिंग संरचना होती है।
    • फूल के आधार पर एक 'कॉर्म (Corm)' होता है जो एक भूमिगत ऊर्जा-भंडारण संरचना है यह इसके 10 वर्ष के पुष्पन चक्र और 6 महीने की फलने की अवधि को सहारा देता है।
  • विशिष्टता: यह अपने परागणकों- मांसाहारी मधुमक्खियों और मक्खियों, जो शवों को अपना आहार बनाते हैं-  को आकर्षित करने के लिये इसमें से सड़ते हुए मांस जैसी दुर्गंध आती है।
    • सड़े हुए मांस-गंध वाले पौधों पर मक्खियों द्वारा परागण को सैप्रोमायोफिली (Sapromyophily) कहा जाता है।
  • आवास: यह इंडोनेशिया के पश्चिमी सुमात्रा के वर्षावनों में चूना पत्थर की पहाड़ियों पर खिलता है। यह ऑस्ट्रेलिया के वनों में नहीं खिलता है।
  • IUCN स्थिति: इस प्रजाति के जंगल में 1,000 से भी कम सदस्य बचे हैं तथा इसे 'लुप्तप्राय' के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
  • अन्य समान फूल: रैफलेसिया अर्नोल्डी (विश्व का सबसे बड़ा विशिष्ट फूल), ड्रेकुनकुलस वल्गेरिस, स्टेपेलिया गिगेंटिया, हाइडनोरा अफ्रीकाना और हेलिकोडाइसेरोस मस्किवोरस।

और पढ़ें: निकोबार द्वीप समूह में खोजा गया नया परजीवी पौधा


रैपिड फायर

तड़ित चालक और वज्रपात

स्रोत: द हिंदू

जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान और वायुमंडलीय नमी में वृद्धि से वैश्विक स्तर पर वज्रपात की आवृत्ति और तीव्रता बढ़ रही है क्योंकि गर्म वायु और आर्द्र बादलों के संपर्क से आवेश पृथक्करण को बढ़ावा मिलता है।  

  • वज्रपात: यह एक प्राकृतिक विद्युतीय घटना है जो तूफानों के दौरान वायुमंडल में स्थैतिक विद्युत आवेश के संग्रहण के कारण होती है।
    • इसका निर्माण तब होता है जब बादलों में जल की बूँदें बर्फ के क्रिस्टल के रूप में में जम जाने से इनके बीच घर्षण होता है, जिससे एक स्थैतिक चार्ज उत्पन्न होने से अंततः वज्रपात होता है।
  • तड़ित चालक: यह सुचालक छड़ है जिसे विद्युत को आकर्षित करने तथा उसके निर्वहन हेतु एक नियंत्रित पथ प्रदान करने के क्रम में किसी बिल्डिंग के सबसे ऊँचे बिंदु पर स्थापित किया जाता है।
    • विद्युत, सबसे अधिक विद्युत विभव वाली वस्तु की ओर आकर्षित होती है।
    • छड़ के आकार से एक मज़बूत विद्युत क्षेत्र बनता है जिससे धारा के प्रवाह हेतु एक मार्ग मिलता है। छड़ से विद्युत आवेश भूमि की ओर स्थानांतरित होता है, जिसके कारण विद्युत आवेश जमीन में जाकर निष्क्रिय हो जाता है।

और पढ़ें: भारत में आकाशीय बिजली


रैपिड फायर

एपिक्लोरोहाइड्रिन के आयात पर एंटी-डंपिंग शुल्क

स्रोत: बिज़नेस स्टैण्डर्ड

हाल ही में भारत ने घरेलू उद्योगों को सस्ते आयात से बचाने के लिये चीन, कोरिया और थाईलैंड से एपिक्लोरोहाइड्रिन के आयात पर 557 अमेरिकी डॉलर प्रति टन तक का एंटी-डंपिंग (AD) शुल्क लगाया है।

  • एपिक्लोरोहाइड्रिन, एक रंगहीन तरल पदार्थ है जिसमें लहसुन जैसी तेज़ गंध होती है, इसका उपयोग ग्लिसरॉल, इलास्टोमर्स, चिपकाने वाले पदार्थों (गोंद) के उत्पादन में तथा रेजिन, पेंट एवं रोगन के लिये विलायक के रूप में किया जाता है।
  • राजस्व विभाग द्वारा व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) की सिफारिशों पर कार्रवाई करते हुए एपिक्लोरोहाइड्रिन के आयात पर पाँच साल का एंटी-डंपिंग शुल्क लगा दिया गया है।
  • निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करने के लिये जिनेवा स्थित विश्व व्यापार संगठन (WTO) की बहुपक्षीय व्यवस्था के तहत सुरक्षात्मक उपाय के रूप में एडी शुल्क लागू किया जाता है।
    • टैरिफ और व्यापार पर सामान्य समझौता (GATT) 1994, के अनुच्छेद VI के कार्यान्वयन पर समझौता ("एंटी-डंपिंग समझौता") भारत सहित विश्व व्यापार संगठन के सदस्यों द्वारा एंटी-डंपिंग उपायों के आवेदन को नियंत्रित करता है। 
    • एंटी-डंपिंग समझौते के अनुसार एंटी-डंपिंग उपाय किसी देश द्वारा अपने घरेलू उद्योगों को नुकसान से बचाने के लिये अपनाए जाते हैं।
  • भारत ने पहले भी अन्य देशों, विशेषकर चीन से कम लागत वाले आयातों पर अंकुश लगाने के लिये विभिन्न उत्पादों पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगाया है।

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रैपिड फायर

हिमाचल प्रदेश संसदीय सचिव अधिनियम, 2006

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय (HP HC) ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश संसदीय सचिव (नियुक्ति, वेतन, भत्ते, शक्तियाँ, विशेषाधिकार और संशोधन) अधिनियम, 2006 को रद्द कर दिया है, जिसके तहत राज्य सरकार को विधानसभा सदस्यों (MLAs) को मुख्य संसदीय सचिव (CPS) के रूप में नियुक्त करने की शक्ति दी गई थी।

  • न्यायालय ने फैसला दिया कि HPPSA, 2006 राज्य विधानमंडल की विधायी क्षमता से परे है, जिससे यह कानून असंवैधानिक हो जाता है।
  • HPPSA, 2006 से अनुच्छेद 164 (1-A) का उल्लंघन होता है, जिसके तहत कैबिनेट का आकार और उसकी संरचना सीमित की गई है।
    • अनुच्छेद 164 (1-A) के अनुसार किसी राज्य में मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या 15% से अधिक नहीं होगी।
  • न्यायालय ने कहा कि CPS द्वारा औपचारिक शक्तियों के अभाव के बावजूद मंत्रियों के समान कार्य करने के साथ समान सुविधाएँ, सरकारी फाइलों तक पहुँच और निर्णय लेने में भागीदारी का लाभ उठाया।
  • इसके अतिरिक्त "लाभ के पद" के तहत सार्वजनिक पद धारकों को अतिरिक्त लाभ प्राप्त करने के क्रम में अपने पद का उपयोग करने से रोका गया है। संवैधानिक प्रावधान द्वारा समर्थित न होने पर CPS जैसे पदों का सृजन इसका उल्लंघन है।
  • न्यायालय ने इस बात पर बल दिया कि मंत्रियों और संसदीय सचिवों के बीच अंतर आभासी होने के साथ संवैधानिक नियमों के विरुद्ध है।
  • हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने सरकार को CPS नियुक्तियाँ तुरंत समाप्त करने तथा इनके सभी संबंधित विशेषाधिकार रद्द करने का आदेश दिया।
  • इससे पूर्व सर्वोच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल, पंजाब, गोवा और असम जैसे राज्यों में संसदीय सचिव के पदों के सृजन को लगातार असंवैधानिक करार देते हुए मंत्रिपरिषद में 15% की अधिकतम सीमा का हवाला दिया है।

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