प्रारंभिक परीक्षा
सैन्य अभ्यास शक्ति 2021 का छठा संस्करण
भारत-फ्रांँस सैन्य अभ्यास शक्ति (SHAKTI) 2021(द्विपक्षीय संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास) का छठा संस्करण नवंबर में फ्रांँस के फ्रेजस (Frejus) में आयोजित किया जाएगा।
- गोरखा राइफल्स इन्फैंट्री बटालियन की एक प्लाटून इस द्विपक्षीय अभ्यास में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व करेगा।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- यह अभ्यास संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के तहत अर्द्ध-शहरी इलाके की पृष्ठभूमि में आतंकवाद विरोधी अभियानों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसका उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच सैन्य सहयोग और अंतर-संचालन को बढ़ाना है।
- दोनों देशों की सेनाओं के बीच द्विवार्षिक अभ्यास वर्ष 2011 में शुरू हुआ था।
- यह भारत और फ्रांँस द्वारा क्रमिक रूप से आयोजित किया जाता है।
- अभ्यास शक्ति का अंतिम संस्करण वर्ष 2019 में राजस्थान में आयोजित किया गया था, जिसमें ‘अर्द्ध-रेगिस्तानी इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियानों’ का अभ्यास किया गया था।
- भारत और फ्रांँस के बीच सैन्य अभ्यास:
नोट:
- गगन शक्ति का संचालन भारतीय वायुसेना द्वारा हिंद महासागर क्षेत्र के सम्पूर्ण विस्तारित क्षेत्र में अपने वायु सैन्य क्षमता के प्रभुत्त्व को प्रदर्शित करने के लिये किया जाता है।
- गरुड़ शक्ति भारत और इंडोनेशिया के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास है।
- मित्र शक्ति भारत और श्रीलंका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास है।
- हरिमऊ शक्ति भारत-मलेशिया का संयुक्त सैन्य अभ्यास है।
प्रारंभिक परीक्षा
पहला संयुक्त नौसेना अभ्यास: यूएस, यूएई, बहरीन और इज़रायल
संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, इज़रायल और यूनाइटेड स्टेट्स नेवल फोर्स सेंट्रल कमांड (NAVCENT) की सेनाओं ने ‘लाल सागर’ में एक बहुपक्षीय समुद्री सुरक्षा अभियान अभ्यास शुरू किया।
- यह संयुक्त राज्य अमेरिका, इज़रायल और दो खाड़ी देशों (संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन) के बीच सार्वजनिक रूप से स्वीकृत पहला नौसैनिक अभ्यास है।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- वर्ष 2020 में संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन ने ईरान के संबंध में साझा चिंताओं और आर्थिक लाभ की उम्मीदों के चलते एक साथ लाए गए अब्राहम समझौते के माध्यम से अमेरिका के नेतृत्व में इज़रायल के साथ अपने राजनयिक संबंधों को सामान्य किया था।
- यूएस फिफ्थ फ्लीट/NAVCENT, बहरीन में स्थित है और अरब की खाड़ी, ओमान की खाड़ी, लाल सागर तथा हिंद महासागर के कुछ हिस्सों में संचालित होता है।
- विश्लेषकों का मानना है कि फरवरी 2021 से ईरान और इज़रायल ‘शैडो वॉर’ में संलग्न हैं, जिसके तहत दोनों राष्ट्रों द्वारा एक-दूसरे के जहाज़ों पर हमला किया जा रहा है।
- वर्ष 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिये ईरान और प्रमुख शक्तियों (P5 +1) के बीच वार्ता 29 नवंबर, 2021 को वियना में फिर से शुरू होगी, हालाँकि यदि यह वार्ता विफल होती है तो इससे क्षेत्रीय तनाव और अधिक बढ़ सकता है।
- लाल सागर में आयोजित इस पाँच दिवसीय अभ्यास का उद्देश्य इसमें भाग लेने वाले सुरक्षा बलों के बीच अंतःक्रियाशीलता को बढ़ाना है।
- यह समुद्री सहयोग नौवहन की स्वतंत्रता और व्यापार के मुक्त प्रवाह की रक्षा करने में मदद करता है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिये आवश्यक है।
- इस अभ्यास में ‘यूएसएस पोर्टलैंड’ (एक परिवहन डॉक जहाज़) पर बोर्डिंग, खोज और ज़ब्ती संबंधी प्रशिक्षण शामिल है।
- वर्ष 2020 में संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन ने ईरान के संबंध में साझा चिंताओं और आर्थिक लाभ की उम्मीदों के चलते एक साथ लाए गए अब्राहम समझौते के माध्यम से अमेरिका के नेतृत्व में इज़रायल के साथ अपने राजनयिक संबंधों को सामान्य किया था।
- लाल सागर:
- लाल सागर एक अर्द्ध-संलग्न उष्णकटिबंधीय बेसिन (Semi-Enclosed Tropical Basin) है, जो उत्तर-पूर्व में अफ्रीका, पश्चिम और पूर्व में अरब प्रायद्वीप से घिरा हुआ है।
- लंबा और संकीर्ण आकार का यह बेसिन भूमध्य सागर के मध्य और उत्तर-पश्चिम तथा हिंद महासागर से दक्षिण-पूर्व तक फैला हुआ है।
- उत्तरी छोर पर यह अकाबा की खाड़ी (Gulf of Aqaba) और स्वेज़ की खाड़ी (Gulf of Suez) से अलग हो जाता है, जो स्वेज़ नहर के माध्यम से भूमध्य सागर से जुड़ा हुआ है।
- दक्षिणी छोर पर यह बाब अल मंदेब (Bab-el-Mandeb) जलडमरूमध्य द्वारा अदन की खाड़ी और बाहरी हिंद महासागर से जुड़ा हुआ है।
- यह रेगिस्तानी या अर्द्ध-रेगिस्तानी क्षेत्रों से घिरा हुआ है, जिसमें कोई भी बड़ा ताज़े पानी का प्रवाह नहीं है।
- 6 सीमावर्ती देश: यमन; सऊदी अरब; मिस्र; सूडान; इरिट्रिया; जिबूती।
प्रारंभिक परीक्षा
‘इंडिया-थाईलैंड कोऑर्डिनेटेड पैट्रॉल’ (कॉर्पेट) का 32वाँ संस्करण
हाल ही में भारतीय नौसेना और ‘रॉयल थाई नौसेना’ के बीच ‘इंडिया-थाईलैंड कोऑर्डिनेटेड पैट्रॉल’ (इंडो-थाई कॉर्पेट) का 32वाँ संस्करण आयोजित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- नौसेना अभ्यास के विषय में:
- भारत और थाईलैंड वर्ष 2005 से वर्ष में दो बार अपनी अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पर ‘कॉर्पेट’ का संचालन कर रहे हैं।
- भारतीय नौसेना जहाज़ (INS)- ‘कर्मुक’, स्वदेश निर्मित मिसाइल- ‘कार्वेट’ और ‘हिज़ मेजेस्टीज़ थाईलैंड शिप’ (HTMS)- ‘तायनचोन’ (खामरोसिन क्लास की एंटी-सबमरीन पेट्रोल क्राफ्ट) इस अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं।
- उद्देश्य
- इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच समुद्री संबंधों को मज़बूत करना और हिंद महासागर के इस महत्त्वपूर्ण हिस्से को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिये सुरक्षित रखना है।
- यह अवैध, गैर-रिपोर्टेड और अनियमित (IUU) मछली पकड़ने, मादक पदार्थों की तस्करी, समुद्री आतंकवाद, सशस्त्र डकैती तथा समुद्री डकैती जैसी गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने हेतु उपाय प्रदान करता है।
- यह तस्करी, अवैध अप्रवास की रोकथाम और समुद्र में खोज एवं बचाव (SAR) ऑपरेशन के संचालन हेतु सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ाने में मदद करता है।
- भारत के सागर विज़न के अनुरूप:
- ‘सागर’ (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल) के भारत सरकार के दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में भारतीय नौसेना क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही है।
- यह कार्य द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यास, समन्वित गश्ती, संयुक्त EEZ (अनन्य आर्थिक क्षेत्र) निगरानी तथा मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) संचालन के माध्यम से किया गया है।
- भारत और थाईलैंड के बीच अन्य सैन्य अभ्यास:
- ‘मैत्री’ अभ्यास (सेना)।
- ‘सियाम-भारत’ अभ्यास (वायुसेना)।
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 13 नवंबर, 2021
विश्व निमोनिया दिवस
प्रत्येक वर्ष 12 नवंबर को वैश्विक स्तर पर विश्व निमोनिया दिवस (World Pneumonia Day) का आयोजन किया जाता है। इस दिवस की शुरुआत सर्वप्रथम वर्ष 2009 में ‘ग्लोबल कोएलिशन अगेंस्ट चाइल्ड निमोनिया’ द्वारा निमोनिया के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से की गई थी। निमोनिया फेफड़ों में एक गंभीर संक्रमण की स्थिति है, जो कि बैक्टीरिया के कारण होता है। चूँकि निमोनिया फेफड़ों का संक्रमण है, इसलिये इसके सबसे आम लक्षण खाँसी, साँस लेने में परेशानी और बुखार हैं। निमोनिया से पीड़ित बच्चों में तेज़ साँस लेने जैसे लक्षण पाए जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इथियोपिया, भारत, नाइजीरिया और पाकिस्तान में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की कुल मौतों में आधे से अधिक का कारण निमोनिया है। वहीं भारत में निमोनिया से सालाना अनुमानित 71% मौतें होती हैं और गंभीर निमोनिया के 57% मामले देखे जाते हैं।
लोक सेवा प्रसारण दिवस
भारत में प्रतिवर्ष 12 नवंबर को लोक सेवा प्रसारण दिवस का आयोजन किया जाता है। यह दिवस वर्ष 1947 में ऑल इंडिया रेडियो (दिल्ली) के स्टूडियो में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पहली और एकमात्र यात्रा को चिह्नित करने हेतु आयोजित किया जाता है। 12 नवंबर, 1947 को महात्मा गांधी ने पाकिस्तान से विस्थापित लोगों को संबोधित किया था, जो विभाजन के बाद अस्थायी रूप से हरियाणा के कुरुक्षेत्र में बस गए थे। इस दिवस की अवधारणा जन प्रसार के संयोजक सुहास बोरकर द्वारा प्रस्तुत की गई थी और वर्ष 2000 में इस दिवस को ‘लोक सेवा प्रसारण दिवस’ अथवा ‘जन प्रसार दिवस के रूप में घोषित किया गया था। ज्ञात हो कि प्रसार भारती को सार्वजनिक सेवा प्रसारण, लोकतांत्रिक परंपराओं की मज़बूती और सभी विविध समुदायों एवं संस्कृतियों को अवसर प्रदान करने की ज़िम्मेदारी दी गई है। एक माध्यम के रूप में प्रसारण (Broadcasting) भारत जैसे बड़े लोकतांत्रिक देश में अभिव्यक्ति की आज़ादी का एक सशक्त उदाहरण है। प्रसारण ने बीते कई दशकों में भारत के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मिस्र में होगा ‘COP-27’ अंतर्राष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन
‘ग्लासगो’ में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) के दौरान घोषणा की गई है कि वर्ष 2022 के सम्मेलन (COP-27) का आयोजन मिस्र में किया जाएगा। वहीं इस सम्मेलन के वर्ष 2023 के संस्करण की मेजबानी संयुक्त अरब अमीरात (UAE) द्वारा की जाएगी। ध्यातव्य है कि ‘कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़’ UNFCCC सम्मेलन का सर्वोच्च निकाय है। इसके तहत विभिन्न प्रतिनिधियों को सम्मेलन में शामिल किया गया है। इसके सत्र प्रत्येक वर्ष आयोजित किये जाते हैं। कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (COP), सम्मेलन के प्रावधानों के प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक निर्णय लेता है और नियमित रूप से इन प्रावधानों के कार्यान्वयन की समीक्षा करता है। वहीं UNFCCC वर्ष 1992 में ब्राज़ील में आयोजित ‘रियो अर्थ समिट’ में पर्यावरण पर प्रस्तावित तीन समझौतों में से एक है।
सत्य नारायण प्रधान
वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी सत्य नारायण प्रधान को ‘नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो’ (NCB) का महानिदेशक नियुक्त किया गया है। झारखंड कैडर के वर्ष 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी सत्य नारायण प्रधान वर्तमान में ‘राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल’ (NDRF) के महानिदेशक का दायित्व संभालने के साथ-साथ एनसीबी प्रमुख का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे। एनसीबी के पूर्व प्रमुख राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त नियुक्त किये जाने के बाद उन्हें एनसीबी के महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था, हालाँकि अब उनकी नियुक्ति स्थायी तौर पर कर दी गई है। वहीं वर्ष 1988 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी अतुल करवाल को NDRF का महानिदेशक नियुक्त किया गया है। ‘नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो’ गृह मंत्रालय के अधीन भारत में ड्रग कानून प्रवर्तन के मामले संबंधी एक नोडल एजेंसी है, जिसकी स्थापना भारत सरकार द्वारा 17 मार्च, 1986 को की गई थी।