प्रिलिम्स फैक्ट: 12 जून, 2021
ग्लोबल लिवेबिलिटी इंडेक्स: EIU
Global Liveability Index: EIU
हाल ही में ऑकलैंड (न्यूज़ीलैंड) ने इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU) द्वारा जारी विश्व के 140 शहरों के ग्लोबल लिवेबिलिटी इंडेक्स (Global Liveability Index) में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
प्रमुख बिंदु:
इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट के संदर्भ में:
- द इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट के अंतर्गत किसी विशेष देश को पाँच श्रेणियों यथा- स्थायित्व (25%), संस्कृति एवं पर्यावरण (25%), स्वास्थ्य देखभाल (20%), शिक्षा (10%), आधारभूत अवसंरचना (20%) के आधार पर रैंकिंग प्रदान की जाती है।
- महामारी के कारण EIU ने इस वर्ष कुछ नए संकेतक जैसे स्वास्थ्य संबंधी संसाधनों पर तनाव के साथ-साथ स्थानीय खेल आयोजनों, थिएटरों, संगीत समारोहों, रेस्तराँ और स्कूलों पर प्रतिबंध आदि को जोड़ा है।
- किसी शहर में प्रमुख कारकों को स्वीकार्य (Acceptable), सहन करने योग्य (Tolerable), असुविधाजनक (Uncomfortable), अवांछनीय (Undesirable) या असहनीय (Untolerable) के रूप में मूल्यांकित किया जाता है।
सामान्य परिदृश्य:
- कुल मिलाकर, कोविड -19 महामारी के कारण शहरों में लिवेबिलिटी की क्षमता में गिरावट दर्ज की गई है क्योंकि शहरों ने लॉकडाउन और उनकी स्वास्थ्य प्रणाली पर महत्त्वपूर्ण तनावों का सामना किया है। इससे रैंकिंग में एक अभूतपूर्व स्तर का बदलाव आया।
- ऑस्ट्रिया का वियना वर्ष 2018 और 2019 दोनों में शीर्ष पर रहने के बावजूद COVID-19 से काफी अधिक प्रभावित होने के कारण शीर्ष 10 से पूरी तरह से बाहर हो गया है और इस वर्ष 12वें स्थान पर है।
- ऑकलैंड कोविड-19 महामारी को रोकने में अपने सफल दृष्टिकोण के कारण रैंकिंग में शीर्ष पर पहुँच गया, जिसने अपने यहाँ लॉकडाउन की स्थिति नहीं बनने दी और शहर को शिक्षा, संस्कृति तथा पर्यावरण सहित कई आधारों पर मज़बूती से स्कोर करने के लिये सक्षम बनाया।
- दमिश्क विश्व का सबसे कम रहने योग्य शहर बना हुआ है क्योंकि सीरिया में गृहयुद्ध का प्रभाव लगातार बना हुआ है।
- एशिया-प्रशांत (APAC) क्षेत्र में ढाका (बांग्लादेश) और कराची (पाकिस्तान) सहित, जो पिछली रैंकिंग में दस सबसे कम रहने योग्य शहर थे इस वर्ष निचले दस स्थानों पर बने हुए हैं।
- हालाँकि रैंकिंग के शीर्ष पर APAC क्षेत्र में ओसाका, एडिलेड, टोक्यो और वेलिंगटन जैसे शहर शीर्ष पाँच में शामिल हैं।
- न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और जापान के अलावा एशिया-प्रशांत क्षेत्र के अन्य शहरों जैसे-ताइपे (ताइवान-33वाँ) और सिंगापुर (34वाँ) ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है।
- शीर्ष 3 रहने योग्य शहर:
- ऑकलैंड (न्यूज़ीलैंड), ओसाका (जापान), एडिलेड (ऑस्ट्रेलिया)।
- निचले स्तर के 3 रहने योग्य शहर:
- दमिश्क (सीरिया), लागोस (नाइजीरिया), पोर्ट मोरेस्बी (पापुआ न्यू गिनी)।
पद्म पुरस्कार
Padma Awards
गणतंत्र दिवस वर्ष 2022 के अवसर पर घोषित किये जाने वाले पद्म पुरस्कारों के लिये ऑनलाइन नामांकन/सिफारिशें जारी की गई हैं।
- वर्ष 2021 में कुल 119 पद्म पुरस्कार प्रदान किये गए थे जिनमें 7 पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 102 पद्मश्री शामिल हैं।
प्रमुख बिंदु
पृष्ठभूमि:
- भारत में पद्म पुरस्कारों की घोषणा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के अवसर पर की जाती है।
- वर्ष 1954 में स्थापित यह पुरस्कार भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक है।
उद्देश्य:
- यह पुरस्कार उन सभी क्षेत्रों की गतिविधियों या विषयों में उपलब्धियों को सम्मानित करने का प्रयास करता है, जिसमें सार्वजनिक सेवा का भाव शामिल होता है।
श्रेणियाँ:
- ये पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिये जाते हैं:
- पद्म विभूषण (असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिये)
- पद्म भूषण (उच्च क्रम की विशिष्ट सेवा के लिये)
- पद्मश्री (किसी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिये)
- पद्म विभूषण, पद्म पुरस्कारों के पदानुक्रम में सर्वोच्च सम्मान है और इसके बाद ‘पद्म भूषण’ और ‘पद्मश्री’ आते हैं।
विषय/कार्यक्षेत्र:
- ये पुरस्कार विभिन्न विषयों/गतिविधियों के क्षेत्रों जैसे- कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामलों, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार तथा उद्योग, चिकित्सा, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, सिविल सेवा आदि में दिये जाते हैं।
योग्यता:
- जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेद के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिये पात्र हैं।
चयन प्रक्रिया:
- पद्म पुरस्कार समिति:
- इन पुरस्कारों को पद्म पुरस्कार समिति द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर प्रदान किया जाता है, इस समिति को हर वर्ष भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा गठित किया जाता है।
- राष्ट्रपति द्वारा वितरण:
- ये पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रत्येक वर्ष मार्च/अप्रैल के महीने में प्रदान किये जाते हैं।
भारत रत्न
- भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। यह मानव सेवा के किसी भी क्षेत्र में असाधारण सेवा/सर्वोच्च प्रदर्शन के लिये प्रदान किया जाता है।
- इसे पद्म पुरस्कार से अलग स्तर पर माना जाता है। भारत रत्न के लिये सिफारिश प्रधानमंत्री द्वारा भारत के राष्ट्रपति को की जाती है।
- भारत रत्न पुरस्कारों की संख्या किसी एक वर्ष में अधिकतम तीन तक ही सीमित है।
विरासत वृक्ष
Heritage Trees
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने शहरी क्षेत्रों में 50 वर्ष से अधिक पुराने वृक्षों को विरासत वृक्ष की संज्ञा देकर उनकी रक्षा और संरक्षण के लिये एक कार्य योजना पारित की है।
प्रमुख बिंदु
विरासत वृक्ष की अवधारणा:
- एक वृक्ष को "विरासत वृक्ष" के रूप में मानने के लिये कुछ महत्वपूर्ण मानदंड हैं, जैसे- माप, आकार, दुर्लभता, सौंदर्य/ऐतिहासिक मूल्य, ऐतिहासिक व्यक्ति, स्थान या यहाँ तक कि मिथकों के साथ संबंध।
- इसके लिये एक निश्चित प्रजाति के लिये किसी क्षेत्र के मूल प्रजाति होने की आवश्यकता नहीं है।
योजना के घटक:
- योजना में शामिल प्रावधान विरासत वृक्ष की अवधारणा और संरक्षण के लिये कार्य योजना, वृक्ष की आयु को परिभाषित करने की विधि, वृक्षों को काटने से पहले पालन किये जाने वाले नियम आदि हैं।
- प्रतिपूरक वनीकरण:
- इसमें काटे जाने वाले वृक्षों की उम्र के बराबर वृक्ष लगाना शामिल होगा।
- पौधे को रोपते समय वे छह से आठ फीट ऊँचे होने चाहिये और सात वर्ष की देखभाल अवधि के साथ उन्हें जियो-टैगिंग से गुज़रना होगा।
- प्रतिपूरक वनीकरण (Monetary Compensation) के स्थान पर आर्थिक क्षतिपूर्ति का विकल्प भी दिया गया है।
- राज्य स्तरीय वृक्ष प्राधिकरण: विरासत वृक्षों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिये प्राधिकरण का गठन किया जाएगा।
- वृक्ष जनगणना: यह सुनिश्चित करेगा कि हर वर्ष के बाद वृक्षों की गणना की जाए।
- भूमि उपयोग: यह सुनिश्चित करना कि 33% सरकारी भूमि का उपयोग वृक्षारोपण के लिये किया जाए।
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 12 जून, 2021
मार्गरिटा हैक
हाल ही में गूगल ने एक एनिमेटेड डूडल के माध्यम से इतालवी खगोलशास्त्री मार्गरिटा हैक को श्रद्धांजलि अर्पित की। ‘मार्गरिटा हैक’ को वर्ष 1995 में क्षुद्रग्रह ‘8558 हैक’ की खोज करने का श्रेय दिया जाता है, जिसका नामकरण उन्हीं के नाम पर किया गया है। मार्गरिटा हैक का जन्म 12 जून, 1922 को फ्लोरेंस (इटली) में हुआ था और वह इटली के ही ट्रिएस्ट विश्वविद्यालय में खगोल विज्ञान की प्रोफेसर थीं। वह वर्ष 1964 से वर्ष 1987 तक ट्रिएस्ट खगोलीय वेधशाला की पहली इतालवी महिला भी थीं। मार्गरिटा हैक की वैज्ञानिक और अनुसंधान गतिविधियों में काफी अधिक रुची थी। हालाँकि उनकी प्राथमिक रुची अंतरिक्ष में मौजूद तारों की स्पेक्ट्रोस्कोपिक विशेषताओं के अवलोकन और व्याख्या करने में थी। वर्ष 1970 के दशक के दौरान उन्होंने कोपर्निकस उपग्रह से प्राप्त यूवी डेटा पर कार्य किया, जिसका उद्देश्य तारकीय वातावरण के बाहरी हिस्से में होने वाली ऊर्जावान घटनाओं का अध्ययन करना था। कोपर्निकस उपग्रह के डेटा पर आधारित उनका पहला शोध लेख वर्ष 1974 में ‘नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ था। विज्ञान के अलावा वह शिक्षा और राजनीति के क्षेत्र में भी सक्रिय थीं। 12 जून, 2012 को उनके 90वें जन्मदिवस पर उन्हें इतालवी गणराज्य के सर्वोच्च सम्मान ‘दमा डि ग्रान क्रोस’ की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
‘फर्मिना’ अंडरसी केबल
हाल ही में दिग्गज टेक कंपनी गूगल ने दुनिया की सबसे लंबी अंडरसी केबल का निर्माण करने की घोषणा की है, जो इंटरनेट कनेक्शन क्षमता को मज़बूत करने के लिये संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राज़ील, उरुग्वे और अर्जेंटीना को जोड़ेगी। गूगल के मुताबिक, ‘फर्मिना’ नामक यह केबल दुनिया की सबसे लंबी अंडरसी केबल होगी। ‘फर्मिना’ दक्षिण अमेरिका में उपयोगकर्त्ताओं के लिये गूगल सेवाओं तक पहुँच में सुधार करेगी। 12 फाइबर पेअर के साथ यह केबल उत्तर और दक्षिण अमेरिका के बीच ट्रैफिक को तेज़ी से और सुरक्षित रूप से पहुँचाने में मदद करेगी, जिससे उपयोगकर्त्ता गूगल उत्पादों जैसे सर्च इंजन, जीमेल और यूट्यूब के साथ-साथ गूगल क्लाउड जैसी सेवाओं का आसानी से उपयोग कर सकेंगे। ज्ञात हो कि यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब कोविड-19 महामारी के कारण वर्क फ्रॉम होम, ऑनलाइन खरीदारी, ऑनलाइन एंटरटेनमेंट आदि में बढ़ोतरी के कारण इंटरनेट तथा क्लाउड सेवाओं की मांग में भी वृद्धि दर्ज की जा रही है। इस अंडरसी केबल को अमेरिकी कंपनी ‘सबकॉम’ द्वारा डिज़ाइन एवं स्थापित किया जाएगा और यह वर्ष 2023 के अंत तक तैयार हो जाएगी।
विश्व बाल श्रम निषेध दिवस
प्रत्येक वर्ष 12 जून को विश्व भर में ‘विश्व बाल श्रम निषेध दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य आम जनमानस को बाल श्रम के विरुद्ध जागरूक करना और इसके उन्मूलन के लिये आवश्यक कार्यवाही एवं प्रयासों को बढ़ावा देना है। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस की शुरुआत ‘अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन’ (ILO) द्वारा वर्ष 2002 में की गई थी। इस दिवस की शुरुआत प्रायः बाल श्रम को समाप्त करने हेतु विभिन्न देशों की सरकार को एक साथ एक मंच पर लाने और इस प्रथा को खत्म करने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों के प्रति लोगों को अवगत करने के उद्देश्य से की गई थी। वर्ष 2021 में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस की थीम ‘एक्ट नाउ: इंड चाइल्ड लेबर' है। संयुक्त राष्ट्र (UN) के मुताबिक, वर्तमान में विश्व भर में लगभग 218 मिलियन बच्चे बाल श्रम में संलग्न हैं। उनमें से आधे से अधिक बाल श्रम के सबसे खराब रूपों जैसे- खतरनाक वातावरण में कार्य, गुलामी, ज़बरन श्रम, मादक पदार्थों की तस्करी और वेश्यावृत्ति आदि में संलग्न हैं, इसके अलावा कई बच्चे सशस्त्र संघर्ष में भी शामिल हैं। वैश्विक महामारी के कारण दुनिया भर में बाल श्रम में महत्त्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है, ऐसे में बाल श्रम के उन्मूलन के लिये किये गए विभिन्न प्रयास भी कमज़ोर हो गए हैं। इस चुनौतीपूर्ण समस्या को हल करने हेतु सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों, नागरिक समाज को एक साथ आने और सहयोगात्मक प्रयास करने की आवश्यकता है।
प्रोफेसर राधा मोहन
हाल ही में प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर राधा मोहन का 78 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। ओडिशा के पूर्व सूचना आयुक्त और अर्थशास्त्र के सेवानिवृत्त प्रोफेसर राधा मोहन और उनकी बेटी को जैविक तकनीकों का उपयोग करके बंजर भूमि के एक टुकड़े को दुर्लभ उपज वाले एक विशाल जंगल के रूप में बदलने का श्रेय दिया जाता है। कृषि क्षेत्र में उनके योगदान के लिये उन्हें वर्ष 2020 में उनकी बेटी साबरमती के साथ पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। वर्ष 1990 में उन्होंने 'संभव' नामक एक सामाजिक संगठन की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य किसानों को जैविक और प्राकृतिक खेती के बारे में शिक्षित करना है। वर्ष 1943 में ओडिशा के नयागढ़ ज़िले में जन्मे राधा मोहन ने अर्थशास्त्र में स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। इसके पश्चात् उन्हें राज्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया, साथ ही उन्होंने राज्य के विभिन्न कॉलेजों में अर्थशास्त्र भी पढ़ाया।