प्रारंभिक परीक्षा
स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स सुपरनोवा
स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
हाल ही में जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने दशकों पहले विस्फोटित SN1987A सुपरनोवा की तस्वीर ली है, यह इसके इतिहास और विकास के संबंध में नई अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
SN1987A सुपरनोवा:
- परिचय:
- लगभग चार शताब्दियों में पृथ्वी से देखा जाने वाला सबसे निकटतम और चमकीला सुपरनोवा, जिसे SN1987A के नाम से जाना जाता है, में वर्ष 1987 में विस्फोट हुआ था।
- SN1987A पृथ्वी से 170,000 प्रकाश वर्ष दूर विशाल मैगेलैनिक क्लाउड में स्थित है।
- जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की सहायता से अब तक अस्पष्ट इस ब्रह्मांडीय घटना के जटिल विवरणों को समझने में मदद मिली है।
- लगभग चार शताब्दियों में पृथ्वी से देखा जाने वाला सबसे निकटतम और चमकीला सुपरनोवा, जिसे SN1987A के नाम से जाना जाता है, में वर्ष 1987 में विस्फोट हुआ था।
- उपनाम-स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स:
- चूँकि यह अंतःविस्फोट और बाह्य-विस्फोट के विभिन्न चरणों के दौरान नष्ट होते तारे द्वारा उत्सर्जित गैस एवं धूल से बने चमकीले छल्लों की एक शृंखला को प्रदर्शित करता है, इसलिये SN1987A को अक्सर "स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स" के रूप में संदर्भित किया जाता है।
- स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स में सुपरनोवा घटना से लगभग 20,000 वर्ष पहले निकली सामग्री शामिल है, जो तारे के इतिहास और विकास के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।
- SN1987A के बारे में असामान्य तथ्य:
- तारे में तब विस्फोट हुआ जब वह नीला सुपरजायंट तारा था (उन सिद्धांतों के विपरीत जिनके अनुसार केवल लाल सुपरजायंट तारे ही विस्फोट कर सकते थे)।
- रिंग में आणविक हाइड्रोजन का उत्सर्जन आवश्यक रूप से अपेक्षित नहीं था (JWST के बिना इसका पता भी नहीं लगाया जा सकता था)।
नोट:
- मैगेलैनिक क्लाउड दो अनियमित, उपग्रह आकाशगंगाएँ हैं जो आकाशगंगा की परिक्रमा करती हैं।
- एक विशाल मैगेलैनिक क्लाउड ( Large Magellanic Cloud- LMC) है और दूसरा लघु मैगेलैनिक क्लाउड (Small Magellanic Cloud- SMC) है।
- जबकि मैगेलैनिक क्लाउड दक्षिणी गोलार्द्ध में आँखों से दिखाई देते हैं, उन्हें अधिकांशतः उत्तरी अक्षांशों से नहीं देखा जा सकता है।
- वे अत्यधिक सक्रिय तारकीय गठन और विकास के अध्ययन के लिये उत्कृष्ट प्रयोगशालाओं के रूप में कार्य करते हैं।
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप:
- हबल टेलीस्कोप का विकसित रूप माना जाने वाला यह राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (NASA) का सबसे शक्तिशाली इन्फ्रारेड टेलीस्कोप है।
- यह टेलीस्कोप NASA, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी के बीच एक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का परिणाम है।
- वर्ष 2022 में NASA ने JWST से ली गई छवियों का एक सेट जारी किया जो अब तक खोजी गई सबसे दूर और सबसे पुरानी कुछ आकाशगंगाओं की सबसे गहरी एवं बेहतरीन अवरक्त छवि है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2023)
उपर्युक्त युग्मों में से कितने सही सुमेलित हैं? (a) केवल एक उत्तर: (d) |
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 11 सितंबर, 2023
क्राउन शायनेस
शीतोष्ण पर्णपाती वनों में शिखर शीलता (Crown Shyness) एक आम घटना है, जहाँ कुछ पेड़ों के शीर्ष एक-दूसरे को नहीं छूते हैं, जिससे उनके बीच अंतराल बन जाता है।
- यह पेड़ों की कई प्रजातियों में देखा जाता है, जैसे कि ब्लैक मैंग्रोव, कर्पूर और जापानी लार्च।
- वैज्ञानिकों के पास यह समझाने के लिये अलग-अलग परिकल्पनाएँ हैं कि शिखर शीलता की स्थिति क्यों होती है, जैसे कि प्रकाश के आवगम में सरलता, रोग-संचरण को रोकना या हवा से होने वाली भौतिक क्षति से बचना।
- शिखर शीलता में जटिल पैटर्न बनते हैं और यह वन में प्रकाश के प्रवेश को बढ़ाता है।
भारत-फ्राँस द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास 'वरुण' का 21वाँ संस्करण
भारतीय और फ्राँसीसी नौसेनाओं के मध्य द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास वरुण-23 का दूसरा चरण अरब सागर में संपन्न हुआ।
- इस अभ्यास में दोनों पक्षों के निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट, टैंकर, समुद्री गश्ती विमान तथा अभिन्न हेलीकॉप्टर शामिल थे।
- यह विगत वर्षों में भारत एवं फ्राँस के मध्य मज़बूत रणनीतिक संबंधों के प्रतीक के रूप में विकसित हुआ है। यह वर्ष 1993 में शुरू हुआ था तथा आधिकारिक तौर पर इसे वर्ष 2001 में नामित किया गया।
उस्ताद अली ज़ाकी हैदर
- प्रसिद्ध रुद्र वीणा वादक, उस्ताद असद अली खान के शिष्य, उस्ताद अली ज़ाकी हैदर ध्रुपद के जयपुर बीनकर घराने की खंडरबानी शैली के अंतिम प्रतिपादक थे।
- ध्रुपद के जयपुर बीनकर घराने की खंडारबानी शैली एक संगीत परंपरा है, शाहजी साहब ने इसकी शुरुआत 18वीं शताब्दी में की थी।
- रुद्र वीणा एक पारंपरिक तार वाद्य यंत्र है जिसकी उत्पत्ति उत्तर भारत में हुई है। यह बाँस, सागौन की लकड़ी, धातु, कद्दू और अन्य सामग्रियों से बना होता है।
हुंगा-टोंगा-हुंगा-हापाई ज्वालामुखी
- एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि जनवरी 2022 में हुंगा-टोंगा-हुंगा-हापाई ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान चट्टानें और राख तेज़ी से समुद्र में गिर गईं, जिससे जल के नीचे एक उच्च गति और विनाशकारी मलबे का प्रवाह देखा गया।
- हुंगा-टोंगा-हुंगा-हापाई ज्वालामुखी दक्षिण प्रशांत महासागर में एक जलमग्न ज्वालामुखी है। यह टोंगा के मुख्य द्वीप टोंगाटापू से 40 मील उत्तर में स्थित है।
- इस ज्वालामुखी का निर्माण वर्ष 2015 में तब हुआ था जब एक मध्यम विस्फोट के कारण दो निर्जन द्वीप एक हो गए थे।
- ज्वालामुखी केरमाडेक-टोंगा प्रविष्टन क्षेत्र का हिस्सा है, जहाँ प्रशांत प्लेट, इंडो-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट के नीचे बलपूर्वक प्रविष्ट होती चली जाती है, जिससे ज्वालामुखियों और द्वीपों की एक लंबी शृंखला बनती है।
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