प्रारंभिक परीक्षा
सेबी और मंगोलियाई वित्तीय नियामक आयोग के बीच समझौता
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) और वित्तीय नियामक आयोग, मंगोलिया (FRC) के बीच एक द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है।
- FRC मंगोलिया का एक (गैर-बैंक) वित्तीय बाज़ार नियामक है।
- FRC, सेबी की तरह ही अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभूति आयोगों के संगठन के बहुपक्षीय MoU (IOSCO MMoU) का सह-हस्ताक्षरकर्त्ता है।
समझौता ज्ञापन के विषय में:
- प्रस्तावित द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन, प्रतिभूति कानूनों के प्रभावी प्रवर्तन के लिये सूचना साझाकरण ढाँचे को मज़बूत करने में योगदान देने के अलावा एक तकनीकी सहायता कार्यक्रम की स्थापना में भी मदद करेगा।
- IOSCO MMoU के दायरे में तकनीकी सहायता का प्रावधान नहीं है।
- तकनीकी सहायता कार्यक्रम से अधिकारियों को पूंजी बाज़ार, क्षमता निर्माण गतिविधियों और कर्मचारियों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लाभ होगा।
IOSCO के विषय में:
- स्थापना: अप्रैल, 1983
- मुख्यालय: मेड्रिड, स्पेन
- IOSCO एशिया प्रशांत हब मलेशिया के कुआलालंपुर में स्थित है।
- परिचय:
- यह अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो दुनिया के प्रतिभूति नियामकों को एकीकृत करने के साथ ही दुनिया के 95% से अधिक प्रतिभूति बाज़ारों को कवर करता है और प्रतिभूति क्षेत्र के लिये वैश्विक मानक सेंटर है।
- यह प्रतिभूति बाज़ारों की मज़बूती के लिये मानकों को स्थापित करने में G20 और वित्तीय स्थिरता बोर्ड (FSB) के साथ मिलकर काम करता है।
- उद्देश्य:
- IOSCO उद्देश्यों और प्रतिभूति विनियमन के सिद्धांतों को FSB द्वारा सुदृढ़ वित्तीय प्रणालियों के प्रमुख मानकों के रूप में समर्थन दिया गया है।
- IOSCO की प्रवर्तन भूमिका अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों (IFRS) की व्याख्या करने तक विस्तृत है, जहाँ IOSCO सदस्य एजेंसियों द्वारा की गई प्रवर्तन कार्रवाइयों का एक (गोपनीय) डेटाबेस रखता है।
- IFRS एक लेखा मानक है जिसे अंतर्राष्ट्रीय लेखा मानक बोर्ड (IASB) द्वारा वित्तीय जानकारी प्रदान करने में पारदर्शिता बढ़ाने के लिये एक सामान्य लेखा भाषा प्रदान करने के उद्देश्य से जारी किया गया है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI):
- परिचय:
- सेबी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार 12 अप्रैल, 1992 को स्थापित एक वैधानिक निकाय (एक गैर-संवैधानिक निकाय जिसे संसद द्वारा स्थापित किया गया) है।
- सेबी का मूल कार्य प्रतिभूतियों में निवेशकों के हितों की रक्षा करना तथा प्रतिभूति बाज़ार को बढ़ावा देना एवं विनियमित करना है।
- सेबी का मुख्यालय मुंबई में स्थित है तथा क्षेत्रीय कार्यालय अहमदाबाद, कोलकाता, चेन्नई और दिल्ली में हैं।
- भूमिका:
- सेबी के अस्तित्व में आने से पहले पूंजीगत मुद्दों का नियंत्रक (Controller of Capital Issues) नियामक प्राधिकरण था; इसे पूंजी मुद्दे (नियंत्रण) अधिनियम, 1947 के तहत अधिकार प्राप्त थे।
- प्रारंभ में सेबी एक गैर-वैधानिक निकाय था जिसे किसी भी तरह की वैधानिक शक्ति नहीं प्राप्त थी।
- सेबी अधिनियम, 1992 के माध्यम से यह एक स्वायत्त निकाय बना तथा इसे वैधानिक शक्तियाँ प्रदान की गईं।
स्रोत: पी.आई.बी.
प्रारंभिक परीक्षा
संगीत नाटक अकादमी और ललित कला अकादमी पुरस्कार
उपराष्ट्रपति ने देश के 43 प्रख्यात कलाकारों (4 फेलो और 40 पुरस्कार विजेताओं) को वर्ष 2018 के लिये संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप और संगीत नाटक पुरस्कार प्रदान किये हैं।
- उन्होंने वर्ष 2021 में 23 लोगों (3 फेलो और 20 राष्ट्रीय पुरस्कार) को ललित कला अकादमी की फैलोशिप और राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्रदान किये।
संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप (अकादमी रत्न) और पुरस्कार:
- संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप:
- संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप राष्ट्रीयता, नस्ल, जाति, धर्म, पंथ या लिंग के भेद के बिना संगीत नाटक अकादमी द्वारा प्रदान किया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
- अकादमी की फैलोशिप सबसे प्रतिष्ठित एवं दुर्लभ सम्मान है, जो एक बार में अधिकतम 40 लोगों को दिया जा सकता है।
- अकादमी फेलो के सम्मान में एक ताम्रपत्र और अंगवस्त्रम के साथ 3,00,000/- रुपए का नकद पुरस्कार शामिल होता है।
- संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार:
- संगीत, नृत्य, रंगमंच, पारंपरिक/लोक/जनजातीय संगीत/नृत्य/थिएटर, कठपुतली और प्रदर्शन कला आदि में समग्र योगदान/छात्रवृत्ति के क्षेत्र के कलाकारों को पुरस्कार दिये जाते हैं।
- अकादमी पुरस्कार में ताम्रपत्र और अंगवस्त्रम के साथ 1,00,000/- रुपए का नकद पुरस्कार शामिल होता है।
ललित कला अकादमी पुरस्कार क्या है?
- राष्ट्रीय ललित कला अकादमी पुरस्कार कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये व्यक्तियों को सम्मानित करने हेतु प्रदान किए जाते हैं। पुरस्कार विजेताओं का चयन अकादमी द्वारा नामित जजों/निर्णायकों के एक सम्मानित पैनल द्वारा किया जाता है।
संगीत नाटक अकादमी क्या है?
- संगीत नाटक अकादमी संगीत, नृत्य और नाटक के लिये भारत की राष्ट्रीय अकादमी है।
- 1952 में (तत्कालीन) शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के एक प्रस्ताव द्वारा डॉ. पी.वी. राजमन्नार को इसके पहले अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया।
- यह वर्तमान में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार का एक स्वायत्त निकाय है और इसकी योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिये सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्तपोषित है।
- अकादमी प्रदर्शन कला के क्षेत्र में राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थानों और परियोजनाओं की स्थापना और देखभाल करती है। कुछ महत्वपूर्ण हैं:
- राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नई दिल्ली की स्थापना 1959 में हुई थी।
- इम्फाल में जवाहरलाल नेहरू मणिपुर नृत्य अकादमी- 1954।
- कथक केंद्र (राष्ट्रीय कथक नृत्य संस्थान) नई दिल्ली- 1964 में।
- कुटियाट्टम (केरल का संस्कृत थिएटर), पूर्वी भारत के छऊ नृत्य, असम की सत्रिया परंपरा आदि के समर्थन की राष्ट्रीय परियोजनाएंँ।
ललित कला अकादमी क्या है?
- अकादमी का उद्घाटन 5 अगस्त, 1954 को तत्कालीन माननीय शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने किया था।
- अकादमी को वर्ष 1957 में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत वैधानिक अधिकार दिया गया था।
- अपनी स्थापना के बाद से यह भारतीय कलाकारों के रचनात्मक प्रयासों को बढ़ावा देकर तथा उनकी कलाओं को बड़ी संख्या में लोगों तक पहुँचाकर पूरे देश की सेवा कर रही है, इस प्रकार दृश्य कला के दायरे में आने वाली पूरी संस्कृति की संवेदनशीलता को परिभाषित करने और पुनर्परिभाषित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs):प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2009)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) |
स्रोत: पी.आई.बी.
प्रारंभिक परीक्षा
उन्नत पिनाका Mk-I रॉकेट सिस्टम
उन्नत पिनाका Mk-I रॉकेट सिस्टम (EPRS) का राजस्थान के पोखरण रेंज में सफल परीक्षण किया गया।
- परीक्षणों के उसी सेट के हिस्से के रूप में एरिया डेनियल मुनिशन (ADM) का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।
- परीक्षणों ने विभिन्न प्रकार के युद्धपोतों और फ्यूज़ के प्रदर्शन को भी मान्य किया जिनका उपयोग पिनाका रॉकेट सिस्टम में किया जा सकता है।
- ADM गोला-बारूद की एक श्रेणी है जिसका उपयोग विरोधी को किसी विशेष क्षेत्र पर कब्ज़ा करने या वहाँ से गुज़रने से रोकने के लिये किया जाता है।
EPRS क्या है?
- EPRS पिनाका संस्करण का उन्नत संस्करण है जो पिछले एक दशक से भारतीय सेना की सेवा में है।
- डिज़ाइन और विकास, पुणे स्थित DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) प्रयोगशालाओं- आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (ARDE) तथा उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (HEMRL) द्वारा किया गया है।
- उन्नयन में उन्नत प्रौद्योगिकियांँ शामिल हैं जो युद्ध के मैदान की उभरती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये सीमा को बढ़ाती हैं।
- जबकि मार्क-1 की रेंज 38 किमी. है, पिछले पखवाड़े में परीक्षण किये गए मार्क-1 के उन्नत संस्करण में कुछ प्रमुख अतिरिक्त सुविधाओं के साथ 45 किमी की रेंज है।
- पिनाका का नया अवतार एक स्वदेशी भारतीय हथियार प्रणाली के साथ विकसित होने वाली विकास प्रक्रिया के कुछ उदाहरणों में से एक का प्रतिनिधित्व करता है।
पिनाका मिसाइल:
- परिचय:
- पिनाका रॉकेट सिस्टम एक मल्टी बैरल रॉकेट सिस्टम है, जिसका नाम भगवान शिव के धनुष के नाम पर रखा गया है।
- इसे पुणे स्थित आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (ARDE) तथा उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (HEMRL) द्वारा विकसित किया गया है।
- पिनाका’ मल्टी-बैरल रॉकेट सिस्टम का विकास ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ (DRDO) द्वारा 1980 के दशक के अंत में शुरू किया गया था। इसे रूस के ‘मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर’ सिस्टम (जिसे 'ग्रैड' भी कहा जाता है) के विकल्प के रूप में विकसित किया गया था।
- वर्ष 1990 के अंत में पिनाका मार्क-1 के सफल परीक्षणों के बाद वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान पहली बार युद्ध के मैदान में इसका सफलतापूर्वक उपयोग किया गया था। इसके बाद 2000 के दशक में सिस्टम के कई रेजिमेंट्स आए।
- पिनाका रॉकेट सिस्टम एक मल्टी बैरल रॉकेट सिस्टम है, जिसका नाम भगवान शिव के धनुष के नाम पर रखा गया है।
- विशेषताएँ:
- लंबी दूरी की तोपखाने की लड़ाई की एक प्रमुख रणनीति के रूप में लॉन्च वाहनों को यह सुनिश्चित करने के लिये विशेष रूप से इसके बैक ब्लास्ट का कारण पता लगाने योग्य 'शूट एंड स्कूट (Shoot and Scoot)' करना पड़ता है, ताकि वे स्वयं लक्ष्य न बनें।
- यह 44 सेकेंड की अवधि में 12 रॉकेट दाग सकता है।
- पिनाका प्रणाली की एक बैटरी में छह लॉन्च वाहन होते हैं, जिसमें लोडर सिस्टम, रडार और नेटवर्क-आधारित सिस्टम के साथ लिंक एवं एक कमांड पोस्ट होता है। एक बैटरी 1 किमी. के क्षेत्र को बेअसर कर सकती है।
- संस्करण:
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने पिनाका के Mk-II और गाइडेड वेरिएंट का भी विकास एवं सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जिसकी रेंज लगभग 60 किलोमीटर है, जबकि गाइडेड पिनाका सिस्टम की रेंज 75 किलोमीटर है और इसमें एकीकृत नेविगेशन, नियंत्रण तथा मार्गदर्शन प्रणाली भी मौजूद है।
- गाइडेड पिनाका मिसाइल की नेविगेशन प्रणाली को ‘भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम’ (IRNSS) द्वारा भी सहायता प्राप्त होती है।
विगत वर्षों के प्रश्न:प्रश्न. कभी-कभी खबरों में दिखने वाला ‘टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस’ (THAAD) क्या है? (2018) (a) एक इज़रायली रडार सिस्टम उत्तर: (c)
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स्रोत: पी.आई.बी.
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 11 अप्रैल, 2022
विश्व पार्किंसन दिवस
विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 11 अप्रैल को विश्व पार्किंसन दिवस मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य आम लोगों को पार्किंसन रोग के बारे में जागरूक करना है। पार्किंसन एक ऐसी बीमारी है, जिसमें तंत्रिका तंत्र लगातार कमज़ोर होता जाता है। इस बीमारी का कोई इलाज़ उपलब्ध नहीं है। पार्किंसन के कारण चलने-फिरने की गति धीमी पड़ जाती है और मासपेशियाँ सख्त हो जाती हैं तथा शरीर में कंपन की समस्या पैदा हो जाती है। सामान्यतः 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में पार्किंसन रोग के लक्षण दिखते हैं किंतु यह रोग किसी भी उम्र में हो सकता है। शरीर में कंपन, जकड़न, शिथिल गतिशीलता, झुककर चलना, याद्दाश्त संबंधी समस्याएँ और व्यवहार में बदलाव आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं। यह मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाता है, जिससे डोपामाइन के स्तर में कमी आती है। डोपामाइन एक रसायन है, जो मस्तिष्क से शरीर में व्यवहार संबंधी संकेत भेजता है। यद्यपि दवा से रोग के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है, किंतु इस रोग को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है। आँकड़ों की मानें तो दुनिया भर में, लगभग 10 मिलियन लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं।
विश्व होम्योपैथी दिवस
होम्योपैथी के महत्त्व और चिकित्सा जगत में इसके योगदान को उजागर करने के लिये प्रत्येक वर्ष 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस का आयोजन किया जाता है। यह दिवस होम्योपैथी के संस्थापक डॉ. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन की जयंती को भी संदर्भित करता है। होम्योपैथी के संस्थापक और विभिन्न चिकित्सीय पद्धतियों के जन्मदाता डॉ. क्रिश्चियन हैनीमैन का जन्म 10 अप्रैल, 1775 को जर्मनी में हुआ था। डॉ. क्रिश्चियन हैनीमैन द्वारा होम्योपैथी की खोज अठारहवीं सदी के अंत के दशक में की गई थी। 'होम्योपैथी' शब्द की उत्पत्ति दो ग्रीक शब्दों से हुई है, जिसमें ‘होमोइस’ का अर्थ ‘समान’ से तथा ‘पैथोस’ का अर्थ ‘दुख’ से है। यह ‘सम: समम् शमयति’ या ‘समरूपता’ दवा सिद्धांत पर आधारित एक चिकित्सीय प्रणाली है। यह प्रणाली दवाओं द्वारा रोगी का उपचार करने की एक ऐसी विधि है, जिसमें किसी स्वस्थ व्यक्ति में प्राकृतिक रोग का अनुरूपण करके समान लक्षण उत्पन्न किये जाते हैं जिससे रोगग्रस्त व्यक्ति का उपचार किया जा सकता है।
‘HD1’ आकाशगंगा की खोज
हाल ही में जापान के शोधकर्त्ताओं ने ‘HD1’ नामक एक नई आकाशगंगा की खोज की है, जिसे अब तक का सबसे दूर स्थित खगोलीय निकाय माना जा रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इसकी आश्चर्यजनक चमक को समझाना वर्तमान में काफी मुश्किल है और यह इसके केंद्र में एक विशाल ब्लैक होल या अत्यंत विशाल आदिम सितारों के निर्माण के कारण हो सकती है। विश्लेषकों के अवलोकन से पता चला है कि ‘HD1’ लगभग 33.4 बिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित है, जो कि अब तक देखे गए पिछले सबसे दूर के निकाय यानी ‘GN-z11’ नामक एक आकाशगंगा से एक अरब प्रकाश वर्ष दूर है। यह आकाशगंगा पराबैंगनी तरंगदैर्ध्य के कारण असाधारण रूप से चमक रही है, जिसका अर्थ है कि जो कुछ भी इसका प्रकाश उत्पन्न कर रहा है वह शायद अत्यंत गर्म है। शोधकर्त्ताओं का मत है कि ‘HD1’ अब अस्तित्त्व में नहीं है, लेकिन इसका प्रकाश अभी भी हमारी दिशा में यात्रा कर रहा है, जिसके माध्यम से इसका अध्ययन किया जा रहा है।
‘मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ परियोजना
विश्व बैंक और ‘एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक’ (AIIB) गुजरात सरकार की ‘मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस परियोजना’ के लिये 7,500 करोड़ रुपए का ऋण प्रदान करेंगे, जिसका उद्देश्य राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है। ‘मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ परियोजना के तहत राज्य सरकार अगले पाँच वर्षों में 10,000 करोड़ रुपए खर्च करेगी और राज्य के सभी 35,133 सरकारी और 5,847 अनुदान प्राप्त स्कूलों को कवर करेगी। राज्य भर के 41,000 सरकारी और अनुदान प्राप्त स्कूलों में 50,000 नई कक्षाओं के निर्माण, 1.5 लाख स्मार्ट क्लासरूम, 20,000 नई कंप्यूटर लैब और 5,000 टिंकरिंग लैब बनाने पर धन खर्च किया जाएगा। अनुमान के मुताबिक, आगामी पाँच वर्षों में लगभग एक करोड़ स्कूली छात्रों को इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना से सीधे लाभ होगा।