प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 04 मार्च, 2020
जनौषधि सप्ताह
Janaushadhi Week
देश भर में 1-7 मार्च, 2020 तक जन औषधि सप्ताह मनाया जा रहा है। इस दौरान स्वास्थ्य जाँच शिविर, ‘जन औषधि परिचर्चा’ एवं ‘जन औषधि का साथ’ जैसी विभिन्न गतिविधियाँ चलाई जा रही हैं।
मुख्य बिंदु:
- इसका आयोजन केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय (Ministry of Chemicals and Fertilizers) द्वारा किया जा रहा है।
- इस सप्ताह के दौरान जन औषधि केंद्रों के माध्यम से देश भर में रक्तचाप, मधुमेह की जाँच, डाक्टरों द्वारा निशुल्क चिकित्सा जाँच एवं दवाओं का मुफ्त वितरण किया जा रहा है।
- ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना’ भारत सरकार के फार्मास्यूटिकल्स विभाग की एक महत्त्वपूर्ण परियोजना है जो सस्ती दरों पर गुणवत्तापूर्ण दवाएँ उपलब्ध करा कर आम जनता को लाभ पहुँचा रही है।
- वर्तमान में देश में ऐसे औषधि केंद्रों की संख्या 6200 से अधिक हैं और 700 ज़िलों को इस योजना के दायरे में लाया जा चुका है।
- वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान फरवरी 2020 तक इन केंद्रों से 383 करोड़ रुपए से अधिक की दवाएँ बेची गईं। औसत बाज़ार कीमतों पर बेची जाने वाली दवाओं की तुलना में 50-90% तक सस्ती होने के कारण इससे आम जनता को करीब 2200 करोड़ रुपए से अधिक की बचत हुई।
विश्व वन्यजीव दिवस
World Wildlife Day
विश्व वन्यजीव दिवस (World Wildlife Day) प्रत्येक वर्ष 3 मार्च को मनाया जाता है।
थीम:
- इस वर्ष विश्व वन्यजीव दिवस की थीम ‘पृथ्वी पर जीवन कायम रखना’ (Sustaining all life on Earth) है।
पृष्ठभूमि:
- 20 दिसंबर, 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly- UNGA) के 68वें सत्र में 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था क्योंकि वर्ष 1973 में 3 मार्च के दिन वन्यजीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (The Convention on International Trade in Endangered Species of Wild Fauna and Flora- CITES) को अपनाया गया था जोकि 1 जुलाई, 1975 से प्रभावी हुआ।
मुख्य बिंदु:
- इसमें सभी जंगली जानवरों एवं पौधों की प्रजातियों को विश्व की जैव विविधता के प्रमुख घटक के रूप में शामिल किया गया है।
- यह संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्यों 1, 12, 14 व 15 तथा गरीबी को कम करने, संसाधनों सतत् उपयोग सुनिश्चित करने व जैव विविधता के नुकसान को रोकने हेतु भूमि एवं जल के नीचे जीवन के संरक्षण पर व्यापक प्रतिबद्धताओं को संरेखित करता है।
सुखना झील
Sukhna Lake
सुखना झील (Sukhna Lake) को एक कानूनी इकाई (Legal Entity) के रूप में मान्यता देते हुए पंजाब एवं हरियाणा के उच्च न्यायालय ने तीन महीने के भीतर इसके आसपास के जलग्रहण क्षेत्र में सभी अनधिकृत संरचनाओं को ध्वस्त करने का आदेश दिया था और दोनों राज्यों पर जुर्माना लगाया था।
सुखना झील (Sukhna lake) के बारे में
- सुखना झील चंडीगढ़ शहर में स्थित है। यह हिमालय की तलहटी (शिवालिक पहाड़ियों) में स्थित एक जलाशय है।
- इसका क्षेत्रफल 3 वर्ग किमी. है। इसे वर्ष 1958 में शिवालिक पहाड़ियों से निकलने वाली एक मौसमी जलधारा सुखना चो (Sukhna Choe) पर बाँध बनाकर निर्मित किया गया था।
- मौसमी जलधारा सुखना चो (Sukhna Choe) के सीधे झील में प्रवेश करने के कारण इसमें गाद की समस्या बनी रहती है। वर्ष 1974 में सुखना चो को मोड़ दिया गया था जिससे झील में गाद की मात्रा में कमी आई।
सुखना झील के वास्तुकार:
- इस झील का निर्माण ली कोर्बुसीयर (Le Corbusier) एवं मुख्य अभियंता पी. एल. वर्मा द्वारा किया गया था। ली कोर्बुसीयर (Le Corbusier) एक स्विस-फ्राँसीसी वास्तुकार, डिज़ाइनर, चित्रकार, शहरी योजनाकार एवं लेखक थे। इन्हें आधुनिक वास्तुकला के अग्रदूत के रूप में पहचान मिली।
- इस झील के दक्षिण में एक गोल्फ कोर्स और पश्चिम में चंडीगढ़ का प्रसिद्ध रॉक गार्डन स्थित है।
सुखना झील: प्रवासी पक्षियों के लिये एक अभयारण्य
- सुखना झील सर्दियों के मौसम में साइबेरियाई बत्तख, स्टोर्क्स (Storks) एवं क्रेन (Cranes) जैसे कई विदेशी प्रवासी पक्षियों के लिये एक अभयारण्य है। भारत सरकार द्वारा झील को संरक्षित राष्ट्रीय आर्द्रभूमि घोषित किया गया है।
सुखना झील: एक समारोह स्थल
- सुखना झील कई उत्सव व समारोहों का भी स्थल है। इनमें सबसे लोकप्रिय मैंगो फेस्टिवल है जो मानसून के आगमन के दौरान आयोजित किया जाता है।
नौसेना अभ्यास मिलन- 2020
Naval Exercise MILAN- 2020
कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए भारतीय नौसेना ने बहु-राष्ट्र मेगा नौसैनिक अभ्यास 'मिलन 2020' को टाल दिया है।
उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य मित्र राष्ट्रों की नौ सेनाओं के बीच व्यावसायिक संपर्कों को बढ़ाना एवं सामुद्रिक क्षेत्र में एक-दूसरे की शक्तियों तथा सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों से ज्ञान प्राप्त करना है।
मुख्य बिंदु:
- मिलन एक द्विवार्षिक बहुपक्षीय नौसेना अभ्यास की श्रृंखला है जिसकी शुरुआत वर्ष 1995 में की गई थी।
- वर्ष 1995 के बाद से अब तक नौसेना ने विदेशी नौसेनाओं के बीच मैत्रीपूर्ण पेशेवर बातचीत को बढ़ाने और एक-दूसरे के सर्वोत्तम तरीकों को सीखने के लिये ‘समुद्र पार तालमेल’ के विषय के साथ मिलन अभ्यास के 10 संस्करण आयोजित किये हैं।
- वर्ष 2018 तक इसका आयोजन अंडमान एवं निकोबार कमान में किया गया। परंतु अभ्यास की बढ़ती संभावना और जटिलता के कारण पहली बार इसका आयोजन विशाखापत्तनम कमान में किया जाना था।
- इस अभ्यास में दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका और यूरोप के ऐसे 41 देशों को आमंत्रित किया गया था जिनके साथ भारत के सैन्य संबंध हैं।
बाई-ल्यूमिनसेंट सुरक्षा स्याही
Bi-luminescent Security Ink
सीएसआईआर की राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला के शोधकर्त्ताओं ने करेंसी नोटों की जालसाज़ी और पासपोर्ट की नकली छपाई को रोकने के लिये एक बाई-ल्यूमिनसेंट सुरक्षा स्याही विकसित की है।
मुख्य बिंदु:
- यह स्याही 254 नैनो मीटर तरंगदैर्ध्य के पराबैंगनी प्रकाश के स्रोत के संपर्क में आने पर तीव्र लाल रंग का, जबकि पराबैंगनी प्रकाश स्रोत के बंद होने के तुरंत बाद हरे रंग का उत्सर्जन करती है।
- लाल रंग का उत्सर्जन प्रतिदीप्ति (Fluorescence) के कारण होता है, जबकि हरे रंग का उत्सर्जन स्फुरदीप्ति (Phosphorescence) की घटना के कारण होता है।
- जब 254 नैनोमीटर व 365 नैनोमीटर तरंगदैर्ध्य पर दो अलग-अलग स्रोतों द्वारा प्रकाश उत्पन्न किया जाता है तो एक बाई-ल्यूमिनेसेंट सुरक्षा स्याही क्रमशः लाल एवं हरे रंग की रोशनी में दिखाई देती है।
- पिछले वर्ष ज़ारी आरबीआई (RBI) की एक वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2018-19 के दौरान बैंकों द्वारा पाए गए कुल नकली भारतीय मुद्रा नोटों में से RBI द्वारा 5.6 % और अन्य बैंकों द्वारा 94.4 % का पता लगाया गया था।
ललित कला अकादमी पुरस्कार
Lalit Kala Akademi Awards
भारत के राष्ट्रपति ने 4 मार्च, 2020 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में 15 मेधावी कलाकारों को 61वें वार्षिक ललित कला अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया।
मुख्य बिंदु:
- ललित कला अकादमी ने सम्मानित होने वाले कलाकारों की सूची को अंतिम रूप देने के लिये देश भर के प्रतिष्ठित कला प्रशिक्षक, कलाकारों एवं आलोचकों की सात सदस्यीय चयन ज़ूरी को नामित किया।
- ललित कला अकादमी प्रत्येक वर्ष कला को बढ़ावा देने और प्रतिभाओं को सम्मानित करने के लिये कला प्रदर्शनियों एवं पुरस्कार समारोहों का आयोजन करती है।
- कला की 61वीं राष्ट्रीय प्रदर्शनी में पुरस्कार विजेता कलाकारों की कलाकृतियाँ 22 मार्च, 2020 तक ललित कला अकादमी की दीर्घाओं में प्रदर्शित की जाएंगी।