ज़िला निर्वाचन प्रबंधन योजना
स्रोत: द हिंदू
आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर, चुनावों का संचालन तेज़ी से जटिल व बहुआयामी हो गया है, जिससे स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं समावेशी चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिये सावधानीपूर्वक योजना और कार्यान्वयन की आवश्यकता होती है।
- इस योजना प्रक्रिया की आधारशिला ज़िला निर्वाचन प्रबंधन योजना (District Election Management Plan - DEMP) है।
ज़िला निर्वाचन प्रबंधन योजना (DEMP) क्या है?
- परिचय:
- DEMP एक व्यापक दस्तावेज़ है जो ज़िलों में चुनावों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिये आँकड़ों और विश्लेषण का उपयोग करता है।
- तैयारी/रणनीति:
- भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार, DEMP को मतदान की संभावित तारीख से कम से कम छह माह पहले तैयार किया जाना चाहिये।
- चुनावी प्रक्रिया की गतिशीलता के लिये अक्सर चुनावों की आधिकारिक घोषणा के बाद समय-समय पर पुनर्मूल्यांकन और योजना में संशोधन की आवश्यकता होती है।
- DEMP के प्रभावी कार्यान्वयन में चुनावी अधिकारियों, प्रशासनिक निकायों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और अन्य प्रासंगिक हितधारकों को शामिल करते हुए एक समन्वित प्रयास शामिल है।
- राजनीतिक संस्थाओं और मीडिया आउटलेट्स के साथ निर्धारित कार्यकलाप की भी व्यवस्था की जाती है ताकि उन्हें चुनावी नियमों एवं प्रक्रियाओं पर व्यापक जानकारी प्रदान की जा सके।
DEMP के तत्त्व क्या हैं?
- ज़िला प्रोफ़ाइल:
- यह निर्वाचन रणनीति का मूलभूत तत्त्व है, जिसमें निर्वाचन क्षेत्रों का चित्रण करने वाला एक राजनीतिक मानचित्र, प्रासंगिक जनसांख्यिकीय एवं बुनियादी ढाँचे के आँकड़े और ज़िले की प्रशासनिक संरचना एवं सामाजिक-आर्थिक विशेषताओं का अवलोकन शामिल है।
- मतदान केंद्र अवसंरचना:
- मतदान केंद्रों की उपलब्धता और पहुँच बढ़ाने, रैंप, बिजली, प्रकाश व्यवस्था, पेयजल, शौचालय एवं इंटरनेट कनेक्टिविटी जैसी आवश्यक सुविधाएँ सुनिश्चित करने के लिये विस्तृत रणनीतियाँ तैयार की गई हैं।
- विकलांग मतदाताओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिये विशेष प्रावधान किये गए हैं, जिनमें सहायता डेस्क की स्थापना, 24/7 नियंत्रण कक्ष, घरेलू मतदान विकल्प एवं आवश्यक सेवा कर्मियों के लिये उन्नत डाक मतपत्र मतदान शामिल हैं।
- मतदान केंद्रों की उपलब्धता और पहुँच बढ़ाने, रैंप, बिजली, प्रकाश व्यवस्था, पेयजल, शौचालय एवं इंटरनेट कनेक्टिविटी जैसी आवश्यक सुविधाएँ सुनिश्चित करने के लिये विस्तृत रणनीतियाँ तैयार की गई हैं।
- EVM प्रबंधन:
- इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) प्रबंधन निर्वाचन प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखने के लिये महत्त्वपूर्ण है, जिसमें EVM और मतदाता सत्यापन योग्य पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) के सुरक्षित भंडारण एवं उपलब्धता के लिये आवश्यक योजनाएँ शामिल हैं, जिसमें उनके परिवहन एवं रखरखाव की योजनाएँ भी शामिल हैं।
- व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी (SVEEP) योजना:
- यह कम या उल्लेखनीय रूप से न्यूनतम भागीदारी दर वाले मतदान केंद्रों की पहचान करने के लिये मतदान डेटा का विश्लेषण करके चुनावी भागीदारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है।
- इसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का लाभ उठाना, विविध समुदाय एवं युवा संगठनों के साथ जुड़ना और मतदान के दिन तक जागरुकता बढ़ाने वाले कार्यक्रम आयोजित करना शामिल है।
- कार्मिक योजना और प्रशिक्षण:
- DEMP चुनाव कर्मियों की भर्ती, प्रशिक्षण, कल्याण और तैनाती के लिये एक व्यापक रणनीति की रूपरेखा तैयार करता है।
- यह चुनाव कर्मियों का एक मज़बूत डेटाबेस स्थापित करने, उन्हें कैडर और समूह के आधार पर वर्गीकृत करने तथा विभिन्न चुनावी भूमिकाओं में कर्मियों के अंतर को कम करने के लिये रणनीतिक रूप से उनकी तैनाती संबंधी आवश्यकताओं का आकलन करने की आवश्यकता पर ज़ोर देता है।
- योजना में आदर्श आचार संहिता (MCC) को लागू करने के लिये ज़िला-स्तरीय टीमों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं और सभी चुनाव कर्मियों हेतु व्यापक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके पास संबंधित भूमिकाओं के लिये अपेक्षित कौशल एवं ज्ञान है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2012)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 (b) केवल 2 और 3 (c) केवल 1 और 3 (d) कोई भी नही उत्तर: (d) प्रश्न. संविधान (73वाँ संशोधन) अधिनियम, 1992, जिसका उद्देश्य देश में पंचायती राज संस्थाओं को बढ़ावा देना है, निम्नलिखित में से किसका प्रावधान करता है? (2011)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) |
अंतर्राष्ट्रीय लेखा नियमों में बदलाव
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय लेखा मानक बोर्ड (International Accounting Standards Board- IASB) ने नई आवश्यकताओं से अवगत कराया, जिनके तहत कंपनियों को वर्ष 2027 से मानकीकृत परिचालन लाभ के आँकड़े प्रकाशित करने होंगे।
- यह आँकड़ा IASB नियमों के तहत परिभाषित नहीं है, इसलिये प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिये इसे विभिन्न तरीकों से संकलित किया जा सकता है।
- वर्तमान में शुद्ध लाभ या हानि पर पहुँचने से पहले कई कंपनियाँ ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन या EBITDA से पूर्व आय की रिपोर्ट करती हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय लेखा मानक बोर्ड (IASB):
- IASB की स्थापना वर्ष 2001 में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानक फाउंडेशन की देखरेख में की गई थी, जो 140 से अधिक न्यायालयों द्वारा अनिवार्य वित्तीय रिपोर्टिंग के लिये एक वैश्विक लेखांकन भाषा के निर्माण हेतु अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों को विकसित और अनुमोदित करता है।
- ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की आय (EBITDA):
- EBITDA एक वित्तीय मीट्रिक है, जो वित्तपोषण और लेखांकन निर्णयों के प्रभावों को छोड़कर कंपनी के परिचालन प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है, जिससे मुख्य परिचालन लाभप्रदता पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।
और पढ़ें: भारतीय लेखा मानक
AI में महत्त्वपूर्ण शब्दावली
स्रोत: एल. एम.
हाल ही में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उभरते मुद्दों के संदर्भ में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial intelligence- AI) और कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र से संबंधित कुछ शब्द चर्चा में हैं।
- डेटा ड्रेजिंग:
- यह डेटा में पैटर्न खोजने के लिये एक सांख्यिकीय आधारित हेरफेर विधि है, जो महत्त्वपूर्ण प्रतीत होती है लेकिन वास्तविकता में इसका कोई अंतर्निहित प्रभाव नहीं होता है- जिसके परिणामस्वरूप भ्रामक निष्कर्ष निकलते हैं।
- एयर गैप:
- साइबर सुरक्षा में एयर गैप कंप्यूटर या नेटवर्क को इंटरनेट सहित बाह्य कनेक्शन से अलग करने के नेटवर्क सुरक्षा उपाय को संदर्भित करता है।
- प्रणाली की विफलता या घुसपैठ के मामलों में क्षति, अनधिकृत पहुँच और हेरफेर से डेटा को सुरक्षित रखने के लिये वर्गीकृत रक्षा प्रणालियों जैसे उच्च जोखिम वाले परिदृश्यों में आमतौर पर एयर गैप का उपयोग किया जाता है।
- विविध विशेषज्ञताएँ:
- यह कार्यों को उप-समस्याओं में विभाजित करके और उनमें से प्रत्येक को संभालने के लिये 'विशेषज्ञ' मॉडल निर्दिष्ट करके प्रशिक्षण करने हेतु एक मशीन लर्निंग दृष्टिकोण है।
- प्रत्येक विशेषज्ञ मॉडल उप-कार्यों की भविष्यवाणी करता है जिन्हें अंतिम आउटपुट उत्पन्न करने के लिये संयोजित किया जाता है।
- OTA अपडेट:
- ओवर-द-एयर (OTA) अपडेट इंटरनेट कनेक्शन के माध्यम से नए सॉफ्टवेयर या फर्मवेयर सुविधाओं और अपडेट की डिलीवरी है।
- OTA अपडेट ऑपरेटिंग सिस्टम, रीड-ओनली पार्टीशन पर सिस्टम ऐप्स और वायरलेस तरीके से समय क्षेत्र के नियमों में सुधार प्रदान करते हैं, जिससे स्वचालित या मैन्युअल इंस्टॉलेशन सक्षम होता है।
और पढ़ें: साइबर सुरक्षा
भारत का घरेलू ऋण एवं बचत संकट
स्रोत: द हिंदू
भारत के आर्थिक परिदृश्य में एक चिंताजनक प्रवृत्ति देखी गई है, जिसमें भारत के घरेलू ऋण का स्तर दिसंबर 2023 तक सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product- GDP) के 40 प्रतिशत के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया है, जबकि शुद्ध वित्तीय बचत के लगभग 5% के निचले स्तर पर पहुँच गई है।
- रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि न्यूनतम शुद्ध वित्तीय बचत की प्रवृत्ति जारी रहने की संभावना है और साथ ही व्यक्तिगत ऋण, कृषि ऋण एवं व्यावसायिक ऋण के कारण घरेलू ऋण में वृद्धि जारी रहेगी।
- सकल घरेलू बचत में गिरावट के साथ यह वित्तीय तनाव, भारत की आर्थिक स्थिरता की एक गंभीर छाया प्रस्तुत करता है और इस बढ़ते संकट को दूर करने के लिये व्यापक नीतिगत उपायों की तत्काल आवश्यकता को भी रेखांकित करता है।
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नव निगमित फर्मों द्वारा राजनीतिक अंशदान
स्रोत: द हिंदू
तीन वर्ष से कम पुरानी कंपनियों को राजनीतिक अंशदान (Political Contribution) देने से रोकने वाले नियमों के बावजूद, हालिया आँकड़ों से भारत में नव निगमित कंपनियों द्वारा चुनावी बॉण्ड की चौंकाने वाली खरीद का पता चलता है।
- कंपनी अधिनियम, 2013 तीन वर्ष या उससे कम अवधि के अंतर्गत पंजीकृत हुई कंपनियों को राजनीतिक अंशदान देने से रोकता है, जिसका उद्देश्य शेल कंपनियों को राजनीतिक दलों में अंशदान देने से रोकना है।
- 2017 के संशोधन ने योगदान पर लगी सीमा को हटा दिया लेकिन तीन वर्ष के निषेध को बरकरार रखा।
- कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 182 में उल्लंघन के लिये दंड की रूपरेखा दी गई है, जिसमें अधिकारियों के लिये ज़ुर्माना और कारावास शामिल है।
AUKUS गठबंधन सदस्यता का विस्तार करेगा
स्रोत: लाइव मिंट
AUKUS गठबंधन, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं, अपनी सदस्यता के विस्तार के संबंध में चर्चा में शामिल होने के लिये तैयार है।
- AUKUS एक त्रिपक्षीय साझेदारी है जिसका उद्देश्य बेहतर सहयोग के माध्यम से सुरक्षा और रक्षा हितों को मज़बूत करना है।
- AUKUS में गहन सूचना एवं प्रौद्योगिकी साझाकरण के साथ-साथ सुरक्षा और रक्षा से संबंधित विज्ञान, प्रौद्योगिकी, औद्योगिक आधार तथा आपूर्ति शृंखलाओं का एकीकरण शामिल होगा।
- इसका गठन वर्ष 2021 में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव का मुकाबला करने के लिये किया गया था।
- भारत इस समूह का सदस्य नहीं है। हालाँकि भारत और AUKUS उभरती प्रौद्योगिकियों पर अनौपचारिक बातचीत में लगे हुए हैं, हालाँकि अभी तक कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई है।
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