प्रारंभिक परीक्षा
बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों हेतु व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण योजना
स्रोत: पी. आई बी.
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (Battery Energy Storage Systems- BESS) के विकास के लिये व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (Viability Gap Funding- VGF) योजना को मंज़ूरी दी है।
- बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली ऐसे उपकरण हैं जो सौर और पवन जैसे नवीकरणीय ऊर्जा को संग्रहीत करने तथा तब जारी करने में सक्षम बनाते हैं जब बिजली की सबसे अधिक आवश्यकता होती है।
नोट: VGF एक वित्तीय तंत्र है जिसका उपयोग सरकारों द्वारा बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं की लागत और उनकी आर्थिक व्यवहार्यता के बीच अंतर को पाटने के लिये किया जाता है। इसे आमतौर पर उन परियोजनाओं में नियोजित किया जाता है जिन्हें विभिन्न कारणों से निजी निवेशकों हेतु आर्थिक रूप से अव्यवहार्य या वित्तीय रूप से अनाकर्षक माना जाता है, जैसे उच्च पूंजी लागत, कम राजस्व क्षमता, या लंबी निर्माण अवधि।
बैटरी भंडारण हेतु VGF योजना:
- परिचय:
- सरकार बैटरी भंडारण प्रणालियों की लागत को काफी हद तक कम करने, उन्हें अधिक आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिये व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण के माध्यम से बजटीय सहायता के रूप में पूंजीगत लागत का 40% तक वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
- यह योजना रणनीतिक रूप से नागरिकों को स्वच्छ, विश्वसनीय और सस्ती बिजली प्रदान करने के लिये सौर तथा पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की क्षमता का उपयोग करने हेतु डिज़ाइन की गई है।
- यह सुनिश्चित करना कि योजना का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुँचे और BESS परियोजना क्षमता का न्यूनतम 85% वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को उपलब्ध कराया जाएगा।
- यह रणनीतिक कदम न केवल बिजली ग्रिड में नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण को मज़बूत करता है बल्कि अपशिष्ट को भी कम करता है और ट्रांसमिशन नेटवर्क के उपयोग को अनुकूलित करता है। नतीजतन यह महँगे बुनियादी ढाँचे के उन्नयन की आवश्यकता को कम करता है।
- उद्देश्य:
- इसका प्राथमिक उद्देश्य वर्ष 2030-31 तक BESS परियोजनाओं के विकास में 4,000 मेगावाट घंटे (MWh) का योगदान देना है।
- इस कार्यक्रम का लक्ष्य VGF वित्तीयन प्रदान करके प्रति किलोवाट-घंटा (kWh) 5.50 और 6.60 रुपए के बीच भंडारण की एक स्तरीय लागत प्राप्त करना है।
- यह लागत-प्रभावशीलता संग्रहीत नवीकरणीय ऊर्जा को देश भर में विद्युत की अधिकतम मांग के प्रबंधन के लिये एक व्यावहारिक विकल्प प्रदान करती है।
- महत्त्व:
- भारत सरकार स्वच्छ और हरित ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देने के लिये प्रतिबद्ध है। BESS योजना नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करते हुए और बैटरी भंडारण को बढ़ावा देकर इस दृष्टिकोण को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्त्व करती है।
- इस पहल का लक्ष्य वैश्विक धारणीयता लक्ष्यों के अनुरूप सभी नागरिकों के लिये एक उज्जवल और हरित भविष्य का निर्माण करना है।
प्रारंभिक परीक्षा
उन्नत बायोडिग्रेडेबल नैनोकम्पोज़िट फिल्म
स्रोत : पी.आई.बी.
हाल ही में इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (IASST), गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने ऑप्टिकल और मैकेनिकल गुणों के साथ एक बायोडिग्रेडेबल नैनोकम्पोज़िट फिल्म का सफलतापूर्वक निर्माण किया है।
शोध की प्रमुख विशेषताएँ:
- अनुसंधान में पॉलिमर का उपयोग शामिल है, जो पैकेजिंग से लेकर चिकित्सा उपकरणों तक विस्तृत है, साथ ही उनकी अनुकूलनशीलता और बहुमुखी प्रतिभा के कारण विभिन्न उद्योगों में आवश्यक हो गए हैं।
- हालाँकि लचीले डिस्प्ले और ऑर्गेनिक LED तकनीक जैसे उन्नत अनुप्रयोगों के लिये अत्यधिक लचीले तथा ऑप्टिकली सक्रिय पॉलिमर की आवश्यकता होती है।
- इन वांछित गुणों को प्राप्त करने के लिये शोधकर्ताओं ने नैनोमटेरियल्स के समावेशन में गहनता से कार्य किया है।
- सिंथेटिक बायोडिग्रेडेबल पॉलिमर के चयन में पॉलीविनाइल अल्कोहल (PVA) एक असाधारण विकल्प के रूप में उभरा है। PVA असाधारण फिल्म-निर्माण क्षमताओं और मज़बूत यांत्रिक गुणों का दावा करता है।
- इसके अलावा इसमें उपयुक्त नैनोमटेरियल प्रस्तुत करके ऑप्टिकल और मैकेनिकल विशेषताओं के लिये तैयार किया जा सकता है।
- अनुसंधान टीम ने एक सीधी समाधान कास्टिंग तकनीक का उपयोग करके सफलतापूर्वक एक बायोडिग्रेडेबल PVA-CuO नैनोकम्पोज़िट फिल्म बनाई, जहाँ कॉपर साल्ट अलग-अलग हीट उपचार स्थितियों के तहत CuO नैनो कणों के इन-सीटू गठन के लिये अग्रदूत के रूप में कार्य करता है।
- शुद्ध PVA फिल्मों की तुलना में इस नैनोकम्पोज़िट फिल्म ने बेहतर ऑप्टिकल, मैकेनिकल एवं रोगाणुरोधी विशेषताओं का प्रदर्शन किया।
- पॉलिमर मैट्रिक्स के भीतर CuO नैनो कणों के अस्तित्व को स्पेक्ट्रोस्कोपिक के साथ सूक्ष्म तकनीकों की एक शृंखला के माध्यम से सत्यापित किया गया था।
- बहुलक/पॉलीमर:
- पॉलीमर बड़े अणु होते हैं जो दोहराई जाने वाली उपइकाइयों से बने होते हैं जिन्हें मोनोमर्स कहा जाता है। ये अणु रसायन विज्ञान, सामग्री विज्ञान और उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यक हैं।
- उनके पास गुणों की एक विस्तृत श्रृंखला है और उनका उपयोग प्लास्टिक, रबर और फाइबर जैसे रोज़मर्रा के उत्पादों में किया जाता है।
- बायोडिग्रेडेबल पॉलिमर एक प्रकार के पॉलिमर हैं जो समय के साथ प्राकृतिक रूप से पर्यावरण के अनुकूल पदार्थों में विभाजित हो सकते हैं।
- पॉलीमर बड़े अणु होते हैं जो दोहराई जाने वाली उपइकाइयों से बने होते हैं जिन्हें मोनोमर्स कहा जाता है। ये अणु रसायन विज्ञान, सामग्री विज्ञान और उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यक हैं।
- नैनोमटेरियल:
- नैनोमटेरियल्स को नैनोस्केल पर इंजीनियर किया जाता है, जिसके कम से कम एक आयाम में कण का आकार 100 एनएम से कम होता है।
- उनकी संरचना और गुण उनके छोटे आकार के कारण थोक सामग्रियों से काफी भिन्न होते हैं।
- नैनोमटेरियल्स को नैनोस्केल पर इंजीनियर किया जाता है, जिसके कम से कम एक आयाम में कण का आकार 100 एनएम से कम होता है।
- नैनोकम्पोजिट फिल्म:
- एक नैनोकम्पोजिट फिल्म एक पतली, स्तरित सामग्री है जिसमें नैनोकणों या नैनोमटेरियल्स के साथ एकीकृत एक पॉलिमर मैट्रिक्स होता है।
- इन फिल्मों को विशिष्ट वांछित विशेषताओं को प्राप्त करने के लिये पॉलिमर मैट्रिक्स के फायदों के साथ नैनोमटेरियल्स के अद्वितीय गुणों को संयोजित करने हेतु डिज़ाइन किया गया है।
- एक नैनोकम्पोजिट फिल्म एक पतली, स्तरित सामग्री है जिसमें नैनोकणों या नैनोमटेरियल्स के साथ एकीकृत एक पॉलिमर मैट्रिक्स होता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. स्वास्थ्य क्षेत्र में नैनो तकनीक के प्रयोग के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2015)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) मेन्स:प्रश्न. नैनो टेक्नोलॉजी से आप क्या समझते हैं और यह स्वास्थ्य क्षेत्र में कैसे मदद कर रही है? (2020) प्रश्न. अति सूक्ष्म प्रौद्योगिकी (नैनो टेक्नोलॉजी) 21वीं शताब्दी की प्रमुख प्रौद्योगिकियों में से एक क्यों है? अति सूक्ष्म विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर भारत सरकार के मिशन की मुख्य विशेषताओं तथा देश की विकास के प्रक्रम में इसके प्रयोग के क्षेत्र का वर्णन कीजिये। (2016) |
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 सितंबर, 2023
राष्ट्रीय आयुष मिशन
हाल ही में राष्ट्रीय आयुष मिशन (NAM) की क्षेत्रीय समीक्षा बैठक का उद्घाटन किया गया।
- इस बैठक में राष्ट्रीय आयुष मिशन के निम्नलिखित ठोस कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला गया:
- आयुर्वेद: आयुष के माध्यम से स्कूली बच्चों के लिये स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना।
- सुप्रजा: मातृ एवं नवजात शिशु देखभाल के लिये आयुष।
- वयोमित्र: आयुष आधारित वृद्धावस्था कार्यक्रम; ऑस्टियो आर्थराइटिस और अन्य मस्कुलोस्केलेटल विकारों की रोकथाम एवं प्रबंधन।
- इस मिशन को ज़रूरतमंद जनता को सूचित विकल्प प्रदान करने के लिये स्वास्थ्य सुविधाओं को मज़बूत और बेहतर बनाकर पूरे देश में आयुष स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ प्रदान करने के विज़न एवं उद्देश्यों के साथ कार्यान्वित किया जा रहा है।
- इस मिशन के तहत आयुष मंत्रालय वर्ष 2023-24 तक राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकारों के सहयोग से 12,500 आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के संचालन की दिशा काम कर रहा है।
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भारत आगामी गणतंत्र दिवस पर क्वाड नेताओं को आमंत्रित करेगा
भारत 26 जनवरी, 2024 को गणतंत्र दिवस परेड में क्वाड समूह के नेताओं को आमंत्रित करने की संभावना पर विचार कर रहा है।
- 26 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, जो ग्रेट ब्रिटेन से 11 बंदी (Convict) जहाज़ों के पहले बेड़े के आगमन की वर्षगाँठ है, और वर्ष 1788 में इसके कमांडर कैप्टन आर्थर फिलिप द्वारा सिडनी कोव में यूनियन जैक की स्थापना की गई थी।
- क्वाड चार लोकतंत्रों - भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान का समूह है जिसका उद्देश्य "स्वतंत्र, खुला एवं समृद्ध" इंडो-पैसिफिक क्षेत्र सुनिश्चित करना तथा उसका समर्थन करना है।
- The idea of Quad was first mooted by Japanese Prime Minister Shinzo Abe in 2007. However, it came into being in 2017.
- क्वाड का विचार सबसे पहले 2007 में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने रखा था। हालाँकि यह 2017 में अस्तित्व में आया।
और पढ़ें… क्वाड
संदेश एप
- G20 सुरक्षा व्यवस्था पर दिल्ली पुलिस का आधिकारिक संचार अब भारतीय इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म, संदेश पर होगा।
- इस संदेश एप पर, उपयोगकर्ता केवल सूचना तक पहुँच सकते हैं और इसे किसी ऐसे व्यक्ति को अग्रेषित नहीं कर सकते हैं जिसका नंबर एप पर पंजीकृत नहीं है।
- संदेश एक सुरक्षित और उपयोगकर्ता के अनुकूल मैसेजिंग प्लेटफॉर्म है। इसे विभिन्न सरकारी संगठनों के बीच संचार का एक विश्वसनीय एवं कुशल साधन प्रदान करने हेतु डिज़ाइन किया गया है।
- एप का पहला संस्करण राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) द्वारा वर्ष 2020 में जारी किया गया था।
- एप का लॉन्च भारत निर्मित सॉफ्टवेयर के उपयोग पर ज़ोर देने की सरकार की रणनीति का एक हिस्सा है ताकि स्वदेशी रूप से विकसित उत्पादों का एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जा सके।
और पढ़ें…संदेश: गवर्नमेंट इंस्टेंट मैसेजिंग सिस्टम
कावेरी वन्यजीव अभयारण्य में सफेद सांभर
- कावेरी वन्यजीव अभयारण्य की संगमा रेंज में पहली बार ल्यूसिस्टिक सांभर देखा गया है।
- एक सफेद सांभर हिरण को इससे पहले वर्ष 2014 में बांदीपुर टाइगर रिज़र्व में देखा गया था।
- ल्यूसिज़्म एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी पशु की त्वचा की रंजकता गायब हो जाती है, जिससे त्वचा सफेद या पीली हो जाती है
- यह स्थिति फेनोटाइप (किसी भी जीवित प्राणी का एक लक्षण) के कारण जन्म से स्वाभाविक रूप से उत्पन्न हो सकती है जो कि पशु के विकास में किसी दोष के कारण हो सकती है।
- यह एल्बिनिज़्म से अलग है तथा एक ऐसी स्थिति है जो पशु की त्वचा में मेलाटोनिन की कमी के कारण उत्पन्न होती है और ऐल्बिनिज़्म के कारण जानवर की आँखें गुलाबी या लाल रंग की होंगी।
- ल्यूसिज़्म में पशु में गुलाबी आँखों का अभाव होता है।
- IUCN स्थिति: असुरक्षित
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