प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 17 दिसंबर, 2019
- 17 Dec 2019
- 10 min read
स्ट्रैंडहॉग बग
StrandHogg bug
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम की भेद्यता से संबंधित स्ट्रैंडहॉग बग (StrandHogg Bug) के बारे में चेतावनी देते हुए अलर्ट जारी किया है।
स्ट्रैंडहॉग के विषय में:
- स्ट्रैंडहॉग नाम का यह बग स्मार्टफोन के मल्टी टास्किंग सिस्टम में पाया गया है।
- यह वायरस एप्लीकेशंस को असली एप्लीकेशंस की तरह दिखाने वाला बग है।
- इस बग के माध्यम से साइबर अपराधी, उपयोगकर्त्ता के बैंक अकाउंट के लॉग-इन पासवर्ड के अलावा लोकेशन, समेत कई प्रकार के निजी डेटा में सेंध लगा सकते हैं।
- साथ ही माइक्रोफोन से लोगों की बात सुनने, कैमरे से फोटो लेने और एसएमएस पढ़ने जैसे काम कर सकते हैं।
विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव
Privilege Motion
हाल ही में संसद के शीतकालीन सत्र में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव (Privilege Motion) चर्चा में रहा जो किसी मंत्री द्वारा संसदीय विशेषाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित है।
विशेषाधिकारों के विषय में:
- संसदीय विशेषाधिकार संसद के प्रत्येक सदन तथा उसकी समितियों को सामूहिक रूप से तथा प्रत्येक सदन के सदस्यों को व्यक्तिगत रूप से प्राप्त हैं ताकि वे अपने कार्यों का निर्वहन प्रभावी ढंग से कर सकें।
- जब इनमें से किसी भी अधिकार की अवहेलना की जाती है, तो इसे विशेषाधिकार का उल्लंघन माना जाता है तथा यह संसद के कानून के तहत दंडनीय है।
संबंधित प्रक्रिया:
- कोई भी सदस्य अध्यक्ष की अनुमति से किसी सदस्य या सभा या इसकी समिति के विशेषाधिकार के हनन से संबंधित कोई प्रश्न उठा सकता है ।
- विशेषाधिकार के उल्लंघन के लिये दोषी पाए जाने पर किसी भी सदन के किसी भी सदस्य द्वारा प्रस्ताव के रूप में एक नोटिस दिया जाता है।
- विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव की जाँच प्रथम स्तर पर लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति द्वारा की जाती है।
- अध्यक्ष/सभापति स्वयं विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर निर्णय ले सकते हैं या इसे संसद की विशेषाधिकार समिति को संदर्भित कर सकते हैं।
विशेषाधिकार समिति:
- इसकी कार्य प्रकृति अल्प-न्यायिक की तरह है, यह सदन एवं इसके सदस्यों के विशेषाधिकारों के उल्लंघन का परीक्षण करती है एवं उचित कार्यवाही की सिफारिश करती है।
- लोकसभा समिति में 15 सदस्य होते हैं।
- राज्यसभा समिति में 10 सदस्य होते हैं।
विशेषाधिकारों के स्रोत:
- मूल रूप में संविधान (अनुच्छेद 105) में दो विशेषाधिकार बताए गए हैं:
- संसद में भाषण देने की स्वतंत्रता।
- इसकी कार्यवाही के प्रकाशन का अधिकार।
- लोकसभा नियम पुस्तिका के अध्याय 20 में नियम संख्या 222 तथा राज्यसभा की नियम पुस्तिका के अध्याय 16 में नियम संख्या 187 विशेषाधिकार को नियंत्रित करते हैं।
- संसद ने अभी तक विशेषाधिकारों को संहिताबद्ध करने के लिये कोई विशेष विधि नहीं बनाई है। यह पाँच स्रोतों पर आधारित है-
- संवैधानिक उपबंध, संसद द्वारा निर्मित अनेक विधियाँ, दोनों सदनों के नियम, संसदीय परंपरा, न्यायिक व्याख्या।
कावेरी वन्यजीव अभयारण्य
Cauvery Wildlife Sanctuary
हाल ही में कर्नाटक में कावेरी वन्यजीव अभयारण्य (Cauvery Wildlife Sanctuary) के पास बिजली की चपेट में आने से हाथियों की मृत्यु के कई मामले सामने आए हैं।
- उल्लेखनीय है कि नवंबर 2019 में कर्नाटक वन विभाग ने पशुओं के लिये चारे की उपलब्धता बढ़ाने हेतु कावेरी वन्यजीव अभयारण्य सहित माले महादेश्वरा पहाड़ी वन्यजीव अभयारण्य और बिलिगिरी रंगास्वामी मंदिर वन्यजीव अभयारण्य में घास भूमि प्रबंधन कार्य शुरू किया था।
कावेरी वन्यजीव अभयारण्य:
- इसकी स्थापना वर्ष 1987 में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1973 के तहत वन्यजीव और उसके पर्यावरण की रक्षा, प्रसार या विकास के उद्देश्य से की गई थी।
- इसमें कर्नाटक राज्य के मांड्या, रामनगर और चामराजनगर ज़िलों के आरक्षित वन शामिल हैं।
- लगभग 102 कि.मी. वर्ग क्षेत्र में फैला यह वन्यजीव अभयारण्य पूर्व व उत्तर की ओर से कावेरी नदी तथा पश्चिम व उत्तर- पूर्व की ओर से तमिलनाडु राज्य से घिरा है।
- इसका नामकरण कावेरी नदी के नाम पर ही हुआ है।
- यहाँ की वनस्पति में पर्णपाती, जलीय व स्क्रब वन पाए जाते हैं।
- यह अभयारण्य चित्तीदार हिरण, जंगली सूअर, चीता, तेंदुआ, हाथी, सांभर, मालाबर की विशाल गिलहरी, चार सींगों वाले मृग आदि का निवास स्थान है।
- कावेरी वन्यजीव अभयारण्य संकटापन्न महासिर मछली के लिये प्रसिद्ध है ।
माले महादेश्वरा पहाड़ियाँ/ एमएम हिल्स:
- कर्नाटक के चामराजनगर ज़िले में स्थित एमएम हिल्स का एक छोर बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान से भी जुड़ा है इसके अलावा तमिलनाडु का सत्यमंगलम टाइगर रिज़र्व भी इसके साथ अपनी सीमा बनाता है।
- लगभग 907 वर्ग किलोमीटर में फैला यह अभयारण्य 13 बाघों का निवास स्थान है।
- बाघों के अलावा इस अभयारण्य में तेंदुए, हाथी, सुस्त भालू (Sloth Bear), जंगली कुत्ते, हाइना, बिज्जु, ग्वार, सांभर और चीतल का निवास स्थान है।
- माले महादेश्वरा पहाडि़यों के जंगलों में चंदन की लकड़ी और बाँस के वृक्ष बहुतायत में पाए जाते हैं।
बिलिगिरी रंगास्वामी मंदिर वन्यजीव अभयारण्य/ बीआरटी हिल्स :
- बीआरटी हिल्स या बिलगिरी रंगना हिल्स पश्चिमी घाट की पूर्वी सीमा पर लगभग 539 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में स्थित एक पर्वतीय शृंखला है।
- यह कर्नाटक की दक्षिण पूर्वी सीमा पर स्थित है जो तमिलनाडु के इरोड ज़िले में स्थित सत्यमंगलम वन्यजीव अभयारण्य के साथ अपनी सीमा साझा करती हैं।
- यहाँ शुष्क और पर्णपाती वनस्पतियों से लेकर सदाबहार वनस्पतियों समेत कई किस्में पाई जाती हैं।
- यहाँ गौर, भालू, चीतल, सांभर, बाघ, तेंदुए, जंगली कुत्ते, हाथी और चार सींग वाले मृग आदि पाए जाते हैं।
दक्षिण एशियाई साहित्य के लिये डीएससी पुरस्कार- 2019
DSC Prize for South Asian Literature- 2019
हाल ही में लेखक अमिताभ बागची को उनके उपन्यास ‘हाफ द नाइट इज गॉन’ के लिये दक्षिण एशियाई साहित्य के लिये डीएससी पुरस्कार- 2019 (DSC Prize for South Asian Literature- 2019) से सम्मानित किया गया है।
पुरस्कार के विषय में:
- यह दक्षिण एशिया की संस्कृति, राजनीति, इतिहास या लोगों के बारे में किसी भी जाति या राष्ट्रीयता पर लेखन के लिये लेखकों को प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है।
- यह दक्षिण एशिया को अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, म्याँमार, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के रूप में परिभाषित करता है।
स्थापना:
- दक्षिण एशियाई साहित्य के लिये DSC पुरस्कार की स्थापना 2010 में इसके संस्थापकों, सुरिना नरूला और मनहाद नरूला द्वारा की गई थी।
पुरस्कार राशि:
- इस पुरस्कार के तहत 25000 डॉलर की राशि प्रदान की जाती है।
वित्तपोषण:
- यह पुरस्कार बुनियादी ढाँचा कंपनी डीएससी ग्रुप (DSC Group) द्वारा वित्तपोषित है।