हिमालयी राज्यों की वहन क्षमता
बिज़नेस स्टैण्डर्ड
हाल ही में केंद्र ने सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि देश के 13 हिमालयी राज्य अपनी 'वहन क्षमता' का आकलन करने का आदेश दें और साथ ही केंद्र ने उनके द्वारा प्रस्तुत कार्य योजनाओं का मूल्यांकन करने के लिये एक विशेषज्ञ पैनल की स्थापना का प्रस्ताव दिया है।
- यह पहल संवेदनशील हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र के धारणीय विकास और संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक है।
वहन क्षमता:
- "वहन क्षमता" पद से आशय उस सबसे बड़ी आबादी से है जिसे एक पारिस्थितिकी तंत्र अथवा पर्यावरण अपने प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुँचाए बिना एक निश्चित समय-सीमा तक बनाए रख सकता है।
- दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये मानवीय गतिविधियों और प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण के बीच संतुलन को समझने एवं प्रबंधित करने के लिये वहन क्षमता का आकलन किया जाना महत्त्वपूर्ण है।
हिमालयी क्षेत्र के संरक्षण से संबंधित सरकारी पहलें:
- हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने पर राष्ट्रीय मिशन (2010):
- इसमें 11 राज्य (हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, सभी पूर्वोत्तर राज्य और पश्चिम बंगाल) तथा 2 केंद्रशासित प्रदेश (जम्मू-कश्मीर व लद्दाख) शामिल हैं।
- यह जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (National Action Plan on Climate Change- NAPCC) का हिस्सा है, जिसमें कुल आठ मिशन शामिल हैं।
- भारतीय हिमालयी जलवायु अनुकूलन कार्यक्रम (Indian Himalayas Climate Adaptation Programme- IHCAP):
- इसका उद्देश्य ग्लेशियोलॉजी और संबंधित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के साथ जलवायु विज्ञान में भारतीय संस्थानों की क्षमताओं को बढ़ाते हुए भारतीय हिमालयी समुदायों की सुभेद्यता को कम करना है।
- SECURE हिमालय परियोजना:
- यह ग्लोबल एन्वायरनमेंट फसिलिटी (GEF) द्वारा वित्तपोषित तथा "धारणीय विकास के लिये वन्यजीव संरक्षण और अपराध रोकथाम पर वैश्विक भागीदारी" (वैश्विक वन्यजीव कार्यक्रम) का अभिन्न अंग है।
- यह उच्च हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र में अल्पाइन चरागाहों और वनों के स्थायी प्रबंधन को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
- मिश्रा समिति रिपोर्ट 1976:
- इसका नाम उत्तर प्रदेश के तत्कालीन गढ़वाल आयुक्त एमसी मिश्रा के नाम पर रखा गया। इस रिपोर्ट में जोशीमठ में भूमि धँसाव पर निष्कर्ष का विवरण था।
- रिपोर्ट की सिफारिशों के अंतर्गत क्षेत्र में भारी निर्माण कार्य, विस्फोट, सड़क मरम्मत और अन्य निर्माण गतिविधियों के लिये खुदाई एवं पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध लगाना शामिल था।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2020) शिखर पर्वत
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (B) प्रश्न. यदि आप हिमालय से होकर यात्रा करेंगे तो आपको निम्नलिखित में से कौन सा पौधा वहाँँ प्राकृतिक रूप से उगता हुआ देखने को मिलेगा? (2014)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: A प्रश्न. जब आप हिमालय में यात्रा करेंगे, तो आपको निम्नलिखित दिखाई देगा: (2012)
उपर्युक्त में से किसे हिमालय के युवा वलित पर्वत होने का प्रमाण कहा जा सकता है? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: D मेन्स:प्रश्न. हिमालय क्षेत्र और पश्चिमी घाट में भूस्खलन के कारणों के बीच अंतर बताइये। (2021) प्रश्न. हिमालय के ग्लेशियरों के पिघलने से भारत के जल संसाधनों पर कौन से दूरगामी प्रभाव पड़ेंगे? (2020) प्रश्न . "हिमालय में भूस्खलन की अत्यधिक संभावना है।" इसके कारणों पर चर्चा करते हुए इसके शमन हेतु उपयुक्त उपाय बताइये। (2016) |
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 08 सितंबर, 2023
ब्राइट स्टार-23
- सरयू श्रेणी का नौसेना अपतटीय गश्ती पोत (NOPV), INS सुमेधा ‘अभ्यास ब्राइट स्टार-23' के लिये मिस्र के पोर्ट अलेक्जेंड्रिया पहुँचा।
- यह मिस्र के पोत अलेक्जेंड्रिया में होने वाला एक बहुराष्ट्रीय त्रि-सेवा सैन्य अभ्यास है।
- इस सैन्य अभ्यास में 34 देश भाग ले रहे हैं, जिससे यह मध्य-पूर्व तथा उत्तरी अफ्रीका क्षेत्र में आयोजित अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त सैन्य अभ्यास बन गया है।
- अभ्यास को दो चरणों में विभाजित किया गया है: हार्बर चरण तथा समुद्री चरण।
- हार्बर चरण में क्रॉस-डेक दौरे, पेशेवर आदान-प्रदान, खेल कार्यक्रम तथा योजना संबंधी बातचीत शामिल हैं।
- समुद्री चरण में जटिल तथा उच्च तीव्रता वाले अभ्यास जैसे क्रॉस-डेक उड़ान, सतह-रोधी व वायु-रोधी अभ्यास एवं लाइव हथियार फायरिंग अभ्यास शामिल हैं।
- भारतीय नौसेना प्रथम बार अभ्यास ब्राइट स्टार में भाग ले रही है।
महत्त्वपूर्ण खनिजों के लिये इंडोनेशिया ने जताई अमेरिकी व्यापार वार्ता की इच्छा
- इंडोनेशिया ने महत्त्वपूर्ण खनिजों के लिये अमेरिकी व्यापार वार्ता की इच्छा जताई है।
- इंडोनेशिया अपने विशाल निकल भंडार का लाभ उठाते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों और उनकी बैटरियों के विनिर्माण क्षेत्र में एक प्रमुख अभिकर्त्ता बनना चाहता है।
- इंडोनेशिया विश्व भर के 21 मिलियन मीट्रिक टन के सबसे बड़े निकल भंडार का उत्पादक और धारक है।
- महत्त्वपूर्ण खनिज वे खनिज और धातुएँ हैं जिनका उपयोग विशिष्ट औद्योगिक, तकनीकी तथा रणनीतिक उद्देश्यों के लिये किया जाता है।
- वे हरित और डिजिटल अर्थव्यवस्था तथा सौर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहन, पवन टरबाइन व विद्युत नेटवर्क जैसे कई स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिये बिल्डिंग ब्लॉक हैं।
- कोबाल्ट, कॉपर, गैलियम, जर्मेनियम, ग्रेफाइट, हेफनियम, इंडियम, लिथियम और निकेल महत्त्वपूर्ण खनिजों के कुछ प्रमुख उदाहरण हैं।
भारतीय राष्ट्रपति करेंगी एशिया प्रशांत मानवाधिकार सम्मेलन का उद्घाटन
भारत की राष्ट्रपति, 20 सितंबर, 2023 को दिल्ली में एशिया प्रशांत के राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों (NHRIs) के द्विवार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी।
- एशिया प्रशांत फोरम (APF) के साथ साझेदारी में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में APF की 28वीं वार्षिक आम बैठक का आयोजन भी शामिल है।
- यह सम्मेलन मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा की 75वीं वर्षगाँठ को चिह्नित करेगा तथा राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों एवं पेरिस सिद्धांतों के 30 वर्ष पूर्ण होने का उत्सव भी मनाएगा।
- NHRC 12 अक्तूबर, 1993 को अस्तित्व में आया, इसे 1993 के मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम (PHRA) द्वारा स्थापित किया गया था, जिसे बाद में वर्ष 2006 में मानव अधिकार संरक्षण (संशोधन) अधिनियम द्वारा संशोधित किया गया था।
विश्व EV (इलेक्ट्रिक वाहन) दिवस
9 सितंबर को मनाया जाने वाला विश्व EV दिवस, इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के असंख्य लाभों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिये समर्पित एक वार्षिक कार्यक्रम है।
- सस्टेनेबिलिटी मीडिया कंपनी ग्रीनTV ने सबसे पहले पहल की, इसके बाद पहला विश्व इलेक्ट्रिक वाहन दिवस वर्ष 2020 में मनाया गया।
- यह दिवस धारणीय परिवहन, कम उत्सर्जन के महत्त्व और जलवायु परिवर्तन से निपटने तथा वायु गुणवत्ता में सुधार में इलेक्ट्रिक वाहनों की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर देने के लिये एक मंच के रूप में कार्य करता है।