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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 07 Dec, 2023
  • 23 min read
प्रारंभिक परीक्षा

जन्म रजिस्ट्रीकरण पर सर्वोच्च न्यायालय का नोटिस

स्रोत: द हिंदू 

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (RBD) अधिनियम, 1969 के उद्देश्य एवं इस उद्देश्य के प्रभावी कार्यान्वयन तथा पूर्ण प्राप्ति को लेकर दायर याचिका के संबंध में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। 

  • याचिका में जन्म रजिस्ट्रीकरण को एक मौलिक अधिकार के रूप में रेखांकित किया गया है जिसे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के साथ-साथ मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा में मान्यता दी गई है और व्यक्तिगत कानूनी पहचान स्थापित करने में इसका महत्त्व है।

भारत में जन्म के रजिस्ट्रीकरण से संबंधित प्रमुख प्रावधान क्या हैं?

  • जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1969: 
    • रजिस्ट्रार की नियुक्ति: RBD अधिनियम, 1969 की धारा 7 के तहत स्थानीय क्षेत्रों के उनके अधिकार क्षेत्र के भीतर जन्म के रजिस्ट्रीकरण की निगरानी के लिये रजिस्ट्रार नियुक्त किये जाते हैं।
      • ये रजिस्ट्रार नगर पालिकाओं, पंचायतों, सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों अथवा राज्य सरकार द्वारा नामित अन्य स्थानीय प्राधिकरणों जैसी विभिन्न संस्थाओं से संबद्ध व्यक्ति हो सकते हैं।
    • संस्थागत ज़िम्मेदारियाँ: जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1969 के तहत चिकित्सालय, स्वास्थ्य केंद्र, प्रसूति अथवा नर्सिंग होम जैसे संस्थान अपने परिसर में होने वाले जन्मों की रिपोर्ट रजिस्ट्रार को देने के लिये उत्तरदायी हैं।
    • नागरिकों की बाध्यता: नागरिकों को इसके अधिकार क्षेत्र में होने वाले जन्म के मामलों में 21 दिनों के भीतर रजिस्ट्रार को सूचित करना आवश्यक है।
  • जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023: इसके द्वारा डिजिटल जन्म प्रमाणपत्र के लिये मार्ग प्रशस्त किया गया, जो शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश लेने, ड्राइविंग लाइसेंस हेतु आवेदन करने, सरकारी नौकरियों, पासपोर्ट अथवा आधार, मतदाता नामांकन, विवाह का रजिस्ट्रीकरण आदि के लिये उपयोग किया जाने वाला एक एकल दस्तावेज़ होगा। 
    •  राज्यों के लिये केंद्र के नागरिक रजिस्ट्रीकरण प्रणाली (CRS) पोर्टल पर जन्म और मृत्यु को पंजीकृत करना और भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त (RGI) के साथ डेटा साझा करना अनिवार्य होगा, यह केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत कार्य करता है।

जन्म रजिस्ट्रीकरण पर सर्वोच्च न्यायालय का पिछला रुख क्या है?

  • सर्वोच्च न्यायालय के पिछले हस्तक्षेपों में गरीबों को कानूनी सहायता समिति बनाम भारत संघ मामले में वर्ष 2011 के निर्णय और वर्ष 2016 में पंजाब के स्वैच्छिक स्वास्थ्य संघ बनाम भारत संघ मामले में जन्म रजिस्ट्रीकरण के महत्त्व एवं लिंगानुपात पर लिंग-चयनात्मक गर्भपात के चिंताजनक परिणामों पर बल दिया गया था।
  • नागरिक रजिस्ट्रीकरण रिकॉर्ड के लिये एक केंद्रीकृत डेटाबेस बनाने के न्यायिक निर्देशों के बावजूद अधिकारी कथित तौर पर आदेशों का पालन करने में विफल रहे हैं, जिससे अपर्याप्त डेटा उपलब्धता के कारण पारदर्शिता और अनुसंधान में बाधा उत्पन्न हो रही है।

प्रारंभिक परीक्षा

गुजरात के गरबा नृत्य को यूनेस्को से मान्यता

स्रोत:द हिंदू 

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने बोत्सवाना में अंतर-सरकारी समिति के अपने 18वें सत्र के दौरान आधिकारिक तौर पर गुजरात के प्रतिष्ठित गरबा नृत्य को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (ICH) की अपनी प्रतिष्ठित प्रतिनिधि सूची में शामिल किया।

  • गरबा नृत्य शैली यूनेस्को की सूची में जगह बनाने वाली भारत की 15वीं सांस्कृतिक धरोहर हैकोलकाता की दुर्गा पूजा को वर्ष 2021 में इसमें शामिल किया गया था।

गरबा नृत्य क्या है?

  • गरबा गुजराती लोकनृत्य का एक रूप है जो नौ दिवसीय हिंदू त्योहार नवरात्रि के दौरान किया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न है।
    • गरबा नाम संस्कृत के गर्भ शब्द से आया है, जिसका अर्थ जीवन और सृज़न है।
  • गरबा नृत्य विभिन्न मातृ देवियों के प्रति समर्पण को दर्शाता है, प्रजनन क्षमता का जश्न मनाता है और नारीत्व का महिमामंडन करता है।
    • यह नृत्य परंपरागत रूप से एक लड़की के पहले मासिक धर्म तथा बाद में उसके आसन्न विवाह  का भी प्रतीक है।
  • यह नृत्य एक केंद्र में जलाकर रखे गए दीपक अथवा देवी शक्ति की प्रतिमा अथवा मूर्ति के आसपास किया जाता है, जो ब्रह्मांड की नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व करती है।
  • गरबा में लयबद्ध संगीत, गायन तथा ताली बजाई जाती है। यह नृत्य आयु, लिंग अथवा सामाजिक स्थिति की परवाह किये बिना कोई भी कर सकता है।
  • आधुनिक गरबा पारंपरिक रूप से पुरुषों द्वारा किया जाने वाला नृत्य डांडिया रास से काफी प्रभावित है। वर्तमान का उल्लासपूर्ण गरबा नृत्य इन दोनों नृत्यों को मिलाकर बनाया गया है।
  • गरबा सामाजिक-आर्थिक, लैंगिक तथा कठोर संप्रदाय संरचनाओं को कमज़ोर करके सामाजिक समानता को बढ़ावा देता है।
    • इसमें विविध तथा हाशियाई समुदाय के लोग भाग लेते हैं जिससे सामुदायिक बंधन मज़बूत होता है।

यूनेस्को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (ICH) क्या है?

  • परिचय:
    • यूनेस्को ICH एक शब्द है जो उन प्रथाओं, प्रतिनिधित्वों, अभिव्यक्तियों, ज्ञान, कौशल और सांस्कृतिक स्थानों को संदर्भित करता है जिन्हें किसी समुदाय, समूह या व्यक्ति की सांस्कृतिक विरासत के हिस्से के रूप में मान्यता दी जाती है।
    • यूनेस्को ने ICH को "मानवता की सांस्कृतिक विविधता का मुख्य स्रोत और इसका रखरखाव, निरंतर रचनात्मकता की गारंटी" के रूप में परिभाषित किया है।
    • वर्ष 2003 में यूनेस्को ने अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (ICH) की सुरक्षा के लिये कन्वेंशन का अंगीकरण किया, जो मानव संस्कृति की विविध अभिव्यक्तियों की रक्षा, प्रचार एवं संचार करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
    • सम्मेलन ICH के लिये दो महत्त्वपूर्ण सूचियाँ स्थापित करता है।
      • प्रतिनिधि सूची: ICH की वैश्विक विविधता को प्रदर्शित करते हुए यह सूची इसके महत्त्व और विशेषता के बारे में जागरूकता बढ़ाती है।
      • तत्काल सुरक्षा सूची: खतरे में पड़े ICH की पहचान करते हुए यह सूची इसके अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिये तत्काल उपायों की मांग करती है।
  • ICH के उदाहरण:
    • भाषाएँ, मौखिक परंपराएँ, साहित्य और कविता।
    • प्रदर्शन कलाएँ, जैसे- संगीत, नृत्य और रंगमंच।
    • सामाजिक प्रथाएँ, रीति-रिवाज़ और उत्सव संबंधी कार्यक्रम।
    • प्रकृति और ब्रह्मांड से संबंधित ज्ञान एवं अभ्यास।
    • पारंपरिक शिल्प कौशल, जैसे- मृदभांड/मिट्टी के बर्तन, बुनाई और धातुकर्म।

भारत की मौज़ूदा यूनेस्को की ICH सूची:

15. गुजरात का गरबा नृत्य

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

मेन्स:

प्रश्न. भारतीय कला विरासत की रक्षा करना वर्तमान समय की आवश्यकता है। चर्चा कीजिये। (2018)


प्रारंभिक परीक्षा

हरियाणा में अवैध खनन मामले में NGT का दखल

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने हाल ही में गुड़गाँव के रिठोज गाँव में अवैध खनन संबंधी चिंताओं को दूर करने में विफलता के लिये हरियाणा राज्य के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।

अवैध खनन क्या है?

  • परिचय: सरकारी अधिकारियों से आवश्यक परमिट, लाइसेंस या नियामक अनुमोदन के बिना भूमि या जल निकायों से खनिजों, अयस्कों या अन्य मूल्यवान संसाधनों का निष्कर्षण अवैध खनन है।
    • इसमें पर्यावरण, श्रम और सुरक्षा मानकों का उल्लंघन भी शामिल हो सकता है।
  • भारत में खनन से संबंधित कानून:
    • भारत के संविधान की सूची II (राज्य सूची) के क्रम संख्या 23 की प्रविष्टि राज्य सरकार को उसकी सीमाओं के भीतर स्थित खनिजों का स्वामित्व देने का आदेश देती है।
    • सूची I (केंद्रीय सूची) के क्रम संख्या 54 की प्रविष्टि केंद्र सरकार को भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के भीतर खनिजों का मालिकाना अधिकार देती है।
      • इसके अनुसरण में वर्ष 1957 का खान और खनिज (विकास एवं विनियमन)/MMDR अधिनियम बनाया गया था।
        • लघु खनिजों से संबंधित नीति और कानून बनाने की शक्ति पूरी तरह से राज्य सरकारों को सौंपी गई है, जबकि प्रमुख खनिजों से संबंधित नीति और कानून केंद्र सरकार के तहत खनन मंत्रालय द्वारा निपटाए जाते हैं।

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण क्या है?

  • स्थापना: NGT की स्थापना अक्तूबर 2010 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट, 2010 के तहत की गई थी।
    • इसका प्राथमिक उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, वनों के संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से संबंधित मामलों के त्वरित एवं कुशल समाधान की सुविधा प्रदान करना है।
    • वर्तमान में NGT की बैठक के लिये नई दिल्ली प्रमुख स्थान है, भोपाल, पुणे, कोलकाता और चेन्नई को ट्रिब्यूनल की बैठक के अन्य चार स्थानों के रूप में नामित किया गया है।
  • संरचना
    • ट्रिब्यूनल का अध्यक्ष इसका प्रमुख होता है जो प्रधान पीठ में बैठता है और इसमें कम-से-कम 10 लेकिन 20 से अधिक न्यायिक सदस्य और विशेषज्ञ सदस्य होते हैं।
      • अध्यक्ष की नियुक्ति भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के परामर्श से केंद्र सरकार द्वारा की जाती है।
      • न्यायिक सदस्यों और विशेषज्ञ सदस्यों की नियुक्ति के लिये केंद्र सरकार द्वारा एक चयन समिति का गठन किया जाएगा।
  • कानूनी आदेश: ट्रिब्यूनल का अधिकार क्षेत्र पर्यावरणीय अधिकारों को लागू करना, व्यक्तियों और संपत्ति को हुए नुकसान के लिये राहत, मुआवज़ा देने, पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी समस्या का समाधान करने तक विस्तृत है।
    • यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित नागरिक प्रक्रिया संहिता,1908 में निर्धारित प्रक्रियात्मक नियमों द्वारा स्वतंत्र रूप से संचालित होता है।
    • राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010 की अनुसूची I में उल्लिखित कानूनों में शामिल विषयों से संबंधित पर्यावरणीय क्षति के लिये राहत और मुआवज़े की मांग करने वाला कोई भी व्यक्ति अधिकरण से संपर्क कर सकता है। अनुसूची I में ये प्रावधान हैं:
      • जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974
      • जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) उपकर अधिनियम, 1977
      • वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980
      • वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981
      • पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986
      • सार्वजनिक दायित्व बीमा अधिनियम, 1991
      • जैवविविधता अधिनियम, 2002

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन.जी.टी) किस प्रकार केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सी.पी.सी.बी) से भिन्न है? (2018)

  1. एन.जी.टी का गठन एक अधिनियम द्वारा किया गया है, जबकि सी.पी.सी.बी का गठन सरकार के कार्यपालक आदेश से किया गया है।
  2. एन.जी.टी पर्यावरणीय न्याय उपलब्ध करता है तथा उच्चतर न्यायालयों में मुकदमों के भार को कम करने में सहायता करता है, जबकि सी.पी.सी.बी झरनों तथा कुँओं की सफाई को प्रोत्साहित करता है, तथा देश में वायु की गुणवत्ता में सुधार लाने का लक्ष्य रखता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (b)


प्रश्न. राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010 भारत के संविधान के निम्नलिखित में से किस प्रावधान के अनुरूप बनाया गया था? (2012)

  1. स्वस्थ पर्यावरण का अधिकार, अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का एक हिस्सा माना जाता है।
  2. अनुच्छेद 275(1) के अंतर्गत अनुसूचित जनजातियों के कल्याण हेतु अनुसूचित क्षेत्रों में प्रशासन का स्तर बढ़ाने हेतु अनुदान का प्रावधान।
  3. अनुच्छेद 243(A) के तहत उल्लिखित ग्राम सभा की शक्तियाँ और कार्य।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3 
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)


मेन्स:

प्रश्न. गोंडवानालैंड के देशों में से एक होने के बावजूद भारत के खनन उद्योग अपने सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी) में बहुत कम प्रतिशत का योगदान देते हैं। विवेचना कीजिये। (2021)

प्रश्न. "प्रतिकूल पर्यावरणीय प्रभाव के बावजूद कोयला खनन विकास के लिये अभी भी अपरिहार्य है"। विवेचना कीजिये। (2017)


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 07 दिसंबर, 2023

गूगल द्वारा प्रोजेक्ट जेमिनी का अनावरण

हाल ही में गूगल ने मानव-सदृश व्यवहार प्रदर्शित करने के लिये डिज़ाइन किये गए एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) मॉडल, प्रोजेक्ट जेमिनी का अनावरण किया है।

  • इस विकास से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के मौज़ूदा होड़ को बढ़ावा मिलने एवं प्रौद्योगिकी के संभावित लाभों व जोखिमों को लेकर बहस बढ़ने की संभावना है।
  • जेमिनी का लक्ष्य गूगल के AI-संचालित चैटबॉट बार्ड के कार्यों की सहजता और दक्षता में वृद्धि करना है, विशेषकर उन कार्यों में जिनमें योजना बनाना शामिल है।
  • गूगल डीपमाइंड (Google DeepMind) जेमिनी को संचालित करने वाला AI प्रभाग है, यह संभावित वैज्ञानिक सफलताएँ प्रदर्शित करते हुए गणित व भौतिकी में इस मॉडल की समस्या-समाधान कौशल पर ज़ोर देता है।
  • हालाँकि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के कारण रोज़गार विस्थापन, गलत सूचना के प्रसार को लेकर चिंताएँ देखी जाती हैं।

अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन दिवस 2023

अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन दिवस (ICAD) प्रतिवर्ष 7 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन की स्थापना वर्ष 1994 में अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (ICAO) की 50वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य पर की गई थी।

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1996 में इस दिन को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी।
  • ICAD का उद्देश्य राष्ट्रों के सामाजिक तथा आर्थिक विकास में अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन की महत्त्वपूर्ण भूमिका की वैश्विक मान्यता को बढ़ावा देना है।
    • यह मानवता के लाभ के लिये एक समावेशी एवं कुशल वैश्विक पारगमन नेटवर्क स्थापित करने के लिये राज्यों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने में ICAO की अद्वितीय स्थिति को रेखांकित करता है।
  • वर्ष 2023 के लिये इसकी थीम: "वैश्विक विमानन विकास हेतु उन्नत नवाचार" (Advancing Innovation for Global Aviation Development) है।
  • ICAO एक संयुक्त राष्ट्र एजेंसी है जो अंतर्राष्ट्रीय हवाई मार्गनिर्देशन का समन्वय करती है। इसकी स्थापना वर्ष 1944 में अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन पर अभिसमय (शिकागो कन्वेंशन) के प्रबंधन के लिये की गई थी।
  • भारत ICAO का सदस्य है तथा इसका मुख्यालय मॉन्ट्रियल, कनाडा में स्थित है।

और पढ़ें…अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (ICAO)

मिशन शक्ति के अंतर्गत "नारी अदालत" का क्रियान्वयन

महिला एवं बाल विकास मंत्री ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में 15वें वित्त आयोग के दौरान एक एकीकृत महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम 'मिशन शक्ति' के कार्यान्वयन के बारे में जानकारी दी, यह कार्यक्रम महिलाओं की रक्षा, सुरक्षा और सशक्तीकरण सुनिश्चित करेगा।

  • 'मिशन शक्ति' में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिये क्रमशः दो उप-योजनाएँ 'संबल (Sambal)' और 'सामर्थ्य (Samarthya)' शामिल हैं।
  • वन स्टॉप सेंटर (OSC), महिला हेल्पलाइन (181-WHL), बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) और नारी अदालत की योजनाएँ 'संबल' उप-योजना का हिस्सा हैं।
  • प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY), पालना, शक्ति सदन, सखी निवास और महिलाओं के सशक्तीकरण के लिये हब का घटक 'सामर्थ्य (Samarthya)' उप योजना का हिस्सा है।
  • सरकार ने मिशन शक्ति के तहत चरणबद्ध तरीके से "नारी अदालत" के घटक को लागू करने का निर्णय लिया है। पहले चरण में नारी अदालत के घटक को लागू करने के लिये मंत्रालय द्वारा असम राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का चयन किया गया है।

और पढ़ें… कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न, उज्ज्वला

साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड “मियावाकी” वृक्षारोपण पद्धति का उपयोग करेगी

छत्तीसगढ़ में वन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये देश की सबसे बड़ी कोयला खदान गेवरा खदान के आसपास साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) अपने परिचालन क्षेत्रों में पहली बार मियावाकी पद्धति का उपयोग करके वृक्षारोपण करेगी।

  • वृक्षारोपण की मियावाकी पद्धति की शुरुआत 1970 के दशक में जापान में हुई थी। वृक्षारोपण की इस तकनीक में प्रत्येक वर्ग मीटर के देशीय पेड़, झाड़ियाँ और ग्राउंडकवर पौधे लगाना शामिल है। यह विधि भूमि के छोटे टुकड़ों के लिये आदर्श है और ऊँचे पेड़ों की घनी कैनोपी बनाती है।
  • ‘मियावाकी वृक्षारोपण’ के लिये चुनी गई प्रजातियाँ आमतौर पर ऐसे पौधों की होती हैं जिन्हें बहुत अधिक रखरखाव की आवश्यकता नहीं होती है और वे प्रतिकूल मौसम, पानी की कमी की स्थिति में जीवित रह सकते हैं, मौजूदा परिस्थितियों में तेज़ी से बढ़ सकते हैं तथा हरे आवरण की घनी परत बना सकते हैं।

और पढ़ें… शहरी वन, जलवायु परिवर्तन


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