जादुई मशरूम: गैनोडर्मा ल्यूसिडम
हाल ही में व्यापार और आजीविका के लिये लकड़ी के लट्ठों और बुरादे पर खेती करके गैनोडर्मा ल्यूसिडम (जादुई मशरूम) को लोकप्रिय बनाने हेतु वैश्विक स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं।
प्रमुख बिंदु
जादुई मशरूम के बारे में:
- यह मधुमेह, कैंसर, सूजन, अल्सर के साथ-साथ बैक्टीरिया और त्वचा के संक्रमण जैसी बीमारियों को ठीक करने हेतु सदियों में उपयोग किया जाने वाला एक औषधीय मशरूम है।
- हालांँकि भारत में इस कवक अर्थात् जादुई मशरूम /गैनोडर्मा ल्यूसिडम की क्षमता का अभी भी पता लगाया जा रहा है।
- इसे दुनिया में सबसे महत्त्वपूर्ण औषधीय मशरूम में से एक माना जाता है क्योंकि इसके रासायनिक घटक में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं।
- इसे "अमरता का मशरूम" (Mushroom Of Immortality), "आकाशीय जड़ी-बूटी" (Celestial Herb) और "शुभ जड़ी-बूटी" (Auspicious Herb) जैसे उपनाम दिये गए हैं। इसे विश्व स्तर पर "लाल ऋषि मशरूम" (Red Reishi Mushroom) के रूप में भी जाना जाता है।
- इस मशरूम के उपयोग के बारे में जानकारी 5,000 साल पहले के चीन के इतिहास में मिल सकता है। इसका उल्लेख जापान, कोरिया, मलेशिया और भारत जैसे देशों के ऐतिहासिक एवं चिकित्सा अभिलेखों में भी मिलता है।
- सामान्य मशरूम के विपरीत इस मशरूम की खासियत यह है कि यह केवल लकड़ी या लकड़ी पर आधारित सब्सट्रेट (Substrate) पर उगता है।
- यह गर्म और आर्द्र जलवायु में अच्छी तरह से पनपता है तथा उपोष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण क्षेत्रों के मिश्रित जंगलों में अधिमानतः बढ़ता है।
- इसमें 400 से अधिक रासायनिक घटक शामिल होते है, जिनमें ट्राइटरपेन, पॉलीसेकेराइड, न्यूक्लियोटाइड, अल्कलॉइड, स्टेरॉयड, अमीनो एसिड, फैटी एसिड और फिनोल शामिल हैं।
- ये इम्यूनोमॉड्यूलेटरी (Immunomodulatory), एंटी-हेपेटाइटिस, एंटी-ट्यूमर, एंटीऑक्सिडेंट, एंटीमाइक्रोबियल, एंटी-ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV), एंटी-मलेरियल, हाइपोग्लाइकेमिक (Hypoglycaemic) और एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे औषधीय गुण प्रदर्शित करते हैं।
- दवाओं के अलावा गैनोडर्मा ल्यूसिडम का उपयोग चाय, कॉफी, एनर्जी सप्लीमेंट, हेल्थ बूस्टर, पेय पदार्थ, पकी हुई सामग्री और एंटी-एजिंग सौंदर्य प्रसाधन जैसे उत्पादों के निर्माण के लिये एक आधार सामग्री के रूप में भी किया जाता है।
भारत में इसकी खेती का दायरा क्या है?
- इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन चीन, जापान, कोरिया, मलेशिया, थाईलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका देशों तक सीमित है।
- गैनोडर्मा के बारे में जागरूकता फैल रही है तथा इस मशरूम की मांग ने भारत सहित कई देशों को बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन करने और इसके उत्पादों के निर्माण के लिये प्रेरित किया है।
- भारत एक ऐसा देश है जहाँ अधिकांश आबादी मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है और यहाँ इस मशरूम की खेती करने की काफी संभावनाएँ हैं।
- इसे घर के अंदर उगाया जा सकता है और इस प्रकार यह चरम मौसम की स्थिति, मानव-वन्यजीव संघर्ष, कठोर स्थलाकृति व खराब मिट्टी की स्थिति के प्रभावों से सुरक्षित है।
- वर्तमान में भारत में मशरूम अधिकतर प्रयोगशाला अनुसंधान तक ही सीमित है। हालाँकि विभिन्न भारतीय संगठनों द्वारा इसकी खेती के लिये कुछ सफल प्रयास किये गए हैं।
- इसकी खेती देश में लकड़ी के लट्ठों पर की जाती है।
- इसमें आजीविका सृजन की अपार संभावनाएँ हो सकती हैं, लेकिन इस संबंध में कुछ चुनौतियाँ भी हैं।
- ‘गनोडर्मा ल्यूसिडम’ के सूखे फल या कच्चे पाउडर को 4,000-5000 रुपए प्रति किलोग्राम पर बेचा जा सकता है।
स्रोत: डाउन टू अर्थ
कोरोनावायरस का XE वेरिएंट
हाल ही में मुंबई में एक 50 वर्षीय महिला के कोरोनावायरस के नए खोजे गए 'XE' वेरिएंट (‘XE’ variant) से संक्रमित होने की संभावना है।
- XE वेरिएंट ओमिक्रॉन का एक सब-वेरिएंट है। ओमिक्रॉन भारत में Covid-19 की तीसरी लहर के लिये ज़िम्मेदार है। हालाँकि अभी तक भारत में XE वेरिएंट नही पाया गया है।
- अभी तक इस बात के कोई संकेत नहीं मिले हैं कि यह अन्य वेरिएंट से अधिक खतरनाक है।
प्रमुख बिंदु
कोरोनावायरस के XE वेरिएंट के बारे में:
- ओमिक्रॉन वेरिएंट, जो वर्ष 2022 में पाए गए 90% से अधिक संक्रमणों के लिये ज़िम्मेदार है, के दो प्रमुख सब-वेरिएंट BA.1 और BA.2 हैं।
- XE वैरिएंट को 'पुनः संयोजक' (Recombinant) कहा जाता है। इसका मतलब है कि इसमें ओमिक्रॉन BA.1 वेरिएंट के साथ-साथ BA.2 वेरिएंट में होने वाले उत्परिवर्तन (Mutations) भी शामिल हैं।
- पुनः संयोजक वेरिएंट असामान्य नहीं हैं।
- उदाहरण के लिये डेल्टा और ओमिक्रॉन के विशिष्ट उत्परिवर्तन वाले वेरिएंट की भी पहचान की गई है।
- पहली बार इसे जनवरी 2022 में यूनाइटेड किंगडम में खोजा गया और अब तक विभिन्न देशों में XE के 600 से अधिक नमूने मिल चुके हैं।
- वास्तव में डेल्टा और ओमिक्रॉन के विशिष्ट उत्परिवर्तन वाले वेरिएंट की भी पहचान की गई है।
XE वेरिएंट से खतरा:
- अभी तक इस बात के कोई सबूत नहीं है कि XE वेरिएंट ओमिक्रॉन के अन्य वेरिएंट से काफी अलग है या नहीं।
- हालाँकि इस वेरिएंट को प्रमुख ‘BA.2’ वेरिएंट की तुलना में लगभग 10% अधिक पारगम्य माना जाता है।
- भारत में तीसरी लहर के दौरान ‘BA.2’ ही सबसे प्रभावशाली था।
- फिर भी भारत में संक्रमण की एक नई लहर की संभावना को कभी भी खारिज नहीं किया जा सकता है, खासतौर पर यह देखते हुए कि वायरस अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है और उत्परिवर्तन अभी भी जारी है।
नए वेरिएंट कैसे बनते हैं?
- जब कोई वायरस अपनी प्रतिकृति बनाता है तो वह हमेशा अपनी एक सटीक प्रतिकृति नहीं बना पाता है।
- इसका तात्पर्य यह है कि समय के साथ वायरस अपने आनुवंशिक अनुक्रम के संदर्भ में थोड़ा भिन्न होना शुरू कर सकता है।
- इस प्रक्रिया के दौरान वायरस के आनुवंशिक अनुक्रम में कोई भी परिवर्तन, उत्परिवर्तन यानी म्यूटेशन के रूप में जाना जाता है।
- नए म्यूटेशन वाले वायरस को कभी-कभी वेरिएंट कहा जाता है। वेरिएंट एक या कई म्यूटेशन से भिन्न हो सकते हैं।
- जब एक नए वेरिएंट में मूल वायरस की तुलना में अलग-अलग कार्यात्मक गुण होते हैं और यह जन आबादी के बीच अपना स्थान बना लेता है, तो इसे कभी-कभी वायरस के नए स्ट्रेन के रूप में जाना जाता है।
- सभी स्ट्रेन, वेरिएंट होते हैं लेकिन सभी वेरिएंट स्ट्रेन नहीं होते।
विगत वर्षों के प्रश्न:प्रश्न. ‘जैव सूचना विज्ञान’ के विकास के संदर्भ में कभी-कभी समाचारों में देखा जाने वाला शब्द 'ट्रांसक्रिप्टोम' संदर्भित करता है- (a) जीनोम एडिटिंग में प्रयुक्त एंजाइमों की एक शृंखला उत्तर: (b)
प्रश्न: निम्नलिखित पर विचार कीजिये:
उपर्युक्त में से किसे कृत्रिम/सिंथेटिक माध्यम में संवर्द्धित किया जा सकता है? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (a) व्याख्या:
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 07 अप्रैल, 2022
‘टेंपल 360’ पोर्टल
हाल ही में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा ‘टेंपल 360’ पोर्टल लॉन्च किया गया है। यह एक अनूठा पोर्टल है जिसके माध्यम से देश भर से श्रद्धालु मंदिरों या प्रमुख तीर्थ स्थलों के ऑनलाइन दर्शन कभी भी और कहीं से भी कर सकते हैं। इस पोर्टल पर देश के विभिन्न मंदिरों के लाइव कैमरा फीड उपलब्ध कराए जाएंगे। संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी द्वारा इस पोर्टल का अनावरण किया गया है। इस पोर्टल को सरकार के आज़ादी का अमृत महोत्सव के अनुरूप बनाया गया है, जिस पर कोई भी व्यक्ति वेबसाइट के माध्यम से देश के मंदिरों में विभिन्न लाइव कैमरा फीड द्वारा चौबीसों घंटे मंदिर के दर्शन प्राप्त कर सकता है।
शीघ्र ही श्रद्धालु इस पोर्टल पर चार धामों अर्थात् बद्रीनाथ (उत्तराखंड), द्वारका (गुजरात), रामेश्वरम (तमिलनाडु) और पुरी (ओडिशा) से 12 ज्योतिर्लिंग के साथ-साथ अनुष्ठानों की लाइव स्ट्रीमिंग द्वारा दर्शन प्राप्त कर सकेंगे।
गणगौर उत्सव
राजस्थान में गणगौर उत्सव मनाया जा रहा है। इस उत्सव का आयोजन राजस्थान और मध्य प्रदेश, गुजरात और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में किया जाता है। यह राजस्थान के सबसे महत्त्वपूर्ण त्योहारों में से एक है और पूरे राज्य में इसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। मार्च से अप्रैल तक चलने वाले इस उत्सव की अवधि के दौरान महिलाएंँ भगवान शिव की पत्नी गौरी की पूजा करती हैं। यह त्योहार फसल, वसंत, प्रसव और वैवाहिक निष्ठा के जश्न के रूप में मनाया जाता है। अविवाहित महिलाएंँ अच्छा पति पाने के लिये माता गौरी का आशीर्वाद लेने हेतु उनकी पूजा करती हैं। विवाहित महिलाएंँ स्वास्थ्य, कल्याण, सुखी वैवाहिक जीवन और अपने पति की लंबी उम्र के लिये पूजा करती हैं। चैत्र के पहले दिन यह त्योहार शुरू होता है और 16 दिनों तक चलता है। नवविवाहिता के लिये यह पर्व मनाना अनिवार्य है। साथ ही अविवाहित लड़कियांँ इस त्योहार के दौरान 16 दिनों तक उपवास रखती हैं और हर दिन केवल एक बार भोजन करती हैं। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को इस पर्व का समापन होता है। इस अवधि के दौरान गणगौर मेले आयोजित किये जाते हैं। गणगौर के इस त्योहार पर मिट्टी से माता गौरी की प्रतिमाएंँ निर्मित की जाती हैं। कुछ राजपूत परिवारों में प्रतिष्ठित चित्रकारों द्वारा प्रतिवर्ष स्थायी लकड़ी की छवियों को चित्रित किया जाता है, जिन्हें इस त्योहार की पूर्व संध्या पर माथेरान के रूप में जाना जाता है।
विनय मोहन क्वात्रा
हाल ही में भारत सरकार ने विनय मोहन क्वात्रा (Vinay Mohan Kwatra) को भारत के अगले विदेश सचिव (Foreign Secretary) के रूप में नामित किया है, वे वर्तमान में वर्ष 2020 से नेपाल में भारतीय राजदूत के पद पर नियुक्त हैं। विनय मोहन क्वात्रा भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी हैं और उन्हें कई तरह के असाइनमेंट में कार्य करने का 32 वर्ष का अनुभव है। वर्ष 2015 से वर्ष 2017 तक उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय में कार्य किया और फिर भारत के राजदूत के रूप में फ्रांँस में नियुक्त किये गए। उन्होने मानवाधिकार आयोग और संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसियों से संबंधित कार्यों को भी संभाला, उन्होंने जिनेवा स्थित ग्रेजुएट स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज़ से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों विषय में डिप्लोमा भी प्राप्त किया।
‘स्टैंड-अप इंडिया’ योजना
अप्रैल 2016 को भारत सरकार द्वारा शुरू की गई स्टैंड-अप इंडिया योजना ने 5 अप्रैल, 2022 को छह वर्ष पूरे कर लिये हैं। इस योजना को 5 अप्रैल, 2016 में आर्थिक सशक्तीकरण और रोज़गार सृजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए ज़मीनी स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिये लॉन्च किया गया था। इस योजना के उद्देश्यों में महिलाओं तथा अनुसूचित जाति (SC) तथा अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के लोगों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है, ताकि व्यापार, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में ग्रीनफील्ड उद्यम शुरू करने में निपुर्ण एवं प्रशिक्षु दोनों प्रकार के उधार लेने वालों की मदद की जा सके। इस योजना का उद्देश्य ग्रीनफील्ड उद्यम स्थापित करने के लिये अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की प्रति बैंक शाखा में कम-से-कम एक अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति उधारकर्त्ता और कम-से-कम एक महिला उधारकर्त्ता को 10 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए के बीच बैंक ऋण की सुविधा प्रदान करना है। यह उद्यम विनिर्माण, सेवा या व्यापारिक क्षेत्र से संबंधित हो सकता है। योजना का लाभ प्राप्त करने वाले लाभार्थियों में 18 वर्ष से अधिक आयु के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और/या महिला उद्यमी शामिल हो सकते हैं। योजना के तहत ऋण केवल ग्रीनफील्ड परियोजनाओं के लिये उपलब्ध है।