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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 05 Aug, 2022
  • 41 min read
प्रारंभिक परीक्षा

टैंक रोधी निर्देशित मिसाइल (एटीजीएम)

हाल ही में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने स्वदेशी रूप से विकसित लेज़र-गाइडेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।

ATGM

लेज़र-गाइडेड टैंक रोधी निर्देशित मिसाइल (ATGM):

  • टैंक रोधी निर्देशित मिसाइलें:
    • ATGMs मुख्य रूप से भारी बख्तरबंद सैन्य वाहनों को मार गिराने और नष्ट करने के लिये डिज़ाइन किये गए हैं।
      • मिसाइलों को एक ही सैनिक द्वारा बड़े त्रिपोड -माउंटेड वेपन तक ले जाया जा सकता है, जिसमें वाहन और विमान माउंटेड मिसाइल प्रणालियों के परिवहन तथा फायर करने हेतु एक दस्ते या टीम की आवश्यकता होती है।
    • इस प्रकार की निर्देशित मिसाइलें इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल इमेजर (IIR) साधक, लेज़र या W-बैंड रडार साधक पर निर्भर करती हैं।
      • ये 'फायर-एंड-फॉरगेट' मिसाइलें हैं जहाँ संचालक फायरिंग के तुरंत बाद पीछे हट सकता है क्योंकि इसके बाद मार्गदर्शन की आवश्यकता नहीं होती है।
  • लेज़र-गाइडेड ATGMs:
    • सभी स्वदेशी लेज़र निर्देशित ATGM विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच (Explosive Reactive Armour-ERA) संरक्षित बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने के लिये टेंडेम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक (HEAT) वारहेड का उपयोग करता है।
    • ATGM को मल्टी-प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता के साथ विकसित किया गया है और वर्तमान में MBT अर्जुन 120 मिमी राइफल्ड बंदूक तकनीकी मूल्यांकन परीक्षण से गुज़र रही है।

अन्य  टैंक रोधी मिसाइलें:

  • हेलिना:
    • इसकी अधिकतम सीमा सात किलोमीटर है और इसे एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (Advanced Light Helicopter-HAL) के हथियारयुक्त संस्करण के एकीकरण हेतु डिज़ाइन एवं विकसित किया गया है।
    • इस मिसाइल प्रणाली का प्रक्षेपण दिन और रात किसी भी समय किया जा सकता है तथा यह पारंपरिक कवच एवं विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच के साथ युद्धक टैंक को भेदने में सक्षम है।

HELINA

  • नाग:
    • यह तीसरी पीढ़ी की ‘दागो और भूल जाओ’ (Fire-and-Forget) के सिद्धांत पर आधारित एक एंटी टैंक मिसाइल है, जिसे दुश्मन के टैंकों पर हमला करने हेतु विकसित किया गया है।

NAG-Missile

  • MPATGM:
    • यह मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल है जिसमें पैदल सेना के उपयोग के लिये फायर-एंड-फॉरगेट और शीर्ष हमले की क्षमता के साथ इसकी रेंज 2.5 किलोमीटर है।

MPATGM

  • SANT:
    • यह एक स्मार्ट स्टैंड-ऑफ एंटी-टैंक मिसाइल है जिसे वायु सेना के टैंक-रोधी अभियान हेतु Mi-35 हेलीकॉप्टर से लॉन्च करने के लिये विकसित किया जा रहा है।

SANT

  • अर्जुन मेन बैटल टैंक’ (MBT) ‘MK-1A’:
    • अर्जुन मेन बैटल टैंक एक लेज़र-निर्देशित, सटीक-निर्देशित युद्ध सामग्री है। इसमे स्वदेशी रूप से विकसित 120mm राइफल और आर्मर पियर्सिंग फिन-स्टैबिलाइज़्ड डिस्करिंग सबोट (FSAPDS) युद्धोपकरण शामिल हैं।+

MK-1A

यूपीएससी  सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में देखा जाने वाला "टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD)" क्या है? (2018)

(a) एक इज़रायली रडार प्रणाली
(b) भारत का स्वदेशी मिसाइल रोधी कार्यक्रम
(c) एक अमेरिकी मिसाइल रोधी प्रणाली
(d) जापान और दक्षिण कोरिया के मध्य एक रक्षा सहयोग

उत्तर:(c)

व्याख्या:

  • टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) एक अमेरिकी मिसाइल रोधी प्रणाली है जिसे लक्ष्य की ओर उड़ान के "टर्मिनल" चरण के दौरान छोटी और मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने एवं नष्ट करने के लिये निर्मित किया गया है।
  • थाड अंतरिक्ष-आधारित और ज़मीन-आधारित निगरानी स्टेशन से जुड़ा होता है। यह स्टेशन अपनी तरफ आने वाली मिसाइलों के बारे में ‘थाड इंटरसेप्टर मिसाइल’ (Thaad Interceptor Missile) को डेटा ट्रांसफर कर खतरे के प्रकार के बारे में सूचित करता है।
  • इसके पास वातावरण के अंदर और बाहर मिसाइल को रोकने की क्षमता है।
  • यह अन्य बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणालियों के साथ इंटरऑपरेबल है और इसे कहीं भी अत्यधिक आसानी तैनात किया जा सकता है ।

अतः विकल्प C सही है।


अग्नि-IV मिसाइल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2014)

  1. यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है।
  2. यह केवल तरल प्रणोदक द्वारा संचालित होती है।
  3. यह लगभग 7500 किमी दूर एक टन परमाणु आयुध पहुँचा सकती है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर:  (a)

व्याख्या:

  • अग्नि- IV भारत की परमाणु-संपन्न लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 4,000 किमी. है।
  • स्वदेश निर्मित अग्नि- IV सतह से सतह पर मार करने वाली दो चरणों वाली मिसाइल है। यह 17 टन वज़न के साथ 20 मीटर लंबी है। अत: कथन 1 सही है।
  • यह दो चरणों वाली ठोस ईंधन प्रणाली है जो एक टन के परमाणु हथियार को 4,000 किलोमीटर की दूरी तक ले जा सकती है। अत: कथन 2 और 3 सही नहीं हैं।

अत: विकल्प (a) सही उत्तर है।

स्रोत: पी.आई.बी.


प्रारंभिक परीक्षा

केंद्रीय सतर्कता आयोग

हाल ही में सरकार ने सुरेश एन पटेल को केंद्रीय सतर्कता आयोग का नया प्रमुख नियुक्त किया है।

केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC):

  • परिचय:
    • CVC को सरकार द्वारा फरवरी 1964 में के. संथानम की अध्यक्षता वाली भ्रष्टाचार निवारण समिति (Committee on Prevention of Corruption) की सिफारिशों पर स्थापित किया गया था।
    • केंद्रीय सतर्कता आयोग एक शीर्षस्‍थ सतर्कता संस्‍थान है जो किसी भी कार्यकारी प्राधिकारी के नियंत्रण से मुक्‍त है तथा केंद्रीय सरकार के अंतर्गत सभी सतर्कता गतिविधियों की निगरानी करता है, साथ ही केंद्रीय सरकारी संगठनों में विभिन्‍न प्राधिकारियों को उनके सतर्कता कार्यों की योजना बनाने, निष्‍पादन करने, समीक्षा करने एवं सुधार करने के संबंध में सलाह देता है।
    • संसद ने केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 (CVC अधिनियम) अधिनियमित किया, जो CVC को वैधानिक दर्जा प्रदान करता है।
    • यह एक स्वतंत्र निकाय है जो केवल संसद के प्रति उत्तरदायी है।
    • यह भारत के राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।
  • सदस्य:
    • केंद्रीय सतर्कता आयुक्त- अध्यक्ष।
    • अधिकतम दो सतर्कता आयुक्त- सदस्य।
  • कार्य:

व्हिसल ब्लोअर एक ऐसा व्यक्ति होता है, जो किसी कंपनी या सरकारी एजेंसी का कर्मचारी या बाहरी व्यक्ति (जैसे मीडिया, उच्च सरकारी अधिकारी, या पुलिस) हो सकता है जो किसी भी गलत काम के बारे में जनता या किसी उच्च अधिकारी को जानकारी का खुलासा (जो धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार आदि के रूप में हो सकती है।) कर सकता है।

  • विदित हो कि केंद्रीय सतर्कता आयोग कोई अन्वेषण एजेंसी नहीं है। यह CBI के माध्यम से या सरकारी कार्यालयों में मुख्य सतर्कता अधिकारियों (CVO) के माध्यम से मामले की जाँच/अन्वेषण कराता है।
  • यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत लोक सेवकों की कुछ श्रेणियों द्वारा किये गए कथित अपराधों की जाँच करने का अधिकार रखता है।

मुख्य सतर्कता आयुक्त की सेवा शर्तें:

  • नियुक्ति:
    • केंद्रीय सतर्कता आयुक्त और सतर्कता आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक समिति की सिफारिश पर की जाती है जिसमें प्रधानमंत्री (अध्यक्ष), गृह मंत्री (सदस्य) और लोकसभा में विपक्ष का नेता (सदस्य) शामिल होता है।
  • कार्यकाल:
    • इनका कार्यकाल 4 वर्ष अथवा 65 वर्ष (जो भी पहले हो) तक होता है।
  • पदच्युत:
    • राष्ट्रपति द्वारा दुर्व्यवहार के आधार पर उन्हें केवल तभी पद से हटाया या निलंबित किया जा सकता है, जब सर्वोच्च न्यायालय ने उनके मामले की जाँच की हो और उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश  की हो।
    • इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जाँच में उस पर कदाचार अथवा अक्षमता के मामले साबित होने पर भी हटाया जा सकता है।
    • वह राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा भी सौंप सकता/सकती है।

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) में आत्मनिर्भर

उर्वरक क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने हेतु केंद्र सरकार आत्मनिर्भर भारत पहल के एक हिस्से के रूप में भारतीय उर्वरक कंपनियों को उनकी अंतिम छोर तक आपूर्ति शृंखला को मज़बूत करने के लिये अनुशंसा और समर्थन प्रदान कर रही है।

भारत में उर्वरक उद्योग की स्थिति:

  • उर्वरक का महत्त्व:
    • कृषि एवं इससे संबद्ध क्षेत्र भारत में आय का सबसे बड़ा स्रोत है, यह क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद में 19.9% का योगदान देता है, जिसमें 54.6% जनसंख्या कृषि गतिविधियों में संलग्न है।
    • कृषि क्षेत्र काफी हद तक उर्वरक उद्योग पर निर्भर करता है, जो फसलों के उत्पादन के लिये आवश्यक सबसे महत्त्वपूर्ण कच्चे माल का निर्माण करता है।
    • इसके अलावा भारतीय उर्वरक उद्योग स्वस्थ फसलों के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (DAP), मोनोअमोनियम फॉस्फेट (MAP), नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम (NPK) तथा सिंगल सुपरफॉस्फेट (SSP) जैसे फास्फोरस उर्वरकों का उत्पादन करता है।
  • मुद्दे:
    • उर्वरक उद्योग काफी हद तक फॉस्फेट रॉक जैसे सामान्य कच्चे माल पर निर्भर करता है, जो मुख्य रूप से राजस्थान और मध्य प्रदेश से प्राप्त होता है। हालाँकि भारत अपने फॉस्फेट का 90% अन्य देशों से आयात करता है।
  • भारत में उर्वरक निर्माण:
    • भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (IFFCO) एक बहु-राज्य सहकारी समिति है जिसका मुख्यालय देश की राजधानी में है, यह सबसे बड़ी उर्वरक निर्माता और विपणक है।
    • नेशनल फर्टिलाइज़र्स लिमिटेड एक राज्य के स्वामित्व वाला निगम है जो देश में कुल यूरिया उत्पादन के लगभग 15% हिस्से का साथ यूरिया का सबसे बड़ा उत्पादक है।
  • पहल:

डाइ-अमोनियम फॉस्फेट:

  • DAP यूरिया के बाद भारत में दूसरा सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला उर्वरक है।
  • किसान आमतौर पर इस उर्वरक का प्रयोग बुवाई से ठीक पहले या बुवाई की शुरुआत में करते हैं, क्योंकि इसमें फास्फोरस (पी) की मात्रा अधिक होती है जो जड़ के विकास में सहायक होता है।
  • DAP में 46% फास्फोरस, 18% नाइट्रोजन पाई जाती है जो किसानों के लिये फास्फोरस का पसंदीदा स्रोत है। यह यूरिया के समान है, जो उनका पसंदीदा नाइट्रोजनयुक्त उर्वरक है जिसमें 46% नाइट्रोजन होता है।

DAP निर्भरता को कम करने हेतु की गई पहल:

  • विदेशों में संयुक्त उद्यमों को प्रोत्साहित करना:
    • इस दिशा में भारत की अग्रणी फॉस्फेटिक उर्वरक कंपनी कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड ने सेनेगल में स्थित रॉक फॉस्फेट खनन कंपनी, बाओबाब माइनिंग एंड केमिकल्स कॉर्पोरेशन (BMCC) में 45 प्रतिशत इक्विटी शेयर के अधिग्रहण को औपचारिक रूप दिया है।
      • इसके आलावा खनन सेनेगल में किया जाएगा और DAP का उत्पादन भारत में किया जाएगा।
    • भारत सरकार देश की उर्वरक ज़रूरतों को पूरा करने के लिये आपूर्ति सुरक्षा लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु इस तरह के निवेश को सक्षम करने के लिये उद्योग जगत के साथ साझेदारी कर रही है।
  • संभावित पोटैशियम अयस्क संसाधनों का घरेलू स्तर पर अन्वेषण:
    • खनन और भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग ने राजस्थान के सतपुड़ा, भरूसारी और लखासर में संभावित पोटाश अयस्क संसाधनों की खोज में तेज़ी लाने की योजना बनाई है, जिसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक सहित अन्य राज्य शामिल हैं।

UPSC सिविल सेवा विगत वर्षों के प्रश्न:

प्रश्न. भारत में रासायनिक उर्वरकों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)

  1. वर्तमान में रासायनिक उर्वरकों का खुदरा मूल्य बाज़ार संचालित है और यह सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं है।
  2. अमोनिया, जो यूरिया बनाने में काम आता है, प्राकृतिक गैस से उत्पन्न होता है।
  3. सल्फर, जो कि फॉस्फोरिक अम्ल उर्वरक के लिये एक कच्चा माल है, तेलशोधन कारखानों का उपोत्पाद है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 2
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • भारत सरकार उर्वरकों पर सब्सिडी देती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसानों को उर्वरक आसानी से उपलब्ध हो तथा देश कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भर बना रहे। यह काफी हद तक उर्वरक की कीमत और उत्पादन की मात्रा को नियंत्रित करके प्राप्त किया जा सकता है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • प्राकृतिक गैस से अमोनिया (NH3) का संश्लेषण किया जाता है। इस प्रक्रिया में प्राकृतिक गैस के अणु कार्बन और हाइड्रोजन में परिवर्तित हो जाते हैं। फिर हाइड्रोजन को शुद्ध किया जाता है तथा अमोनिया के उत्पादन के लिये नाइट्रोजन के साथ प्रतिक्रिया कराई जाती है। इस सिंथेटिक अमोनिया को यूरिया, अमोनियम नाइट्रेट तथा मोनोअमोनियम या डाइ-अमोनियम फॉस्फेट के रूप में संश्लेषण के बाद प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उर्वरक के तौर पर प्रयोग किया जाता है। अत: कथन 2 सही है।
  • सल्फर तेलशोधन और गैस प्रसंस्करण का एक प्रमुख उप-उत्पाद है। अधिकांश कच्चे तेल ग्रेड में कुछ सल्फर होता है, जिनमें से अधिकांश को परिष्कृत उत्पादों में सल्फर सामग्री की सख्त सीमा को पूरा करने के लिये शोधन प्रक्रिया के दौरान हटाया जाना चाहिये। यह कार्य हाइड्रोट्रीटिंग के माध्यम से किया जाता है और इसके परिणामस्वरूप एच 2 एस (H2 S) गैस का उत्पादन होता है जो मौलिक सल्फर में परिवर्तित हो जाती है। सल्फर का खनन भूमिगत, प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले निक्षेपों से भी किया जा सकता है लेकिन यह तेल तथा गैस से प्राप्त करने की तुलना में अधिक महंगा है एवं इसे काफी हद तक बंद कर दिया गया है। सल्फ्यूरिक एसिड का उपयोग मोनोअमोनियम फॉस्फेट (Monoammonium Phosphate- MAP) एवं डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (Diammonium Phosphate- DAP) दोनों के उत्पादन में किया जाता है। अत: कथन 3 सही है।

अतः विकल्प (b) सही है।

स्रोत: पी.आई.बी.


प्रारंभिक परीक्षा

लॉन बाॅल स्पोर्ट

राष्ट्रमंडल खेल 2022 में भारतीय महिला टीम ने "महिला फोर लॉन बाॅल" खेल में देश का पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

Lawn_ball

लॉन बाॅल स्पोर्ट:

  • परिचय:
    • लॉन बाॅल को अक्सर "टेन-पिन बॉलिंग" और "कर्लिंग" के शीतकालीन खेल का मिश्रण माना जाता है।
      • टेन-पिन बॉलिंग में लक्ष्य एक लेन के सभी पिनों को अंत तक नीचे ले जाना है।
        • लॉन बॉलिंग में टीम को 'बाॅल' (गेंद) को लक्ष्य के सबसे करीब लाना होता है, जिसे 'जैक' के नाम से जाना जाता है।
    • बाॅल ज़्यादातर गोलाकार गेंद जैसी वस्तुएँ होती हैं, जो आमतौर पर लकड़ी, रबर या प्लास्टिक की राल से बनी होती हैं, जिनमें चपटी भुजाएँ होती हैं।
  • खेलने की प्रक्रिया:
    • खिलाड़ी 600 मिमी लंबी और 360 मिमी चौड़ी एक चटाई के दोनों ओर खड़े होते हैं और जैक के करीब जाने के प्रयास में इन बाॅल्स को घुमाते हैं।
      • जैक या तो सफेद या पीले रंग का होता है और बाॅल से छोटा और हल्का होता है।
    • फोर्स इवेंट में पहला गेंदबाज को लीड कहा जाता है जिसका अनुसरण दूसरे तीसरे गेंदबाज द्वारा किया जाता है।
      • अंतिम गेंदबाज को 'स्किप' कहा जाता है और वह टीम का लीडर होता है।
      • प्रत्येक टीम के सदस्य को प्रति राउंड दो बाॅल मिलते हैं।
    • अंपायर "बॉक्स माप" नामक उपकरण का उपयोग करते हैं जिसमें जैक और बाॅल के बीच की दूरी को मापने के लिये फीते/स्ट्रिंग का उपयोग किया जाता है।
  • भारत की भागीदारी:
    • वर्ष1930 में इसके उद्घाटन संस्करण के बाद से लॉन बाॅल राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा रहा है।
      • अब तक इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका ने खेल में सबसे अधिक ्रमशः 51, 50 और 44 पदक जीते हैं।
      • राष्ट्रमंडल खेलों में स्कॉटलैंड अब तक 20 गोल्ड मेडल जीत चुका है।
    • भारत ने वर्ष 2010, 2014 और वर्ष 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में लॉन बाॅल स्पर्द्धाओं में भाग लिया।
      • देश का पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वर्ष 2010 में दिल्ली में महिलाओं की ट्रिपल लॉन बॉलिंग स्पर्द्धा में चौथे स्थान पर और वर्ष 2014 में ग्लासगो में राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुषों के ट्रिपल लॉन बॉलिंग स्पर्द्धा में चौथे स्थान पर था।

 राष्ट्रमंडल खेल

  • परिचय:
    • राष्ट्रमंडल खेल मल्टीस्पोर्ट इवेंट है जो राष्ट्रमंडल देशों के एथलीटों द्वारा आयोजित किया जाता है।
    • राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (CGF) राष्ट्रमंडल खेलों और राष्ट्रमंडल युवा खेलों के निर्देशन और नियंत्रण के लिये ज़िम्मेदार संगठन है।
      • इसका मुख्यालय ब्रिटेन में है, यह संगठन 72 सदस्य देशों और क्षेत्रों में काम कर रहा है।
  • विकास:
    • ऑस्ट्रेलियाई मूल के एस्टली कूपर ने पहली बार वर्ष 1891 में इस तरह के खेलों को आगे बढ़ाया, साथ ही खेल प्रतियोगिताओं को आयोजित करने का आह्वान किया ताकि ब्रिटिश साम्राज्य की एकता का प्रदर्शन किया जा सके।
      • वर्ष 1911 में किंग जॉर्ज पंचम के राज्याभिषेक के उपलक्ष्य में "साम्राज्य का उत्सव" आयोजित किया गया था।
        • यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया (ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड), कनाडा और दक्षिण अफ्रीका की टीमों ने कई कार्यक्रमों में भाग लिया जिसमें एथलेटिक्स, मुक्केबाज़ी, कुश्ती और तैराकी शामिल थी।
    • वैंकूवर, कनाडा में वर्ष 1954 में, पहली बार खेलों का आयोजन किया गया था जो अब ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा नहीं था।
  • उद्घाटन समारोह:
    • ओलिंपिक खेलों की तरह ही राष्ट्रमंडल खेलों की भी शुरुआत एक उद्घाटन समारोह से होती है।
    • यह आमतौर पर मेज़बान देश का झंडा फहराने और उसके राष्ट्रगान के प्रदर्शन के साथ शुरू होता है।
    • एक कलात्मक प्रदर्शन के बाद एथलीट स्टेडियम में परेड करते हैं, जो उस देश से शुरू होता है जिसने पिछले खेलों की मेज़बानी की थी और फिर अन्य देशों को पहले क्षेत्र एवं फिर वर्णानुक्रम में समूहीकृत किया जाता है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (पीवाईक्यू):

प्रश्न. 32वें ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

  1. इस ओलंपिक का आधिकारिक आदर्श वाक्य 'एक नई दुनिया' है।
  2. इस ओलंपिक में स्पोर्ट क्लाइंबिंग, सर्फिंग, स्केटबोर्डिंग, कराटे और बेसबॉल खेलों को शामिल किया गया है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • 32वें ग्रीष्मकालीन ओलंपियाड (टोक्यो 2020) खेल को 23 जुलाई से 8 अगस्त, 2021 तक आयोजित किया गया था। ओलंपिक खेल वर्ष 1948 से प्रत्येक चार वर्ष में आयोजित किये जाते हैं। हालाँकि टोक्यो ओलंपिक खेल, 2020 के आयोजन को कोविड महामारी के कारण वर्ष 2021 तक के लिये स्थगित कर दिया गया था।
  • ओलंपिक खेल, 2020 के लिये आधिकारिक आदर्श वाक्य "यूनाइटेड बाय इमोशन"(United by Emotion) है। इस आदर्श वाक्य ने विविध पृष्ठभूमि के लोगों को एक साथ लाने के लिये खेल की क्षमता पर बल दिया और उन्हें इस तरह से जुड़ने एवं जश्न मनाने की अनुमति दी जो प्रचलित मतभेदों से परे हो। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • टोक्यो 2020 खेल में रग्बी, स्पोर्ट क्लाइंबिंग, फेंसिंग, फुटबॉल, स्केटबोर्डिंग, हैंडबॉल, सर्फिंग, कराटे, बेसबॉल सहित कुल 46 ओलंपिक खेलों को शामिल किया गया है। अत: कथन 2 सही है।
  • अतः विकल्प (b) सही है।

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

रामसर स्थलों की संख्या में वृद्धि

हाल ही में भारत द्वारा 10 और आर्द्रभूमियों को रामसर अभिसमय के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों के रूप में शामिल किया गया है, इसी के साथ देश में रामसर स्थलों की संख्या बढ़कर 64 हो गई है।

  • इससे पहले भारत ने अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के पाँच नई आर्द्रभूमियों को नामित किया था- तमिलनाडु में करीकिली पक्षी अभयारण्य, पल्लिकरनई मार्श रिज़र्व फॉरेस्ट और पिचवरम मैंग्रोव; मिज़ोरम में पाला आर्द्रभूमि तथा मध्य प्रदेश में साख्य सागर।
  • रामसर स्थल रामसर अभिसमय के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की एक आर्द्रभूमि है, जिसे वर्ष 1971 में यूनेस्को द्वारा स्थापित एक अंतर-सरकारी पर्यावरण संधि 'आर्द्रभूमियों पर अभिसमय  ' के रूप में भी जाना जाता है और इसका नाम ईरान के रामसर शहर के नाम पर रखा गया है, जहाँ उस वर्ष सम्मेलन पर हस्ताक्षर किये गए थे।

शामिल किये गए नए स्थलों की सूची:

रामसर स्थल

राज्य 

विशेषता

कूनथनकुलम पक्षी अभयारण्य

तमिलनाडु

  • यह दक्षिण भारत में निवासी और प्रवासी जल पक्षियों के प्रजनन के लिये सबसे बड़ा रिज़र्व है।
  • यह मध्य एशियाई फ्लाईवे का हिस्से वाला एक महत्त्वपूर्ण पक्षी और जैवविविधता क्षेत्र है।  

मन्नार की खाड़ी समुद्री बायोस्फीयर रिज़र्व

तमिलनाडु

 

  • यह दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में पहला समुद्री बायोस्फीयर रिज़र्व है।
  • यह भारत में सबसे अधिक जैविक रूप से विविध क्षेत्रों में से एक है। 

वेम्बन्नूर आर्द्रभूमि कॉम्प्लेक्स

तमिलनाडु

 

वेलोड पक्षी अभयारण्य

तमिलनाडु

  • आर्द्रभूमि का मूल्यांकन करने हेतु आर्द्रभूमि की पारिस्थितिकी, पक्षियों की संख्या, प्रजनन के रिकॉर्ड और बसने वाली कॉलोनियों जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए प्राथमिकता दी गई है।

वेदंतंगल पक्षी अभयारण्य

तमिलनाडु

  • यह तमिलनाडु के सबसे पुराने पक्षी-संरक्षित क्षेत्रों में से एक है।  
  • इस साइट को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्त्वपूर्ण पक्षी और जैवविविधता क्षेत्र (IBA) के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। 

उदयमार्थंदपुरम पक्षी अभयारण्य

तमिलनाडु

 

  • यह स्थल जलपक्षियों की कई प्रजातियों के लिये महत्त्वपूर्ण स्थल और प्रजनन स्थल है।
  • साइट पर देखी जाने वाली उल्लेखनीय प्रजातियाँ ओरिएंटल डार्टर, ग्लॉसी आइबिस, ग्रे हेरॉन और यूरेशियन स्पूनबिल हैं।

सतकोसिया गॉर्ज

ओडिशा

  • यह महानदी नदी के ऊपरी क्षेत्र में शानदार घाटी के साथ फैली हुई है।
  • इसे वर्ष 1976 में वन्यजीव अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था और एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन करता है, जो पुष्प और जीव प्रजातियों की विविध आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।  
  • सतकोसिया भारत के दो जैव-भौगोलिक क्षेत्रों का मिलन बिंदु है; दक्कन प्रायद्वीप और पूर्वी घाट, विशाल जैवविविधता में योगदान करते हैं।

नंदा झील

गोवा

  • इसे स्थानीय समुदायों और बड़े पैमाने पर समाज के लिये अपनी पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं तथा जैवविविधता मूल्यों हेतु गंभीर रूप से महत्त्वपूर्ण माना जाता है।

रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य

कर्नाटक

 

  • इसे बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी द्वारा कर्नाटक और भारत में महत्त्वपूर्ण पक्षी क्षेत्रों (आईबीए) में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। 
  • यह भारत की पारिस्थितिक रूप से महत्त्वपूर्ण नदी तटवर्ती आर्द्रभूमि है, जो जैवविविधता में समृद्ध है।

सिरपुर वेटलैंड

मध्य प्रदेश

 

  • यह न केवल अपने सौंदर्य के लिये बल्कि यह जल का एक महत्वपूर्ण स्रोत तथा डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों में भूजल पुनर्भरण में मदद करने जैसी अत्यधिक महत्त्वपूर्ण पारिस्थितिक सेवाएँ प्रदान करता है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न. यदि अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि को मोंट्रेक्स रिकॉर्ड' के तहत लाया जाता है, तो इसका क्या अर्थ है?

(A) मानवीय हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप आर्द्रभूमि के पारिस्थितिक स्वरूप में परिवर्तन हुआ है, हो रहा है या होने की संभावना है।
(B) जिस देश में आर्द्रभूमि स्थित है उसे आर्द्रभूमि के किनारे से पाँच किलोमीटर के भीतर किसी भी मानवीय गतिविधि को प्रतिबंधित करने के लिये एक कानून बनाना चाहिये।
(C) आर्द्रभूमि का अस्तित्व इसके आसपास रहने वाले कुछ समुदायों की सांस्कृतिक प्रथाओं और परंपराओं पर निर्भर करता है तथा इसलिये वहाँ की सांस्कृतिक विविधता को नष्ट नहीं किया जाना चाहिये।
(D) इसे 'विश्व विरासत स्थल' का दर्जा दिया गया है।

उत्तर: A

व्याख्या:

  • मोंट्रेक्स रेकॉर्ड (Montreux Record) उन आर्द्रभूमि स्थलों की एक सूची है, जो अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के हैं जहांँ के पारिस्थितिक्र में परिवर्तन हुए हैं, हो रहे हैं, या तकनीकी विकास, प्रदूषण या अन्य मानव हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप परिवर्तन होने की संभावना है। यह रामसर सूची के भाग के रूप में शामिल है।
  • आर्द्रभूमि पर कन्वेंशन जिसे रामसर कन्वेंशन कहा जाता है, एक अंतर-सरकारी संधि है जो आर्द्रभूमि एवं उनके संसाधनों के संरक्षण तथा उचित उपयोग हेतु राष्ट्रीय कार्रवाई एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिये रूपरेखा प्रदान करती है। कन्वेंशन को वर्ष 1971 में ईरानी शहर रामसर में अपनाया गया था और वर्ष 1975 में लागू हुआ था।

प्रश्न. आर्द्रभूमि क्या है? आर्द्रभूमि संरक्षण के संदर्भ में 'उचित उपयोग' की रामसर अवधारणा की व्याख्या कीजिये। भारत के रामसर स्थलों के दो उदाहरण दीजिये। (मुख्य परीक्षा 2018)

स्रोत: पी.आई.बी.


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 05 अगस्त, 2022

मिशन भूमिपुत्र

असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने 1 अगस्त, 2022 को ‘मिशन भूमिपुत्र’ पोर्टल का अनावरण किया। इस मिशन के तहत छात्रों को डिजिटल जाति प्रमाणपत्र सरल और डिजिटल तरीके से जारी किये जाएंगे। आदिवासी मामलों के विभाग और सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग द्वारा कार्यान्वित इस मिशन को जनता को आसान सार्वजनिक सेवाएँ प्रदान करने हेतु सरकार द्वारा लागू किया गया है। यह मिशन जाति प्रमाणपत्र जारी करने की मैनुअल प्रणाली को खत्म कर देगा। आईटी एक्ट के तहत जाति प्रमाणपत्र अब डिजी लॉकर में प्राप्त हो सकेगा। इसे संबंधित उपायुक्तों द्वारा डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित किया जाएगा। इस पोर्टल का उपयोग कक्षा 8वीं के छात्र वर्ष 2023 से जाति प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिये कर सकते हैं। यह पोर्टल मुख्यमंत्री के डैशबोर्ड के अनुरूप होगा तथा मुख्यमंत्री कार्यालय को पूरी प्रक्रिया की निगरानी करने में सक्षम बनाएगा।

‘राष्ट्रीय युवा और विद्यार्थी संवाद कार्यक्रम

सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के अंतर्गत 4 अगस्त, 2022 को  ‘नशे से आाज़ादी-राष्ट्रीय युवा और विद्यार्थी संवाद कार्यक्रम’ का आयोजन किया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय नशा मुक्त भारत अभियान के नाम से एक प्रमुख अभियान चला रहा है। इसे 15 अगस्त, 2020 को भारत के 272 ज़िलों में शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम के दौरान सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों के सेवन से संबंधित विकार देश के सामाजिक संरचना पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली एक गंभीर समस्या है।  नशा मुक्त भारत अभियान न केवल संस्थागत सहयोग पर बल्कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के माध्यम से पहचाने गए ज़िलों में सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रमों  (community outreach programmes) पर भी ध्यान केंद्रित करता है। इस अभियान के तहत सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा नशा मुक्ति के क्षेत्र में कार्यरत संस्थानों के लिये धन जुटाने तथा युवाओं के बीच नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिये स्कूलों तथा कॉलेजों में नशा मुक्ति अभियान को संचालित किया जाता  है। इस अभियान में जागरूकता सृजन कार्यक्रम, समुदाय की आउटरीच और दवाओं पर निर्भर आबादी की पहचान, उपचार सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ सेवा-प्रदाताओं के लिये क्षमता-निर्माण कार्यक्रम को शामिल किया गया हैं। नशीली दवा की माँग में कमी लाने के लिये सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय नोडल मंत्रालय है। यह मंत्रालय नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम के सभी पहलुओं की निगरानी का कार्य  करता है।

चिराग योजना

हाल ही में हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के शिक्षा विभाग में चिराग योजना शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत हरियाणा सरकार आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिलाने हेतु आर्थिक मदद देगी। चिराग योजना का अर्थ है "मुख्यमंत्री समान शिक्षा राहत, सहायता और अनुदान"। अर्थात इस योजना के तहत दूसरी कक्षा से बारहवीं कक्षा तक के बच्चों के लिये निजी मान्यता प्राप्त विद्यालयों में पढ़ने हेतु मुख्यमंत्री समान शिक्षा राहत, सहायता एवं अनुदान प्रदान करेगी। वर्ष 2007 में भूपिंदर सिंह हुड्डा की सरकार द्वारा शुरू की गई इसी तरह की योजना को बदल दिया गया है। यह योजना हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम, 2003 के नियम 134 ए के अनुसार शुरू की गई थी लेकिन नए शिक्षा सत्र में राज्य सरकार नियम-134ए को खत्म कर उसकी जगह पर चिराग योजना को अपनाएगी। हालाँकि इस योजना की पात्रता हेतु माता-पिता की वार्षिक सत्यापित आय 1.8 लाख रुपेए से कम होनी चाहिये।


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