प्रारंभिक परीक्षा
इंडिया केम- 2022
हाल ही में नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 12वीं द्विवार्षिक अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी और सम्मेलन- इंडिया केम 2022 का उद्घाटन किया गया।
- इंडिया केम- 2022 की थीम है- “विज़न 2030: रसायन और पेट्रोरसायन के माध्यम से भारत निर्माण”।
भारत में रासायनिक उद्योग की स्थिति:
- भारत का रासायनिक उद्योग अत्यंत विविध है और इसे मोटे तौर पर थोक रसायनों, विशेष रसायनों, कृषि रसायनों, पेट्रोकेमिकल्स, पॉलिमर एवं उर्वरकों में वर्गीकृत किया जा सकता है।
- विश्व स्तर पर, भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और चीन के बाद कृषि रसायनों का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है।
- भारत विश्व में रसायनों का छठा सबसे बड़ा उत्पादक है।
- भारत रंगों (Dye) का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता और निर्यातक है, यह वैश्विक उत्पादन का 16% हिस्सा है।
- कुछ खतरनाक रसायनों को छोड़कर देश में रसायन उद्योग हेतु लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती है।
- भारत वैश्विक स्तर पर रसायनों के निर्यात और आयात में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। यह निर्यात में 14वें (फार्मास्यूटिकल्स को छोड़कर) और आयात में 8वें स्थान पर है।
संबद्ध भारतीय पहलें:
- केंद्रीय बजट 2022-23 के तहत सरकार ने रसायन और पेट्रोरसायन विभाग को 209 करोड़ रुपए आवंटित किये।
- बल्क ड्रग पार्कों को बढ़ावा देने के लिये 'उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन' (PLI) योजनाएँ शुरू की गई हैं।
- क्लस्टर के विकास के माध्यम से एंड-टू-एंड मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम बनाने के लिये सरकार कृषि रसायन क्षेत्र हेतु 10-20% आउटपुट प्रोत्साहन के साथ PLI प्रणाली को लागू करने की योजना बना रही है।
- घरेलू उत्पादन में सुधार, आयात को कम करने और क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के अवसरों का पता लगाने के लिये सरकार द्वारा रसायन एवं पेट्रोकेमिकल क्षेत्र हेतु वर्ष 2034 का लक्ष्य स्थापित किया गया है।
स्रोत: पी.आई.बी.
प्रारंभिक परीक्षा
विश्व पहेली चैंपियनशिप
प्रसन्ना शेषाद्रि ने विश्व पहेली चैंपियनशिप (WPC) में 11 साल की कोशिश के बाद भारत के लिये पहला रजत पदक जीता है।
- इस वर्ष WPC का स्वर्ण पदक जापान के केन एंडो ने जीता है।
विश्व पहेली चैंपियनशिप:
- विश्व पहेली चैंपियनशिप, वर्ल्ड पज़ल फेडरेशन द्वारा संचालित एक वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय पहेली प्रतियोगिता है। प्रतियोगिता में सभी पहेलियाँ सरल सिद्धांतों पर आधारित शुद्ध-तर्कपूर्ण समस्याएँ होती हैं, जिन्हें भाषा या संस्कृति की परवाह किये बिना खेलने योग्य बनाया गया है।
- द वर्ल्ड पज़ल फेडरेशन पहेलियों में रुचि रखने वाले कानूनी निकायों का एक संघ है। प्रत्येक देश का केवल एक संगठन, WPF से संबंधित हो सकता है।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
प्रारंभिक परीक्षा
कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स
हाल ही में बोडोलैंड विश्वविद्यालय सहित चार भारतीय संस्थानों के वैज्ञानिकों ने कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (Cor-AuNPs) विकसित किये हैं, जो मानव शरीर में दवा वितरण को तेज़ और सटीक बना सकते हैं।
- इन नैनोकणों को जर्मनी से अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट प्राप्त हुआ है।
कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (Cor-AuNPs):
- परिचय:
- इन्हें कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस और गोल्ड साल्ट के अर्क के संश्लेषण से प्राप्त किया गया है।
- कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस, बोडोलैंड विश्वविद्यालय में जैव प्रौद्योगिकी विभाग के टेक्नोलॉजी इन्क्यूबेशन सेंटर' (TIC) की प्रयोगशाला में विकसित किया गया मूल्यवान परजीवी कवक है।
- जंगली कॉर्डिसेप्स मशरूम, पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में पाए जाते हैं।
- गोल्ड साल्ट, आमतौर पर दवा में इस्तेमाल होने वाले सोने के आयनिक रासायनिक यौगिक होते हैं।
- कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस, बोडोलैंड विश्वविद्यालय में जैव प्रौद्योगिकी विभाग के टेक्नोलॉजी इन्क्यूबेशन सेंटर' (TIC) की प्रयोगशाला में विकसित किया गया मूल्यवान परजीवी कवक है।
- इन्हें कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस और गोल्ड साल्ट के अर्क के संश्लेषण से प्राप्त किया गया है।
- लाभ:
- जब दवा के कण छोटे होते हैं तो कोशिकाओं में प्रवेश अधिक होता है।
- कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस को सुपर मशरूम कहा जाता है क्योंकि इसके बेहतर औषधीय गुणों के कारण बेहतर प्रवेश के लिये गोल्ड नैनोकणों के संश्लेषण में बायोएक्टिव घटक जुड़ते हैं।
- जैव संश्लेषित नैनोगोल्ड कण चिकित्सीय दवाओं के विकास में नैनोकणों के नए अनुप्रयोग का संकेत देते हैं जिन्हें मलहम, टैबलेट, कैप्सूल और अन्य रूपों में वितरित किया जा सकता है।
- जब दवा के कण छोटे होते हैं तो कोशिकाओं में प्रवेश अधिक होता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. कभी-कभी समाचारों में उल्लिखित "गुच्छी" के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2022)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) व्याख्या:
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स्रोत: द हिंदू
विविध
रैपिड फायर (कर्रेंट अफेयर्स): 04 नवंबर, 2022
मानव कंप्यूटर: शकुंतला देवी
शकुंतला देवी का जन्म 4 नवंबर, 1929 को बंगलुरु,कर्नाटक में हुआ था। उन्हें "मानव कंप्यूटर" के रूप में जाना जाता है। बचपन से ही वह अद्भुत प्रतिभा की धनी थीं और बड़ी से बड़ी संखाओं की गणना पल भर में ही कर लेती थीं। उनकी प्रतिभा को देखते हुए वर्ष 1982 में उनका नाम ‘गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में दर्ज कर लिया गया। 6 वर्ष की उम्र में मैसूर विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें अपनी गणना क्षमता का प्रदर्शन करने का अवसर मिला। वर्ष 1977 में शकुंतला ने 201 अंकों की संख्या का 23वाँ वर्गमूल बिना किसी कागज़ व कलम की सहायता लिये ही निकाल दिया था तथा उनका उत्तर UNIVAC 1101 कंप्यूटर में देखने के लिये US ब्यूरो ऑफ स्टैंडर्ड को विशेष प्रोग्राम तैयार करना पड़ा था। बौद्धिक रूप से धनी शकुंतला देवी लेखिका भी थी और उनके द्वारा लिखित पुस्तक का शीर्षक “दी वर्ल्ड ऑफ होमोसेक्सुअल (1977)” है। वर्ष 1969 में फिलीपींस विश्वविद्यालय ने उन्हें “वुमेन ऑफ़ दी ईयर” का दर्जा देते हुए सम्मानित किया था। उन्हें रामानुजन गणित ज्ञाता पुरस्कार भी दिया गया। हृदय संबंधी समस्या के कारण 21 अप्रैल, 2013 को उनका देहांत हो गया।
15वाँ शहरी सचलता भारत सम्मेलन और प्रदर्शनी
15वाँ शहरी सचलता भारत सम्मेलन और प्रदर्शनी का उद्घाटन 02 नवंबर, 2022 को कोच्चि, केरल में आवास और शहरी कार्य मंत्री तथा केरल के मुख्यमंत्री ने संयुक्त रूप से किया। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, नीति निर्धारक, मेट्रो रेल कंपनियों के प्रबंध निदेशक, अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ तथा अन्य लोग भाग ले रहे हैं। "वार्षिक आयोजन का उद्देश्य शहर एवं राज्य स्तर पर क्षमताओं का निर्माण व शहरी परिवहन से जुड़ी समस्याओं का समाधान करना है। सम्मेलन का विषय है-“आज़ादी@75 - सतत् आत्मनिर्भर शहरी गतिशीलता”। सम्मलेन में समाज के सभी वर्गों हेतु समान और टिकाऊ शहरी परिवहन प्रणाली विकसित करने के लिये दिशा-निर्देश भी निर्धारित किये जाएंगे।