प्रोजेक्ट उद्भव
स्रोत : पी.आई.बी
हाल ही में भारतीय सेना ने यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया (USI) के साथ साझेदारी में प्रोजेक्ट उद्भव के हिस्से के रूप में एक हाइब्रिड-पैनल चर्चा शुरू की।
- यह चर्चा "भारतीय सैन्य प्रणालियों का विकास, युद्ध और रणनीतिक सोच: वर्तमान अनुसंधान एवं भविष्य की दिशाएँ" पर केंद्रित थी।
प्रोजेक्ट उद्भव:
- प्रोजेक्ट उद्भव भारतीय सेना द्वारा राज्य कला, युद्ध कला, कूटनीति और भव्य रणनीति के प्राचीन भारतीय ग्रंथों से प्राप्त राज्य कला एवं रणनीतिक विचारों की गहन भारतीय विरासत को फिर से खोजने के लिये शुरू की गई एक पहल है।
- यह स्वदेशी सैन्य प्रणालियों, ऐतिहासिक ग्रंथों, क्षेत्रीय ग्रंथों एवं राज्यों, विषयगत अध्ययन और जटिल कौटिल्य अध्ययन सहित व्यापक स्पेक्ट्रम पर केंद्रित है।
- अपने मूल में प्रोजेक्ट उद्भव ऐतिहासिक और समकालीन को जोड़ने का प्रयास करता है।
- यह परियोजना ऐतिहासिक आख्यानों की पुनः खोज से परे है; इसका उद्देश्य भारत की बहुमुखी दार्शनिक और सांस्कृतिक विरासत में गहराई से निहित एक स्वदेशी रणनीतिक शब्दावली विकसित करना है।
- इसका अंततः उद्देश्य प्राचीन ज्ञान को आधुनिक सैन्य शिक्षाशास्त्र में एकीकृत करना है, जिससे भारतीय सेना आज के जटिल रणनीतिक परिदृश्य में सदियों पुराने सिद्धांतों से सीख ले सके।
- प्रोजेक्ट उद्भव के संबंध में, USI 21 और 22 अक्तूबर, 2023 को एक सैन्य विरासत महोत्सव आयोजित करेगा।
यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया:
- USI नई दिल्ली, भारत में स्थित एक राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा सेवा थिंक टैंक है।
- इसका उद्देश्य "रक्षा सेवाओं की कला, विज्ञान एवं साहित्य में रुचि और ज्ञान को बढ़ावा देना" है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1870 में एक सैनिक विद्वान कर्नल (बाद में मेजर जनरल) सर चार्ल्स मैकग्रेगर ने की थी।
टोटो भाषा
स्रोत: द हिंदू
पश्चिम बंगाल में केवल 1,600 व्यक्तियों द्वारा बोली जाने वाली टोटो भाषा विलुप्त होने के कगार पर है।
- हालाँकि टोटो भाषा को संरक्षित करने में सहायता के लिये "टोटो शब्द संग्रह" नामक एक त्रिभाषी शब्दकोश (टोटो-बंगाली-अंग्रेज़ी) 7 अक्तूबर 2023 को कोलकाता में जारी किया जाएगा।
टोटो भाषा:
- टोटो भाषा एक चीन-तिब्बती भाषा है जो भूटान की सीमा से लगे पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में टोटो जनजाति के व्यक्तियों द्वारा बोली जाती है।
- संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन' (UNESCO) इसे गंभीर रूप से लुप्तप्राय भाषा के रूप में सूचीबद्ध करता है।
- टोटो भाषा मुख्य रूप से मौखिक रूप से बोली जाती है, हालाँकि समुदाय के प्रमुख सदस्य पद्मश्री से सम्मानित धनीराम टोटो ने वर्ष 2015 में इसकी एक लिपि विकसित की है, लेकिन ज्यादातर व्यक्ति इसे या तो बंगाली लिपि में लिखते हैं या बंगाली भाषा में लिखते हैं।
टोटो समुदाय:
- टोटो एक आदिम और एकांत जनजातीय समूह है जो भारत के पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में टोटोपारा नामक एक छोटे से इलाके में रहता है।
- वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार टोटो जनजाति के लोगों की कुल जनसंख्या 2000 से कम है, ये सभी टोटोपारा में रहते हैं।
- टोटो को मंगोलॉयड लोग माना जाता है।
- ये आम तौर पर अंतर्विवाही होते हैं और अपनी ही जनजाति में विवाह करते हैं।
- टोटो परिवार प्रकृति में पितृसत्तात्मक (एक सामाजिक व्यवस्था जिसमें एक विवाहित जोड़ा पति के माता-पिता के साथ रहता है) व्यवस्था पर आधारित है और एकल प्रकार का प्रभुत्व रखता है। हालाँकि इनमें संयुक्त परिवार होना दुर्लभ नहीं हैं। टोटो समुदाय में मोनोगैमी (एकविवाह प्रथा) विवाह का एक सामान्य रूप है लेकिन बहुविवाह निषिद्ध नहीं है। टोटो संस्कृति में तलाक की कोई प्रथा नहीं है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न. भारत के संदर्भ में, 'हल्बी, हो और कुई' पद किससे संबंधित हैं - (2021) (a) पश्चिमोत्तर भारत का नृत्य रूप उत्तर: (d) व्याख्या:
अतः विकल्प (D) सही उत्तर है। |
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 04 अक्तूबर, 2023
आर्मागेडन रीडटेल
हाल ही में केरल के पश्चिमी घाट में एम.आई.टी.-वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के शोधकर्त्ताओं ने एक नई डैम्फ्लाइज़ प्रजाति की खोज की है, जिसे 'आर्मगेडन रीडटेल' (प्रोटोस्टिक्टा आर्मागेडोनिया/Protosticta armageddonia) नाम दिया गया है।
- "आर्मगेडन रीडटेल" नाम, जो "इकोलॉजिकल आर्मगेडन" शब्द को संदर्भित करता है, निवास स्थान के पतन और जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप कीड़ों की वैश्विक गिरावट को उजागर करने हेतु चुना गया था।
- इसकी पहचान इसके गहरे भूरे जैसे काले शरीर, चमकीली हरी-नीली आँखों और इसके पेट के आठ कोष्ठों में से आधे पर सूक्ष्म हल्के नीले प्रतिरूप से की जा सकती है।
- यह विशेष रूप से घने कैनोपी/वितान (Canopy) आवरण के नीचे पर्वतीय जल धाराओं में पनपता है।
- ये ड्रैगनफ़्लाइज़ के समान होते हैं, लेकिन उनसे आकार में छोटे होते हैं और उनका शरीर पतला होता है।
- डैम्फ्लाइज़ मुख्य रूप से उथले, मीठे जल के आवास स्थानों के पास पाए जाते हैं और पतले शरीर एवं लंबे, जालीदार पंखों के साथ उड़ने वाले सुंदर जीव होते हैं।
SAMPRITI- XI अभ्यास 2023
वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास, सम्प्रीति का 11वाँ संस्करण 3 अक्तूबर 2023 को उमरोई, मेघालय में शुरू हुआ। भारत और बांग्लादेश द्वारा बारी-बारी से आयोजित यह अभ्यास दोनों देशों के बीच मज़बूत द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को उजागर करता है।
- SAMPRITI-XI एक 14-दिवसीय अभ्यास है जिसका उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच अंतरसंचालनीयता को बढ़ाना, सामरिक अभ्यास साझा करना और सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देना है।
- इस अभ्यास में एक कमांड पोस्ट एक्सरसाइज़ (CPX) और एक फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज़ (FTX) शामिल की जाएगी, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के अनुसार उप-पारंपरिक संचालन पर ध्यान केंद्रित करेगी, यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को वैश्विक शांति बनाए रखने की शक्ति देती है।
- CPX गहन विचार-विमर्श के बाद निर्णय लेने पर ज़ोर देगा।
- FTX बंधक बचाव, भीड़ नियंत्रण उपायों और हेलीकॉप्टरों के उपयोग सहित आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिये संयुक्त सामरिक अभ्यास के माध्यम से ज़मीनी स्तर के संचालन को मान्य करेगा।
- दोनों देश नौसेना अभ्यास बोंगोसागर भी आयोजित कर रहे हैं।
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विश्व पशु दिवस
प्रत्येक वर्ष 4 अक्तूबर को विश्व पशु दिवस मनाया जाता है, यह दिवस पशु कल्याण को बढ़ावा देने और उनके अधिकारों की सुरक्षा पर केंद्रित है।
- यह पृथ्वी पर रहने वाली विविध प्रजातियों की सुरक्षा और देखभाल के प्रति हमारी ज़िम्मेदारी का द्योतक है।
- विश्व पशु दिवस 2023 का विषय "बिग और स्माॅल, वी लव देम ऑल" है, जो सभी आकार के पहुओं के प्रति करुणा के महत्त्व पर ज़ोर देता है।
- इसकी उत्पत्ति का श्री दूरदर्शी हेनरिक ज़िम्मरमैन को जाता है जिन्होंने वर्ष 1925 में इसकी शुरुआत की और वर्ष 1931 में इटली के फ्लोरेंस में अंतर्राष्ट्रीय पशु संरक्षण कॉन्ग्रेस की बैठक के दौरान इस दिवस को मान्यता प्रदान की गई।
सऊदी अरब ने भारत के लिये तेल प्रीमियम को कम किया
विश्व के दूसरे सबसे बड़े तेल उत्पादक सऊदी अरब ने उभरती वैश्विक ऊर्जा गतिशीलता में बदलाव की प्रतिक्रिया में अपने तेल निर्यात पर भारत पर लगने वाले प्रीमियम को कम कर दिया है।
- एशियाई प्रीमियम, पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (OPEC) द्वारा एशियाई देशों पर बाज़ार-आधारित बिक्री मूल्य से परे लगाया गया एक अतिरिक्त शुल्क, भारत के लिये चिंता का विषय रहा है। भारत ने निरंतर इस प्रीमियम को समाप्त करने का समर्थन किया है और इसके बजाय 'एशियन डिस्काउंट ' शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा है।
- विशेष रूप से, सऊदी अरब ने हाल ही में वर्ष 2022 में प्रीमियम को लगभग 10 USD से घटाकर 3.5 USD प्रति बैरल कर दिया है।
- यह समायोजन तेल बाज़ार में प्रतिस्पर्द्धी गतिशीलता को रेखांकित करता है, जहाँ विश्व के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े कच्चे तेल आयातक भारत तथा चीन सहित देशों ने यूक्रेन संघर्ष के बाद दी गई पर्याप्त छूट के कारण रूस से आयात बढ़ा दिया है।
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