काई चटनी: ओडिशा
ओडिशा में वैज्ञानिक काई चटनी को भौगोलिक संकेत (GI) रजिस्ट्री के लिये प्रस्तुत किया गया है।
- GI टैग मानक काई चटनी के व्यापक उपयोग के लिये एक संरचित स्वच्छता प्रोटोकॉल विकसित करने में मदद करेगा। GI लेबल स्थानीय उत्पादों की प्रतिष्ठा और मूल्य को बढ़ाता है तथा स्थानीय व्यवसायों का समर्थन करता है।
- वर्ष 2019 में ओडिशा को ओडिशा रसगुल्ला के लिये GI टैग मिला।
वीवर चींटियाँ:
- काई (रेड वीवर चींटी) चींटियां, जिन्हें वैज्ञानिक रूप से ओकोफिला स्मार्गडीना कहा जाता है, पूरे वर्ष मयूरभंज में बहुतायत में पाई जाती हैं। वे मेज़बान पेड़ों की पत्तियों से घोंसले का निर्माण करती हैं।
- घोंसले हवा का सामना करने के लिये काफी मज़बूत होते हैं और पानी के लिये अभेद्य होते हैं।
- काई के घोंसले आमतौर पर आकार में अंडाकार होते हैं और एक छोटे मुड़े हुए पत्ते से लेकर कई पत्तियों से मिलकर बड़े घोंसले तक बने होते हैं जिनकी लंबाई आधे मीटर से अधिक होती है।
- इसके परिवार में तीन श्रेणी के सदस्य होते हैं- श्रमिक, प्रमुख श्रमिक और रानियाँ।
- श्रमिक और प्रमुख श्रमिक ज़्यादातर नारंगी रंग के होते हैं।
- वे छोटे कीड़े और अन्य अकशेरूकीयों से भोजन प्राप्त करते हैं, उनके शिकार मुख्य रूप से बीटल, मक्खियाँ और हाइमनोप्टेरान होते हैं।
- कैस (Kais) एक बायो-कंट्रोल एजेंट हैं। वे आक्रामक होते हैं और अपने क्षेत्र में प्रवेश करने वाले अधिकांश आर्थ्रोपोडों का शिकार करते हैं।
- उनकी शिकारी आदत के कारण कैस को उष्णकटिबंधीय फसलों में जैविक नियंत्रण एजेंटों के रूप में पहचाना जाता है क्योंकि वे कई अलग-अलग कीटों के खिलाफ विभिन्न फसलों की रक्षा करने में सक्षम हैं। इस प्रकार वे अप्रत्यक्ष रूप से रासायनिक कीटनाशकों के विकल्प के रूप में उपयोग किये जाते हैं।
काई चटनी:
- पृष्ठभूमि:
- काई चटनी (Kai Chutney) बुनकर चींटियों (Weaver Ants) से तैयार की जाती है और ओडिशा के मयूरभंज ज़िले में ज़्यादातर आदिवासी लोगों के बीच लोकप्रिय है।
- आवश्यकता पड़ने पर चींटियों के पत्तेदार घोंसलों को उनके मेज़बान पेड़ों से तोड़ा जाता है तथा पत्तियों और मलबे को छाँटने एवं अलग करने से पहले एक बाल्टी पानी में इकट्ठा किया जाता है।
- महत्त्व:
- यह फ्लू, सामान्य सर्दी, काली खाँसी से छुटकारा पाने, भूख बढ़ाने और आँखों की रोशनी को प्राकृतिक रूप से बढ़ाने में मदद करती है।
- आदिवासी उपचारकर्त्ता औषधीय तेल भी तैयार करते हैं, जिसका उपयोग बेबी ऑयल के रूप में किया जाता है और बाहरी रूप से गठिया, दाद व अन्य त्वचा रोगों को ठीक करने के लिये उपयोग किया जाता है।
- यह जनजातियों के लिये एकमात्र रामबाण है।
भौगोलिक संकेत स्थिति:
- परिचय:
- GI एक संकेतक है जिसका उपयोग एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र से उत्पन्न होने वाली विशेष विशेषताओं वाले सामानों को पहचान प्रदान करने के लिये किया जाता है।
- ‘वस्तुओं का भौगोलिक सूचक’ (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 भारत में वस्तुओं से संबंधित भौगोलिक संकेतकों के पंजीकरण एवं बेहतर सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास करता है।
- अधिनियम का संचालन महानियंत्रक पेटेंट, डिज़ाइन और ट्रेडमार्क द्वारा किया जाता है जो भौगोलिक संकेतकों का रजिस्ट्रार होता है।
- भौगोलिक संकेतक पंजीकरण कार्यालय चेन्नई में स्थित है।
- भौगोलिक संकेत का पंजीकरण 10 वर्षों की अवधि के लिये वैध होता है। इसे समय-समय पर 10-10 वर्षों की अतिरिक्त अवधि के लिये नवीनीकृत किया जा सकता है।
- यह विश्व व्यापार संगठन के बौद्धिक संपदा अधिकारों (TRIPS) के व्यापार-संबंधित पहलुओं का भी हिस्सा है।
- हाल के उदाहरण: जुडिमा वाइन राइस (असम), तिरूर वेटिला (केरल), डिंडीगुल लॉक और कंडांगी साड़ी (तमिलनाडु), ओडिशा आदि।
- भौगोलिक संकेतक का महत्त्व:
- एक बार भौगोलिक संकेतक का दर्जा प्रदान कर दिये जाने के बाद कोई अन्य निर्माता समान उत्पादों के विपणन के लिये इसके नाम का दुरुपयोग नहीं कर सकता है। यह ग्राहकों को उस उत्पाद की प्रामाणिकता के बारे में भी सुविधा प्रदान करता है।
- किसी उत्पाद का भौगोलिक संकेतक अन्य पंजीकृत भौगोलिक संकेतक के अनधिकृत उपयोग को रोकता है जो कानूनी सुरक्षा प्रदान करके भारतीय भौगोलिक संकेतों के निर्यात को बढ़ावा देता है और अन्य विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देशों में कानूनी सुरक्षा प्राप्त करने में भी सक्षम बनाता है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (पीवाईक्यू):प्रश्न. निम्नलिखित में से किसे 'भौगोलिक संकेत' का दर्जा दिया गया है? (2015)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) व्याख्या:
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स्रोत: द हिंदू
ऑपरेशन
रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force- RPF) ने हाल ही में ऑपरेशन "नार्कोस" (NARCOS) के तहत 7.40 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के नशीले पदार्थ बरामद किये।
ऑपरेशन नार्कोस क्या है?
- नशीले पदार्थ तथा मनःप्रभावी पदार्थ (NDPS) के खतरे पर विशेष रूप से ध्यान देने के लिये, ऑपरेशन "नार्कोस" नामक कोड के साथ रेल के माध्यम से नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ एक महीने का अखिल भारतीय अभियान जून-2022 में प्रारंभ किया गया था।
- RPF ने इस अवैध व्यापार में शामिल ड्रग तस्करों को निशाना बनाने के लिये नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समन्वय से देश भर में ट्रेनों व चिह्नित ब्लैक स्पॉट में अपनी जाँच तेज़ कर दी है।
रेलवे सुरक्षा बल:
- RPF की टुकड़ी भारत संघ का एक सशस्त्र बल है। यह भारतीय रेल, रेल मंत्रालय के स्वामित्व वाला एक सुरक्षा बल है।
- RPF का इतिहास 1882 का है जब विभिन्न रेलवे कंपनियों ने रेलवे संपत्ति की सुरक्षा के लिये अपने स्वयं के गार्ड नियुक्त किये थे।
- बल को 1957 में संसद के एक अधिनियम द्वारा एक वैधानिक बल घोषित किया गया था, जिसे बाद में 1985 में भारत संघ के एक सशस्त्र बल के रूप में घोषित किया गया था।
- रेलवे संपत्ति की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी RPF को सौंपी गई है।
RPF की अन्य पहलें:
- ऑपरेशन आहट (Operation AAHT):
- पीड़ितों, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को तस्करों के चंगुल से बचाने के लिये लंबी दूरी की सभी ट्रेनों/मार्गों पर विशेष टीमों को तैनात किया जाएगा।
- मेरी सहेली पहल:
- यह पहल महिला यात्रियों की सुरक्षा पर केंद्रित होगी। इसे सितंबर 2020 में दक्षिण-पूर्व रेलवे में एक पायलट परियोजना के रूप में लॉन्च किया गया था। तब से इसे सभी ज़ोंनो में विस्तारित किया गया।
- ऑपरेशन यात्री सुरक्षा-
- "ऑपरेशन यात्री सुरक्षा" के तहत RPF यात्री अपराध के खिलाफ लड़ाई में राज्य पुलिस का समर्थन करता है।
- ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते:
- इसने 1,045 बच्चों को बचाया जो अकेले पाए गए थे या रेलवे स्टेशनों पर छोड़ दिये गए थे।
स्रोत : पी.आई.बी.
प्रशिक्षुओं को प्रत्यक्ष आर्थिक सहायता हेतु DBT योजना की शुरुआत
चर्चा में क्यों?
हाल ही में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) ने घोषणा की है कि राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना (NAPS) प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) कार्यक्रम का एक हिस्सा होगी, जो सभी प्रशिक्षुओं को सीधे तौर पर सरकारी आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।
राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना (NAPS):
- देश में प्रशिक्षुता व प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने और प्रशिक्षण देने वाले प्रतिष्ठानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिये 19 अगस्त, 2016 को राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना (NAPS) शुरू की गई थी।
- यह स्किल इंडिया के तहत प्रशिक्षुता को बढ़ावा देने तथा इसकी क्षमता को साकार करने में मदद करती है
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य नियोक्ताओं को प्रशिक्षुओं को नियुक्त करने के लिये प्रेरित करना और गहन कौशल विकास के माध्यम से उनकी क्षमताओं का अधिकतम करते हुए सही नौकरी खोजने में सहायता करना है।
- अब तक 12 लाख से अधिक प्रशिक्षु विभिन्न उद्योगों से जुड़ चुके हैं।
- इससे पहले कंपनियाँ प्रशिक्षुओं को पूरी राशि का भुगतान करती थीं और फिर सरकार से उसके लिये प्रतिपूर्ति की मांग करती थीं।
- सरकार DBT योजना की शुरुआत के साथ ही राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) के माध्यम से प्रशिक्षुओं के बैंक खातों में अपना योगदान सीधे स्थानांतरित कर देगी, जो छात्रवृत्ति का 25% यानी कि प्रतिमाह 1500 रुपए तक देय होगा।
शिक्षुता को बढ़ावा देने से संबंधित पहलें:
- शिक्षुता और कौशल में उच्च शिक्षित युवाओं के लिये योजना (SHREYAS)
- औद्योगिक मूल्य संवर्द्धन के लिये कौशल सुदृढ़ीकरण परियोजना
- युवाह यूथ स्किलिंग इनिशिएटिव
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण:
- DBT को 1 जनवरी, 2013 को सरकार की डिलीवरी प्रणाली में सुधार लाने और धन व सूचनाओं के प्रवाह में तेज़ी लाने, सुरक्षा प्रदान करने और धोखाधड़ी की संख्या को कम करके कल्याणकारी योजनाओं में वर्तमान प्रक्रिया को नया स्वरूप देने के मुख्य उद्देश्य के साथ पेश किया गया था।
- यह सब्सिडी राशि को सरकारी कार्यालयों को उपलब्ध कराने के बजाय सीधे लाभार्थियों के खाते में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया है।
- JAM यानी जन धन, आधार और मोबाइल DBT को बढ़ावा देते हैं और वर्तमान में 22 करोड़ से अधिक जन धन खाते, 100 करोड़ से अधिक आधार और लगभग 100 करोड़ मोबाइल कनेक्शन राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों सहित देश भर में सभी कल्याणकारी योजनाओं में DBT को लागू करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करते हैं।
- DBT सरकारी प्रणाली में दक्षता, प्रभावशीलता, पारदर्शिता और जवाबदेही लाएगा तथा इससे शासन में नागरिकों का विश्वास जागेगा।
- आधुनिक तकनीक और IT उपकरणों के उपयोग से अधिकतम शासन न्यूनतम सरकार का सपना साकार होगा।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न:प्रश्न. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 3 उत्तर: (c) व्याख्या:
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स्रोत: पी.आई.बी.
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 04 जुलाई, 2022
क्यूएस बेस्ट स्टूडेंट्स सिटीज़ रैंकिंग, 2023
हाल ही में क्यूएस बेस्ट स्टूडेंट्स सिटीज़ रैंकिंग (Best Student Cities Rankings), 2023 प्रकाशित की गई। इस रैंकिंग में लंदन को सर्वश्रेष्ठ शहर का दर्जा प्रदान किया गया है। लंदन के बाद सियोल और म्यूनिख दूसरे एवं तीसरे स्थान पर रहे हैं। ज्यूरिख तथा मेलबर्न को चौथे और पाँंचवें स्थान पर रखा गया है। ब्यूनस आयर्स ने लैटिन अमेरिका देशों में शीर्ष स्थान प्राप्त किया। भारत का सर्वोच्च रैंक वाला छात्र शहर मुंबई है जिसे वैश्विक स्तर पर 103वें स्थान पर रखा गया है। मुंबई के बाद बंगलूरू 114वें स्थान पर है। चेन्नई और दिल्ली ने सूची में अपनी प्रविष्टियांँ दर्ज की हैं तथा उन्हें क्रमशः 125वें और 129वें स्थान पर रखा गया है। क्यूएस बेस्ट स्टूडेंट्स सिटीज़ रैंकिंग उन कारकों से संबंधित स्वतंत्र डेटा प्रदान करती है जो छात्रों के अध्ययन के निर्णय लेने हेतु प्रासंगिक हैं। इन कारकों में विश्वविद्यालय के मानक, सामर्थ्य, जीवन की गुणवत्ता, उस गंतव्य में अध्ययन करने वाले पिछले छात्रों के विचार इत्यादि शामिल हैं।
हार्नसिंग ग्रीन हाइड्रोजन
सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने “Harnessing Green Hydrogen- Opportunities for Deep Decarbonisation in India” शीर्षक से अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की। यह रिपोर्ट दिल्ली स्थित थिंक टैंक RMI इंडिया के सहयोग से तैयार की गई है। नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में भारत में ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन पर जीएसटी और सीमा शुल्क को कम करने या छूट देने की सिफारिश की है। रिपोर्ट में ग्रीन हाइड्रोजन कॉरिडोर स्थापित करने के साथ-साथ उन स्टार्टअप्स को अनुदान देने का भी प्रस्ताव है जो घरेलू स्तर पर हरित हाइड्रोजन समाधान पर कार्य कर रहे हैं। इसके अनुसार, सरकार को देश में हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिये लागत में कमी करने पर ध्यान देना चाहिये। ग्रीन हाइड्रोजन, हाइड्रोजन गैस है, जिसे जल के इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से उत्पन्न किया जाता है। इलेक्ट्रोलिसिस जल को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करने हेतु एक ऊर्जा गहन प्रक्रिया है।
अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 जुलाई, 2022 को आंध्र प्रदेश के भीमावरम में जाने-माने स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती समारोह का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी अल्लूरी सीताराम राजू की 30 फीट ऊंँची कांस्य मूर्ति का अनावरण भी करेंगे। आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत सरकार स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को मान्यता देने और पूरे देश में लोगों को उनके बारे में जागरूक करने के प्रति कटिबद्ध है। अल्लूरी सीताराम राजू का जन्म 4 जुलाई, 1897 को हुआ था। उन्होंने जनजातीय समुदाय के हितों की रक्षा के लिये पूर्वी घाट क्षेत्र में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ संघर्ष किया था। वर्ष 1922 के रम्पा विद्रोह का उन्होंने नेतृत्व किया था। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा उनके वीरतापूर्ण कारनामों के लिये उन्हें "मन्यम वीरुडु" (जंगल का नायक) उपनाम दिया गया था। वर्ष 1924 में अल्लूरी सीताराम राजू को पुलिस हिरासत में ले लिया गया और पेड़ से बांँध कर सार्वजनिक रूप से गोली मार दी गई तथा सशस्त्र विद्रोह को प्रभावी ढंग से समाप्त कर दिया। सरकार की ओर से एक वर्ष तक चलने वाले इस समारोह (आज़ादी का अमृत महोत्सव) के दौरान अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। आंध्र प्रदेश के विजयनगरम ज़िले में स्थित चिंतापल्ली क्षेत्र मेंं अल्लूरी सीताराम राजू के जन्म स्थान पंडरंगी का संरक्षण किया जाएगा। सरकार ने मोगल्लू में अल्लूरी ध्यान मंदिर के निर्माण को मंज़ूरी दी है। इस मंदिर में अल्लूरी सीताराम राजू की मूर्ति स्थापित की जाएगी और उनकी जीवनी पर आधारित वृत्तचित्र लगाए जाएंगे।
डिजिटल भारत सप्ताह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 जुलाई, 2022 को गुजरात के गांधीनगर में डिजिटल भारत सप्ताह 2022 का शुभारंभ करेंगे। कार्यक्रम में वे कई डिजिटल सुविधाओं की शुरुआत करेंगे। उनका उद्देश्य प्रौद्योगिकी तक लोगों की पहुंँच बढ़ाना, जीवनयापन को सुगम बनाना और स्टार्टअप को मज़बूती प्रदान करना है। डिजिटल भारत सप्ताह का विषय है- “नव भारत प्रौद्योगिकी प्रेरणा।” डिजिटल इंडिया कार्यक्रम वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था। यह कार्यक्रम कई महत्त्वपूर्ण सरकारी योजनाओं जैसे- भारतनेट, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया तथा स्टैंडअप इंडिया, औद्योगिक गलियारों आदि से संबंधित है। इसका उद्देश्य भारत को एक भविष्य आधारित ज्ञान केंद्र के रूप में तैयार करना तथा परिवर्तन को साकार करना अर्थात् आईटी (इंडियन टैलेंट) + आईटी (इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी) = आईटी (इंडिया टुमोरो) को वास्तविक रूप प्रदान करना है।