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राष्ट्रीय प्रशिक्षुता मेला

  • 23 Apr 2022
  • 5 min read

हाल ही में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय प्रशिक्षुता मेले (National Apprenticeship Mela) का आयोजन किया गया। 

  • कौशल विकास और उद्यमिता की राष्ट्रीय नीति, 2015 प्रशिक्षुता उचित मानदेय के साथ एक कुशल कार्यबल को लाभकारी रोज़गार प्रदान करने के साधन के रूप में मान्यता देती है।
  • प्रशिक्षुता एक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम है जिसमें एक व्यक्ति एक कंपनी द्वारा प्रशिक्षु के रूप में संलग्न होता है तथा अल्पावधि का प्रशिक्षण प्राप्त करता है।

राष्ट्रीय प्रशिक्षुता मेला :

  • इसका उद्देश्य एक लाख से अधिक प्रशिक्षुओं को काम पर रखने में सहायता करना और नियोक्ताओं को उचित प्रतिभा का दोहन करने व बेहतर प्रशिक्षण के साथ अलग-अलग प्रकार के व्यावहारिक कौशल प्रदान करने में सहायता करना है।
  • आवेदकों को नए कौशल विकसित करने के लिये सरकारी मानकों के अनुसार मासिक वजीफा मिलेगा, अर्थात् आवेदकों को सीखने के साथ कमाने का अवसर प्रदान किया जाएगा।
  • पीएम अपरेंटिसशिप मेले (PM Apprenticeship Mela) में भाग लेने हेतु  5वीं - 12वीं कक्षा पास प्रमाणपत्र, कौशल प्रशिक्षण प्रमाणपत्र, आईटीआई डिप्लोमा या स्नातक डिग्री रखने वाले व्यक्ति पात्र हैं।
  • आवेदकों को राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (NCVET) द्वारा मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र मिलेगा, जिससे प्रशिक्षण के बाद उनके रोज़गार की संभावना बढ़ जाएगी।
    • NCVET को MSDE द्वारा 5 दिसंबर, 2018 को अधिसूचित किया गया था।

प्रशिक्षुता से संबंधित सरकारी नीतियांँ: 

  • प्रशिक्षु अधिनियम, 1961 को उद्योगों में प्रशिक्षुओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम को नौकरी हेतु प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग करके विनियमित करने के उद्देश्य से अधिनियमित किया गया था। 
    • कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय अधिनियम के कार्यान्वयन के लिये ज़िम्मेदार प्रशासनिक मंत्रालय है। 
  • सरकार ने उद्योग और युवाओं दोनों के लिये तथा इसे अधिक आकर्षक बनाने हेतु दिसंबर 2014 में इस अधिनियम में व्यापक संशोधन किये हैं।  
    • संशोधन में शामिल प्रमुख परिवर्तन हैं: 
      • कुल कार्यबल (संविदा कर्मचारियों सहित) के 2.5% से 10% के बैंड के साथ अप्रेंटिस के व्यापार-वार और इकाई-वार विनियमन की पुरानी प्रणाली को बदलना, वैकल्पिक ट्रेडों की शुरुआत, कारावास जैसे कड़े प्रावधानों को हटाना व उद्योगों को बुनियादी प्रशिक्षण को आउट-सोर्स करने की अनुमति देना। 

राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना:

  • सरकार ने प्रशिक्षुओं के प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करने और नियोक्ताओं को प्रशिक्षुओं को नियुक्त करने की प्रेरणा देने के लिये 19 अगस्त, 2016 को राष्ट्रीय प्रशिक्षु संवर्द्धन योजना (National Apprenticeship Enhancement Plan-NAPS) की शुरुआत की थी।
    • NAPS ने अपरेंटिस प्रोत्साहन योजना (APY) का स्थान ले लिया है।
    • योजना में निम्नलिखित दो घटक हैं:
      • निर्धारित वजीफे के 25% की प्रतिपूर्ति अधिकतम 1500 रुपए प्रति माह प्रति प्रशिक्षु  को भारत सरकार द्वारा उन सभी नियोक्ताओं के लिये जो प्रशिक्षुओं को नियुक्त करते हैं, प्रदान की जाती है।
      • बिना किसी शिक्षुता प्रशिक्षण के सीधे आने वाले प्रशिक्षुओं के संबंध में बुनियादी प्रशिक्षण प्रदाताओं (BTPs) को भारत सरकार द्वारा बुनियादी प्रशिक्षण की लागत की प्रतिपूर्ति (अधिकतम 500 घंटे/3 महीने के लिये 7500/- रुपए की सीमा तक) औपचारिक प्रशिक्षण के दौरान प्रदान की जाती है। 

शिक्षुता को बढ़ावा देने से संबंधित पहलें:

  • शिक्षुता और कौशल में उच्च शिक्षित युवाओं के लिये योजना (श्रेयस)
  • औद्योगिक मूल्य संवर्धन के लिये कौशल सुदृढ़ीकरण परियोजना (स्ट्राइव)
  • युवाह यूथ स्किलिंग इनिशिएटिव
  • प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना

स्रोत: पी.आई.बी. 

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