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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 02 Nov, 2023
  • 20 min read
प्रारंभिक परीक्षा

भारत का बढ़ता कर आधार

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

आयकर विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 से वर्ष 2021-22 तक के मूल्यांकन वर्षों के दौरान आयकर रिटर्न के आंकड़ों की हालिया रिलीज़, बदलते कर अनुपालन पैटर्न में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।

  • इस डेटा से करदाताओं की प्रोफाइल में परिवर्तन का पता चलता है, जिसमें विशेष रूप से उच्च-आय वर्ग इस परिवर्तन का केंद्र है। यह सभी पात्र करदाताओं को अपना रिटर्न दाखिल करना सुनिश्चित करने संबंधी चुनौतियों पर प्रकाश डालता है।

आयकर रिटर्न: 

  • आयकर:
    • आयकर एक वित्तीय वर्ष में अर्जित किसी व्यक्ति या व्यवसाय की वार्षिक आय पर लगाया जाने वाला कर है।
      • भारत में आयकर प्रणाली आयकर अधिनियम, 1961 द्वारा शासित होती है और यह एक प्रत्यक्ष कर है।
  • आयकर रिटर्न:
    • यह एक निर्दिष्ट दस्तावेज़ है जिसका उपयोग किसी वित्तीय वर्ष में किसी व्यक्ति की कमाई और उस आय पर भुगतान किये गए करों के विषय में आयकर विभाग को विवरण देने के लिये किया जाता है।
      • यह फॉर्म नुकसान को आगे बढ़ाने की सुविधा भी देता है और व्यक्तियों को आयकर विभाग से रिफंड का दावा करने में सक्षम बनाता है।

हाल के आयकर रिटर्न आँकड़ों से प्रमुख निष्कर्ष:

  • समग्र कर फाइलिंग:
    • मूल्यांकन वर्ष (AY) 2021-22 (वित्तीय वर्ष 2020-21) में कुल 6.75 करोड़ करदाताओं ने आयकर रिटर्न जमा किया, जो पिछले वर्ष की 6.39 करोड़ फाइलिंग से 5.6% की वृद्धि को दर्शाता है।
      • हालाँकि देशभर में लगभग 2.1 करोड़ करदाताओं ने कर का भुगतान किया लेकिन रिटर्न दाखिल नहीं किया।
  • करदाता आधार का विकास: 
    • हाल के वर्षों में करदाताओं की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है: यह संख्या मूल्यांकन वर्ष 2018-19 में 5.87 करोड़ थी जो मूल्यांकन वर्ष 2021-22 में बढ़कर 6.75 करोड़ हो गई।
      • हालाँकि शून्य कर का भुगतान करने वाले करदाताओं का प्रतिशत भी मूल्यांकन वर्ष 2018-19 में 40.3% से बढ़कर मूल्यांकन वर्ष 2021-22 में 66% हो गया है।
  • आय प्रवृत्ति: 
    • विभाग ने पिछले कुछ वर्षों में व्यक्तिगत करदाताओं के उच्च आय वर्ग की ओर संक्रमण पर प्रकाश डाला है।
    • केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes- CBDT) के अनुसार, शीर्ष 1% कमाने वालों की आय का आनुपातिक योगदान कम हो गया, जबकि निचले वर्ग के 25% देनदारों की हिस्सेदारी पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है।
  • आलोचना: 
    • आलोचक भारत में अत्यधिक-अमीर और मध्यम वर्ग के बीच बढ़ते धन के अंतर को स्पष्ट करते हैं, क्योंकि शीर्ष 1% आय अर्जित करने वालों की आय की कुल हिस्सेदारी वर्ष 2013-14 से 2021-22 तक 17% से बढ़कर 23% हो गई है।
    • इस बीच निचले 25% लोगों की आय वृद्धि कम हो गई, जिससे मुद्रास्फीति के साथ समायोजित करने पर उनकी वास्तविक आय में गिरावट आई है।
    • आय का यह अंतर आर्थिक निष्पक्षता और स्थायी वित्तीय प्रगति प्राप्त करने में मध्यम वर्ग के संघर्ष के बारे में चिंताएँ उत्पन्न करता है।

नोट: मूल्यांकन वर्ष वह अवधि है जिसके दौरान किसी विशेष वित्तीय वर्ष में अर्जित आय का कर उद्देश्यों के लिये मूल्यांकन या आकलन किया जाता है। यह उस वित्तीय वर्ष के ठीक बाद का वर्ष है जिसके लिये आय का आकलन किया जा रहा है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड: 

  • केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम, 1963 के तहत कार्य करने वाला एक वैधानिक प्राधिकरण है।
    • यह वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अंतर्गत कार्यरत है। 
  • यह भारत में प्रत्यक्ष कर नीतियों और रणनीतियों को आयाम देने के लिये महत्त्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करके दोहरी भूमिका निभाता है, साथ ही आयकर विभाग के माध्यम से प्रत्यक्ष कर नियमों के कार्यान्वयन एवं निष्पादन की निगरानी भी करता है।
    • इसका नेतृत्व एक अध्यक्ष करता है और इसमें छह सदस्य होते हैं।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न 

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भारत में काले धन के सृजन के निम्नलिखित प्रभावों में से कौन-सा भारत सरकार की चिंता का मुख्य कारण है? (2021)

(a) स्थावर संपदा के क्रय और विलासितायुक्त आवास में निवेश के लिये संसाधनों का अपयोजन।
(b) अनुत्पादक गतिविधियों में निवेश और जवाहरात, गहने, सोना इत्यादि का क्रय।
(c) राजनीतिक दलों को बड़े चंदे एवं क्षेत्रवाद का विकास।
(d) कर अपवंचन के कारण राजकोष में राजस्व की हानि।

उत्तर: (d)


प्रारंभिक परीक्षा

यूनेस्को क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में कोझिकोड और ग्वालियर

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने अपने क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क (UCCN) में 55 नए शहरों को जोड़ने की घोषणा की। नए प्रवेशकों में दो भारतीय शहरों- केरल में कोझिकोड ने 'साहित्य की नगरी' के रूप में और मध्य प्रदेश में ग्वालियर ने 'संगीत की नगरी' के रूप में अपनी पहचान बनाई

नोट:

UCCN में अन्य भारतीय शहरों में जयपुर- शिल्प एवं लोक कला (2015), वाराणसी- संगीत की नगरी (2015), चेन्नई- संगीत की नगरी(2017), मुंबई- फिल्म (2019) और हैदराबाद- गैस्ट्रोनॉमी (2019) तथा श्रीनगर- शिल्प एवं लोक कला (2021) शामिल हैं।

कोझिकोड और ग्वालियर का महत्त्व:

  • साहित्य की नगरी के रूप में कोझिकोड:
    • कोझिकोड यूनेस्को द्वारा 'साहित्य की नगरी' का प्रतिष्ठित खिताब प्राप्त करने वाला भारत का पहला शहर है।
    • शहर में विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रमों की मेज़बानी का एक लंबा इतिहास है, जैसे कि केरल साहित्य महोत्सव, जो एशिया में सबसे बड़े साहित्यिक समारोहों में से एक है।
      • यह स्वीकृति बौद्धिक आदान-प्रदान और साहित्यिक चर्चाओं के केंद्र के रूप में शहर की भूमिका को मज़बूत करती है।
      • कोझिकोड को 500 से अधिक पुस्तकालय होने का गौरव प्राप्त है।
    • इस शहर में कई प्रसिद्ध लेखकों का घर भी है, जिनमें एस. के. पोटेटे कट्ट (शहर के सबसे प्रसिद्ध लेखक), थिककोडीयन और पी. वाल्सला संजयन शामिल हैं, जिन्होंने मलयालम साहित्य एवं संस्कृति की विविधता तथा जीवंतता को बनाये रखने में योगदान दिया है।
  • संगीत की नगरी के रूप में ग्वालियर:
    • वर्ष 2015 में वाराणसी के बाद यूनेस्को द्वारा 'संगीत की नगरी' के रूप में नामित होने वाला ग्वालियर भारत का दूसरा शहर है।
    • इस शहर को व्यापक रूप से भारतीय इतिहास के सबसे महान संगीतकारों और कंपोजरों में से एक तानसेन का जन्मस्थान माना जाता है, जो सम्राट अकबर के दरबार में 'नवरत्नों' (नौ रत्नों) में से एक थे।
    • यह शहर हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की सबसे पुरानी और सबसे प्रभावशाली शैली ग्वालियर घराने का उद्गम स्थल भी है।
    • यह शहर भारत के सबसे बड़े वार्षिक संगीत समारोहों में से एक, तानसेन संगीत समारोह का आयोजन करता है, जो देश और विदेश से हजारों संगीत प्रेमियों तथा कलाकारों को आकर्षित करता है।

यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क (UCCN):

  • इसे वर्ष 2004 में बनाया गया था।
  • इसका उद्देश्य "उन शहरों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है जो रचनात्मकता को अपने शहरी विकास में एक रणनीतिक कारक के रूप में पहचानते हैं"।
  • नेटवर्क सात रचनात्मक क्षेत्रों को कवर करता है: शिल्प और लोक कला, मीडिया कला, फिल्म, डिज़ाइन, गैस्ट्रोनॉमी, साहित्य एवं संगीत।

प्रारंभिक परीक्षा

भारत और बांग्लादेश ने संयुक्त रूप से किया प्रमुख विकास परियोजनाओं का उद्घाटन

स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स

हाल ही में भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों ने तीन महत्त्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। उल्लेखनीय है कि ये सभी परियोजनाएँ भारत की सहायता से विकसित की गई हैं।

प्रमुख विकास परियोजनाएँ:

  • अखौरा-अगरतला क्रॉस-बॉर्डर रेल संपर्क:
    • यह परियोजना भारत सरकार द्वारा बांग्लादेश को दी गई 392.52 करोड़ रुपए की अनुदान सहायता के तहत तैयार की गई है। बांग्लादेश में 6.78 किलोमीटर लंबी दोहरी गेज रेल लाइन और त्रिपुरा में 5.46 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के साथ इस संपर्क मार्ग की कुल लंबाई 12.24 किलोमीटर है।

  • खुलना-मोंगला बंदरगाह रेल लाइन:
    • इसका निर्माण 388.92 मिलियन अमेरिकी डॉलर की कुल लागत के साथ भारत की रियायती ऋण सुविधा के तहत किया गया है।
    • इसमें मोंगला बंदरगाह को खुलना के मौजूदा रेल नेटवर्क से जोड़ने वाले लगभग 65 किलोमीटर ब्रॉड गेज रेल मार्ग का निर्माण शामिल है।
  • मैत्री सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट:
    • इसके निर्माण हेतु भारतीय रियायती वित्तपोषण योजना के तहत 1.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण दिया गया।
    • इसके अंतर्गत बांग्लादेश के खुलना डिवीज़न के रामपाल में 1320 मेगावाट (2x660) सुपर थर्मल पावर प्लांट मौजूद है।
    • इसका नेतृत्व बांग्लादेश-भारत फ्रेंडशिप पावर कंपनी (प्राइवेट) लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है, जो भारत के NTPC लिमिटेड और बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (BPDB) के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
  • परियोजनाओं का महत्त्व:
    • कनेक्टिविटी संवर्द्धन: रेल लिंक के माध्यम से सीमा पार कनेक्टिविटी को मज़बूत करना, व्यापार और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देना।
    • ऊर्जा सुरक्षा: ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने और दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण योगदान।
    • द्विपक्षीय संबंध: भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों को मज़बूत करना, भारत की पड़ोसी प्रथम नीति के अनुरूप पारस्परिक समृद्धि एवं विकास के लिये सहयोगात्मक प्रयास करना।

भारत और बांग्लादेश के बीच अन्य प्रमुख द्विपक्षीय विकास

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न 

प्रिलिम्स:

प्रश्न. तीस्ता नदी के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)

  1. तीस्ता नदी का उद्गम वही है जो ब्रह्मपुत्र का है लेकिन यह सिक्किम से होकर बहती है। 
  2. रंगीत नदी की उत्पत्ति सिक्किम में होती है और यह तीस्ता नदी की एक सहायक नदी है। 
  3. तीस्ता नदी, भारत एवं बांग्लादेश की सीमा पर बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 2 नवंबर, 2023

भारतीय राज्यों का स्थापना दिवस

आठ राज्यों और पाँच केंद्रशासित प्रदेशों, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, अंडमान व निकोबार द्वीप समूह, दिल्ली, लक्षद्वीप तथा पुद्दुचेरी का स्थापना दिवस 1 नवंबर को मनाया गया। स्थापना दिवस कार्यक्रम भारत सरकार की 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' पहल के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया। 

  • इस बात पर ज़ोर दिया गया कि आदि शंकराचार्य द्वारा देश के विभिन्न कोनों में चार धर्म पीठों की स्थापना ने देश को साझा संस्कृति के बंधन के माध्यम से कश्मीर से कन्याकुमारी तक एकजुट किया।
  • गठन वर्ष:
    • 1956: तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, केरल का गठन।
    • 1966: पंजाब से अलग हरियाणा का गठन।
    • 2000: छत्तीसगढ़ का गठन।

और पढ़ें…पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019, राज्य की मांग

GST संग्रह बढ़कर ₹1.72 लाख करोड़ हुआ

अक्तूबर  में भारत का वस्तु एवं सेवा कर (GST) राजस्व बढ़ गया, जो 10 महीनों में ₹1.72 लाख करोड़ के साथ दूसरे सबसे बड़े मासिक संग्रह तक पहुँच गया।

  • अक्तूबर में वस्तुओं के आयात पर GST शुल्क 13.9% बढ़ गया, जो घरेलू लेन-देन से होने वाली वृद्धि से भी तीव्र है।
  • वित्त वर्ष 2023-24 में औसत सकल मासिक GST संग्रह अब ₹1.66 लाख करोड़ है और पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि की तुलना में यह 11% अधिक है।
  • कर की चोरी करने वालों को नोटिस जारी करने और कर अपवंचन विरोधी अभियानों के कारण पर्याप्त कर संग्रह हुआ है।
  • नियमित निपटान के बाद अक्तूबर 2023 के महीने में केंद्र और राज्यों का कुल राजस्व CGST के लिये ₹72,934 करोड़ तथा SGST के लिये ₹74,785 करोड़ है।

और पढ़ें…वस्तु एवं सेवा कर परिषद 

नंदिनी दास ने ब्रिटिश अकादमी पुस्तक पुरस्कार 2023 जीता

भारत में जन्मी लेखिका नंदिनी दास को उनकी पुस्तक 'कोर्टिंग इंडिया: इंग्लैंड, मुगल इंडिया एंड द ओरिजिन्स ऑफ एम्पायर' के लिये वैश्विक सांस्कृतिक सूझ-बूझ के लिये ब्रिटिश अकादमी पुस्तक पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया।

  • लेखिका ने 17वीं शताब्दी की शुरुआत में भारत में पहले अंग्रेज़ राजदूत सर थॉमस रो के आगमन की कहानी के माध्यम से संबद्ध साम्राज्य की उत्पत्ति पर एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।
  • ब्रिटिश अकादमी पुस्तक पुरस्कार, जिसे पहले नायेफ अल-रोधन पुरस्कार कहा जाता था, वर्ष 2013 में उत्कृष्ट गैर-काल्पनिक कार्यों को सम्मानित करने के लिये शुरू किया गया था जो अकादमिक दृढ़ता, मौलिकता प्रदर्शित करते हैं और विभिन्न विश्व संस्कृतियों तथा उनकी गहन समझ को बढ़ावा देते हैं।

और पढ़ें…अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार, साहित्य में नोबेल पुरस्कार

विनिर्माण PMI आठ-महीने के निचले स्तर पर 

S&P ग्लोबल इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेज़िग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) से मिले संकेत के आधार पर अक्तूबर 2023 में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि फरवरी के बाद से सबसे कम गति पर आ गई है। इस गिरावट का श्रेय नए ऑर्डर में कमी को दिया गया, जो वर्ष के निचले स्तर पर पहुँच गया है।

  • एल्युमीनियम, रसायन, चमड़ा, कागज़, रबर और स्टील की बढ़ी कीमतों के कारण उत्पादकों को अधिक लागत का सामना करना पड़ रहा है, उन्होंने इनपुट संचय में धीमी गति से वृद्धि दर्ज की है, जो आठ महीनों में सबसे धीमी है, हालाँकि निर्माताओं ने आपूर्ति का स्टॉक करना जारी रखा है।
  • मुद्रास्फीति और मांग के बारे में चिंताओं के कारण आशावाद में कमी आने से व्यावसायिक विश्वास 5 महीने के निचले स्तर पर आ गया, यद्यपि कंपनियों ने अभी भी भविष्य की संभावनाओं पर आमतौर पर सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा है।
  • मंदी के पीछे अधिकांश उपभोक्ता वस्तुएँ थीं, बिक्री, उत्पादन, निर्यात, इनपुट इन्वेंट्री और खरीद स्तर में काफी कम वृद्धि दर्ज की गई।

और पढ़ें… औद्योगिक उत्पादन सूचकांक, भारत का विनिर्माण क्षेत्र


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