K9-वज्र
रक्षा मंत्रालय ने 100 और K9-वज्र ट्रैक्ड सेल्फ-प्रोपेल्ड होवित्ज़र तोपों की खरीद के लिये प्रक्रिया शुरू कर दी है।
- सेना को 100वीं तोप वर्ष 2021 में सौंपी गई थी।
K9-वज्र:
- K9-वज्र 155 मिमी, 52 कैलिबर ट्रैक्ड सेल्फ-प्रोपेल्ड होवित्ज़र (कम वेग पर उच्च प्रक्षेपपथ पर गोले दागने के लिये एक छोटी तोप) है, जिसे लार्सन एंड टुब्रो (L&T) द्वारा भारत में बनाया गया है, जिसमें दक्षिण कोरियाई रक्षा प्रमुख हनवा डिफेंस से इसके K9 थंडर के आधार पर प्रौद्योगिकी हस्तांतरित की गई है।
- K9 थंडर प्लेटफॉर्म पूरी तरह से वेल्डेड स्टील कवच सुरक्षा सामग्री से बना है।
- K9-वज्र को रक्षा खरीद प्रक्रिया (Defence Procurement Procedure- DPP) के 'बाय ग्लोबल’ (Buy Globa)' कार्यक्रम के तहत विकसित किया गया है, जहाँ विदेशी कंपनियों को भाग लेने की अनुमति है।
- K9-वज्र को मुख्य रूप से रेगिस्तान में उपयोग के लिये खरीदा गया था, लेकिन भारत-चीन गतिरोध ने उन्हें पहाड़ों में भी तैनात करने के लिये प्रेरित किया।
- यह सुनिश्चित करने के लिये कि ये प्रणालियाँ पहाड़ों की अत्यधिक ठंड की स्थिति में बेहतर प्रदर्शन करती हैं, सेना ने तैनात रेजिमेंट के लिये विंटराइज़ेशन किट भी खरीदे हैं।
स्रोत: द हिंदू
SAIME पहल
सुंदरबन में झींगा पालन की नई पहल से मैंग्रोव के पुनरोद्धार की उम्मीद है।
SAIME पहल:
- सतत् झींगा पालन हेतु समुदाय-आधारित पहल (Sustainable Aquaculture In Mangrove Ecosystem- SAIME) के तहत पश्चिम बंगाल में किसानों ने 30 हेक्टेयर क्षेत्र में झींगा पालन की शुरुआत की है।
- इसके अतिरिक्त मैंग्रोव के पुनरोद्धार का भी कार्य किया जा रहा है।
- वर्ष 2019 में शुरू हुई सतत् झींगा पालन हेतु समुदाय-आधारित पहल (SAIME) की परिकल्पना अब विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों- नेचर एन्वायरनमेंट एंड वाइल्डलाइफ सोसाइटी (NEWS) और ग्लोबल नेचर फंड (GNF), नेचरलैंड, बांग्लादेश एन्वायरनमेंट एंड डेवलपमेंट सोसाइटी (BEDS) द्वारा की जा रही है।
- झींगा पालन और मैंग्रोव पारिस्थितिकी आपस में जुड़े हुए हैं।
- मत्स्य पालन, विशेष रूप से झींगा पालन सुंदरबन के लोगों के प्रमुख व्यवसायों में से एक है, यह नदियों और निचले द्वीपों का एक जटिल नेटवर्क है तथा दिन में दो बार ज्वार की लहरों का सामना करता है।
- भारत की विशेष पारिस्थितिकी तंत्र के लगभग 15,000 से 20,000 हेक्टेयर क्षेत्र में झींगा पालन किया जाता है।
सुंदरवन डेल्टा का महत्त्व:
- बंगाल की खाड़ी में गंगा, ब्रह्मपुत्र और मेघना नदियों के डेल्टा पर स्थित सुंदरबन विश्व का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन क्षेत्र है।
- मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र एक अत्यंत विशिष्ट परिवेश है जो उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में भूमि एवं समुद्र के बीच पाया जाता है।
- सुंदरबन जीवों के कई समूहों का प्राकृतिक आवास क्षेत्र है और जीव प्रजातियों की एक बड़ी संख्या आहार, प्रजनन एवं आश्रय के लिये इस पारिस्थितिकी तंत्र पर निर्भर है।
- यह लवणीय जल मगरमच्छ, वाटर मॉनिटर लिज़ार्ड, गंगा डॉल्फिन और ओलिव रिडले कछुए जैसी कई दुर्लभ एवं विश्व स्तर पर संकटग्रस्त वन्यजीव प्रजातियों का घर है।
- सुंदरबन का 40% भाग भारत में और शेष भाग बांग्लादेश में स्थित है। सुंदरबन को वर्ष 1987 (भारतीय क्षेत्र) एवं 1997 (बांग्लादेशी क्षेत्र) में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित किया गया था।
- जनवरी 2019 में रामसर कन्वेंशन के तहत सुंदरबन आर्द्रभूमि, भारत को ‘अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि’ के रूप में मान्यता दी गई।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रश्न. वर्ष 2004 की सुनामी ने लोगों को यह महसूस करा दिया कि गरान (मैंग्रोव) तटीय आपदाओं के विरुद्ध विश्वसनीय सुरक्षा बाड़े का कार्य कर सकते हैं। गरान सुरक्षा बाड़े के रूप में किस प्रकार कार्य करते हैं? (2011) (a) गरान अनूप होने से समुद्र और मानव बस्तियों के बीच एक ऐसा बड़ा क्षेत्र खड़ा हो जाता है जहाँ लोग न तो रहते हैं, न जाते हैं। उत्तर: (d) प्रश्न. मैंग्रोवों के रिक्तीकरण के कारणों पर चर्चा कीजिये और तटीय पारिस्थितिकी का अनुरक्षण करने में इनके महत्त्व को स्पष्ट कीजिये। (मेन्स- 2019) |
स्रोत: द हिंदू
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 02 जनवरी, 2023
लुइज़ इंसियो लूला दा सिल्वा
लुइज़ इंसियो लूला दा सिल्वा ने ब्राज़ील के 39वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है। 77 वर्षीय लूला ने अक्तूबर 2022 में जायर बोल्सोनारो को कड़े संघर्ष में हराकर तीसरी बार राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता था। वर्ष 2003 से 2010 तक वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष के रूप में पूर्व यूनियन नेता लूला ने कमोडिटी बूम के दौरान लाखों लोगों के आर्थिक स्तर में सुधार किया था। लुइज़ इंसियो लूला दा सिल्वा वर्कर्स पार्टी के संस्थापक सदस्य हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में तीन बार असफल होने के बाद उन्होंने वर्ष 2002 में विजय हासिल की और 1 जनवरी, 2003 को राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण किया। वर्ष 2006 में पुनः राष्ट्रपति के पद पर चुने गए और 1 जनवरी, 2011 तक इनका कार्यकाल बढ़ाया गया। वर्ष 2006 में इन्हें जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन
1 जनवरी, 2023 को ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ (DRDO) के 65वें स्थापना दिवस का आयोजन किया गया। ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ की स्थापना रक्षा क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने के लिये मात्र 10 प्रयोगशालाओं के साथ 1 जनवरी, 1958 को की गई थी एवं इसका उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों के लिये आधुनिकतम प्रौद्योगिकियों को तैयार करना था। वर्तमान में यह रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के तहत कार्य करता है। वर्तमान में DRDO सैन्य क्षेत्र में अनेक आधुनिक तकनीकों के निर्माण में सलग्न है, जिनमें एयरोनॉटिक्स, आर्मामेंट्स, युद्धक वाहन, इंजीनियरिंग प्रणालियाँ, मिसाइलें, नौसेना प्रणालियाँ, एड्वांस कम्प्यूटिंग और सिम्युलेशन शामिल हैं। अपनी 64 वर्षों की लंबी अवधि में संगठन ने देश में रक्षा अनुसंधान एवं विकास के परिदृश्य को बदलने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है। ध्यातव्य है कि ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ ने कोविड-19 महामारी के विरुद्ध अवसंरचनात्मक स्तर पर भी काफी महत्त्वपूर्ण कार्य किया था। इस संगठन द्वारा पीएम-केयर फंड की मदद से 850 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किये गए हैं और ‘2DG’ नामक एक दवा विकसित करने के अलावा देश भर में कई कोविड केंद्रित अस्पताल भी स्थापित किये गए हैं।
स्पीयर फिशिंग
G20 शिखर सम्मेलन से पहले, जिसकी भारत 2023 में मेजबानी करेगा, CERT-In (भारत की प्रमुख साइबर सुरक्षा एजेंसी) ने पाया है कि स्पीयर फिशिंग के निशाने पर G20 शिखर सम्मेलन से जुड़े व्यक्ति और संगठन प्रमुख रूप से होंगे। संदिग्ध "साइबर विरोधी" उत्तर कोरिया, चीन और रूस के लिये कार्य कर रहे हैं।
स्पीयर फ़िशिंग किसी विशेष व्यक्ति/समूह को इंटरनेट पर या ईमेल द्वारा निजी जानकारी प्रदान करने हेतु धोखा देने का एक प्रयास है, विशेष रूप से ऐसे ईमेल भेजकर जो किसी ऐसे व्यक्ति से प्रतीत होते हैं जिन्हें वे जानते हैं।
महिलाओं के प्रतिभा प्रदर्शन हेतु कोट्टायम में अयमानम
महिलाओं के अनुकूल पर्यटन नेटवर्क बनाने की केरल सरकार की योजना के अनुरूप, राज्य के अधिकारियों ने महिलाओं के प्रतिभा प्रदर्शन के साथ-साथ अयमानम गाँव (एक ज़िम्मेदार पर्यटन (RT) गाँव) को महिलाओं के अनुकूल स्थलों के केंद्र के रूप में बदलने की योजना बनाई है।
गाँव में 80% RT इकाइयाँ पहले से ही महिलाओं द्वारा चलाई जा रही हैं। गाँव को राज्य की एग्री स्ट्रीट परियोजना के अंतर्गत भी शामिल किया गया है।
ज़िम्मेदार पर्यटन के लिये ऑपरेटरों, होटल मालिकों, सरकारों, स्थानीय लोगों और पर्यटकों को ज़िम्मेदारी लेने, पर्यटन को अधिक टिकाऊ बनाने हेतु कार्रवाई करने की आवश्यकता होती है। यह "लोगों के रहने और लोगों की यात्रा के लिये बेहतर स्थान बनाने" के बारे में है।
भीमा कोरेगाँव युद्ध वर्षगाँठ
हाल ही में वर्ष 1818 की युद्ध में पेशवा सेना के खिलाफ लड़ने वाले महार सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिये भीमा-कोरेगाँव युद्ध की 205वीं वर्षगाँठ मनाई गई। भीमा-कोरेगाँव में 'जयस्तंभ' उन ब्रिटिश EIC सैनिकों की याद बनाया गया है जो तीसरे एंग्लो मराठा युद्ध (1818) की आखिरी लड़ाई में शहीद हुए थे। युद्ध में केवल 834 पैदल सैनिकों (~500 महार) के साथ अंग्रेज़ों ने पेशवा बाजीराव द्वितीय की 28,000 मज़बूत सेना को को पराजित कर दिया था (पेशवा वर्चस्व को समाप्त कर दिया)।
क्रोएशिया पूर्णतया एकीकृत यूरोपीय संघ का सदस्य बना
1 जनवरी 2023 को, क्रोएशिया ने यूरोप के पासपोर्ट-मुक्त यात्रा क्षेत्र (दुनिया का सबसे बड़ा) में सम्मिलित होने के लिये यूरो को अपनाया और दर्जनों सीमा चौकियों को समाप्त कर यूरोपीय संघ में शामिल होने वाला 27वाँ देश बन गया है। यूरो को अपनाने से यात्रा और व्यापार करना सरल हो जाएगा तथा विदेश जाने वाले क्रोएशियाई लोगो के लिये मुद्रा विनिमय की परेशानी दूर हो जाएगी। क्रोएशिया वर्ष 2013 में यूरोपीय संघ में शामिल हुआ था, लेकिन यूरो को अपनाने के लिये इसे सख्त आर्थिक शर्तों के नियम को मानना पड़ा (स्थिर विनिमय दर, मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना और सार्वजनिक व्यय को मज़बूत करना)।