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एडिटोरियल

  • 29 Aug, 2023
  • 21 min read
शासन व्यवस्था

क्लीनटेक: लाभ और चुनौतियाँ

यह एडिटोरियल 26/08/2023 को ‘द हिंदू’ में प्रकाशित ‘‘Cleantech, for an inclusive green future in India’’ लेख पर आधारित है। इसमें भारत में ‘क्लीनटेक’ अपनाने के लाभों और इसे प्रभावी ढंग से अपना सकने के तरीकों के बारे में चर्चा की गई है। 

प्रिलिम्स के लिये:

क्लीनटेक, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs), प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (PM Formalisation of Micro Food Processing Enterprises Scheme-PMFME) योजना, पेरिस समझौता, कृषि अवसंरचना निधि, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, हाइड्रोजन फ्यूल सेल

मेन्स के लिये:

क्लीनटेक: महत्त्व, चुनौतियाँ और आगे की राह।

भारत के अनुभव से पता चला है कि जलवायु कार्रवाई (climate action) तभी प्रभावी होती है और बड़े पैमाने पर अपनाई जाती है, जब यह लाखों लोगों की विकास आकांक्षाओं के साथ संरेखित हो और आर्थिक विकास में योगदान करती हो। 

हरित अर्थव्यवस्था (green economy) प्रतिमान विकास और पर्यावरणीय परिणामों को संरेखित करने के लिये एक आशावादी मार्ग प्रदान करता है। उदाहरण के लिये, एक सोलर पार्क या इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन का निर्माण करना किसी विकासशील अर्थव्यवस्था में जलवायु कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए अत्यंत आवश्यक आधारभूत संरचना के विस्तारीकरण में मदद करता है। इसी तरह, मोटे अनाजों की खेती के पुनरुद्धार से हमारी कृषि को जलवायु-प्रत्यास्थी (climate-resilient) बनाते हुए वर्षा-सिंचित क्षेत्रों में कृषि आय में सुधार लाने में मदद मिलती है। 

क्लीनटेक: 

क्लीनटेक (CleanTech), जो ‘Clean Technology’ का संक्षिप्त रूप है, नवोन्मेषी प्रौद्योगिकियों, उत्पादों और प्रक्रियाओं को संदर्भित करता है, जिनका उद्देश्य विभिन्न उद्योगों एवं गतिविधियों से जुड़े नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना या उन्हें न्यूनतम करना है। 

क्लीनटेक में ऊर्जा, परिवहन, कृषि, अपशिष्ट प्रबंधन, जल उपचार सहित विभिन्न क्षेत्रों की एक व्यापक शृंखला शामिल है। क्लीनटेक का प्राथमिक लक्ष्य आर्थिक विकास और मानव कल्याण को बनाए रखते हुए स्थिरता, संसाधन दक्षता एवं पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है। 

क्लीनटेक के कुछ उदाहरण: 

  • सौर पैनल, जो सूर्य के प्रकाश को बिजली में परिवर्तित करते हैं 
  • विंड टरबाइन, जो हवा से बिजली उत्पन्न करते हैं 
  • जैव ईंधन, जो पौधों या अपशिष्ट पदार्थों से बनाये जाते हैं 
  • इलेक्ट्रिक वाहन, जो बैटरी या हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलते हैं 
  • स्मार्ट ग्रिड, जो बिजली के वितरण और उपभोग को इष्टतम करते हैं 
  • एलईडी लाइट, जो पारंपरिक बल्बों की तुलना में कम ऊर्जा का उपयोग करती हैं और लंबे समय तक कार्य करती हैं 

भारत में क्लीनटेक का महत्त्व: 

  • जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना: भारत जीवाश्म ईंधन पर भारी निर्भरता रखता है जो मूल्य निर्धारण के मामले में अस्थिरता और भू-राजनीतिक व्यवधानों के प्रति संवेदनशीलता के साथ संबद्ध है। भारत क्लीनटेक को अपनाकर अपने ऊर्जा मिश्रण में विविधता लाने के लिये सौर, पवन, बायोमास और जलविद्युत जैसे प्रचुर मात्रा में उपलब्ध नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों का उपयोग कर सकता है। 
    • ऊर्जन (Oorjan) एक रूफ-टॉप सोलर प्लेटफॉर्म प्रणाली है जो घरों और व्यवसायों के लिये सौर पैनल स्थापित करने तथा इसके रखरखाव के लिये समाधान प्रदान करती है। 
  • जलवायु परिवर्तन और उत्सर्जन को कम करना: यह भारत को अपने नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों की प्राप्ति और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने में मदद कर सकता है। भारत ने वर्ष 2030 तक 450 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। क्लीनटेक के अंगीकरण से भारत को अपने उत्सर्जन कटौती लक्ष्यों को पूरा करने, पेरिस समझौते जैसे अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के साथ संरेखित होने और वैश्विक तापमान वृद्धि को सीमित करने के वैश्विक प्रयासों में योगदान करने में मदद मिल सकती है। 
    • लॉग नाइन मैटेरियल्स (Log 9 Materials) एक नैनोटेक्नोलॉजी कंपनी है जिसने एक अभिनव शून्य उत्सर्जन एवं निम्न-लागत एल्यूमीनियम-एयर फ्यूल सेल विकसित की है। 
    • इको-रैप (Ecowrap) एक जैव प्रौद्योगिकी कंपनी है जो कृषि अपशिष्ट से बायोडिग्रेडेबल एवं कंपोस्टेबल पैकेजिंग सामग्री का उत्पादन करती है। 
  • ऊर्जा सुरक्षा और प्रत्यास्थता की वृद्धि करना: क्लीनटेक भारत को अपने घरेलू नवीकरणीय संसाधनों का दोहन करने की अनुमति देता है, जिससे ऊर्जा आयात पर उसकी निर्भरता कम हो जाती है। 
    • ऊर्जस (Urjas) एक स्टार्ट-अप है जो कृषि अपशिष्ट को बायोफ्यूल पेलेट्स (biofuel pellets) में परिवर्तित करता है। 
      • इन पेलेट्स का उपयोग खाना पकाने, हीटिंग और बिजली उत्पादन जैसे विभिन्न अनुप्रयोगों में कोयला, डीजल या लकड़ी के विकल्प के रूप में किया जा सकता है। 
  • जीवन की गुणवत्ता में सुधार: क्लीनटेक में स्वच्छ एवं सस्ती ऊर्जा, सुरक्षित जल, विश्वसनीय स्वच्छता और कुशल परिवहन तक पहुँच प्रदान कर लाखों भारतीयों की जीवन स्थिति को बेहतर बनाने की क्षमता है। यह विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों एवं मलिन बस्तियों के लिये लाभप्रद है जहाँ ऐसी सेवाओं की कमी पाई जाती है और यह बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा एवं समग्र कल्याण की ओर ले जाता है। 
    • ऑक्सीगार्डन (OxyGarden) एक स्टार्ट-अप है जिसने ‘फ़ॉरेस्ट’ (Forest) नामक उत्पाद लॉन्च किया है, जो एक इनडोर नेचुरल एयर प्यूरीफायर है। 
    • कर्मा हेल्थकेयर (Karma Healthcare) एक स्वास्थ्य सेवा कंपनी है जो ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के लिये सौर ऊर्जा संचालित ई-क्लिनिक का उपयोग करती है। 
  • आर्थिक विकास को उत्प्रेरित करना: क्लीनटेक समाधानों की ओर भारत का बढ़ता कदम नवाचार एवं उद्यमिता के अवसर प्रस्तुत करता है, जो स्टार्ट-अप्स एवं लघु और मध्यम उद्यमों (SMEs) के विकास को उत्प्रेरित करता है। इसके अलावा, क्लीनटेक क्लीनटेक मूल्य शृंखला (CleanTech value chain) से संलग्न ग्रामीण समुदायों के लिये आय भी सृजित कर सकता है। 
    • ‘S4S Technologies’ ने सौर ऊर्जा से संचालित फ़ूड डिहाइड्रेटर (food dehydrators) विकसित किये हैं जो किसी रसायन या एडिटिव्स का उपयोग किये बिना फलों, सब्जियों और अनाज का परिरक्षण कर सकते हैं। 
      • यह फसलोपरांत हानियों (post-harvest losses) को कम करने, उपज का जीवनकाल (shelf life) बढ़ाने और उपज का मूल्यवर्द्धन करने में किसानों की मदद कर सकता है। 
  • नवाचार को प्रोत्साहन: क्लीनटेक को अपनाने के लिये विविध क्षेत्रों में अभिनव समाधानों की आवश्यकता है। इससे अनुसंधान एवं विकास (R&D) गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है, जो प्रौद्योगिकीय सफलताओं की ओर ले जाएगा, जिससे न केवल भारत को लाभ प्राप्त होगा बल्कि इसके वैश्विक प्रभाव भी उत्पन्न होंगे। 
    • कार्बन मास्टर्स (Carbon Masters) एक स्टार्ट-अप है जिसने जैविक अपशिष्ट को कार्बन-न्यूट्रल बायोगैस में बदलने की तकनीक विकसित की है। इस बायोगैस का उपयोग खाना पकाने, हीटिंग या बिजली उत्पादन के लिये किया जा सकता है। 
      • यह कार्बनलाइट्स (Carbonlites) ब्रांड नाम से बोतलबंद बायोगैस का भी उत्पादन करता है, जिसका उपयोग एलपीजी सिलेंडर के विकल्प के रूप में किया जा सकता है। 
  • महिला सशक्तीकरण: क्लीनटेक नवाचार महिला उद्यमियों एवं कारोबारी नेत्रियों के लिये भी अवसर के द्वार खोलता है। महिला नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप और कारोबार संवहनीय समाधान विकसित करने एवं इसे प्रवर्तित करने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, जिससे पारंपरिक लैंगिक मानदंडों को तोड़ा जा सकता है और पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में भी महिला नेतृत्व की संस्कृति को बढ़ावा दिया जा सकता है। 
    • ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (Council on Energy, Environment and Water- CEEW) के हाल के एक अध्ययन से पता चला है कि क्लीनटेक आजीविका साधनों को सबसे पहले अपनाने वाले 13,000 लोगों में से 80% से अधिक महिलाएँ हैं।
    • वर्ष 2030 तक भारत में महिलाओं के स्वामित्व वाले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) की संख्या 30 मिलियन होगी, जिसमें लगभग 150 मिलियन लोग नियोजित होंगे। 
  • ग्रामीण सशक्तीकरण: भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था, जिसमें 120 मिलियन किसान और 34 मिलियन सूक्ष्म उद्यम शामिल हैं, प्रायः बिजली तक अविश्वसनीय पहुँच और महँगे आयातित डीजल पर निर्भरता की समस्या से जूझ रही है। 
    • नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित क्लीनटेक समाधान भारत को अपने डीजल आयात को कम करने, जल्द खराब होने वाले खाद्य पदार्थों की हानि से बचने और ग्रामीण आजीविका के अवसरों को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इसके साथ ही, ये निवेशकों और फाइनेंसरों के लिये 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश के अवसर भी प्रदान कर सकते हैं। 
    • CEEW के अनुसार, महज 12 क्लीनटेक समाधान में ही हमारी ग्रामीण आबादी के कम से कम 16% को प्रभावित कर सकने की क्षमता है। 

क्लीनटेक के अंगीकरण से संबद्ध चुनौतियाँ: 

  • निम्न उत्पाद जागरूकता: बहुत से संभावित ग्राहक क्लीनटेक उत्पादों एवं सेवाओं के लाभों और विशेषताओं से अवगत ही नहीं हैं या वे उनके कार्य-निष्पादन एवं विश्वसनीयता के बारे में भ्रामक धारणाओं के शिकार हैं। 
  • उच्च ग्राहक अधिग्रहण लागत: क्लीनटेक समाधानों के लिये प्रायः उच्च अग्रिम निवेश और सुदीर्घ भुगतान अवधि की आवश्यकता होती है, जो कई ग्राहकों को उन्हें अपनाने से हतोत्साहित करती है। 
    • इसके अलावा, ग्राहक की संतुष्टि के लिये आवश्यक है कि क्लीनटेक उत्पादों को अपनाने से पहले वे इसे उपयोग कर देख सकें, जिससे क्लीनटेक प्रदाताओं के लिये विपणन एवं वितरण लागत बढ़ जाती है। 
  • ग्राहकों का निम्न घनत्व: क्लीनटेक समाधानों की मांग ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों तक विस्तृत है, जहाँ बुनियादी ढाँचे एवं लॉजिस्टिक्स की बदतर स्थिति और वित्त तक सीमित पहुँच पाई जाती है। इससे क्लीनटेक प्रदाताओं के लिये इन ग्राहकों तक कुशलतापूर्वक और लाभप्रद रूप से पहुँच सकना तथा सेवा प्रदान कर सकना कठिन हो जाता है। 
  • सीमित आफ्टर-सेल्स सेवा और बाज़ार संपर्क: जो ग्राहक क्लीनटेक समाधान अपनाते हैं, उन्हें प्रायः इनके रखरखाव एवं मरम्मत में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि स्थानीय बाज़ारों में कुशल तकनीशियनों और स्पेयर पार्ट्स की कमी पाई जाती है। 
    • इसके अतिरिक्त, जो ग्राहक आजीविका बढ़ाने के लिये सोलर ड्रायर या बायोमास कोल्ड स्टोरेज जैसे क्लीनटेक समाधानों का उपयोग करते हैं, उनके पास अपने प्रसंस्कृत उत्पादों को प्रतिस्पर्द्धी मूल्यों पर बेच सकने के लिये पर्याप्त बाज़ार संपर्क का अभाव हो सकता है। 

आगे की राह: 

  • मौजूदा सरकारी कार्यक्रमों का लाभ उठाना:  
  • क्लीनटेक समाधानों के वृहत वित्तपोषण को सक्षम करना: सूचना-संपन्न क्रेडिट मूल्यांकन को सक्षम करने के लिये प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण के माध्यम से क्लीनटेक समाधानों को समझने में बैंकरों की क्षमता को संवर्द्धित करने की आवश्यकता है। 
    • इसे आरंभिक चरण में आंशिक गारंटी प्रदान कर फाइनेंसरों के लिये जोखिमों को कम करने की भी आवश्यकता है। 
    • इसके अलावा, उपयोगकर्ताओं के अनूठे नकदी प्रवाह परिदृश्यों के अनुरूप ऋण उत्पादों को डिज़ाइन करने के लिये फाइनेंसरों के साथ सहयोग करना और इस प्रकार क्लीनटेक समाधानों में निवेश को बढ़ावा देना आवश्यक है। 
    • इनमें से कुछ सिद्धांतों को अपनाकर CEEW की एक पहल ‘पावरिंग लाइवलीहुड्स’ (Powering Livelihoods) महिलाओं, SHGs, FPOs और सूक्ष्म उद्यमियों के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में क्लीनटेक समाधानों के लिये 300 से अधिक ऋण सुरक्षित करने में सफल रहा था। 
  • बहु-कर्त्ता भागीदारियों को सक्षम करना: एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र को सक्षम करने के लिये प्रौद्योगिकी नवप्रवर्तकों, विनिर्माताओं, वितरकों एवं सेवा प्रदाताओं, फाइनेंसरों और बाज़ार संपर्क कर्ताओं (market-linkage players) प्लेयर्स जैसे विभिन्न हितधारकों के बीच भागीदारियों का निर्माण किया जाना चाहिये। 
    • क्लीनटेक विनिर्माताओं के समक्ष मौजूद सीमित उत्पाद जागरूकता, उच्च ग्राहक अधिग्रहण लागत और विरल ग्राहक घनत्व जैसी चुनौतियों को संबोधित किया जाना चाहिये। 
    • एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित किया जाए जहाँ वितरक ज़मीनी स्तर पर प्रौद्योगिकी को सुलभ बनाने के लिये निर्माताओं के साथ सहयोग करें। 
    • बाज़ारों तक पहुँच को सुविधाजनक बनाने हेतु विश्वसनीय आफ्टर-सेल सेवाओं और बाज़ार संपर्क को सुनिश्चित करने के लिये सेवा प्रदाताओं को शामिल करना। 
    • उदाहरण के लिये, ऐसी सोलर डायर कंपनियाँ मौजूद हैं जो न केवल ड्रायर तैनात कर रही हैं, बल्कि उपयोगकर्ताओं को ड्रायर अपनाने के लिये वित्तपोषण में भी सक्षम कर रही हैं और बाज़ार संपर्क सुनिश्चित करने के लिये उनसे अंतिम उपज की वापस खरीद कर रही हैं। 

अभ्यास प्रश्न: क्लीनटेक (CleanTech) को प्रायः सतत् विकास के लिये और पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिये एक महत्त्वपूर्ण प्रवर्तक के रूप में देखा जाता है। क्लीनटेक को अपनाने से संबद्ध लाभों एवं चुनौतियों की चर्चा कीजिये और इन चुनौतियों पर काबू पाने के लिये उपयुक्त उपायों को बताइये। 

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न 

मेन्स:

प्रश्न. पारंपरिक ऊर्जा उत्पादन के विपरीत सूर्य के प्रकाश से विद्युत ऊर्जा प्राप्त करने के लाभों का वर्णन कीजिये। इस उद्देश्य की प्राप्ति हेतु सरकार द्वारा क्या पहल की गई है? (2020)

प्रश्न. भारत में सौर ऊर्जा की प्रचुर संभावनाएँ हैं, हालाँकि इसके विकास में क्षेत्रीय भिन्नताएँँ हैं। विस्तृत वर्णन कीजिये। (2020)


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