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एडिटोरियल

  • 10 Aug, 2023
  • 20 min read
शासन व्यवस्था

AB-PMJAY के पाँच वर्ष

यह एडिटोरियल 09/08/2023 को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित ‘‘Five years of Ayushman Bharat’’ लेख पर आधारित है। इसमें आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना की उपलब्धियों और चुनौतियों के बारे में चर्चा की गई है।

प्रिलिम्स के लिये:

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन, आयुष्मान भारत PM-JAY स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज, आयुष्मान भारत PM-JAY पुरस्कार, भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक, सतत् विकास लक्ष्य 3.8

मेन्स के लिये:

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से संबंधित चुनौतियाँ एवं उपलब्धियाँ।

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) को वर्ष 2018 में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है। इसका उद्देश्य आर्थिक स्थिति से परे गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच सुनिश्चित करके समाज के गरीब और कमज़ोर वर्गों को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करना है। इसमें गरीबी कम करने, उत्पादकता बढ़ाने और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के रूप में देश के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य को रूपांतरित कर सकने की क्षमता है। 

AB-PMJAY के मुख्य उद्देश्य:  

  • लाभार्थियों के लिये स्वास्थ्य देखभाल पर जेब के खर्च (Out-Of-Pocket Expenditure- OOPE) के वित्तीय बोझ को कम करना। 
  • लाभार्थियों के लिये स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच और वहनीयता (affordability) में सुधार लाना। 
  • देश में स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणालियों की गुणवत्ता और दक्षता को बढ़ाना। 
  • लाभार्थियों के लिये निवारक, प्रोत्साहक और उपचारात्मक स्वास्थ्य हस्तक्षेप को बढ़ावा देना। 

AB-PMJAY की मुख्य विशेषताएँ: 

  • स्वास्थ्य कवर: 
    • यह योजना 12 करोड़ से अधिक परिवारों (जनसंख्या का निचला 40% भाग) को माध्यमिक और तृतीयक अस्पताल भर्ती स्वास्थ्य देखभाल के लिये प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य कवर प्रदान करती है। 
  • पैकेज: 
    • यह योजना 1,949 पैकेजों की एक व्यापक सूची के माध्यम से लगभग सभी स्वास्थ्य स्थितियों के लिये चिकित्सा और शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं को कवर करती है, जिसमें कैंसर देखभाल, हृदय रोग देखभाल, न्यूरोसर्जरी, आर्थोपेडिक्स, जलने संबंधी प्रबंधन, मानसिक विकार आदि शामिल हैं। 
  • वित्तपोषण: 
    • यह एक केंद्र-प्रायोजित योजना है, जिसका अर्थ यह है कि यह केंद्र और राज्य दोनों सरकारों द्वारा वित्तपोषित है। 
    • अधिकांश राज्यों के लिये वित्तपोषण अनुपात 60:40 है, जबकि पूर्वोत्तर राज्यों एवं हिमालयी राज्यों के लिये इस अनुपात को 90:10 और विधानसभा-रहित केंद्रशासित प्रदेशों के लिये इसे 100:0 रखा गया है। 
  • आईटी प्लेटफार्म: 
    • यह योजना सेवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने और धोखाधड़ी एवं दुरुपयोग को रोकने के लिये एक सदृढ़ आईटी प्लेटफॉर्म का उपयोग करती है। 
    • यह प्लेटफॉर्म लाभार्थी पहचान प्रणाली, हॉस्पिटल इम्पैनलमेंट मॉड्यूल, लेनदेन प्रबंधन प्रणाली, दावा प्रबंधन प्रणाली, शिकायत निवारण तंत्र जैसी सुविधाएँ रखता है। 
  • अस्पताल: 
    • इस योजना के तहत देश भर में 27,000 से अधिक सूचीबद्ध अस्पतालों का नेटवर्क है, जिनमें से आधे से अधिक निजी अस्पताल हैं। 
      • यह योजना प्रभावी कार्यान्वयन के लिये ट्रस्ट-आधारित मॉडल, बीमा-आधारित मॉडल या हाइब्रिड मॉडल जैसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल को भी प्रोत्साहित करती है। 
  • ‘पोर्टेबिलिटी’: 
    • योजना में अंतर्राज्यीय पोर्टेबिलिटी सुविधा शामिल है, जिसका अर्थ यह है कि एक राज्य में पंजीकृत लाभार्थी किसी ऐसे अन्य राज्य में भी सेवाओं का लाभ उठा सकता है जहाँ AB-PMJY कार्यक्रम कार्यान्वित है। 
      • यह प्रवासियों के लिये, विशेष रूप से आपात स्थितियों में, मददगार साबित हुआ है। 
  • आरोग्य मित्र: 
    • योजना में प्रधानमंत्री आरोग्य मित्रों (PMAMs) का एक समर्पित कार्यबल शामिल है जो योजना के दायरे में आने वाले लाभार्थियों को प्रत्येक चरण पर मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करता है। 
      • वे लाभार्थी सत्यापन, पंजीकरण, पूर्व-अनुमति (pre-authorisation), दावा प्रस्तुतीकरण (claim submission) आदि के लिये ज़िम्मेदार हैं। 
  • निगरानी और मूल्यांकन: 
    • योजना में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिये एक निगरानी और मूल्यांकन तंत्र मौजूद है। 
    • योजना में एक सार्वजनिक डैशबोर्ड शामिल है जहाँ कार्यान्वयन विवरण को दिन-प्रतिदिन के आधार पर ट्रैक किया जा सकता है। 
      • यह योजना उन लाभार्थियों का विवरण भी प्रकाशित करती है (उनकी गोपनीयता से समझौता किये बिना) जिन्होंने योजना के तहत उपचार का लाभ उठाया है। 
      • दावा की प्रक्रिया पूर्णतः ‘फेसलेस’ है (व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति की आवश्यकता नहीं)। 
  • ‘एंटी फ्रॉड यूनिट’: 
    • योजना में एक राष्ट्रीय धोखाधड़ी-रोधी इकाई (National Anti-Fraud Unit- NAFU) शामिल है जो धोखाधड़ी-रोधी पहलों को डिज़ाइन करती है, इन्हें कार्यान्वित करती है और इनकी निगरानी करती है। 
      • राज्य स्तर पर भी धोखाधड़ी-रोधी इकाइयाँ स्थापित की गई हैं। 
    • NAFU संदिग्ध लेनदेन या संभावित धोखाधड़ी के लिये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) प्रौद्योगिकियों का उपयोग करता है। 
      • NAFU दुरुपयोग पर नियंत्रण के लिये डेस्क और फील्ड ऑडिट (जिसमें बिना पूर्व-सूचना के अचानक ऑडिट करना शामिल है) भी आयोजित करता है। 
      • धोखाधड़ी या कदाचार के लिये 210 से अधिक अस्पतालों को पैनल से हटाया गया है। 
  • कॉल सेंटर: 
    • योजना में एक कॉल सेंटर शामिल है जिसके द्वारा उपचार की मात्रा और गुणवत्ता को सत्यापित करने के लिये अस्पताल से डिस्चार्ज होने के 48 घंटे के भीतर उपचार का लाभ उठाने वाले प्रत्येक लाभार्थी को कॉल किया जाता है। 
      • प्रोग्नोसिस (prognosis) के बारे में जानने के लिये 15 दिनों के बाद एक और कॉल की जाती है। 

AB-PMJAY की उपलब्धियाँ: 

  • कवरेज: 
    • AB-PMJAY के पाँच वर्ष पूरे होने के साथ इसने अब तक 15.5 करोड़ से अधिक परिवारों (लगभग 50 करोड़ लाभार्थियों) को दायरे में लिया है जिन्हें माध्यमिक और तृतीयक अस्पताल भर्ती स्वास्थ्य देखभाल के लिये प्रति परिवार प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य कवर प्रदान किया जा रहा है। 
      • 11 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने अपनी-अपनी आबादी के 100% कवरेज पर बल दिया है। 
  • बचत: 
    • योजना ने पिछले पाँच वर्षों में 66,284 करोड़ रुपए मूल्य के 5.39 करोड़ से अधिक प्रवेश कार्यक्रमों को पूरा किया है। 
    • यदि लाभार्थियों ने AB-PMJAY के दायरे से बाहर सदृश देखभाल सेवा का लाभ उठाया होता तो उपचार की कुल लागत इससे लगभग दो गुना अधिक होती। 
      • इससे लाभार्थियों को 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत हुई है। 
  • प्रभाव: 
    • योजना ने लाभार्थियों के जेब के खर्च (OOPE) को 60% तक कम कर दिया है और तृतीयक देखभाल तक उनकी पहुँच 65% तक बढ़ा दी है। 
      • इस योजना से लाभार्थियों के स्वास्थ्य संबंधी व्यवहार और संतुष्टि में भी सुधार आया है। 
  • गुणवत्ता और दक्षता: 
    • योजना ने पैनल में शामिल अस्पतालों के लिये मानक उपचार प्रोटोकॉल, गुणवत्ता प्रमाणन और प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन का आरंभ कर देश में स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणालियों की गुणवत्ता एवं दक्षता को बढ़ाया है। 
      • योजना से सार्वजनिक अस्पतालों के बिस्तर अधिभोग दर (bed occupancy rate) और राजस्व सृजन में भी वृद्धि हुई है। 
  • नवाचार और पहल: 
  • समावेशिता: 
    • यह योजना ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को लाभार्थियों की सूची में जोड़कर समावेशिता के अपने वादे पर खरी उतरी है। 
    • लगभग 50 पैकेज विशेष रूप से इस समुदाय के लिये डिज़ाइन किये गए हैं, जिनमें सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी (SRS) पर पैकेज भी शामिल हैं। 

AB-PMJAY के समक्ष विद्यमान चुनौतियाँ:  

  • जागरूकता की कमी: 
    • इस योजना को संभावित लाभार्थियों के बीच, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, कम जागरूकता स्तर की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। 
      • कई पात्र लाभार्थियों को अपने अधिकारों/पात्रता के बारे में या उनका लाभ कैसे उठाया जाए, इस बारे में जानकारी नहीं है। 
      • अधिक जागरूकता और मांग पैदा करने के लिये योजना के आउटरीच और संचार प्रयासों को बढ़ाने की आवश्यकता है। 
  • आपूर्ति पक्ष की बाधा: 
    • देश में स्वास्थ्य देखभाल अवसंरचना और मानव संसाधनों के असमान वितरण एवं उपलब्धता के कारण इस योजना को आपूर्ति पक्ष की बाधा का सामना करना पड़ रहा है। 
    • कई राज्यों में पैनलबद्ध अस्पतालों की कमी है, विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों और आदिवासी इलाकों में। 
  • प्रतिपूर्ति संबंधी मुद्दे: 
    • इस योजना के समक्ष पैनल में शामिल अस्पतालों, विशेषकर निजी अस्पतालों के दावों की समय पर और पर्याप्त प्रतिपूर्ति सुनिश्चित करने की चुनौती है। 
    • कई अस्पतालों ने भुगतान में देरी, कम पैकेज दरों, उच्च अस्वीकृति दरों (denial rates) और बोझिल प्रक्रियाओं की शिकायत की है। 
      • योजना की संवहनीयता और व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिये दावा निपटान प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और त्वरित करने तथा पैकेज दरों को समय-समय पर संशोधित करने की आवश्यकता है। 
  • धोखाधड़ी और दुरुपयोग: 
    • इस योजना के समक्ष बेईमान तत्वों द्वारा धोखाधड़ी और दुरुपयोग को रोकने तथा उनका पता लगा सकने की चुनौती है जो व्यक्तिगत लाभ के लिये योजना का गलत लाभ उठाने की कोशिश करते हैं। 
    • हाल ही में भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने खुलासा किया है कि लगभग 7.5 लाख लाभार्थी एक ही सेल फोन नंबर (9999999999) से जुड़े हुए थे। 
      • धोखाधड़ी-रोधी तंत्र (anti-fraud mechanisms) को सुदृढ़ करने और योजना के तहत धोखाधड़ी या कदाचार में लिप्त लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है। 

AB-PMJAY से जुड़ी भविष्य की संभावनाएँ:  

  • रूपांतरण: 
    • इस योजना में भारत की आधी आबादी को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करके देश के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य को आमूलचूल रूप से रूपांतरित कर सकने क्षमता है। 
    • यह योजना सतत् विकास लक्ष्य 3.8 की प्राप्ति में भी योगदान दे सकती है, जहाँ वर्ष 2030 तक सभी के लिये सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की परिकल्पना की गई है। 
  • एकीकरण: 
    • यह योजना देश में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल प्रणाली से जोड़कर सुदृढ़ करने के लिये उत्प्रेरक के रूप में भी कार्य कर सकती है। 
    • यह योजना स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच, वहनीयता/सामर्थ्य और गुणवत्ता में सुधार के लिये डिजिटल स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों की क्षमता का भी लाभ उठा सकती है। 
  • विकास: 
    • यह योजना गरीबी को कम करने, उत्पादकता बढ़ाने और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के रूप में देश के सामाजिक-आर्थिक विकास पर भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। 
    • यह योजना रोज़गार के अवसर भी सृजित कर सकती है और स्वास्थ्य क्षेत्र में आर्थिक विकास को प्रेरित कर सकती है। 

AB-PMJAY में सुधार के लिये कुछ प्रमुख अनुशंसाएँ: 

  • आयुष्मान कार्ड का प्रावधान: 
    • योजना प्रत्येक संभावित लाभार्थी को आयुष्मान कार्ड प्रदान करने का लक्ष्य चुन सकती है, जो 5 लाख रुपए के प्री-पेड कार्ड के रूप में कार्य कर सकता है और जिसका उपयोग किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में निःशुल्क इलाज के लिये किया जा सकता है। 
      • इससे लाभार्थी की पहचान और सत्यापन में होने वाली जटिलता और देरी को कम किया जा सकता है। 
  • दायरा: 
    • योजना को अपने दायरे में अधिक स्वास्थ्य दशाओं, प्रक्रियाओं एवं सेवाओं को शामिल करते हुए अपने स्कोप और कवरेज का विस्तार करना चाहिये। 
      • योजना में बाह्य रोगी देखभाल, निदान (diagnostics), दवाओं आदि को भी शामिल करने पर विचार करना चाहिये, जो कई लाभार्थियों के लिये जेब के खर्च का एक प्रमुख भाग होता है। 
  • अभिसरण: 
    • योजना को दोहराव, विखंडन एवं भ्रम से बचने के लिये केंद्र और राज्य स्तर पर अन्य स्वास्थ्य योजनाओं एवं कार्यक्रमों के साथ समन्वय और अभिसरण बढ़ाना चाहिये। 
    • इस योजना को विभिन्न हितधारकों—जैसे कि नागरिक समाज संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, निजी क्षेत्र की संस्थाओं आदि के साथ सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देना चाहिये ताकि उनकी विशेषज्ञता और संसाधनों का लाभ उठाया जा सके। 

अभ्यास प्रश्न: समाज के गरीब और कमज़ोर तबकों को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करने में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) की उपलब्धियों और चुनौतियों का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिये। इस योजना के कार्यान्वयन और प्रभाव में सुधार के लिये कुछ उपाय भी सुझाइये। 

  यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

मेन्स:

प्र. प्रोफेसर अमर्त्य सेन ने प्राथमिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण सुधारों की वकालत की है। इन क्षेत्रों की स्थिति और प्रदर्शन में सुधार हेतु आपके क्या सुझाव हैं?


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