अंतर्राष्ट्रीय संबंध
बेरुत विस्फोट: कारण और प्रभाव
इस Editorial में The Hindu, The Indian Express, Business Line आदि में प्रकाशित लेखों का विश्लेषण किया गया है। इस लेख में बेरुत विस्फोट व उससे संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। आवश्यकतानुसार, यथास्थान टीम दृष्टि के इनपुट भी शामिल किये गए हैं।
संदर्भ
हाल ही में लेबनान की राजधानी बेरुत में एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ। जिसमें कई लोगों की मृत्यु होने तथा हजारों लोगों के घायल होने की संभावना है। इस विस्फोट की भयावहता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसकी गूँज निकोसिया शहर तक सुनी गई है। निकोसिया, साइप्रस की राजधानी है, जो विस्फोट वाले स्थान से लगभग 250 किलोमीटर दूर स्थित है। भू-वैज्ञानिकों का यह मानना है कि विस्फोट 3.3 रिक्टर स्केल की तीव्रता वाले भूकंप के बराबर था।
विशेषज्ञों के अनुसार, धुएँ के रंग और मशरूम आकार में छाए धुएँ के गुब्बार को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि विस्फोट का कारण अमोनियम नाइट्रेट (Ammonium Nitrate) के भंडार में लगी आग हो सकती है। लेबनानी अधिकारियों का भी यह मानना है कि बेरुत बंदरगाह के वेयरहाउस में लगभग 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट मौज़ूद था जो विस्फोट का मुख्य कारण बना। विस्फोट के परिणामस्वरूप बेरुत में लगभग 2.5 से 3.0 लाख लोग बेघर हो गए हैं और लगभग 3 से 5 अरब डॉलर का नुकसान होने की संभावना है।
इस आलेख में लेबनान की भू-राजनीतिक स्थिति, विस्फोट के कारण, प्रभाव तथा वैश्विक बिरादरी की प्रतिक्रिया पर विचार-विमर्श करने का प्रयास किया जाएगा।
लेबनान की भू-राजनीतिक स्थिति
- पश्चिम एशिया में भूमध्य सागर के पूर्वी तट पर स्थित देश लेबनान की जनसंख्या लगभग 68.5 लाख है।
- लेबनान के उत्तर और पूर्व में सीरिया तथा दक्षिण में इज़राइल स्थित है।
- लेबनान मुख्य रूप से रोमन, अरब और उस्मानी तुर्कों के शासन के अंतर्गत रहने के बाद फ्रांस का उपनिवेश भी रहा है। इसी ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य के कारण लेबनान की धार्मिक और जातीय विविधता इसकी अनूठी सांस्कृतिक पहचान बनाती है।
- लेबनान की लगभग 54 प्रतिशत जनसंख्या इस्लाम धर्म को तथा 40.7 प्रतिशत जनसंख्या ईसाई धर्म को मानने वाली है।
- प्रथम विश्वयुद्ध के बाद यह फ्रांस का उपनिवेश बना। वर्ष 1943 में फ्रांस से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद लेबनान लम्बे समय तक गृहयुद्द में भी जूझता रहा है।
विस्फोट का कारण
- लेबनानी अधिकारियों के अनुसार, बेरुत बंदरगाह के वेयरहाउस में लगभग 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट मौज़ूद था जो विस्फोट का मुख्य कारण बना।
- लेबनान के शीर्ष अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2013 में जार्जिया से मोज़ाम्बिक जा रहे एक शिप ने तकनीकी कारणों से बेरुत बंदरगाह पर डॉक किया।
- बेरुत में शिप का निरीक्षण करने पर उसमें 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट पाया गया। ज्वलनशील पदार्थ अमोनियम नाइट्रेट के संबंध में पर्याप्त साक्ष्य न उपलब्ध करा पाने के कारण बेरुत बंदरगाह प्राधिकरण ने अमोनियम नाइट्रेट को सीज़ कर वेयरहाउस में रखवा दिया।
- संभवतः वेयरहाउस में रखे इसी अमोनियम नाइट्रेट के भंडार में आग लगने की वजह से विस्फोट हुआ।
अमोनियम नाइट्रेट
- अमोनियम नाइट्रेट, एक रंगहीन, गंधहीन क्रिस्टलीय पदार्थ है। यह जल में अत्यधिक घुलनशील है, जल में घुलित अमोनियम नाइट्रेट के घोल को गर्म करने पर यह नाइट्रस ऑक्साइड (लाॅफिंग गैस) में बदल जाता है।
- अमोनियम नाइट्रेट एक अकार्बनिक यौगिक है। इसका रासायनिक सूत्र NH4NO3 है। यह साधारण ताप व दाब पर सफेद रंग का क्रिस्टलीय ठोस है। कृषि में इसका उपयोग उच्च-नाइट्रोजनयुक्त उर्वरक के रूप में तथा विस्फोटकों में आक्सीकारक के रूप में होता है।
- इसे आमतौर पर एक उर्वरक के रूप में उपयोग किया जाता है जो दशकों से कई औद्योगिक विस्फोटों का भी कारण रहा है।
- कृषि क्षेत्र में अमोनियम नाइट्रेट को उर्वरक के रूप में प्रयोग किया जाता है और नमी के कारण यह मृदा में जल्दी घुल जाता है जिससे मृदा में नाइट्रोजन के स्तर में वृद्धि होती है जो पौधे के विकास के लिये महत्त्वपूर्ण होती है।
संगृहीत अमोनियम नाइट्रेट हानिकारक
- यदि संगृहीत अमोनियम नाइट्रेट अग्नि या अन्य विस्फोटक पदार्थ के संपर्क में आ जाता है तो यह एक बड़े विस्फोट का कारण बन सकता है।
- बड़े पैमाने पर ऑक्सीकरण की प्रक्रिया के कारण उत्पन्न होने वाली उष्मा से संगृहीत अमोनियम नाइट्रेट के भंडार में आग लगने से भी काफी बड़ा विस्फोट हो सकता है।
- विशेषज्ञों के अनुसार, बेरुत में हुई घटना संगृहीत अमोनियम नाइट्रेट के अन्य विस्फोटक पदार्थ के संपर्क में आ जाने के कारण घटित होने की संभावना अधिक है।
- पूर्व में वर्ष 2013 में टेक्सास के एक उर्वरक संयंत्र में अमोनियम नाइट्रेट के कारण हुए विस्फोट में कई लोग मारे गए थे तो वहीं वर्ष 2001 में फ्रांस के टूलूज़ (Toulouse) में एक रासायनिक संयंत्र में विस्फोट का कारण भी अमोनियम नाइट्रेट था।
प्रभाव
- अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के अनुसार, अमेरिकी प्रतिबंधों और कुछ घरेलू कारणों से लेबनान की आर्थिक स्थिति बीते कुछ वर्षों से काफी खराब है।
- लेबनान की अर्थव्यवस्था की बात करे तो यहाँ की आर्थिक स्थिति का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि वर्तमान में लगभग 1500 लेबनानी पाउंड की कीमत एक डॉलर से भी कम है।
- लेबनान में बेरोज़गारी चरम पर है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार, लेबनान में बेरोज़गारी की दर 30 प्रतिशत तक पहुँच गई है। वर्तमान में यहाँ 15-29 आयु वर्ग के बीच प्रत्येक तीन युवाओं में से केवल एक युवा को ही रोज़गार मिल पा रहा है।
- लेबनान की जनता भी व्यापक भ्रष्टाचार का सामना कर रही है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के अनुसार, लेबनान भ्रष्टाचार बोध सूचकांक-2019 (Corruption Perception Index-2019) में 180 देशों की सूची में 137 वें स्थान पर है।
- वैश्विक महामारी COVID-19 के कारण लेबनान में आर्थिक गतिविधियाँ बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं, ऐसे में आर्थिक गतिविधियों के केंद्र बेरुत में यह घटना लेबनान की समस्याओं में और अधिक वृद्धि कर देगी।
- रासायनिक व भौतिक रूप से संवेदनशील स्थलों की पर्याप्त सुरक्षा न कर पाने के कारण वैश्विक बिरादरी के समक्ष लेबनान की छवि नकारात्मक रूप से प्रभावित हुई है।
वैश्विक प्रतिक्रिया
- संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस ओर इशारा किया है कि बेरुत में हुई घटना जानबूझकर किये गए हमले की ओर संकेत करता है। ट्रंप के बयान के बाद से ही कुछ रक्षा विशेषज्ञों ने इसे लेबनान के राजनीतिक संगठन हिज़्बुल्ला को लेबनान की राजनीति से अलग-थलग करने के लिये बेरुत पर दबाव बनाने की मंशा से इज़राइल के द्वारा की गई कार्रवाई के रूप में भी देख रहे हैं।
- विदित है कि लेबनान की राजनीति में दखल रखने वाले संगठन हिज़्बुल्ला को इज़राइल एक आतंकवादी संगठन मानता है।
- हालाँकि इज़राइल ने बेरुत में हुई इस घटना में अपनी किसी भी प्रकार की संलिप्तता से इनकार किया है। इज़राइल ने बेरुत में बचाव कार्य हेतु लेबनान को सहायता की पेशकश भी की है।
- फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैंक्रो (Emmanuel Macron) बेरुत की घटना के बाद लेबनान का दौरा करने वाले प्रथम राजनेता हैं। मैंक्रो ने लेबनान की जनता से बेरुत के पुनर्निर्माण का वादा करते हुए लेबनान से भ्रातृत्व व एकजुटता का संदेश दिया।
- भारत सरकार ने बेरुत में जारी बचाव कार्य में सहयोग देने हेतु अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
भारत में अमोनियम नाइट्रेट विनियमन
- भारत में अमोनियम नाइट्रेट के वैध उपयोग को सुनिश्चित करने के लिये अमोनियम नाइट्रेट नियमावली, 2012 में विभिन्न सुरक्षात्मक उपाय किये गए हैं।
- इसका उद्देश्य पूरे देश में अमोनियम नाइट्रेट की बिक्री अथवा उपयोग के लिये इसके विनिर्माण, रूपांतरण, आयात-निर्यात आदि को विनियमित करना है।
- अमोनियम नाइट्रेट नियमावली, 2012 में घनी आबादी वाले क्षेत्रों में अमोनियम नाइट्रेट के भण्डारण को अवैध घोषित किया गया है।
- अमोनियम नाइट्रेट के निर्माण के लिये औद्योगिक विकास और विनियमन अधिनियम, 1951 के तहत एक औद्योगिक लाइसेंस की आवश्यकता होती है।
आगे की राह
- वर्तमान में सभी देशों के सहयोग से लेबनान को बेरुत में राहत एवं बचाव कार्यों में तेज़ी लानी चाहिये।
- वैश्विक महामारी COVID-19 के दौर में जब सभी देशों की स्वास्थ्य व्यवस्था प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुई है तब ऐसी स्थिति में सभी देशों को मिलकर सामूहिक रूप से लेबनान में हजारों की संख्या में घायल व्यक्तियों की सहायता के लिये आगे आना चाहिये।
- प्रत्येक देश को बेरुत में हुई घटना को एक चेतावनी के रूप में लेना चाहिये और अपने देश में मौज़ूद अमोनियम नाइट्रेट व अन्य ज्वलनशील पदार्थों के विनियमन के लिए नीति का निर्माण करना चाहिये।
प्रश्न- लेबनान की भू-राजनीतिक स्थित का उल्लेख करते हुए बेरुत में हुई घटना के कारणों व उससे पड़ने वाले प्रभावों का विश्लेषण कीजिये।