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डेली न्यूज़

  • 30 Apr, 2019
  • 14 min read
अंतर्राष्ट्रीय संबंध

एससीओ के रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation-SCO) में शामिल देशों के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लिया। गौरतलब है कि इस सम्मेलन का आयोजन किर्गिस्तान के बिश्केक (Bishkek) में किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के इस प्रमुख सम्मेलन में क्षेत्र में उभरती सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनज़र सदस्य देशों के बीच रक्षा तथा सुरक्षा सहयोग को और बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की गई।
  • गौरतलब है कि रक्षा मंत्री ने सम्मलेन में भाग लेने के साथ-साथ शंघाई सहयोग संगठन के अन्य सदस्य देशों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें भी कीं।
  • भारत की रक्षा मंत्री ने चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगे के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इसके अलावा रक्षा मंत्री ने रूस के रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोयगू से भी मुलाकात की और अहम द्विपक्षीय रक्षा मुद्दों पर चर्चा की।

शंघाई सहयोग संगठन (SCO)

  • शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक यूरेशियन राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संगठन है, जिसकी स्थापना 2001 में शंघाई (चीन) में की गई थी।
  • वर्तमान में इसमें 8 सदस्य हैं। SCO का मुख्यालय बीजिंग (चीन) में स्थित है।
  • SCO की उत्पत्ति 26 अप्रैल, 1996 को स्थापित ‘शंघाई फाइव’ समूह के देशों- चीन, कज़ाखस्तान, रूस, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान से मिलकर हुई थी।
  • 2001 में उज़्बेकिस्तान शंघाई फाइव में शामिल हो गया और इसे शंघाई सहयोग संगठन के रूप में पुनः नामित किया गया।
  • वर्ष 2017 में भारत और पाकिस्तान SCO में पूर्णकालिक सदस्यों के रूप में शामिल हुए हैं।

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रीजनल एंटी-टेररिस्ट स्ट्रक्चर

  • रीजनल एंटी-टेररिस्ट स्ट्रक्चर (Regional Anti-Terrorist Structure-RATS) शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का एक स्थायी अंग है।
  • यह आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ सदस्य देशों के सहयोग को बढ़ावा देने का काम करता है। इसका मुख्यालय ताशकंद (Tashkent) में है।

स्रोत- इकोनॉमिक टाइम्स


विविध

होरमुज़ जलडमरूमध्य

चर्चा में क्यों?

ईरान ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह होरमुज़ जलडमरूमध्य को समुद्री यातायात के लिये बंद कर सकता है।

प्रमुख बिंदु

  • कुछ समय पूर्व ही अमेरिका ने ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे और महत्त्वपूर्ण कटौती छूट (Significant Reduction Exemptions- SREs) भी हटा दी थी।
  • जबकि ईरान ने कहा है कि वह प्रतिबंधों के बावजूद तेल निर्यात करता रहेगा और होरमुज़ की खाड़ी का भी प्रयोग करेगा।
  • अगर ईरान को ऐसा करने से रोका गया तो वह जलडमरूमध्य को बंद कर देगा तथा अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा हेतु आवश्यक कदम उठाएगा।

अवस्थिति

  • इसे ओरमुज जलडमरूमध्य के नाम से भी जाना जाता है। यह फ़ारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है |
  • यह जलडमरूमध्य 55 से 95 किमी. तक चौड़ा है और ईरान को अरब प्रायद्वीप से अलग करता है।
  • इसमें प्रमुख रूप से कीश्म, होरमुज़ और हेंजम(हेंग्म) द्वीप स्थित हैं।

होरमुज़ जलडमरूमध्य का महत्व

वाणिज्यिक महत्त्व

  • ऊर्जा स्रोतों पर निर्भर सभी खाड़ी देशों का जलमार्गीय व्यापार इसी मार्ग से होता है जिसमें कच्चा तेल और तरल प्राकृतिक गैस (LNG) का निर्यात ईरान, इराक, कुवैत, बहरीन, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात द्वारा इसी मार्ग से से किया जाता है।
  • विश्व का 30% कच्चे तेल का व्यापार इसी रास्ते से होता है। तरल प्राकृतिक गैस का मुख्य निर्यातक कतर है, जो प्राकृतिक गैस को दूसरे देशों में भेजने के लिये इसी जलडमरूमध्य का ही प्रयोग करता है।

वाणिज्यिक महत्त्व के साथ-साथ अपनी अवस्थिति के कारण यह सामरिक रूप से भी महत्त्वपूर्ण हो जाता है।

बंद का प्रभाव

  • यदि यह मार्ग बाधित होता है तो कच्चे तेल की कीमत में स्वाभाविक रूप से बढ़ोतरी होगी जो भारत जैसे विकासशील देशों के हित में नहीं है।
  • यह मध्य एशिया और विश्व के अन्य देशो के बीच व्यापारिक आदान - प्रदान को भी बाधित करेगा क्योंकि व्यापारिक नौकाएँ विवादित क्षेत्र में जाने का खतरा नहीं लेंगी।
  • यह मार्ग अगर बंद हो जाता है और तनाव बढ़ता है तो अमेरिकी जल सेना का केंद्रीय अड्डा फ़ारस की खाड़ी में स्थित होने के कारण दोनों सेनाएँ आमने-सामने आ जाएंगी| और मध्य एशिया की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है जिसका प्रभाव वैश्विक हो सकता है।

स्रोत: बिजनेस स्टैंडर्ड


विविध

Rapid Fire करेंट अफेयर्स (30 April)

  • भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिये किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक गई थीं। 29 अप्रैल को आयोजित रक्षा मंत्रियों के इस सम्मलेन में भारत ने आतंकवाद तथा उग्रवाद से निपटने में इस प्रभावशाली समूह के समन्वित प्रयासों पर ज़ोर दिया। ज्ञातव्य है कि SCO की स्थापना 2001 में शंघाई में एक शिखर सम्मेलन के दौरान रूस, चीन, किर्गिस्तान, कज़ाखस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान के राष्ट्रपतियों द्वारा की गई थी। भारत और पाकिस्तान 2017 में चीन के प्रभुत्व वाले इस संगठन के पूर्ण सदस्य बने थे।
  • अंतर्राष्ट्रीय शोध संस्था वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट ने हाल ही में जारी अपनी अध्ययन रिपोर्ट में बताया है कि भारत में 2001 से लेकर 2018 तक 17 वर्षों की अवधि में 16 लाख हेक्टेयर से अधिक वन नष्ट हो गए। इस क्षति का आधा हिस्सा पूर्वोत्तर राज्यों- नगालैंड, त्रिपुरा, मिज़ोरम, मेघालय और मणिपुर से है। इन राज्यों में इस क्षति के पीछे जलवायु परिवर्तन को बड़ा कारण बताया गया है। महाराष्ट्र, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में 2015 से 2017 की अवधि में वनों की संख्या में अधिकतम कमी आई। वर्ष 2000 में भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र के 12% हिस्से में वनावरण था, जो 2010 में घटकर 8.9% रह गया।
  • 25 अप्रैल को दुनियाभर में विश्व मलेरिया दिवस का आयोजन किया गया। यूनिसेफ ने 25 अप्रैल 2008 को पहली बार इस दिवस को मनाने की शुरुआत की थी। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मलेरिया के प्रति जनता को जागरूक करना है। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल लगभग साढ़े 8 लाख लोग मलेरिया की वज़ह से मारे जाते हैं। इनमें से 90% अफ्रीका के सहारा क्षेत्र में मारे जाते हैं। भारत में राष्ट्रीय मलेरिया उन्मूलन रूपरेखा (2016-2030) के तहत भारत ने 2027 तक मलेरिया मुक्त होने और 2030 तक मलेरिया के समूल उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। इस वर्ष विश्व मलेरिया दिवस की थीम Zero Malaria Starts With Me रखी गई है।
  • अर्जुन पुरस्कार विजेता और भारत के गोल्फर गगनजीत भुल्लर को दिल्ली गोल्फ क्लब स्थित इंडिया गोल्फ इंडस्ट्री एसोसिएशन के चौथे पुरस्कार सत्र में एक खिलाड़ी के तौर पर आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट एज ए प्लेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। गगनजीत भुल्लर ने 2018 में फिजी इंटरनेशनल यूरोपियन टूर खिताब जीता था। नटाडोला बे में फिजी इंटरनेशल खिताब उनका यूरोपीय टूर पर पहला खिताब था। फिजी इंटरनेशनल को एशिया, ऑस्ट्रेलेशिया और यूरोपीय टूर से मान्यता मिली हुई है। इसके अलावा वह एशियन टूर में नौ करियर खिताब जीतने वाले सबसे युवा गोल्फर हैं।
  • ऑस्ट्रेलिया की क्लेयर पोलोसेक ने पुरुष एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच में अंपायरिंग करने वाली पहली महिला अंपायर बनने का गौरव हासिल किया है। यह 31 वर्षीय अंपायर 27 अप्रैल को नामीबिया और ओमान के बीच विश्व क्रिकेट लीग डिवीज़न-2 के मैच में अंपायरिंग करने के लिये उतरी थीं। पोलोसेक इससे पहले महिलाओं के 15 एकदिवसीय मैचों में अंपायरिंग कर चुकी हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच 2016 में खेले गए एकदिवसीय मैच से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंपायरिंग की शुरुआत की थी। भारत और इंग्लैंड के बीच 2018 में महिला विश्व T-20 के सेमीफाइनल में भी वह अंपायर थीं और उन्होंने विश्व कप 2017 के चार मैचों में भी अंपायरिंग की थी।
  • चीन के शियान में 28 अप्रैल को संपन्न हुई एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भारत ने कुल 16 पदक जीते। इनमें 8 पदक पुरुष फ्रीस्टाइल पहलवानों (एक स्वर्ण, तीन रजत और चार कांस्य) ने, चार कांस्य महिला फ्रीस्टाइल पहलवानों ने, जबकि ग्रीको रोमन पहलवानों ने तीन रजत और एक कांस्य पदक हासिल किया। चैंपियनशिप के पहली दिन एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता और अपने भारवर्ग (65 किग्रा.) में दुनिया के नंबर-1 पहलवान बजरंग पुनिया ने स्वर्ण पदक जीता था। बजरंग का एशियाई चैंपियनशिप में यह दूसरा स्वर्ण और कुल पाँचवां पदक है। उन्होंने 2017 में भी स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा उन्होंने 2013 और 2018 में कांस्य तथा 2014 में रजत पदक जीता था।
  • 28 अप्रैल को बीजिंग में संपन्न हुए अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (ISSF) विश्व कप में भारत ने चीन को पछाड़कर शीर्ष स्थान हासिल किया। भारत रायफल/पिस्टल स्पर्धाओं में तीन स्वर्ण और एक रजत के साथ इस प्रतियोगिता में लगातार दूसरी बार शीर्ष पर रहा। चीन को दो स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। ध्यातव्य है कि दिल्ली में हुए पिछले विश्व कप में भारत संयुक्त रूप से हंगरी के साथ शीर्ष पर था।
  • अमेरिका के प्रख्यात कंप्यूटर वैज्ञानिक निल्स जॉन निल्सन का 28 अप्रैल को ओरेगन में निधन हो गया। दुनिया का पहला रोबोट और मशीन को दिमाग देने की तकनीक यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) विकसित करने में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान था। इसके अलावा उन्होंने रोबोटिक्स और न्यूरल नेटवर्क के क्षेत्र में भी अहम शोध किये थे। उन्होंने स्टैंडफोर्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट के कंप्यूटर वैज्ञानिकों व इलेक्ट्रिकल इंजीनियरों की टीम के साथ मिलकर 1966-72 के बीच शेकी नाम का पहला स्वचालित रोबोट विकसित किया था। उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर AI के एल्गोरिदम पर भी काम किया। उनके द्वारा विकसित AI तकनीकों का आधुनिक स्वरूप वर्तमान के GPS सॉफ्टवेयर और एलेक्सा व सिरी जैसे डिज़िटल असिस्टेंट में इस्तेमाल होता है।

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