नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

 Switch to English Blogs



विमर्श

छोटे पार्टिकल्स के बड़े कारनामे

06 Mar, 2024

रहिमन देखि बड़ेन को लघु न दीजिये डारि।जहाँ काम आवे सुई, कहां करे तरवारि ।। कितनी सुन्दर बात कही है रहीम जी ने कि बड़ी वस्तुओं को देख छोटी वस्तुओं का अनादर करना उचित नहीं है,...

विमर्श

ऑनर किलिंग: झूठे दंभ में अपनों को ही लीलते अपने

01 Mar, 2024 | वर्षा भम्भाणी मिर्ज़ा

"न्याय और शक्ति को एक साथ लाया जाना चाहिए ताकि जो कुछ न्यायसंगत है वह शक्तिशाली हो सके और जो शक्तिशाली है वह न्यायपूर्ण हो"-ब्लैज़ पास्कल ऐसा कौन प्राणी इस धरती पर होगा जो...

विमर्श

युद्ध: महिलायें और बच्चे

01 Mar, 2024 | डॉ अंकित पाठक

रोमन दार्शनिक और विधिवेत्ता सिसरो ने इतिहासकारों के बारे में कहा था- “इतिहासकार का पहला नियम है- कभी झूठ कहने की हिम्मत न करना और दूसरा नियम है- जो सच है, उसे किसी भी कीमत पर...

विमर्श

साहित्य, सिनेमा और समाज का अंतर्संबंध

20 Feb, 2024 | डॉ. विवेक कुमार पाण्डेय

साहित्य, सिनेमा और समाज तीनों को एक ही पंक्ति में रखने का कारण इनके मध्य व्याप्त गहन अन्तर्संबंधितता रही है। साहित्य समाज से और समाज साहित्य से निरंतर वैचारिक आदान-प्रदान...

विमर्श

पर्यावरण संरक्षण के लिए वैश्विक सरपंचों की जतन

20 Feb, 2024 | शालिनी बाजपेयी

चारों तरफ हरे-भरे खेत, पेड़-पौधे, पहाड़, पक्षियों की चहचहाहट, नदियों का कल-कल निनाद करता हुआ जल, बारिश की फुहारें और गुनगुनी सी धूप किसे पसंद नहीं होतीं। ज़ाहिर सी बात है कि हर...

विमर्श

पर्यावरण सरंक्षण के लिए दिए जाने वाले फेलोशिप एवं पुरस्कार

20 Feb, 2024 | अनुज कुमार वाजपेई

हमारा देश एक अद्भुत आस्थावान देश है। इसकी आस्था की एक खास बात यह है कि ये जीवन के विभिन्न आयोमों में आस्था के माध्यम से हर गतिविधियों को देखते थे। पीपल अथवा तुलसी के वृक्षों...

विमर्श

धर्म की हमारी समझ

12 Feb, 2024 | डॉ अंकित पाठक

धर्म का एक भौतिक पक्ष है, और एक आध्यात्मिक, एक सैद्धांतिक और एक व्यावहारिक, एक सार्विक और एक स्थानीय, एक शाश्वत और एक परिवर्तनशील, एक शोषक और एक पोषक, और अंततः एक सकारात्मक और...

विमर्श

युद्ध: कल, आज और कल

24 Jan, 2024 | डॉ अंकित पाठक

ईसा से सात-आठ सौ साल पहले यूनानी कवि हेसियड ने घोषणा की थी– ‘मानवजाति का स्वर्णिम युग अतीत में रह गया है। रजत युग भी बीत गया है। अब कठोर लौह युग आ गया है और सब कुछ तबाह होने...

अर्थव्यवस्था

स्वतंत्र भारत का पहला बजट था अंतरिम बजट

16 Jan, 2024 | शिशिर सिन्हा

आप जब इन पंक्तियों को पढ़ रहे होंगे तो संभव है कि उसी समय यह चर्चा भी गरमा रही होगी कि 1 फरवरी 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नियम के मुकाबले मान्यताओं को प्राथमिकता...

विमर्श

सबसे ज़रूरी होता है सायरन की तरह गूंज जाना

08 Jan, 2024 | वर्षा भम्भाणी मिर्ज़ा

"यदि मैं स्त्री के रूप में पैदा होता तो पुरुषों द्वारा थोपे गए हर अन्याय का जमकर विरोध करता तथा उनके खिलाफ विद्रोह का झंडा बुलंद करता" -महात्मा गांधी रेवा का घर जाने का...

विमर्श

दिल्ली-एनसीआर लिए ही पराली क्यों बन रही मुसीबत

08 Jan, 2024 | कबीर संजय

जिन दो फसलों से दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों का पेट भरता है, उनमें गेहूं और चावल शामिल हैं। लेकिन, चावल यानी धान की इसी फसल का डंढल दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के लोगों के...

विमर्श

सुशासन की अवधारणा: लोकतंत्रीकरण के यंत्र के रूप में

08 Jan, 2024 | विमल कुमार

‛सुशासन, मानव अधिकारों के लिये सम्मान और कानून का शासन सुनिश्चित करता है तथा लोकतंत्र को मज़बूती, लोक प्रशासन में पारदर्शिता एवं सामर्थ्य को बढ़ावा देता है।’ -कोफ़ी अन्नान...

इतिहास, विचार और दुनिया

अक्षय ऊर्जा: संभावनाएँ, लाभ और चुनौतियाँ

27 Dec, 2023 | अंकित सिंह

संपूर्ण मानव समाज की बुनियादी ज़रूरतों की पूर्ति करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में ऊर्जा एक इंजन का कार्य करती है। हम जानते हैं कि जनसंख्या बढ़ने के साथ-साथ ऊर्जा की...

विमर्श

क्यों सर्दियों में सबसे घातक हो जाता है दिल्ली-एनसीआर का प्रदूषण

15 Dec, 2023 | कबीर संजय

जिन आधुनिक मुसीबतों को हम इंसानों ने खुद जन्म दिया है, उनमें प्रदूषण भी एक है। आज से चार-पाँच सौ साल पहले शायद इस मुसीबत की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। लेकिन आज यह हमारे...

मोटिवेशन

ट्रैफिक नियमों का ज्ञान, बचाए रोड एक्सीडेंट से जान

12 Dec, 2023 | गौरव पाण्डेय

जगह बदलता रहता है, आँकड़े बदलते रहते हैं, वाहन बदलते रहते हैं, होने वाली मौतों की संख्या बदलती रहती है, लेकिन 'सड़क दुर्घटना' की खबर सबमें कॉमन ही रहती है। हम अपने आसपास हर रोज़...

मोटिवेशन

एक डोर के दो छोर : पर्यटन और आर्थिक विकास

07 Dec, 2023 | गौरव पाण्डेय

"सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ,ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ।" ख़्वाजा मीर दर्द का ये शेर हर यात्री की कहानी है। दुनिया में कई लोग हैं जो चाहते हैं कि...

विमर्श

मानसिक जीवटता, जो आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स को दूसरों से अलग करती है।

28 Nov, 2023 | संजय श्रीवास्तव

अमूमन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम अगर किसी बड़ी प्रतियोगिता के फाइनल में पहुँचती है तो किसी भी तरह से और किसी भी हालत में जीत का वरण भी कर ही लेती है। भारत में हुई वर्ल्ड कप...

विमर्श

चुनावी घोषणा और क़र्ज़माफ़ी, कितना सही-कितना ग़लत!

21 Nov, 2023 | गौरव पाण्डेय

तिरे वादों पे कहाँ तक मिरा दिल फ़रेब खाए,कोई ऐसा कर बहाना मिरी आस टूट जाए। - फ़ना निज़ामी कानपुरी हर चुनाव के बाद जब वक़्त गुज़रता है और जनता से किए गए वादों को चुनाव में विजयी...

विमर्श

नारी शक्ति के वंदन में लग रहा लंबा समय

17 Nov, 2023 | वर्षा भम्भाणी मिर्ज़ा

सितंबर की 21 तारीख जो अब इतिहास बन चुकी है। इस दिन देश की सर्वोच्च पंचायत में जो ऐतिहासिक पटकथा लिखी गई, वह सदन की सर्वसम्मति की भी कथा है। महिला आरक्षण बिल के लिये 128 वें...

विमर्श

एक देश, एक चुनाव की प्रासंगिकता

07 Nov, 2023 | राहुल कुमार

भारत चुनावों का देश है। भौगोलिक विस्तार और बहुदलीय संसदीय प्रणाली के दृष्टिकोण से हम इतने विशाल हैं कि यहाँ चुनावों का मौसम हावी रहता है। चुनाव से लोकतंत्र मजबूत होता है।...

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow