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दृष्टि आईएएस ब्लॉग

UPPCS 2025 अभ्यर्थियों के लिये टॉप स्टडी हैक्स

  • 16 Jan, 2025

UPPCS 2025 परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिये केवल दृढ़ संकल्प की नहीं बल्कि स्मार्ट स्टडी तकनीक और प्रभावी समय प्रबंधन की भी आवश्यकता होती है। व्यापक पाठ्यक्रम, कड़ी प्रतिस्पर्द्धा और सीमित तैयारी के समय को देखते हुए, अभ्यर्थियों को ऐसी कार्यनीतियाँ अपनाने की ज़रूरत है जो उनकी उत्पादकता को बेहतर बनाएँ। प्रभावी समय प्रबंधन वह कुंजी है जो कड़ी मेहनत को सफलता से योजित करती है और यह सुनिश्चित करती है कि तैयारी का हर मिनट आपको अपने लक्ष्यों के समीप ले जाए।

स्मार्ट स्टडी तकनीकों को अपनाकर, अनुशासन बनाए रखकर और अपने प्रयासों को अनुकूलित करके, आप UPPCS की तैयारी की कठिन यात्रा को अधिक केंद्रित और आत्मविश्वासपूर्ण अनुभव में परिवर्तित कर सकते हैं।

UPPCS 2025 की प्रारंभिक परीक्षा में सफलता के लिये स्टडी हैक्स और स्मार्ट तकनीकें

प्रिलिम्स कार्यनीति

UPPCS पाठ्यक्रम का विसंकेतन

  • सफलता का पहला कदम UPPCS प्रिलिम्स के पाठ्यक्रम को समझना है।
  • UPPCS 2025 का पाठ्यक्रम को यहाँ से डाउनलोड करें- https://www.drishtiias.com/state-pcs/uttar-pradesh-pcs-preliminary-mains-syllabus और विस्तृत पाठ्यक्रम को प्रबंधनीय भागों में विभाजित करें:
    • मुख्य विषय: इतिहास, भूगोल, राजव्यवस्था, अर्थव्यवस्था और विज्ञान।
    • उत्तर प्रदेश-विशिष्ट विषय: उत्तर प्रदेश का इतिहास, संस्कृति, अर्थव्यवस्था और भूगोल।
    • समसामयिक घटनाक्रम: राज्य-विशिष्ट, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम।

सुझाव: पाठ्यक्रम की एक मुद्रित प्रति अपने पास रखें। अपनी प्रगति को प्रभावी ढंग से पदांकित करने के लिये पूर्ण किये गए विषयों को हाइलाइट करें।

दैनिक लक्ष्यों के साथ कुशल अध्ययन योजना

  • SMART लक्ष्यों- स्पेसिफिक (S), मेजरेब्ल (M), अचिएवेबल (A), रियलिस्टिक (R) और टाइमबाउंड (T) के साथ एक अध्ययन योजना अपनाएँ। उदाहरण के लिये:
    • डेली करेंट अफेयर्स: महत्त्वपूर्ण समाचारों को पढ़ने और सारांशित करने के लिये प्रतिदिन 1 घंटा समर्पित करें: दृष्टि स्टेट PCS करेंट अफेयर्स
    • नियमित क्विज़: प्रतिधारण में वृद्धि करने के लिये  दृष्टि IAS के UPPCS क्विज़ जैसे विश्वसनीय स्रोतों से क्विज़ हल करें।
    • मॉक टेस्ट: प्रगति को पदांकित करने और कार्यनीतियों को परिष्कृत करने के लिये हर सप्ताहांत मॉक टेस्ट लें।

प्रिलिम्स के लिये संतुलित कार्यनीति का निर्माण

  • तथ्यों और अवधारणाओं पर ध्यान केंद्रण:
    • प्रिलिम्स में वस्तुनिष्ठ (बहुविकल्पीय) प्रश्न शामिल होते हैं। तथ्यात्मक जानकारी और वैचारिक स्पष्टता दोनों पर बल दिया जाना चाहिये।
    • तथ्यात्मक विवरण के लिये संक्षिप्त नोट्स तैयार करें। 
      • उदाहरण के लिये, अन्य देशों से अंगीकृत भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताओं को सूचीबद्ध करने वाली एक तालिका बनाएँ, जैसे कि ऑस्ट्रेलिया के संविधान से अंगीकृत समवर्ती सूची।
  • अच्छी तरह से अभिकल्पित समय-सारिणी: यह आपकी सफलता के लिये मार्गनिर्देशक के रूप में कार्य करता है। मुख्य विषयों, राज्य-विशिष्ट विषयों और पुनरीक्षण के बीच संतुलन बनाए रखें।

अधिक अंकभारित वाले विषयों पर ध्यान केंद्रण

  • सभी विषयों का समान महत्त्व नहीं होता। परीक्षा में प्रायः जिन विषयों पर बल दिया जाता है, उन्हें प्राथमिकता दें:
    • उत्तर प्रदेश से संबंधित विषय जैसे इसका इतिहास, संस्कृति और भूगोल प्रायः अधिक अंकभारित वाले विषय हैं।
    • भारतीय इतिहास, राजव्यवस्था और अर्थशास्त्र आमतौर पर स्पष्ट और अधिक अंकभारित वाले विषय हैं।
    • उत्तर प्रदेश का बजट भी विशेष ध्यान देने योग्य है।

विगत् वर्ष के प्रश्नपत्र हल करना

UPPCS विगत् वर्ष के प्रश्नपत्रों को हल करना बहुत महत्त्वपूर्ण हैयह महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इससे परीक्षा पैटर्न को समझने, महत्त्वपूर्ण विषयों की पहचान करने और अधिक अंकभारित वाले विषयों पर ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिलती है।

यह महत्त्वपूर्ण क्यों है?

विगत् 5 से 10 वर्षों के प्रश्नों का गहन विश्लेषण पूछे जाने वाले प्रश्नों की प्रवृत्ति, सामान्यतः पूछे जाने वाले विषयों और अधिक ध्यान देने वाले क्षेत्रों की पहचान करने में सहायता करता है।

कैसे शुरुआत करें?

प्रश्नों को विषय और उप-विषय के आधार पर वर्गीकृत करें। बार-बार आने वाले पैटर्न की पहचान करें, जैसे कि इतिहास, भूगोल या राज्य-विशिष्ट प्रश्नों के कुछ विशेष खंडों पर अधिक ध्यान देना।

Drishti IAS वेबसाइट से UPPCS प्रिलिम्स और मेन्स के PYQ डाउनलोड करें और हल करें:

https://www.drishtiias.com/hindi/free-downloads/state-pcs-previous-years-papers/uttar-pradesh  

मॉक टेस्ट का अभ्यास 

परीक्षा पैटर्न को समझने, गति में सुधार करने और कमज़ोरियों की पहचान करने के लिये मॉक टेस्ट बहुत ज़रूरी हैं। अपने शेड्यूल में मॉक टेस्ट को सम्मिलित करने का तरीका इस प्रकार है: 

  • अपनी तैयारी की शुरुआत में प्रति सप्ताह एक मॉक टेस्ट दें। 
  • जैसे-जैसे परीक्षा की तिथि समीप आती जाए, टेस्ट की आवृत्ति बढ़ाकर प्रति सप्ताह 2-3 टेस्ट कर दें। 
  • दृष्टि UPPCS प्रीलिम्स टेस्ट सीरीज़ में नामांकन करें- https://www.drishtiias.com/hindi/prelims-test-series  
  • फुल लेंथ मॉक टेस्ट के लिये दृष्टि PCS परीक्षा- https://www.drishtiias.com/hindi/pcs-parikshan  
  • प्रत्येक परीक्षा के बाद अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करें और कमज़ोर क्षेत्रों में सुधार करने का प्रयास करें।
  • प्रो टिप: सप्ताहांत में फुल लेंथ मॉक टेस्ट और गहन पुनरीक्षण करें।

अद्यतनित समसामयिक घटनाओं से अवगत रहें

  • UPPCS प्रिलिम्स में समसामयिक घटनाओं का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा शामिल होता है, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश से संबंधित। समाचार पत्र या ऑनलाइन पोर्टल पढ़ने के लिये प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट समर्पित करें। इन चरणों का पालन करें: 
  • महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रण: उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाएँ और नीतियाँ, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास। 
  • नोट्स बनाए: त्वरित पुनरीक्षण के लिये महत्त्वपूर्ण बिंदुओं का संक्षिप्त नोट्स बनाएँ। 
    • UPPCS-विशिष्ट तैयारी के लिये, दृष्टि IAS की राज्य-विशिष्ट पुस्तकें, मॉक टेस्ट और अद्यतन करेंट अफेयर्स महत्त्वपूर्ण हैं। 
      • इसके अतिरिक्त, जनगणना 2011, उत्तर प्रदेश सरकार के पोर्टल और PIB विज्ञप्ति जैसी सरकारी वेबसाइटें प्रामाणिक एवं अद्यतन आँकड़ें उपलब्ध कराती हैं।
    • समसामयिक घटनाओं का मासिक संकलन एवं पत्रिका: 
    • मासिक संग्रह के लिये
      https://www.drishtiias.com/hindi/free-downloads/state-pcs-monthly-consolidation/uttar-pradesh को फॉलो करें 
    • उत्तर प्रदेश राज्य-विशिष्ट पोर्टल देखें-
      https://www.drishtiias.com/hindi/statepcs/08-01-2025/uttar-pradesh  
    • दृष्टि IAS यूट्यूब चैनल- दृष्टि PCS देखें
      https://www.youtube.com/@DrishtiPCSvideos/playlists 

सीसैट (पेपर II) के लिये कार्यनीति

  • घटक: 
    • सीसैट में बोधगम्यता, संचार कौशल, तार्किक कौशल और विश्लेषणात्मक क्षमता, निर्णयन और आधारभूत संख्यनन के परीक्षण से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।
  • अर्हक प्रकृति: 
    • CSAT अर्हक प्रकृति का है, जिसके लिये केवल 33% अंकों की आवश्यकता होती है। यद्यपि, उत्तीर्ण न होने पर अभ्यर्थी प्रश्नपत्र I में स्वतः ही अनुतीर्ण माना जाएगा।
  • कार्यनीति: 
    • सामान्य अंग्रेज़ी के लिये, गद्यांश को समझना, संक्षेपण और शब्द प्रयोग तथा शब्द भंडार, जिसमें मुहावरे और वाक्यांश शामिल हैं, पर ध्यान केंद्रित करें। रेन और मार्टिन जैसी पुस्तकों का उपयोग करें और नियमित रूप से रिक्त स्थान भरने और वाक्य परिवर्तन का अभ्यास करें।
    • सामान्य हिंदी के लिए, एनसीईआरटी व्याकरण की पुस्तकों से संधि, समास, पर्यायवाची, विलोम, मुहावरे, कहावतें और व्याकरण संबंधी त्रुटियों का अभ्यास करें। सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि के लिये उत्तर प्रदेश की मुख्य बोलियों जैसे अवधी, भोजपुरी और ब्रज पर ध्यान दें।
    • बोधगम्यता और संचार कौशल: पढ़ने और व्याख्या में सुधार के लिये बोधगम्यता के अंशों का अभ्यास करें। संचार कौशल के लिये, संचार और समस्या-समाधान से संबंधित माॅक परिदृश्यों पर ध्यान केंद्रित करें।
    • तार्किक, विश्लेषणात्मक और निर्णयन कौशल: पहेलियाँ, न्यायवाक्य और डेटा व्याख्या को हल करके तार्किक कौशल और विश्लेषणात्मक क्षमता को मज़बूत करें। मॉक टेस्ट और केस स्टडी के माध्यम से निर्णयन और समस्या-समाधान का अभ्यास करें।
    • आधारभूत संख्यनन: अंकगणित (संख्या प्रणाली, औसत, अनुपात, प्रतिशत, लाभ और हानि, समय और कार्य, चाल और दूरी), बीजगणित (बहुपद, द्विघात समीकरण, समुच्चय सिद्धांत) और ज्यामिति (आकृतियाँ, परिमाप, क्षेत्र और आयतन के गुण और प्रमेय) पर ध्यान दें। हाई स्कूल की गणित की पुस्तकों का उपयोग करें और प्रतिदिन अभ्यास करें।
    • सांख्यिकी: डेटा संग्रह, आवृत्ति वितरण और डेटा प्रतिनिधित्व तकनीक (बार चार्ट, पाई चार्ट, हिस्टोग्राम) जैसी आधारभूत बातों को संशोधित करें। सटीकता और गति में सुधार करने के लिये नियमित रूप से समस्याओं का अभ्यास करें। निरंतर अभ्यास और मॉक टेस्ट क्वांटिटेटिव और रीजनिंग खंड में महारत प्राप्त करने में सहायता करेंगे।
    • अभ्यास के लिये प्रतिदिन 1-2 घंटे दें, पैटर्न को समझने के लिये विगत् वर्षों के प्रश्नपत्रों का उपयोग करें तथा सटीकता और गति में सुधार करने के लिये नियमित मॉक टेस्ट दें। एक सुसंगत और केंद्रित दृष्टिकोण इस खंड में सफलता सुनिश्चित करेगा।

ऋणात्मक अंकन का समझदारी से प्रबंधन

  • UPPCS प्रिलिम्स में गलत उत्तरों के लिये 1/3 अंक के ऋणात्मक अंकन की योजना लागू होती है।
  • यदि किसी प्रश्न के बारे में अनिश्चित हों तो अनुमान लगाने से बचें। ऋणात्मक अंकन से बचने के लिये ऐसे प्रश्नों का उत्तर न देना ही बेहतर है।

पुनरीक्षण: प्रतिधारण का स्रोत

  • "अच्छी तरह से शुरू किया गया कार्य आधा पूरा हो जाता है, परंतु अच्छी तरह से पुनरिक्षित किया गया कार्य पूरी तरह से पूर्ण  हो जाता है।" इसलिये निरंतर पुनरीक्षण तैयारी का एक अनिवार्य हिस्सा है। 
  • अपने अध्ययन समय का कम से कम 20% भाग पुनरीक्षण को आवंटित करें।
  • पुनरीक्षण को अधिक आकर्षक बनाने के लिये फ्लैशकार्ड, माइंड मैप और सारांश नोट्स का उपयोग करें।
  • पिछले मॉक टेस्ट और क्विज़ को नियमित रूप से दोहराएँ।

स्वास्थ्य और सकारात्मकता को प्राथमिकता 

लंबे समय तक अध्ययन करने से थकान हो सकती है। ध्यान और ऊर्जा बनाए रखने के लिये:

  • केंद्रित अंतराल (जैसे, 25-50 मिनट) में अध्ययन करें और उसके बाद 5-10 मिनट का अंतराल लें।
  • बेहतर प्रतिधारण क्षमता को विकसित करने के लिये अपने पाठ्यक्रम को छोटे-छोटे खंडों में विभाजित करें।

UPPCS की तैयारी एक मैराथन है, स्प्रिंट नहींछोटी-छोटी उपलब्धियों को स्वीकार करके प्रेरित रहें, जैसे कि किसी चुनौतीपूर्ण विषय को पूरा करना या अपने मॉक टेस्ट स्कोर में सुधार करना। स्वयं को सकारात्मक बनाए रखें और बाधाओं का सामना करने पर सहायता लेने में संकोच न करें।

मुख्य परीक्षा की कार्यनीति

प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास हेतु वैचारिक स्पष्टता के लिये एनसीईआरटी (कक्षा 11 और 12) से शुरुआत करें तथा उपिंदर सिंह द्वारा लिखित प्राचीन एवं प्रारंभिक मध्यकालीन भारत का इतिहास जैसी पुस्तकों का संदर्भ लें। 

  • आधुनिक इतिहास के लिये, बिपिन चंद्र की पुस्तक भारत का स्वतंत्रता संग्राम का  उपयोग करके स्वतंत्रता संग्राम पर ध्यान केंद्रित करें। मंगल पांडे और रानी लक्ष्मीबाई जैसे उत्तर प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों के सामाजिक-राजनीतिक आंदोलनों तथा योगदान पर विशेष ध्यान दें। 
  • उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक घटनाओं और आंदोलनों को समझने के लिये दृष्टि IAS द्वारा उपलब्ध कराई गई राज्य-विशिष्ट सामग्री का उपयोग करें
  • भौतिक भूगोल के लिये, जीसी लियोंग का सर्टिफिकेट फिजिकल और ह्यूमन जियोग्राफी अवश्य पढ़ें। जलवायु प्रारूप, प्राकृतिक वनस्पति और नदी प्रणालियों जैसे विषयों पर ध्यान दें। आर्थिक और सामाजिक भूगोल में कृषि पैटर्न, उद्योग और जनसंख्या वितरण पर ध्यान देने की आवश्यकता है, विशेषकर उत्तर प्रदेश में। 
  • उत्तर प्रदेश की नदियों (जैसे, गंगा और यमुना), मृदा के प्रकार और प्रमुख उद्योगों का अध्ययन करके अपनी तैयारी को बेहतर बनाएँ।
  • दृश्यावलोकन के लिये मानचित्रों और दृष्टि IAS के संसाधनों का उपयोग करके राज्य के भूगोल में लक्षित अंतर्दृष्टि प्रदान की जा सकती है।

भारतीय समाज और संस्कृति में जेंडर असमानता, सांप्रदायिकता और सामाजिक सशक्तीकरण जैसे महत्त्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं। 

  • राम आहूजा की पुस्तक ‘सामाजिक समस्याएँ’ सामाजिक चुनौतियों पर मूल्यवान दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। इन मुद्दों को उत्तर प्रदेश के केस स्टडीज़ से जोड़ना, जैसे कि महिला सशक्तीकरण में स्वयं सहायता समूहों की भूमिका, आपके उत्तरों को गभीरता प्रदान करता है। 
  • एनसीईआरटी और दृष्टि आईएएस के सांस्कृतिक संकलन उत्तर प्रदेश के त्योहारों, कला रूपों और भाषाओं को समझने के लिये उत्कृष्ट स्रोत हैं।

राजव्यवस्था की तैयारी के लिये, अभ्यर्थी एम. लक्ष्मीकांत की पुस्तक भारत की राजव्यवस्था का संदर्भ ले सकते हैं। विभिन्न संवैधानिक निकायों की संरचना, कार्य और भूमिकाओं के साथ-साथ महत्त्वपूर्ण संशोधनों और ऐतिहासिक निर्णयों को अच्छी तरह से समझना आवश्यक है। 

  • मूल अधिकार, राज्य की नीति के निदेशक तत्त्व और संघवाद जैसे महत्त्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित करें। इन्हें हाल के घटनाक्रमों से जोड़े, जैसे सहकारी संघवाद या संवैधानिक संशोधनों पर बहस।
  • शासन और सामाजिक न्याय खंड में सरकारी नीतियों, कल्याणकारी योजनाओं और उनके कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। प्रामाणिक डेटा के लिये आर्थिक सर्वेक्षण और नीति आयोग की रिपोर्ट जैसी सरकारी रिपोर्टों का उपयोग करें।
  • लोक प्रशासन में ई-गवर्नेंस, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व जैसे विषयों पर बल दें।
  • सामाजिक न्याय के लिये निर्धनता उन्मूलन, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और महिला सशक्तीकरण जैसे मुद्दों पर गहन विचार करें। 
  • महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिये मिशन शक्ति जैसी उत्तर प्रदेश की अनूठी पहलों पर प्रकाश डालें।
  • अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के लिये, भारत की विदेश नीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर अद्यतन जानकारी के लिये करेंट अफेयर्स का अनुसरण करें। दृष्टि IAS की मासिक पत्रिका इस उद्देश्य के लिये एक विश्वसनीय स्रोत है। 
    • पड़ोसी देशों, प्रमुख वैश्विक संगठनों (UN, WTO, BRICS) और प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के साथ भारत के संबंधों पर ध्यान केंद्रित करें। वैश्विक विकास को भारत के सामरिक हितों, जैसे ऊर्जा सुरक्षा या व्यापार संबंधों से जोड़ें।

सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 की तैयारी करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है वर्तमान घटनाओं को स्थैतिकी विषयों से जोड़ना। उदाहरण के लिये:

  • भारत की विदेश नीति को हाल के अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों से जोड़ें, जैसे कि COP शिखर सम्मेलन में भारत का रुख या G20 में उसका नेतृत्व।
  • डिजिटल समावेशन जैसे शासन संबंधी मुद्दों को डिजिटल इंडिया या आधार-आधारित कल्याण वितरण जैसी योजनाओं से जोड़ें।

उत्तर प्रदेश की भूमिका पर प्रकाश डालें

शासन-संबंधी उत्तरों में कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में उत्तर प्रदेश की भूमिका पर बल दें। उदाहरण के लिये:

  • उत्तर प्रदेश में आवास परियोजनाओं के विशिष्ट उदाहरणों के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना पर चर्चा करें।
  • राज्य में सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार लाने में ई-साथी जैसी ई-गवर्नेंस पहल की सफलता पर प्रकाश डालें।

आँकड़ें और केस स्टडीज़ का उपयोग 

अपने उत्तरों को प्रासंगिक आँकड़ों और केस स्टडीज़ से बेहतर बनाएँ। उदाहरण के लिये:

  • जनसांख्यिकीय चुनौतियों पर चर्चा करने के लिये जनगणना 2011 के आँकड़ों का उपयोग करें।
  • उत्तर प्रदेश में सामाजिक कल्याण योजनाओं के प्रभाव को प्रदर्शित करने वाली रिपोर्ट या सर्वेक्षण का संदर्भ दें।

UPPCS सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-3 में विविध विषयों को सम्मिलित किया गया है जो भारतीय अर्थव्यवस्था, कृषि, वैज्ञानिक प्रगति और आपदा प्रबंधन के विषय में आपकी समझ का परीक्षण करते हैं।

  • अर्थव्यवस्था की तैयारी के लिये, भारत को प्रभावित करने वाली व्यापक आर्थिक अवधारणाओं और नीतियों के गहन समझ की आवश्यकता है, इसलिये आर्थिक विकास, निर्धनता, मुद्रास्फीति और राजकोषीय नीतियों जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित करें।
    • उत्तर प्रदेश की आर्थिक स्थिति, विशेषकर कृषि और उद्योग में राज्य के योगदान को अवश्य पढ़ें। इसके लिये उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य शोध प्रकाशनों से राज्य-विशिष्ट रिपोर्ट और आँकड़ें देखें।
  • अध्ययन करते समय, उत्तर प्रदेश की आर्थिक गतिशीलता पर बल दें, जैसे सूक्ष्म, लघु एवं माध्यम उद्यम विकास, कृषि विविधीकरण और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में बुनियादी ढाँचे की भूमिका।
  • नवीनतम सरकारी नीतियों, जैसे कि उत्तर प्रदेश एमएसएमई नीति, जो क्षेत्रीय आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है, पर अद्यतन रहें।
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिये, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और नवीकरणीय ऊर्जा में नवीनतम प्रगति पर ध्यान केंद्रित करें। अद्यतन जानकारी के लिये योजना और कुरुक्षेत्र जैसी करेंट अफेयर्स पत्रिकाओं का उपयोग करें।
    • वैज्ञानिक अवधारणाओं को समझाने के लिये फ्लोचार्ट और आरेखों को सम्मिलित करने का प्रयास करें, क्योंकि दृश्य प्रतिनिधित्व स्पष्टता और अवधारण को काफी बढ़ा सकता है, विशेषकर जब अंतरिक्ष मिशन और एआई अनुप्रयोगों जैसे जटिल विषयों से संबंधित प्रश्न हो
    • कृषि, उद्योग और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग पर ध्यान केंद्रित करें, विशेष रूप से उन पहलों पर जो उत्तर प्रदेश को प्रभावित करती हैं।
      • उदाहरण के लिये, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का कृषि परिदृश्य पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है और इसके तकनीकी एकीकरण को समझना आपके उत्तरों के लिये लाभदायक होगा।
      • विज्ञान और प्रौद्योगिकी की प्रासंगिकता को प्रदर्शित करने के लिये व्यावहारिक उदाहरणों का उपयोग करें, क्योंकि इससे आपके उत्तरों में प्रामाणिकता आएगी।
  • कृषि के लिये किसानों हेतु राष्ट्रीय नीति और उत्तर प्रदेश के कृषि सुधारों में हाल ही में हुए विकास के विषय में पढ़ें। फसल उत्पादकता, जल प्रबंधन और बाज़ार संपर्क में सुधार लाने के उद्देश्य से बनाई गई नीतियों को सम्मिलित करें
    • उत्तर प्रदेश के कृषि क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना, इसकी क्षमता, कमज़ोरियों को समझना तथा बेहतर उत्पादन के लिये प्रौद्योगिकी को कैसे एकीकृत किया जा रहा है, यह समझना महत्त्वपूर्ण है।  
    • फसल बीमा, सिंचाई योजनाओं और राज्य में किसानों के समक्ष प्रस्तुत होने वाली चुनौतियों जैसे विषयों से अच्छी तरह वाकिफ़ रहें। खाद्यान्न उत्पादन में उत्तर प्रदेश के योगदान और कृषि संकट को सुधारने की दिशा में सरकार के प्रयासों पर वास्तविक समय के आँकड़ों को सम्मिलित करें।
  • आपदा प्रबंधन के लिये, आपदा तैयारी और मोचन हेतु राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के दिशानिर्देशों पर ध्यान केंद्रित करें।
    • बाढ़, अनावृष्टि और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से निपटने सहित उत्तर प्रदेश के विशिष्ट आपदा प्रबंधन ढाँचे को समझें।
    • आपदा प्रबंधन में तैयारी, मोचन और पुनर्वास के महत्त्व को समझें। उत्तर प्रदेश की पहलों, जैसे राज्य आपदा मोचन कोष और अन्य निवारक उपायों के विस्तृत उदाहरण प्रदान करें।
    • हाल की आपदाओं के केस स्टडीज़ और राज्य द्वारा उनका प्रबंधन, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन और उत्तर प्रदेश पर इसके बढ़ते प्रभाव के संदर्भ में, पर अद्यतन जानकारी रखें।

प्रो टिप: अपने उत्तर की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिये, सुनिश्चित करें कि आप नवीनतम आँकड़ों का उपयोग कर रहे हैं। यह विशेष रूप से अर्थव्यवस्था और कृषि जैसे विषयों के लिये महत्त्वपूर्ण है, जहाँ नीतियाँ प्रायः परिवर्तित होती रहती हैं। उदाहरण के लिये, उत्तर प्रदेश के एमएसएमई क्षेत्र की वृद्धि, फसल उत्पादन या विशिष्ट ज़िलों में तकनीकी प्रगति के विषय में आँकड़े शामिल करना आपके उत्तर को विशिष्ट बना सकता है।

सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-4 (नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठता और अभिवृत्ति) में नीतिशास्त्र को समझने का पहला कदम पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से समझना है। प्रश्नपत्र को दो मुख्य खंडों में विभाजित किया गया है:

  • सिद्धांत-आधारित नीतिशास्त्र: सत्यनिष्ठता, पारदर्शिता, समानुभूति, उत्तरदायित्व जैसी अवधारणाएँ और नैतिक विचारकों के कार्य।
  • अनुप्रयुक्त नीतिशास्त्र: केस स्टडीज़ और वास्तविक जीवन के संशय यह परीक्षण करती हैं कि आप शासन स्थितियों में नीतिपरक  सिद्धांतों को कैसे लागू करते हैं।

पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से जानने के लिये आप कोई भी महत्त्वपूर्ण विषय न छोड़ें। शासन में नीतिपरक संशय, भावनात्मक बुद्धिमत्ता और लोक सेवा मूल्यों जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करें।

आधारभूत बातों से शुरुआत करें:

जटिल केस स्टडीज़ के लिये आधारभूत नीतिपरक अवधारणाओं का अध्ययन करके एक सुदृढ़ आधार विकसित करें। सत्यनिष्ठता, समानुभूति और उत्तरदायित्व जैसे आधारभूत मूल्यों पर ध्यान केंद्रित करें।

अनुशंसित स्रोत:

  • नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठता और अभिवृत्ति के लिये लेक्सिकन: मूलभूत नीतिपरक अवधारणाओं के लिये एक संक्षिप्त और लोकप्रिय स्रोत।
  • सुब्बाराव द्वारा लिखित 'एथिक्स': यदि आप अवधारणाओं को गहनता से समझना चाहते हैं तो यह अधिक व्यापक पुस्तक है।
  • दृष्टि IAS एथिक्स फाउंडेशन कोर्स: एक अच्छी तरह से संरचित पाठ्यक्रम जो सैद्धांतिक अवधारणाओं पर सरलीकृत व्याख्यान और गहन चर्चा प्रदान करता है।

केस स्टडीज़ का अभ्यास:

केस स्टडी सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-4 का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। ये प्रश्न वास्तविक दुनिया की स्थितियों, विशेष रूप से शासन के संदर्भों में नीतिपरक सिद्धांतों को कार्यान्वित करने की आपकी क्षमता का मूल्यांकन करते हैं।

केस स्टडीज़ को हल करते समय, इन चरणों का पालन करें:

  • नैतिक संशय की पहचान करें: सामने विद्यमान समस्या को समझें।
  • शामिल हितधारकों को सूचीबद्ध करें: विचार करें कि निर्णय से कौन प्रभावित होगा।
  • नैतिक समाधान प्रस्तावित करें: सीखे गए नैतिक मूल्यों का उपयोग करके अपने निर्णयों को उचित ठहराएँ।
  • शासन में नैतिक सिद्धांतों को प्रतिबिंबित करें: पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और सत्यनिष्ठता जैसे मूल्यों को कार्यान्वित करें।

केस स्टडीज़ के लिये महत्त्वपूर्ण और उपयोगी स्रोत हेतु दृष्टि IAS केस स्टडी देखें जो मॉडल उत्तर और विस्तृत स्पष्टीकरण प्रदान करती है।
https://www.drishtiias.com/hindi/ethics/engage-in-ethics  

नीतिशास्त्र को समसामयिक घटनाओं से जोड़ें:

भ्रष्टाचार, पारदर्शिता और शासन जैसे मुद्दे प्रायः समाचारों में दिखाई देते हैं और इन्हें आपके उत्तरों में वास्तविक जीवन के उदाहरणों के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। यह न केवल आपके उत्तरों को अधिक प्रासंगिक बनाता है बल्कि सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक स्थितियों से जोड़ने की आपकी क्षमता को भी प्रदर्शित करता है।

उदाहरण के लिये, सत्यनिष्ठता से संबंधित प्रश्न का उत्तर देते समय आप नीतिपरक शासन के मुद्दों या वर्तमान घटनाओं के माध्यम से लोक सेवा में उत्तरदायित्व के उदाहरणों पर चर्चा कर सकते हैं।

समसामयिक घटनाओं को कहाँ से पढ़ें:

  • हिंदू या इंडियन एक्सप्रेस के संपादकीय प्रायः शासन और नीतिशास्त्र संबंधी विषयों को शामिल करते हैं।
  • दृष्टि आईएएस यूट्यूब चैनल समसामयिक मामलों का विश्लेषण भी प्रदान करता है और उन्हें शासन में नीतिशास्त्र से जोड़ता है। 
    देखें: https://www.youtube.com/channel/UCzLqOSZPtUKrmSEnlH4LAvw 

भावनात्मक बुद्धिमत्ता (EI) सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-4 का एक महत्त्वपूर्ण भाग है और इस क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिये, भावनात्मक बुद्धिमत्ता की मूलभूत अवधारणाओं को समझें और नैतिक संशय में भावनाओं के प्रबंधन से संबंधित प्रश्नों का अभ्यास करें। 

  • इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश में नीतिपरक शासन के वास्तविक जीवन के उदाहरणों और नैतिक मानकों को संधारित करने में लोक सेवकों की भूमिका का अध्ययन करें।
  • भावनात्मक बुद्धिमत्ता के लिये अतिरिक्त संसाधन:
  • भावनात्मक बुद्धिमत्ता पर डैनियल गोलमैन का कार्य: भावनात्मक बुद्धिमत्ता के संबंध में आवश्यक अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
  • दृष्टि आईएएस का नीतिशास्त्र से संबंधित व्याख्यान: भावनात्मक बुद्धिमत्ता की विस्तृत व्याख्या और लोक सेवाओं में इसका अनुप्रयोग। 

UPPCS प्रिलिम्स और मेन्स परीक्षा की तैयारी से संबंधित कार्यनीति का सारांश


व्यक्तित्व परीक्षण/ साक्षात्कार

UPPCS व्यक्तित्व परीक्षण (साक्षात्कार) चयन प्रक्रिया का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है, जो अभ्यर्थी के समग्र व्यक्तित्व, संचार कौशल और लोक सेवा में उसकी भूमिका की उपयुक्तता का मूल्यांकन करता है। प्रभावी ढंग से तैयारी करने में आपकी सहायता करने के लिये यहाँ प्रमुख कार्यनीतियाँ दी गई हैं:

स्वयं को अच्छी तरह से जानें

  • व्यक्तिगत विवरण: अपनी पृष्ठभूमि, शिक्षा, अभिरुचियाँ, परिवार और उपलब्धियों से संबंधित प्रश्नों के उत्तर देने के लिये तैयार रहें।
  • व्यक्तित्व के सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष: अपने व्यक्तित्व के सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष के क्षेत्रों पर विचार करें। ईमानदार रहें और आत्म-जागरूकता प्रदर्शित करें।

UPPCS परीक्षा की पृष्ठभूमि को समझें

  • UPPCS पाठ्यक्रम और परीक्षा के विभिन्न चरणों से परिचित रहें।
  • अपने गृह राज्य (उत्तर प्रदेश) के विषय में जानें - जिसमें इसके सामाजिक-आर्थिक मुद्दे, इसकी संस्कृति, इतिहास और वर्तमान घटनाएँ शामिल हैं। साक्षात्कारकर्त्ता प्रायः राज्य और उसके शासन से संबंधित आपके विचार के विषय में प्रश्न पूछ सकते हैं।

अद्यतनित समसामयिक घटनाओं से अवगत रहें

  • राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचारों, विशेषकर राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर नज़र रखें।
  • शासन, नीतियों, कृषि, आधारिक संरचनाओं और अर्थव्यवस्था से संबंधित उत्तर प्रदेश-विशिष्ट समाचारों पर ध्यान दें।

शासन और नीतिशास्त्रीय संबंधी प्रश्नों के लिये तैयार रहें 

  • नीतिपरक निर्णयन, लोक प्रशासन और शासन से संबंधित विषयों पर चर्चा करने के लिये तैयार रहें। उत्तर प्रदेश में वर्तमान शासन संबंधी मुद्दों से अपने उत्तरों को जोड़ें।
  • नैतिक संशयों पर ध्यान केंद्रित करें और उन्हें हल करने के लिये अपनी विचार प्रक्रिया प्रदर्शित करें।

पेशेवर वेशभूषा धारण करें

  • साक्षात्कार के लिये सरल, औपचारिक वेशभूषा का चयन करें। एक अच्छी तरह से तैयार, पेशेवर उपस्थिति आपके समग्र व्यक्तित्व को परिष्कृत करती है।

मॉक इंटरव्यू का अभ्यास करें

  • संचार, स्पष्टता और आत्मविश्वास का अभ्यास करने के लिये मॉक इंटरव्यू में भाग लें। विशेषज्ञों से मिलने वाली प्रतिक्रिया आपको सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने में सहायता करेगी।
  • दृष्टि आईएएस मेंटरशिप कार्यक्रमों के माध्यम से UPPCS मेन्स में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिये मॉक इंटरव्यू की सुविधा प्रदान करता है:
    लिंक: https://www.drishtiias.com/hindi/dmp-interview-2023  

ईमानदार, आत्मविश्वासी और तार्किक बनें

  • साक्षात्कार के दौरान शांत रहें और आत्मविश्वास से भरे रहें। उत्तर देने से पहले प्रश्न को समझने के लिये समय लें और कठिन प्रश्नों का सामना करने पर भी शांत रहें।
  • सभी प्रश्नों का ईमानदारी से उत्तर दें। अगर आपको कुछ नहीं पता तो अनुमान लगाने के बजाय उसे स्वीकार करें।
  • अपने उत्तर में तार्किक और संरचित रहें। सतही या अस्पष्ट उत्तर देने से बचें।

व्यावहारिक और परिस्थितिजन्य प्रश्नों के लिये तैयार रहें 

  • वास्तविक जीवन की स्थितियों, संघर्ष समाधान और आपकी निर्णयन की प्रक्रिया के विषय में प्रश्न पूछे जाने की अपेक्षा करें। ऐसे उदाहरण तैयार करें जहाँ आपने नेतृत्व, समस्या समाधान या टीमवर्क का प्रदर्शन किया हो।

निष्कर्ष

UPPCS 2025 परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिये कार्यनीतिक दृष्टिकोण, अनुशासित अध्ययन और निरंतर प्रयास की आवश्यकता होती है। अधिक अंक अधिभारित विषयों पर ध्यान केंद्रित करना, अद्यतित करेंट अफेयर्स से अवगत रहना और उत्तर प्रदेश-विशिष्ट सामग्री को शामिल करना एक बढ़त प्रदान करेगा। नियमित पुनरीक्षण और तनाव प्रबंधन गति बनाए रखने की कुंजी है। समर्पण और सही संसाधनों के साथ, अभ्यर्थी आत्मविश्वास से UPPCS परीक्षा में सफलता प्राप्त करने की दिशा में कार्य कर सकते हैं।


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