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अनुसूचित जाति एवं जनजाति: कल्याणकारी योजनाएं एवं संरक्षण

12 Apr, 2024

मानव सभ्यता के विकासक्रम में कुछ समूह आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक बतौर अन्य समूहों के एवज में पिछड़ जाते हैं। उनके पिछड़ने का कारण स्थान, जाति और लिंग विशेष तौर पर अड़े हाथों...

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति

12 Apr, 2024

''यदि धन खो दिया तो हमने कुछ नहीं खोया है, लेकिन यदि स्वास्थ्य खो दिया तो अवश्य कुछ खो दिया है।'' यह फ्रांसीसी लोकोत्ति बताती है कि स्वास्थ्य हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण...

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मृत्युदंड-सही या गलत?

14 Mar, 2024

"मुझे विश्वास ही नहीं कि कोई भी सभ्य समाज मृत्यु का सेवक हो सकता है। मुझे नहीं लगता कि कोई मानव ही मानव की मौत का देवदूत बन सकता है" -हेलेन प्रेजेन, एक्टिविस्ट, नन और...

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वैवाहिक बलात्कार: कब होगा ‘ना’ का मतलब ‘ना’?

13 Mar, 2024

“शादी वैवाहिक दुष्कर्म का लाइसेंस नहीं है, सहमति सबसे ज़रूरी है” मैरिटल रेप या वैवाहिक बलात्कार की अवधारणा ही भारतीय समाज को अनुचित लगती है। समाज इस बात को गले ही नहीं...

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मॉरल पुलिसिंग

06 Mar, 2024

अपने भौगोलिक परिस्थितियों के परिदृश्य में विभिन्न प्राकृतिक अथवा मानव निर्मित भिन्नताओं या विशेषताओं के साथ-साथ उनके अपने व्यक्तिगत नियम और विचार निर्मित होते हैं। यह...

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छोटे पार्टिकल्स के बड़े कारनामे

06 Mar, 2024

रहिमन देखि बड़ेन को लघु न दीजिये डारि।जहाँ काम आवे सुई, कहां करे तरवारि ।। कितनी सुन्दर बात कही है रहीम जी ने कि बड़ी वस्तुओं को देख छोटी वस्तुओं का अनादर करना उचित नहीं है,...

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ऑनर किलिंग: झूठे दंभ में अपनों को ही लीलते अपने

01 Mar, 2024

"न्याय और शक्ति को एक साथ लाया जाना चाहिए ताकि जो कुछ न्यायसंगत है वह शक्तिशाली हो सके और जो शक्तिशाली है वह न्यायपूर्ण हो"-ब्लैज़ पास्कल ऐसा कौन प्राणी इस धरती पर होगा जो...

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युद्ध: महिलायें और बच्चे

01 Mar, 2024

रोमन दार्शनिक और विधिवेत्ता सिसरो ने इतिहासकारों के बारे में कहा था- “इतिहासकार का पहला नियम है- कभी झूठ कहने की हिम्मत न करना और दूसरा नियम है- जो सच है, उसे किसी भी कीमत पर...

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साहित्य, सिनेमा और समाज का अंतर्संबंध

20 Feb, 2024

साहित्य, सिनेमा और समाज तीनों को एक ही पंक्ति में रखने का कारण इनके मध्य व्याप्त गहन अन्तर्संबंधितता रही है। साहित्य समाज से और समाज साहित्य से निरंतर वैचारिक आदान-प्रदान...

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पर्यावरण संरक्षण के लिए वैश्विक सरपंचों की जतन

20 Feb, 2024

चारों तरफ हरे-भरे खेत, पेड़-पौधे, पहाड़, पक्षियों की चहचहाहट, नदियों का कल-कल निनाद करता हुआ जल, बारिश की फुहारें और गुनगुनी सी धूप किसे पसंद नहीं होतीं। ज़ाहिर सी बात है कि हर...


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