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भूगोल

पृथ्वी के वायुमंडल की संरचना और परतें

  • 17 Apr 2023
  • 9 min read

वायुमंडल के बारे में हमें क्या जानना चाहिये?

वायुमंडल के बारे में:

  • पृथ्वी की अन्योन्याश्रित भौतिक प्रणालियों के मुख्य घटकों में से एक वातावरण है। एक ग्रह या अन्य खगोलीय पिंड के चारों ओर गैसों की परतों से वातावरण बनता है।

संघटन:

पृथ्वी का वायुमंडल लगभग 78% नाइट्रोजन, 21% ऑक्सीजन और 1% अन्य गैसों से बना है।

  • नाइट्रोजन (N2): यह हवा में सबसे अधिक मात्रा में पाई जाने वाली गैस है। यह सभी जीवित जीवों के अस्तित्व के लिये महत्त्वपूर्ण प्राथमिक पोषक तत्त्वों में से एक है।
  • ऑक्सीजन (O2): मनुष्य और जानवर सांस लेते हुए वायु से ऑक्सीजन लेते हैं। प्रकाश संश्लेषण के दौरान हरे पौधे ऑक्सीजन उत्पन्न करते हैं। इस तरह हवा में ऑक्सीजन की मात्रा स्थिर रहती है।
  • कार्बन डाइऑक्साइड (CO2): यह एक महत्त्वपूर्ण ऊष्मा अवशोषित करने वाली गैस या ग्रीनहाउस गैस है, जो जीवाश्म ईंधन के निष्कर्षण और ज्वलन से आती है।
    • ये गैसें तापमान और दबाव जैसी अनूठी विशेषताओं द्वारा परिभाषित वायुमंडलीय परतों में पाई जाती हैं।

वायुमंडल की विभिन्न परतें क्या हैं?

क्षोभ मंडल:

  • पृथ्वी का क्षोभमंडल पृथ्वी की सतह से औसतन लगभग 12 किलोमीटर ऊँचाई तक फैला हुआ है, जिसकी ऊँचाई पृथ्वी के ध्रुवों पर कम और भूमध्य रेखा पर अधिक है।
  • फिर भी प्रकाश संश्लेषण एवं जानवरों को सांस लेने के लिये आवश्यक वायु इसी परत में उपलब्ध है साथ ही, इसमें लगभग 99% जल वाष्प और एरोसोल (वायुमंडल में निलंबित ठोस या तरल कण) भी शामिल हैं।
  • क्षोभमंडल में तापमान भी ऊँचाई के साथ घटता जाता है। इसकी ऊपरी परत, जिसमें यह परिघटना होती है, ट्रोपोपॉज़ कहा जाता है।
  • यह सबसे घनी वायुमंडलीय परत है, जो इसके ऊपर के बाकी वायुमंडल के भार से संकुचित होती है।
  • पृथ्वी का अधिकांश मौसमी घटनाएँ यहीं होती है, एवं अलग-अलग मौसम से उत्पन्न होने वाले लगभग सभी प्रकार के बादल यहाँ पाए जाते हैं।
  • अधिकांश विमानन यहाँ होता है, जिसमें क्षोभमंडल और समताप मंडल के बीच संक्रमण क्षेत्र भी शामिल है।

समताप मंडल:

  • पृथ्वी की सतह से लगभग 12 से 50 किलोमीटर ऊपर स्थित, समताप मंडल पृथ्वी की ओजोन परत के घर के रूप में जाना जाता है।
  • इस क्षेत्र में ऊँचाई के साथ तापमान बढ़ता है। ओजोन के निर्माण की प्रक्रिया में ऊष्मा उत्पन्न होती है और यही ऊष्मा तापमान वृद्धि के लिये उत्तरदायी होती है।
  • यह बादल और मौसमी घटनाएँ दोनों से रहित हैं, लेकिन ध्रुवीय समतापमंडलीय बादल (मुख्य रूप से सर्दियों के दौरान उच्च अक्षांशों पर होते हैं) कभी-कभी सबसे निचली एवं सबसे ठंडी एल्टीट्यूड पर मौजूद होते हैं।
  • यह वायुमंडल का सबसे ऊँचा हिस्सा है जहाँ जेट विमान पहुँच सकते हैं।

मध्य मंडल:

  • पृथ्वी की सतह से लगभग 50-80 किलोमीटर के बीच स्थित, मध्य मंडल ऊँचाई के साथ उत्तरोत्तर ठंडा होता जाता है।
  • इस परत का ऊपरी हिस्सा पृथ्वी की प्रणाली के भीतर पाया जाने वाला सबसे ठंडा स्थान है, जिसका औसत तापमान लगभग -85 °C (-120 °F) है।
  • मध्य मंडल के ऊपरी परत पर मौजूद बहुत दुर्लभ जल वाष्प रात में बादलों का निर्माण करता है, जो पृथ्वी के वायुमंडल में सबसे ऊँचे बादल हैं।
  • अधिकांश उल्कापिंड इसी वायुमंडलीय परत में जलते हैं। साउंडिंग रॉकेट और रॉकेट से चलने वाले विमान मध्य मंडल तक पहुँच सकते हैं।
  • समताप मंडल से मध्य मंडल को अलग करने वाली संक्रमण सीमा को स्ट्रेटोपॉज़ कहा जाता है।

तापमंडल:

  • यह पृथ्वी की सतह से लगभग 80-700 किलोमीटर ऊपर स्थित है, जिसके सबसे निचले हिस्से में आयनमंडल है।
  • क्योंकि यह परत सूर्य के बहुत करीब है, यह 2,000 डिग्री सेल्सियस (3,600 डिग्री फारेनहाइट) तक तापमान तक पहुँच सकती है।
  • इस परत में यहाँ पाए जाने वाले अणुओं का घनत्व बहुत कम होने के कारण ऊँचाई के साथ तापमान बढ़ता है। यह बादल और जल-वाष्प दोनों से मुक्त है।
  • ऑरोरा बोरेलिस (नॉर्दन लाइट्स/Northern lights) और ऑरोरा ऑस्ट्रेलिया (सदर्न लाइट्स/Southern lights) कभी-कभी यहाँ देखे जाते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) इसी मंडल में परिक्रमा करता है।

आयनमंडल:

  • यह एक अलग परत नहीं है जैसा कि ऊपर वर्णित अन्य परतें हैं। इसके बजाय, आयनमंडल मध्य मंडल, बाह्य वायुमंडल और बाह्य वायुमंडल को ओवरलैप करता है।
  • यह वातावरण का एक बहुत ही सक्रिय हिस्सा है एवं यह सूर्य से अवशोषित ऊर्जा के आधार पर बढ़ता और सिकुड़ता है।
  • यह एक विद्युत प्रवाहकीय क्षेत्र है जो रेडियो संकेतों को पृथ्वी पर वापस परावर्तित करने में सक्षम है।
  • इस तरह से बनने वाले विद्युत आवेशित परमाणु और अणु आयन कहलाते हैं, जिससे इसका नाम आयनमंडल पड़ा हैं इसी कारण से इस क्षेत्र में कुछ विशेष गुण हैं।

बाह्य वायुमंडल:

  • यह पृथ्वी की सतह से लगभग 700-10,000 किलोमीटर ऊपर स्थित है, एक्सोस्फीयर पृथ्वी के वायुमंडल की सबसे ऊँची परत है और इसके ऊपरी सतह पर सौर वायु के साथ मिल जाती है।
  • यहाँ पाए जाने वाले अणु बेहद कम घनत्व के होते हैं, इसलिये यह परत गैस की तरह व्यवहार नहीं करती है और यहाँ के कण अंतरिक्ष में एस्केप कर जाते हैं।
  • हालाँकि बाह्य वायुमंडल में कोई मौसम नहीं होता है, ऑरोरा बोरेलिस (नॉर्दन लाइट्स/Northern lights) और ऑरोरा ऑस्ट्रेलिया (सदर्न लाइट्स/Southern lights) कभी-कभी इसके सबसे निचले हिस्से में देखे जाते हैं।
  • अधिकांश पृथ्वी की उपग्रह इसी परत में परिक्रमा करते हैं।

महत्त्व:

हानिकारक विकिरणों से सुरक्षा: वायुमंडल पृथ्वी पर आने वाले पराबैंगनी (UV) विकिरण से रक्षा करता है। पृथ्वी को इन्सुलेशन के माध्यम से गर्म रखते हुए दिन व रात के तापमान में अत्यधिक अंतर को रोककर जीवन की रक्षा करता है।

मौसम और जलवायु: तापमान, वर्षा और हवा सहित मौसम व जलवायु के पैटर्न को निर्धारित करने में वातावरण महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इन पैटर्नों का पारिस्थितिक तंत्र, कृषि और मानव गतिविधियों पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।

पृथ्वी के तापमान को नियंत्रित करता है: वायुमंडल सूर्य से ऊष्मा को अवशोषित कर एवं इसे पुनः अंतरिक्ष में जाने से रोककर पृथ्वी के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह प्रक्रिया, जिसे ग्रीनहाउस प्रभाव के रूप में जाना जाता है, ग्रह को जीवन के लिये पर्याप्त गर्म रखने में मदद करती है।

जल चक्र में एक प्रमुख भूमिका: वायुमंडल जल वाष्प को महासागरों से भूमि तक पहुँचाकर पृथ्वी के जल चक्र को विनियमित करने में मदद करता है, जहाँ यह वर्षा के रूप में गिरता है।

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