प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 29 जुलाई से शुरू
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स्टेट पी.सी.एस.

  • 30 Sep 2021
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उत्तर प्रदेश Switch to English

‘निर्भया: एक पहल’

चर्चा में क्यों?

29 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा महिलाओं में उद्यमिता कौशल को प्रोत्साहित करने के लिये ‘निर्भया: एक पहल’ लॉन्च किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा, स्वाभिमान एवं स्वावलंबन के लिये उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मिशन ‘शक्ति’ प्रारंभ किया गया था। इस मिशन के तीसरे चरण में अब ‘निर्भया: एक पहल’ अभियान प्रारंभ किया गया है, जिसका वित्तीयन निर्भया फंड से किया जाएगा।
  • इसके तहत राज्य के प्रत्येक ज़िले से लगभग 1000-1000 महिलाओं, अर्थात् कुल 75,000 महिलाओं को प्रशिक्षण किट वितरित की जाएगी।
  • इस तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण अभियान का क्रियान्वयन राज्य के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा किया जाएगा, जिसमें उन्हें यह बताया जाएगा कि केंद्र और राज्य सरकार की कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ उन महिलाओं को मिल सकता है, जो अपना उद्यम शुरू करना चाहती हैं।
  • उद्यम शुरू करने के लिये प्रशिक्षण के पश्चात् अगले तीन महीनों में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पूंजी उपलब्ध कराने में राज्य सरकार द्वारा सहायता की जाएगी।
  • इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री द्वारा हेल्पलाइन नंबर 18002126844 तथा वेबसाइट https://msmemissionshakti.in / एवं एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया, ताकि महिला उद्यमियों को उद्यमिता संबंधी सभी सूचनाएँ एक ही जगह पर प्राप्त हो सकें।

उत्तर प्रदेश Switch to English

पुलिस यातना

चर्चा में क्यों?

हाल ही में गोरखपुर पुलिस द्वारा दी गई यातनाओं से कानपुर निवासी कारोबारी की मृत्यु हो गई। इस मृत्यु ने भारत में पुलिस द्वारा लोगों के विरुद्ध हिंसा के प्रयोग एवं हिरासत में मृत्यु जैसे विषयों को पुन: चर्चा का विषय बना दिया है।

प्रमुख बिंदु

  • गैर-सरकारी संस्था ‘कॉमन काज’ की रिपोर्ट ‘स्टेटस ऑफ पुलिसिंग इन इंडिया’ के अनुसार, प्रत्येक 5 में से 3 पुलिस अधिकारियों का मानना है कि अपराधियों के विरुद्ध हिंसा का प्रयोग उचित है। वहीं एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार पुलिस के विरुद्ध 2000 से 2018 के बीच 2000 से अधिक मानवाधिकार उल्लंघन के मामले दर्ज किये गए हैं।
  • पुलिस द्वारा हिंसा के लिये उत्तरदायी कारक-
    • भारत में यातना के विरुद्ध कानूनों की अनुपस्थिति।
    • पुलिसकर्मियों के विरुद्ध मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले में कार्यवाही का न होना।
    • पुलिस सुधारों की धीमी गति।
    • दोषसिद्धि की निम्न दर।
  • पुलिस यातना रोकने के लिये प्रावधान-
    • डी.के. बसु बनाम पश्चिम बंगाल मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कहा गया कि यातनाओं के विरुद्ध संरक्षण अनुच्छेद-21 में दिये गए जीवन के अधिकार के तहत एक मूल अधिकार है। 
    • दंड प्रक्रिया संहिता के तहत धारा 41A, 41B, 41C, 41D में गिरफ्तारी एवं निरोध (Detention) के लिये तार्किक आधार एवं नियम बताए गए हैं।
    • भारतीय दंड संहिता की धाराएँ- 330, 331, 348
    • भारतीय साक्ष्य अधिनियम धारा- 25 और 26 
  • उल्लेखनीय है कि भारत द्वारा यातना के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र अभिसमय पर हस्ताक्षर करने के बावजूद उसकी पुष्टि अब तक नहीं की गई है।

बिहार Switch to English

जल जीवन हरियाली अभियान

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बिहार राज्य सरकार द्वारा ‘जल जीवन हरियाली अभियान’ के तहत अगस्त, 2021 की रैंकिंग जारी की गई है, जिसमें पूरे प्रदेश में बक्सर ज़िले को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।

प्रमुख बिंदु

  • यह रैंकिंग ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दस विभिन्न आयामों के आधार पर प्रत्येक माह जारी की जाती है।
  • अगस्त 2021 की रैंकिंग में बक्सर ज़िला को राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है, वहीं गया को द्वितीय एवं जहानाबाद को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है।
  • इस रैंकिंग में शिवहर को जहाँ अंतिम स्थान प्राप्त हुआ है, वहीं राजधानी पटना का स्थान 24वाँ है।

बिहार Switch to English

देश का पहला महिला कमांडो दस्ता

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बिहार देश का पहला राज्य बन गया है, जहाँ पर महिला कमांडो का दस्ता तैयार किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस में चुनी गई 92 महिला सिपाहियों को महाराष्ट्र के मुतखेड़ स्थित सीआरपीएफ के सेंट्रल ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग दिलाई गई है।
  • तीन महीने के प्रशिक्षण में इन्हें बड़े-से-बड़े हमलों को नाकाम करने के लिये विशेष प्रशिक्षण के साथ छोटे-बड़े अत्याधुनिक हथियारों को चलाने का प्रशिक्षण दिया गया है।
  • मुख्यमंत्री की सुरक्षा के अलावा एटीएस व एसटीएफ में इनकी तैनाती होगी।
  • प्रशिक्षण के बाद इन्हें अवकाश पर भेजा गया था, परंतु अब ये टीम अपनी यूनिट में लौट आई है और अपना कार्य प्रारंभ करने को तैयार है।

राजस्थान Switch to English

‘पीएम कुसुम कंपोनेंट-ए’ योजना

चर्चा में क्यों?

29 सितंबर, 2021 को राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य में राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा संचालित ‘पीएम कुसुम कंपोनेंट-ए’ योजना के अंतर्गत आठवें सौर ऊर्जा संयंत्र से झालावाड़ ज़िले की खानपुर तहसील के बाघेर गाँव में ऊर्जा उत्पादन प्रारंभ हो गया है।

प्रमुख बिंदु

  • डॉ. सुबोध अग्रवाल ने परियोजना के बारे में बताया कि परियोजना की स्थापना के लिये जयपुर विद्युत वितरण निगम तथा स्थानीय कृषक राम हेतार नागर के मध्य 25 वर्ष की अवधि हेतु विद्युत क्रय अनुबंध किया गया है। 
  • इससे अनुमानित 9 लाख यूनिट विद्युत का उत्पादन प्रतिवर्ष होगा, जिसे जयपुर विद्युत वितरण निगम द्वारा 3.14 रुपए प्रति यूनिट की दर पर 25 वर्ष तक क्रय किया जाएगा, जिससे संबंधित कृषक को प्रतिवर्ष लगभग 28 लाख का राजस्व प्राप्त होगा।
  • परियोजना का निर्माण लगभग 1 हेक्टेयर भूमि पर किया गया है तथा 0.5 मेगावाट क्षमता की इस परियोजना की निर्माण लागत लगभग 2 करोड़ रुपए है। 
  • उन्होंने बताया गया कि ‘पीएम कुसुम कंपोनेंट-ए’ योजना के अंतर्गत यह कोटा संभाग एवं झालावाड़ ज़िले का प्रथम सौर ऊर्जा संयंत्र है। 
  • बजट घोषणा 2019-20 में प्रदेश में इस योजना के अंतर्गत 2600 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें से अब तक 722 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं हेतु लेटर ऑफ अवॉर्ड जारी किये जा चुके हैं।
  • गौरतलब है कि प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम योजना) भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसके कंपोनेंट-ए का राज्य में क्रियान्वयन राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा किया जा रहा है। 
  • इस योजना के प्रथम चरण में कुल 722 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएँ स्थापित करने हेतु 623 सौर ऊर्जा उत्पादकों का चयन किया गया है। इस योजना के अंतर्गत देश में सर्वाधिक क्षमता 9.5 मेगावाट तथा सर्वाधिक 8 प्रोजेक्ट राजस्थान में ही स्थापित किये गए हैं।

राजस्थान Switch to English

भूमि संरक्षण के लिये प्रो. श्यामसुंदर ज्याणी संयुक्त राष्ट्र के पुरस्कार से सम्मानित

चर्चा में क्यों?

28 सितंबर, 2021 को राजस्थान के प्रो. श्यामसुंदर ज्याणी को भूमि संरक्षण हेतु विश्व के सर्वोच्च पुरस्कार ‘लैंड फॉर लाइफ अवॉर्ड’ (Land for Life Award) से नवाजा गया। 

  • चीन के बून में आयोजित ऑनलाइन वैश्विक समारोह में अंतर्राष्ट्रीय श्रेणी के तहत पारिवारिक वानिकी के लिये उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • प्रो. ज्याणी को 17 जून, 2021 को कोस्टारिका में विश्व मरुस्थलीकरण दिवस के वैश्विक आयोजन में भूमि संरक्षण में अति विशिष्ट योगदान हेतु विजेता घोषित किया गया था।  
  • मई 2022 में अफ्रीकी देश आइवरी कोस्ट में सदस्य देशों के वैश्विक सम्मेलन में प्रो. ज्याणी को विशेष उद्बोधन हेतु आमंत्रित किया जाएगा और उन्हें यह ट्रॉफी प्रदान की जाएगी।
  • गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र संघ की भूमि संरक्षण संबंधी इकाई यूएनसीसीडी द्वारा प्रति दो वर्ष के अंतराल पर भूमि संरक्षण में अति विशिष्ट योगदान हेतु दुनिया भर से किसी एक व्यक्ति या संगठन को यह पुरस्कार दिया जाता है। 
  • संयुक्त राष्ट्र की ओर से भूमि बहाली और संरक्षण विधियों में नवाचार के लिये अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उन संस्थाओं, व्यक्तियों को पुरस्कृत किया जाता है, जो पर्यावरण और समुदायों की भलाई को बढ़ावा देते हुए उनके साथ संबंधों को बेहतर बनाते हैं। इसके तहत चीन के सैहानबा फॉरेस्ट को राष्ट्रीय श्रेणी के तहत पुरस्कार दिया गया। 
  • प्रो. श्यामसुंदर ज्याणी श्रीगंगानगर ज़िले की रायसिंह नगर तहसील के गाँव 12 टीके के निवासी हैं और वर्तमान में बीकानेर के राजकीय डूँगर कॉलेज में समाजशास्त्र के एसोसिएट प्रोफेसर हैं।
  • प्रोफेसर ज्याणी पिछले 20 वर्षों से गाँव-दर-गाँव लोगों, स्कूली विद्यार्थियों व शिक्षकों के बीच जाकर उन्हें पेड़ एवं पर्यावरण के बारे में समझाने और अपनी तनख्वाह से पश्चिमी राजस्थान की रेगिस्तानी भूमि में लाखों पेड़ लगवाने जैसे उत्कृष्ट कार्य करते आ रहे हैं।

मध्य प्रदेश Switch to English

चिन्नौर चावल को जीआई टैग

चर्चा में क्यों?

29 सितंबर, 2021 को राज्य सरकार द्वारा बताया गया कि चिन्नौर चावल के लिये जीआई टैग के मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र के दावे में मध्य प्रदेश को मान्यता दी गई।

प्रमुख बिंदु

  • चिन्नौर चावल का उत्पादन मुख्यत: बालाघाट क्षेत्र में किया जाता है, हालाँकि महाराष्ट्र के भंडारा में भी इसका उत्पादन किया जता है, जिसके लिये महाराष्ट्र द्वारा जीआई टैग का दावा किया गया था।
  • बालाघाट में पाई जाने वाली चीकायुक्त दोमट मिट्टी यहाँ चावल उत्पादन के लिये अनुकूल परिस्थितियाँ उत्पन्न करती हैं। इसलिये बालाघाट को मध्य प्रदेश का धान का कटोरा भी कहा जाता है।
  • भारत में जीआई टैग को वस्तुओं के भौगोलिक संकेत (पंजीकरण एंव संरक्षण) अधिनियम, 1999 के तहत विनियमित किया जाता है।
  • भारत में सबसे पहले जीआई टैग 2004 में दार्जिलिंग चाय को प्रदान किया गया।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा में पंचकूला के मोरनी-टिक्करताल में वाटर स्पोर्ट्स का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

29 सितंबर, 2021 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा राज्य के पंचकूला ज़िले में मोरनी क्षेत्र के टिक्करताल में विभिन्न साहसिक खेल गतिविधियों पैरासेलिंग, पैरामोटर और जेट स्कूटर आदि वाटर स्पोर्ट्स का औपचारिक उद्घाटन किया है।

प्रमुख बिंदु

  • टिक्करताल में टूरिज़्म गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये वाटर स्पोर्ट्स, जैसे- पैरासेलिंग, पैरामोटर आदि खेल गतिविधियों को शुरू किया गया है।
  • पिंजौर में भी हॉट बैलून गतिविधि को प्रारंभ करने के लिये कंपनी से समझौता हो चुका है।
  • गोवा के बाद उत्तर भारत में हरियाणा के पंचकूला में टिक्करताल में ऐसी वाटर स्पोर्ट्स गतिवधियाँ शुरू हो रही हैं।
  • मोरनी-टिक्करताल क्षेत्र में लोगों का रोज़गार बढ़ाने की योजना के तहत होम स्टे पॉलिसी बनाई गई है, जिससे लोगों की आमदनी तो बढ़ेगी ही, साथ ही पर्यटकों को भी अधिक सुविधा मिल सकेगी।

छत्तीसगढ़ Switch to English

राज्य में बिलासपुर वनवृत्त में सर्वाधिक तेंदू पत्ता का संग्रहण

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राज्य लघु वनोपज से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में चालू वित्त वर्ष के दौरान समस्त 6 वनवृत्तों में से बिलासपुर वन के अंतर्गत सर्वाधिक 2 लाख 76 हज़ार 670 मानक बोरा तेंदू पत्ता का संग्रहण हुआ है।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में चालू वित्त वर्ष के दौरान तेंदू पत्ता संग्रहण सीजन में 522 करोड़ रुपए से अधिक की राशि के 13 लाख 5 हज़ार 710 मानक बोरा तेंदू पत्ता का संग्रहण हुआ है। इसमें तेंदू पत्ता संग्राहकों को 110 करोड़ 21 लाख रुपए की संग्रहण राशि का शत-प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है। 
  • बिलासपुर वनवृत्त के अंतर्गत 110 करोड़ 61 लाख रुपए की राशि के 2 लाख 76 हज़ार 670 मानक बोरा तेंदू पत्ता का संग्रहण हुआ। इनमें वनमंडलवार बिलासपुर में 29 हज़ार 715 मानक बोरा, मरवाही में 19 हज़ार 440 मानक बोरा, जांजगीर-चांपा में 3 हज़ार 763 मानक बोरा, रायगढ़ में 44 हज़ार 702 मानक बोरा, धरमजयगढ़ में 70 हज़ार 157 मानक बोरा, कोरबा में 42 हज़ार 960 मानक बोरा तथा कटघोरा में 65 हज़ार 932 मानक बोरा तेंदू पत्ता का संग्रहण हुआ।
  • इसके पश्चात् सरगुजा वनवृत्त के अंतर्गत 102 करोड़ 10 लाख रुपए की राशि के 2 लाख 55 हज़ार 675 मानक बोरा तेंदू पत्ता का संग्रहण किया गया है। इनमें वनमंडलवार जशपुर में 23 हज़ार 297 मानक बोरा, मनेंद्रगढ़ में 32 हज़ार मानक बोरा, कोरिया में 20 हज़ार 996 मानक बोरा, सरगुजा में 30 हज़ार 645 मानक बोरा तथा सूरजपुर में 58 हज़ार 207 मानक बोरा तेंदू पत्ता का संग्रहण किया गया है।
  • इसी तरह कांकेर वनवृत्त के अंतर्गत 98 करोड़ 98 लाख रुपए की राशि के 2 लाख 49 हज़ार 679 मानक बोरा तेंदू पत्ता का संग्रहण हुआ है। इनमें वनमंडलवार पूर्व भानुप्रतापपुर में 91 हज़ार 320 मानक बोरा, पश्चिम भानुप्रतापपुर में 70 हज़ार 120 मानक बोरा, दक्षिण कोंडागाँव में 12 हज़ार 446 मानक बोरा तथा केशकाल में 21 हज़ार 107 मानक बोरा, नारायणपुर में 15 हज़ार 322 मानक बोरा, कांकेर में 34 हज़ार 364 मानक बोरा तेंदू पत्ता का संग्रहण किया गया है।
  • वनवृत्त रायपुर के अंतर्गत 75 करोड़ 32 लाख रुपए की राशि के एक लाख 88 हज़ार 527 मानक बोरा तेंदू पत्ता का संग्रहण हुआ है। इनमें वनमंडलवार धमतरी में 22 हज़ार 890 मानक बोरा, गरियाबंद में 69 हज़ार 890 मानक बोरा, महासमुंद में 74 हज़ार 871 मानक बोरा तथा बलौदाबाज़ार में 20 हज़ार 877 मानक बोरा तेंदू पत्ता का संग्रहण किया गया है। 
  • वनवृत्त जगदलपुर के अंतर्गत 70 करोड़ 60 लाख रुपए की राशि के एक लाख 76 हज़ार 505 मानक बोरा तेंदू पत्ता का संग्रहण किया गया है। इनमें वनमंडलवार बीजापुर में 75 हज़ार 395 मानक बोरा, सुकमा में 75 हज़ार 913 मानक बोरा, दंतेवाड़ा में 10 हज़ार 395 मानक बोरा, जगदलपुर में 14 हज़ार 802 मानक बोरा तेंदू पत्ता का संग्रहण हुआ है।
  • इसके पश्चात् वनवृत्त दुर्ग के अंतर्गत 63 करोड़ 46 लाख रुपए की राशि के एक लाख 58 हज़ार 653 मानक बोरा तेंदू पत्ता का संग्रहण हुआ है। इनमें वनमंडलवार राजनांदगांव में 65 हज़ार 559 मानक बोरा, खैरागढ़ में 34 हज़ार 698 मानक बोरा, बालोद में 20 हज़ार 383 मानक बोरा तथा कवर्धा में 38 हज़ार मानक बोरा तेंदू पत्ता का संग्रहण हुआ है।

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