उत्तर प्रदेश Switch to English
आयुष विश्वविद्यालय
चर्चा में क्यों?
28 अगस्त, 2021 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी।
प्रमुख बिंदु
- 21.173 हेक्टेयर क्षेत्र में बन रहे इस विश्वविद्यालय की अनुमानित लागत 299.87 करोड़ रुपए है तथा इसके मार्च 2023 तक बन जाने की संभावना है।
- प्रदेश के आयुर्वेद, यूनानी व होम्योपैथी के सभी महाविद्यालयों को इस विश्वविद्यालय से संबद्ध किया जाएगा।
- इस विश्वविद्यालय से राज्य में आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी व सिद्धा चिकित्सा पद्धतियों का विकास होगा तथा योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में छात्र-छात्राएँ दक्ष होंगे।
- विश्वविद्यालय का वास्तुशिल्प भारतीय संस्कृति के अनुरूप होगा। इसके परिसर में एकेडमिक भवन, प्रशासनिक भवन, आवासीय भवन, छात्रावास, गेस्ट हाउस के अलावा ऑडिटोरियम और सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक भी होगा।
- गौरतलब है कि अब तक उत्तर प्रदेश में आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा, योग, सिद्धा की चिकित्सा पद्धति (जिन्हें समन्वित रूप में आयुष कहा जाता है) के लिये अलग-अलग संस्थाएँ रही हैं। प्रदेश में पहली बार आयुष पद्धतियों के पाठ्यक्रम का नियमन किया जा रहा है।
- प्रदेश में वर्तमान में आयुष महाविद्यालयों की कुल संख्या 94 है, जिसमें आयुर्वेद महाविद्यालय 67 (8 सरकारी व 59 निजी), यूनानी महाविद्यालय 15 (2 सरकारी व 13 निजी) तथा होम्योपैथी महाविद्यालय 12 (9 सरकारी व 3 निजी) हैं।
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