झारखंड Switch to English
झारखंड ने गणतंत्र दिवस परेड में तसर रेशम उत्पादन का प्रदर्शन किया
चर्चा में क्यों?
26 जनवरी 2024 को गणतंत्र दिवस परेड में झारखंड की झाँकी में तसर रेशम के उत्पादन में आदिवासी महिलाओं के कौशल का प्रदर्शन किया गया।
मुख्य बिंदु:
- झाँकी में तसर कीट पालन, कोकून उत्पादन, बुनाई और तसर परिधानों के डिज़ाइन से लेकर वैश्विक वितरण तक की आधुनिक यात्रा को दर्शाया गया है।
- प्रदर्शन में "झूमर" लोक नृत्य और स्वदेशी संगीत के माध्यम से झारखंड की जीवंत भावना का प्रदर्शन किया गया।
- तसर रेशम:
- यह एक प्रकार का जंगली रेशम है, जो आसन और अर्जुन जैसे पौधों को खाने वाले रेशम के कीड़ों से बनाया जाता है।
- भारत के विभिन्न भागों में इसे टसर, टसर, तुषार, तुसा, टैस्सोर तथा तसर आदि नामों से जाना जाता है।
- रेशम भूरे, क्रीम और नारंगी रंगों में भी पाया जा सकता है।
- तसर रेशम के धागे अक्सर अन्य रेशम की तुलना में मोटे होते हैं और उन्हें इस तरह से बुना जाता है कि एक 'चेकरबोर्ड' पैटर्न बनता है।
- यह हल्का होने के साथ-साथ मज़बूत भी है, अक्सर कश्मीरी या मखमल की तुलना में इसमें बेहतर मुलायम अहसास होता है।
- यह नमी बरकरार नहीं रखता है और इसे विश्व के गर्म मौसम वाले क्षेत्रों में पहना जा सकता है।
- भारत टसर रेशम का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और भारतीय टसर (जिसे उष्णकटिबंधीय टसर भी कहा जाता है) का विशेष उत्पादक है, जिसकी देखभाल बड़े पैमाने पर आदिवासियों द्वारा की जाती है।
- भारत में इसका उत्पादन मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ में होता है। वर्तमान में, झारखंड सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है।
- चीन, श्रीलंका और बांग्लादेश तसर रेशम के वैश्विक उत्पादक हैं।
भारत के रेशम उद्योग की स्थिति
- भारत चीन के बाद कच्चे रेशम का विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
- भारत में शहतूत, तसर, मुगा और एरी सहित विभिन्न प्रकार के रेशम पाए जाते हैं। ये विविधताएँ रेशमकीटों की विशिष्ट आहार आदतों से उत्पन्न होती हैं।
- रेशम उद्योग भारत के सबसे बड़े विदेशी मुद्रा अर्जक में से एक है, जो देश के आर्थिक परिदृश्य में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है।
- देश में प्रमुख रेशम उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल हैं।
हरियाणा Switch to English
खेलो इंडिया यूथ गेम्स
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा ने उड़ीसा के साथ छठे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में बालक और बालिका हॉकी स्पर्धा में खिताब जीते हैं।
मुख्य बिंदु:
- खेलो इंडिया यूथ गेम्स की शुरुआत वर्ष 2018 में खेलो इंडिया स्कूल गेम्स के नाम से हुई थी।
- इन खेलों का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर खेल प्रतिभाओं को ढूंढना और उन्हें तैयार करना तथा उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों के लिये प्रशिक्षित करना है।
- खेलो इंडिया योजना युवा कार्य और खेल मंत्रालय की प्रमुख केंद्रीय क्षेत्र योजना है।
- इसके तहत, खेलो इंडिया यूथ गेम्स (KIYG), खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (KIUG) और खेलो इंडिया विंटर गेम्स को वार्षिक राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के रूप में स्थापित किया गया था, जहाँ युवाओं ने क्रमशः अपने राज्यों एवं विश्वविद्यालयों का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने कौशल का प्रदर्शन किया तथा पदक के लिये प्रतिस्पर्धा की।
- हॉकी फाइनल के परिणाम:
- बालक: ओडिशा ने मध्य प्रदेश के खिलाफ 4 गोल से फाइनल जीता।
- बालिकाएँ: हरियाणा ने मध्य प्रदेश के खिलाफ 1 गोल से फाइनल जीता।
हरियाणा Switch to English
गणतंत्र दिवस परेड में हरियाणा की झाँकी में 'मेरा परिवार-मेरी पहचान' को दर्शाया गया है
चर्चा में क्यों?
26 जनवरी 2024 को गणतंत्र दिवस परेड में हरियाणा की झाँकी में 'मेरा परिवार-मेरी पहचान' की थीम को दर्शाया गया, जो हरियाणा सरकार का एक महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम है जो "विकसित भारत" के सपने को साकार करने में सार्थक भूमिका निभा रहा है।
मुख्य बिंदु:
- इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सरकार द्वारा एकत्रित एवं अद्यतन प्रत्येक परिवार के डेटा के माध्यम से प्रौद्योगिकी से जुड़कर पात्र परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करना है।
- परिवार पहचान पत्र के माध्यम से सरकार हर पात्र व्यक्ति तक योजनाएँ पहुँचा रही है।
- इस झांकी को महिलाओं के सशक्तीकरण के पारंपरिक प्रतीक के रूप में तैयार किया गया है।
- डिजिटल उपकरण रखने वाली महिला एक विकसित डिजिटल भारत का प्रतीक है, जो हरियाणा के हर कोने में लोगों को परिवार पहचान पत्र के माध्यम से घर बेठे सिर्फ एक क्लिक के साथ सरकारी योजनाओं तक पहुँचने और उनका लाभ उठाने में सक्षम बनाती है।
- "परिवार पहचान पत्र" के महत्त्वपूर्ण लाभों पर भी प्रकाश डाला गया जैसे कि राशन की निर्बाध खरीद, किसान परिवारों के लिये कृषि सब्सिडी, युवा छात्रों के लिये छात्रवृत्ति और बुजुर्गों के लिये पेंशन।
परिवार पहचान पत्र
- परिवार पहचान पत्र योजना की शुरुआत हरियाणा सरकार द्वारा वर्ष 2020 में की गई थी।
- परिवार पहचान पत्र के तहत प्रत्येक परिवार को एक इकाई मानते हुए आठ अंकों की अद्वितीय परिवार आईडी प्रदान की जा रही है।
- इसका उद्देश्य हरियाणा के सभी परिवारों का प्रामाणिक, सत्यापित और विश्वसनीय डेटा तैयार करना है, ताकि प्रत्येक लाभार्थी को परेशानी मुक्त तरीके से सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा सके।
नोट:
- 'राष्ट्रपति के अंगरक्षक'- 2024 गणतंत्र दिवस (75वाँ) विशिष्ट रेजिमेंट के लिये विशेष है क्योंकि 'अंरक्षक' ने वर्ष 1773 में अपनी स्थापना के बाद से 250 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है।
- भारत की राष्ट्रपति और फ्राँस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, जो 75वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं, 'पारंपरिक बग्गी' में कर्तव्य पथ पर पहुँचे, यह एक प्रथा जिसने 40 वर्षों के अंतराल के बाद वापसी की।
मध्य प्रदेश Switch to English
मप्र लोकायुक्त ने राज्य बोर्ड में घोटाले की जाँच की
चर्चा में क्यों ?
मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड लगभग 100 करोड़ रुपए की कंप्यूटर खरीद में अनियमितता के आरोप में राज्य लोकायुक्त संगठन की जाँच के दायरे में है।
मुख्य बिंदु:
- कंप्यूटर डेस्कटॉप, फोटोकॉपियर और UPS की खरीद में बड़ी गड़बड़ी का हवाला देते हुए लोकायुक्त संगठन में शिकायत दर्ज की गई है।
- प्रत्येक कंप्यूटर डेस्कटॉप की लागत 1,39,350 रुपए बताई गई, जिसके परिणामस्वरूप कुल खर्च लगभग 96.70 करोड़ रुपए हुआ।
- विभाग द्वारा 4,519 सहकारी समितियों के लिये हार्डवेयर खरीदा गया, जिसमें प्रत्येक पैक में पाँच डिवाइस डेस्कटॉप, मल्टी-फंक्शन डिवाइस (फोटोकॉपी, स्कैन, प्रिंट), UPS, VPN और बायोमेट्रिक शामिल थी। इस खरीद पर कुल खर्च करीब 55 करोड़ रुपए हुआ।
- इसमें दावा किया गया है कि हार्डवेयर खरीद में लगभग 45 करोड़ रुपए की स्पष्ट वित्तीय अनियमितता हुई है।
- यह माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के डेस्कटॉप की बढ़ी हुई दरों पर प्रकाश डालता है, जो सहकारी विभाग की खरीद की तुलना में प्रति यूनिट 82,000 रुपए अधिक थी।
लोकायुक्त
- लोकायुक्त भारतीय संसदीय ओम्बुड्समैन है, जो भारत की प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है और उसके लिये कार्य करता है।
- यह एक भ्रष्टाचार विरोधी प्राधिकरण है। किसी राज्य में लोकायुक्त प्रणाली का उद्देश्य लोक सेवकों के खिलाफ शिकायतों, आरोपों की जाँच करना है।
- लोकायुक्त व्यवस्था की उत्पत्ति स्कैंडिनेवियाई देशों में हुई थी।
- भारत में प्रशासनिक सुधार आयोग (1966-70) ने केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त के गठन की सिफारिश की थी।
- महाराष्ट्र पहला राज्य था जिसने वर्ष 1971 में लोकायुक्त निकाय स्थापित किया था।
मध्य प्रदेश Switch to English
सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभागों का विलय
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में मध्य प्रदेश कैबिनेट ने सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के विलय के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी गई है
- वर्तमान में अस्पताल सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के दायरे में आते हैं जबकि मेडिकल कॉलेज और संबंधित सुविधाएँ चिकित्सा शिक्षा विभाग के दायरे में आती हैं।
मुख्य बिंदु:
- विलय से मेडिकल कॉलेज नियमित चिकित्सा सेवाओं के बजाय महत्त्वपूर्ण और विशिष्ट उपचार एवं चिकित्सा शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे साथ ही ज़िला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध करना आसान हो जाएगा।
- कैबिनेट ने निम्नलिखित को भी मंजूरी दी:
- जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 में संशोधन की मांग को लेकर संसद में रखा गया प्रस्ताव। प्रस्तावित संशोधनों में जल प्रदूषण से जुड़े मामूली उल्लंघनों को अपराध की श्रेणी से हटाना शामिल है।
- मध्य प्रदेश आयुर्वेद विश्वविद्यालय अधिनियम, 2011 में संशोधन।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सभी 55 ज़िलों में प्रधानमंत्री उत्कृष्ट महाविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव।
- इन संस्थानों में 1845 शैक्षणिक एवं 387 गैर शैक्षणिक पदों का सृजन।
जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974
- यह अधिनियम जल प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण तथा जल की पूर्णता को बनाए रखने या बहाल करने के लिये अधिनियमित किया गया था। केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों का गठन क्रमशः अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत किया गया है।
- कुछ अस्पष्टताओं को स्पष्ट करने और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अधिक शक्तियाँ प्रदान करने के लिये अधिनियम में वर्ष 1978 और 1988 में संशोधन किया गया था।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020
- NEP 2020 का लक्ष्य "भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति" बनाना है।
- आजादी के बाद से यह भारत में शिक्षा के ढांचे का तीसरा बड़ा सुधार है।
- NEP 2020 का लक्ष्य "भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति (Global Knowledge Superpower)" बनाना है।
- स्वतंत्रता के बाद से यह भारत के शिक्षा ढाँचे में तीसरा बड़ा सुधार है।
- पहले की दो शिक्षा नीतियाँ वर्ष 1968 और 1986 में लाई गई थीं।
राजस्थान Switch to English
गणतंत्र दिवस परेड के लिये राजस्थान की झाँकी
चर्चा में क्यों ?
26 जनवरी 2024 को गणतंत्र दिवस परेड में राजस्थान की झाँकी में रेगिस्तानी राज्य की मनमोहक सांस्कृतिक परंपराओं, आकर्षक हस्तशिल्प और विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को दर्शाया गया।
मुख्य बिंदु:
- ‘‘विकसित भारत मैं – पधारो म्हारे देश…राजस्थान’’ थीम पर आधारित झाँकी में राज्य की पर्यटन क्षमता को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया।
- यह झाँकी राजस्थान की उत्सवधर्मी संस्कृति के साथ-साथ महिला हस्तशिल्प उद्योगों के विकास का प्रदर्शन थी, जिसमें सांस्कृतिक और स्थापत्य विरासत की सुंदर झलक मिलती थी।
- झाँकी के पिछले भाग में भक्ति एवं शक्ति की प्रतीक मीरा बाई की सुंदर प्रतिमा प्रदर्शित की गयी थी।
- राज्य की समृद्ध हस्तशिल्प परंपराएँ, जिनमें बंधेज, बगरू प्रिंट और एप्लिक वर्क शामिल हैं, जो महिलाओं द्वारा कुशलतापूर्वक तैयार की जाती हैं, "राजस्थान की महिलाओं" की उद्यमशीलता को दर्शाती हैं।
- झाँकी में ‘गोरबंद’ से सजे दो ऊँटों के मॉडल थे, जो राजस्थान में प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले ‘ऊँट उत्सव’ की विरासत को दर्शाते हैं।
- संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2024 को ‘अंतर्राष्ट्रीय कैमलिड्स’ वर्ष भी घोषित किया है।
मीराबाई
- वह भारत के भक्ति आंदोलन की प्रमुख संत, कवयित्री और भगवान कृष्ण की भक्त थीं।
- उन्हें भक्ति आंदोलन में एक प्रमुख प्रसिद्धि हासिल हुई, एक आध्यात्मिक और भक्ति आंदोलन जिसने परमात्मा के साथ व्यक्तिगत संबंध पर ज़ोर दिया तथा मोक्ष प्राप्त करने के साधन के रूप में प्रेम एवं भक्ति का समर्थन किया।
अंतर्राष्ट्रीय कैमलिड्स वर्ष 2024
- संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2024 को अंतर्राष्ट्रीय कैमलिड्स वर्ष के रूप में नामित किया है।
- यह वर्ष पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा, जैव विविधता के संरक्षण, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल ऊँटों की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में जनता तथा नीति निर्माताओं की जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग में किया ‘रोड शो’
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रप्रयाग में प्राचीन देवल से अगस्त्यमुनि के खेल मैदान तक ‘रोड शो’ किया और करीब 468 करोड़ रुपए की योजनाओं की घोषणा की।
मुख्य बिंदु:
- कार्यक्रम में 467 करोड़ रुपए से अधिक की कल्याणकारी योजनाओं का उद्घाटन किया गया।
- इस मौके पर सीएम ने महिलाओं से सरकार की महाप्रसाद योजना से जुड़ने के बाद उनकी आजीविका में आये बदलाव के बारे में भी जानकारी ली।
- केदारनाथ यात्रा से जुड़े विभिन्न महिला समूहों ने वर्ष 2023 की यात्रा के दौरान ₹70 लाख से अधिक का व्यवसाय किया था।
- इसके अलावा महिलाओं ने स्थानीय हर्बल धूप, चूरमा, बेलपत्री, शहद, जूट, रेशम की थैलियाँ आदि के व्यवसाय से 5 लाख रुपए की कमाई की है।
- विभिन्न महिला समूहों की 500 से अधिक महिलाओं को इससे रोज़गार भी मिला।
‘प्रसाद’ (PRASHAD) योजना:
- पर्यटन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2014-15 में चिह्नित तीर्थ स्थलों के समग्र विकास के उद्देश्य से 'तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्द्धन पर राष्ट्रीय मिशन (National Mission on Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual Augmentation Drive’- PRASAD)' शुरू किया गया था।
- अक्तूबर 2017 में योजना का नाम बदलकर ‘तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत संवर्द्धन अभियान’ (National Mission on Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual Heritage Augmentation Drive- PRASHAD) राष्ट्रीय मिशन कर दिया गया।
- प्रसाद योजना के तहत विकास के लिये कई धार्मिक शहरों/स्थलों की पहचान की गई है जैसे- अमरावती और श्रीशैलम (आंध्र प्रदेश), कामाख्या (असम), परशुराम कुंड (लोहित ज़िला, अरुणाचल प्रदेश), पटना और गया (बिहार) आदि।
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