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झारखंड में वर्ष 2027 तक गरीबों के लिये आवास
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खूंटी ज़िले के तोरपा में एक कार्यक्रम में घोषणा की कि राज्य सरकार वर्ष 2027 तक राज्य में गरीबों को 20 लाख आवास उपलब्ध कराएगी।
मुख्य बिंदु:
- ये आवास राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित आवास योजना, 'अबुआ आवास योजना' (AAY) के तहत प्रदान किये गए थे।
- राज्य सरकार ने 'अबुआ आवास योजना' (मेरा घर) शुरू की है और 'आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार' अभियान के दौरान योजना के लिये आवेदन मांगे हैं।
- यह योजना वर्ष 2000 में झारखंड के गठन के बाद इस तरह की पहली योजना थी।
- कार्यक्रम के दौरान सीएम ने खूंटी और सिमडेगा के 8,000 से अधिक लाभुकों को आवास योजना के लिये स्वीकृति पत्र और पहली किस्त भी वितरित की।
आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार अभियान
- इस कार्यक्रम के तहत राज्य की 4,351 पंचायतों और 50 वार्डों में शिविर आयोजित किये जायेंगे। इन शिविरों में उन जरूरतमंद लोगों को जनकल्याणकारी योजनाओं से आच्छादित किया जाएगा जो अब तक योजनाओं से वंचित थे।
- पंचायत एवं वार्ड स्तर पर आयोजित शिविर में अबुआ आवास योजना, बिरसा सिंचाई कूप योजना, सामुदायिक एवं व्यक्तिगत वन पट्टा से संबंधित मामले, गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना जैसी नयी योजनाओं का लाभ दिया जायेगा।
अबुआ आवास योजना (AAY)
- इस योजना के तहत अगले दो वर्ष में लगभग 15 हज़ार करोड़ रुपए से ज़्यादा खर्च कर राज्य सरकार अपनी निधि से ज़रूरतमंद लोगों को आवास उपलब्ध कराएगी।
- योजना के तहत गरीबों, वंचितों, मज़दूरों, किसानों, आदिवासियों, पिछड़ों और दलितों को 3 कमरे के आवास उपलब्ध करवाएँ जाएंगे।
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झारखंड सरकार ने पेंशन योजना के लिये आयु घटाई
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, झारखंड कैबिनेट ने अपनी वृद्धावस्था पेंशन योजना में 50 वर्ष से अधिक उम्र की सभी महिलाओं, आदिवासियों और दलितों को शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
- पहले 60 वर्ष से ऊपर वालों को योजना का लाभ मिलता था, जिसके तहत प्रत्येक लाभार्थी को प्रति माह 1,000 रुपए प्रदान किये जाते हैं।
मुख्य बिंदु:
- यह पहल मुख्यमंत्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत आती है। इस निर्णय से करीब 18 लाख लोगों को लाभ होगा।
- कुल 35.68 लाख लोगों को योजना का लाभ मिल चुका है।
- कैबिनेट ने गर्भवती महिलाओं को 'मातृ किट' वितरण समेत 25 अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दी।
- लगभग 1,500 रुपए की कीमत वाली इस किट में एक मच्छरदानी, एक सूती साड़ी, एक सूती तौलिया और एक टूथपेस्ट सहित 14 सामग्रियाँ होंगी। इससे 6 लाख गर्भवती महिलाओं को लाभ होगा।
- कैबिनेट ने कई अन्य स्वीकृतियाँ भी दीं, जैसे:
- राज्य पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष पद पर योगेन्द्र प्रसाद की तीन वर्षों के लिये नियुक्ति।
- गुमला ज़िले के वृंदा नायक टोली गाँव की रहने वाली विनीता ओराँव को रोज़गार और 5 लाख रुपए का नकद पुरस्कार।
- ओराँव ने 5 मई, 2020 को एक हमले के दौरान प्रतिबंधित पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) के एक एरिया कमांडर को मार डाला।
- 146 मध्य विद्यालयों को उच्च विद्यालयों में उत्क्रमित करना।
मुख्यमंत्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन योजना
- इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य राज्य के कमज़ोर बुजुर्ग नागरिकों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
- 1,000 रुपए मासिक पेंशन के प्रावधान के माध्यम से, सरकार का लक्ष्य वरिष्ठ नागरिकों को उनकी वित्तीय आवश्यकताओं के लिये दूसरों पर निर्भरता को कम करना है।
- यह योजना बुजुर्ग नागरिकों, विशेषकर गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिये आत्मनिर्भरता पर ज़ोर देती है।
पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI)
- यह वर्ष 2007 में झारखंड में गठित एक उग्रवादी माओवादी संगठन है।
- पहले इसे झारखंड लिबरेशन टाइगर्स (JLT) के नाम से जाना जाता था, जिसकी स्थापना वर्ष 2003 में झारखंड के खूंटी ज़िले के निवासी दिनेश गोप ने की थी।
झारखण्ड राज्य पिछड़ा आयोग
- यह एक स्थायी निकाय है जिसका गठन झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के अनुसार किया गया है।
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