उत्तर प्रदेश Switch to English
उच्च न्यायालय ने 17वीं सदी के आगरा स्मारक को संरक्षित करने का आदेश दिया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 17वीं शताब्दी के विरासत स्थल, आगरा के हम्माम को अंतरिम संरक्षण प्रदान किया तथा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और राज्य प्राधिकारियों को स्मारक को किसी भी प्रकार की क्षति से बचाने का निर्देश दिया।
मुख्य बिंदु
- विरासत स्थल का संरक्षण:
- आगरा में अली वर्दी खान के हम्माम की सुरक्षा के लिये एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई थी, जिसमें "अवैध और अनधिकृत व्यक्तियों" द्वारा ध्वस्त किये जाने के आसन्न खतरे का हवाला दिया गया था।
- आगरा के चिपिटोला में स्थित हम्माम की अक्तूबर 2023 में ASI सर्वेक्षण से पुष्टि हुई थी कि इसका निर्माण 1620 ई. में हुआ था।
- संरक्षण के लिये न्यायालय के निर्देश:
- उच्च न्यायालय ने पुलिस आयुक्त, आगरा, ASI और उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि स्मारक को कोई नुकसान न पहुँचे।
- पुलिस आयुक्त को संरचना की सुरक्षा के लिये पर्याप्त पुलिस बल तैनात करने का निर्देश दिया गया।
- प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्व स्थल एवं अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत, ASI और राज्य प्राधिकारियों का कर्त्तव्य है कि वे 400 वर्ष पुराने हम्माम की सुरक्षा की जाए।
शाही हम्माम
- यह आगरा के चिपिटोला में स्थित एक मुगलकालीन स्नानागार है, जिसका निर्माण अलीवर्दी खान ने 1620 में करवाया था।
- किसी समय यह हम्माम एक बड़े सराय परिसर का हिस्सा था, यह न केवल स्नान की सुविधा के रूप में कार्य करता था, बल्कि एक सांस्कृतिक और सामाजिक केंद्र के रूप में भी कार्य करता था।
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