भूमि अधिग्रहण नीतियों के विरुद्ध किसानों का विरोध प्रदर्शन | उत्तर प्रदेश | 26 Nov 2024
चर्चा में क्यों?
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कृषकों ने भूमि अधिग्रहण से जुड़ी अपनी लंबित समस्याओं के समाधान के लिये ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया।
मुख्य बिंदु
- विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व एवं मांगें:
- इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने किया और अखिल भारतीय किसान सभा और भारतीय किसान परिषद ने इसका समर्थन किया।
- वे उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं, जिसमें 10% विकसित भूमि और अधिग्रहित भूमि के लिये 64.7% बढ़ा हुआ मुआवज़ा शामिल है।
- ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने पुष्टि की कि किसानों की मांगें पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार के समक्ष प्रस्तुत की जा चुकी हैं।
- विरोध प्रदर्शन में भागीदारी और कार्यवाहियाँ:
- गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और आगरा सहित लगभग 20 ज़िलों के किसान इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए, जिसकी शुरुआत नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर ट्रैक्टर रैली के साथ हुई, जिससे यातायात में मामूली बाधा उत्पन्न हुई।
- यह विरोध प्रदर्शन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के बाहर कई महीनों तक चले छोटे-छोटे प्रदर्शनों के बाद हुआ है, जिसके बारे में किसानों का मानना था कि इसका कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला।
- भविष्य की आंदोलन योजनाएँ:
- मुआवजा और विकास संबंधी आरोप:
- किसानों का आरोप है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे के विकास के लिये अपनी कृषि भूमि देने के बावजूद उन्हें उचित मुआवज़ा या विकसित भूखंड नहीं मिले हैं।