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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 26 Jul 2024
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चीन सीमा की ओर जाने वाली सड़क का वाॅश आउट

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जोशीमठ को भारत-चीन सीमा से लगे मलारी और नीति (घाटी) के सीमावर्ती गाँवों से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग मिरम ध्वस्त हो गया।

प्रमुख बिंदु

  • उक्त राजमार्ग की नाकाबंदी कर दी गई जिसके कारण वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई, जिससे विशेष रूप से सीमा की ओर जाने वाले सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के काफिले पर इसका प्रभाव पड़ा।
  • निरंतर वर्षा और विशेषकर पर्वतीय इलाकों में हुए भूस्खलन के कारण राज्य में 100 से अधिक सड़कों पर आवागमन रोक दिया गया है, जिनमें कई राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं।

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP)

  • ITBP भारत का विशेष पर्वतीय बल है, जिसकी स्थापना 24 अक्तूबर, 1962 को भारत-चीन युद्ध के बाद की गई थी, शुरुआत में इस बल की तैनाती भारत-चीन सीमा पर की गई थी।
  • प्रारंभिक तौर पर इसका गठन केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल अधिनियम, 1949 के तहत हुआ। हालाँकि भारतीय संसद द्वारा 1992 में भा.ति.सी.पुलिस (ITBP) अधिनियम को अधिनियमित किया गया तथा इसके अधीन नियमों को 1994 में लागू किया गया।
  • हालाँकि पिछले कुछ वर्षों में ITBP की तैनाती नक्सल विरोधी अभियानों सहित विभिन्न आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था हेतु की गई। यह बल अधिक ऊँचाई वाले बचाव और पर्वतारोहण अभियानों में अपनी विशेषज्ञता के लिये जाना जाता है।

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तीर्थयात्रियों के प्रबंधन हेतु केंद्र की सहायता

चर्चा में क्यों?

उत्तराखंड सरकार ने राज्य में बड़ी संख्या में आने वाले पर्यटकों के प्रबंधन के लिये नीति आयोग के माध्यम से केंद्र से सहायता की मांग करने का निर्णय लिया।

प्रमुख बिंदु

  • तीर्थयात्रा पर्यटन के लिये प्रसिद्ध उत्तराखंड राज्य अपनी अस्थायी जनसंख्या (मूलतः पर्यटक और तीर्थयात्री) में प्रतिवर्ष आठ गुना वृद्धि के कारण बड़ी समस्या का सामना कर रहा है
  • उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार से केंद्रीय बजट में राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) के मानदंडों में वनाग्नि और हाई-वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन की क्षति से होने वाले नुकसान के लिये मुआवज़े को शामिल करने का अनुरोध किया था
    • देश के 147 सबसे अधिक भूस्खलन सुभेद्य ज़िलों में से एक होने के बावजूद राज्य को ग्रीन बोनस अथवा अस्थायी जनसंख्या के प्रबंधन के लिये कोई सहायता प्रदान नहीं की गई
    • राज्य को रुद्रप्रयाग और टिहरी जैसे ज़िलों में हिमनद अथवा भूस्खलन अनुसंधान केंद्रों की स्थापना जैसी सुविधाएँ प्रदान किये जाने की उम्मीद थी किंतु बजट में इन मुद्दों को संबोधित नहीं किया गया।

राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF)


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