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मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 27 May 2024
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मध्य प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

GAIL (इंडिया) लिमिटेड ने मध्य प्रदेश के विजयपुर में अपना पहला हरित हाइड्रोजन संयंत्र सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।

मुख्य बिंदु:

  • विजयपुर परिसर में हरित-हाइड्रोजन उत्पादन इकाई के लिये 10 मेगावाट का प्रोटॉन एक्सचेंज मेम्ब्रेन इलेक्ट्रोलाइज़र कनाडा से आयात किया गया है।
  • संयंत्र प्रतिदिन लगभग 4.3 टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा, आयतन के हिसाब से जिसकी मात्रा लगभग 99.999% शुद्ध होगी। इस हरित हाइड्रोजन के उत्पादन में जलवैद्युत अपघटन के लिये सौर ऊर्जा 
  • नवीकरणीय स्रोतों से उत्पादित विद्युत ऊर्जा का प्रयोग किया जाता है।
    • यह संयंत्र राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen mission) के अनुरूप है, जिसके तहत वर्ष 2030 तक देश के लिये 5 मिलियन टन वार्षिक हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता का लक्ष्य रखा गया है।
    • भारत द्वारा अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के साथ-साथ अपनी बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये वैकल्पिक ईंधन स्रोत के रूप में हाइड्रोजन पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
  • प्रारंभ में इस इकाई से उत्पादित हाइड्रोजन का उपयोग विजयपुर में मौजूदा संयंत्र में चल रही विभिन्न प्रक्रियाओं और उपकरणों में कैप्टिव उद्देश्य के लिये प्राकृतिक गैस के साथ ईंधन के रूप में किया जाएगा।
  • इसके अलावा, इस हाइड्रोजन ऊर्जा को आस-पास के भौगोलिक क्षेत्रों में खुदरा ग्राहकों को हाई प्रेशर कैस्केड के माध्यम से वितरित करने की योजना बनाई गई है।
  • GAIL 10 मेगावाट PEM इलेक्ट्रोलाइज़र के लिये हरित ऊर्जा की आवश्यकता को पूरा करने हेतु विजयपुर में लगभग 20 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र (भू-स्थापित और तैरते हुए दोनों) स्थापित कर रहा है।
  • GAIL द्वारा वर्तमान में अपनी प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने के लिये अपने CGD (शहरी गैस वितरण) नेटवर्क में प्राकृतिक गैस के साथ हाइड्रोजन को मिश्रित कर इंदौर में प्रयोग किया जा रहा है।
    • सफल होने पर परीक्षण परिणामों के अनुसार योजना का लक्ष्य आवश्यक अनुमोदन के साथ सम्मिश्रण अनुपात को बढ़ाना है।
    • वर्तमान नियम प्राकृतिक गैस के साथ 5% तक हाइड्रोजन मिश्रण की अनुमति देते हैं। प्राकृतिक गैस के साथ हाइड्रोजन के उच्च मिश्रण स्तर का पता लगाने के लिये इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड और IIT कानपुर के साथ GAIL द्वारा सहयोगात्मक अनुसंधान किया जा रहा है। 


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