सवेरा कार्यक्रम | हरियाणा | 26 Feb 2024
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री ने सवेरा कार्यक्रम का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य स्तन कैंसर की शीघ्र पहचान और रोकथाम करना है। इसकी शुरुआत मेदांता फाउंडेशन ने गुड़गाँव में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से की थी।
मुख्य बिंदु:
- इस योजना के तहत दृष्टिबाधित लोग स्तन कैंसर की जाँच करेंगे क्योंकि उनमें प्राकृतिक स्पर्श संवेदनशीलता होती है।
- इस क्षमता के महत्त्व को चिकित्सा जगत से जुड़े लोगों ने समझा, परखा और उपयोग किया है। दृष्टिबाधित व्यक्ति आधा सेंटीमीटर तक स्तन कैंसर का पता लगा सकते हैं, जबकि एक सामान्य डॉक्टर जाँच के बाद एक सेंटीमीटर तक इसका पता लगा सकता है।
- अपने प्रारंभिक चरण में कार्यक्रम सेक्टर 10 के सिविल अस्पताल, सेक्टर 31 के पॉलीक्लिनिक और वज़ीराबाद के पीएचसी में लॉन्च किया जाएगा।
- CM के अनुसार देशभर में रोजाना करीब 90,000 महिलाएँ स्तन कैंसर के कारण अपनी जान गँवाती हैं।
- उन्होंने झज्जर ज़िले में एम्स में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की स्थापना का भी उल्लेख किया, जो 1,000 बेड से सुसज्जित है।
कैंसर
- परिचय:
- यह एक जटिल और व्यापक शब्द है जिसका उपयोग शरीर में असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि तथा प्रसार से होने वाली बीमारियों के एक समूह का वर्णन करने के लिये किया जाता है।
- ये असामान्य कोशिकाएँ, जिन्हें कैंसर कोशिकाएँ कहा जाता है, स्वस्थ ऊतकों और अंगों पर आक्रमण करने तथा उन्हें नष्ट करने में सक्षम होती हैं।
- एक स्वस्थ शरीर में कोशिकाएँ विनियमित तरीके से विकसित होती हैं, विभाजित होती हैं और नष्ट हो जाती हैं, जिससे ऊतकों तथा अंगों के सामान्य संचालन की अनुमति मिलती है।
- हालाँकि कैंसर के मामले में कुछ आनुवंशिक उत्परिवर्तन या असामान्यताएँ इस सामान्य कोशिका चक्र को बाधित करती हैं, जिससे कोशिकाएँ विभाजित होती हैं और अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं।
- स्तन कैंसर
- यह एक ऐसा रोग है जिसमें असामान्य स्तन कोशिकाएँ नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं और ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। यदि ध्यान न दिया जाए तो ट्यूमर पूरे शरीर में फैल सकता है और घातक हो सकता है।
- स्तन कैंसर कोशिकाएँ दूध नलिकाओं और/या स्तन के दूध उत्पन्न करने वाले लोबूल के अंदर शुरू होती हैं।
- प्रारंभिक रूप (स्वस्थानी) जीवन के लिये खतरा नहीं है। कैंसर कोशिकाएँ आस-पास के स्तन ऊतकों में फैल सकती हैं। इससे ट्यूमर बनता है जो गाँठ या मोटा होने का कारण बनता है।
- आक्रामक कैंसर आस-पास के लिम्फ नोड्स या अन्य अंगों (मेटास्टेसिस) में फैल सकता है। मेटास्टेसिस घातक हो सकता है.
- उपचार- व्यक्ति, कैंसर के प्रकार और उसके फैलाव पर आधारित होता है। उपचार में सर्जरी, विकिरण चिकित्सा एवं दवाएँ शामिल हैं।
सर्वाइकल कैंसर
- सर्वाइकल कैंसर महिला के गर्भाशय ग्रीवा (योनि से गर्भाशय का प्रवेश द्वार) में विकसित होता है।
- सर्वाइकल कैंसर के लगभग सभी मामले (99%) उच्च जोखिम वाले ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) संक्रमण से संबंधित होते हैं जो यौन संपर्क के माध्यम से संचरित सबसे सामान्य विषाणु है।
- दो HPV प्रकार (16 और 18) उच्च जोखिम वाले लगभग 50% सर्वाइकल प्री-कैंसर का कारण बनते हैं।
- वैश्विक स्तर पर महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर चौथा सबसे सामान्य कैंसर है। वर्ष 2020 में विश्व भर में सर्वाइकल कैंसर के लगभग 90% नए मामले तथा मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में हुईं।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2024 पदक तालिका | हरियाणा | 26 Feb 2024
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में भारत सरकार की खेलो इंडिया पहल के तहत प्रमुख आयोजन के छठे संस्करण, खेलो इंडिया यूथ गेम्स (KIYG) 2024 में हरियाणा शीर्ष तीन राज्यों में उभरा।
मुख्य बिंदु:
- पूरे देश से 5,600 से अधिक एथलीटों ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2024 में भाग लिया, जो 19 से 31 जनवरी, 2024 तक चला। तमिलनाडु ने चार शहरों - चेन्नई, मदुरै, त्रिची और कोयंबटूर में KIYG 2024 की मेज़बानी की।
- महाराष्ट्र ने 57 स्वर्ण पदक, 48 रजत और 53 काँस्य के साथ पदक तालिका में शीर्ष पर रहकर खेलो इंडिया यूथ गेम्स खिताब को अपने पास बनाए रखा है। यह उनका चौथा KIYG खिताब था।
- मेज़बान राज्य तमिलनाडु 38 स्वर्ण, 21 रजत और 39 काँस्य पदक हासिल कर अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
- हरियाणा, जिसने दो KIYG खिताब जीते हैं, 35 स्वर्ण, 22 रजत और 46 काँस्य पदक के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
- KIYG 2024 तमिलनाडु में 26 खेलों में कुल 926 पदक - 278 स्वर्ण, 278 रजत और 370 काँस्य पदक - प्रस्तावित थे।
- स्क्वैश ने इस वर्ष KIYG में पदार्पण किया, जबकि सिलंबम, स्वदेशी मार्शल आर्ट का एक रूप, इस खेल का हिस्सा रहा।
सिलंबम
- सिलंबम एक प्राचीन हथियार आधारित मार्शल आर्ट (Weapon-Based Martial Art) है जिसकी उत्पत्ति तमिलकम में हुई जो वर्तमान में भारत का तमिलनाडु क्षेत्र है। यह विश्व के सबसे पुराने मार्शल आर्ट में से एक है।
- सिलंबम शब्द स्वयं एक खेल के बारे में बताता है, सिलम का अर्थ है 'पहाड़' (Mountain) और बम का अर्थ बाँस (Bamboo) है जिसका उपयोग मार्शल आर्ट के इस रूप में मुख्य हथियार के रूप में किया जाता है।
- यह केरल के मार्शल आर्ट कलारीपयट्टू (kalaripayattu) से निकटता रखता है।
हरियाणा बजट 2024-25 | हरियाणा | 26 Feb 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये 1.89 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया, जो पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 से 11 प्रतिशत अधिक है।
मुख्य बिंदु:
- बजट 2024-25 की मुख्य बातें:
- वर्ष 2024-25 के लिये 1,89,876.61 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया है, जिसमें कोई नया कर प्रस्तावित नहीं है।
- इसमें राजस्व व्यय के रूप में 1,34,456.36 करोड़ रुपए और पूंजीगत व्यय के रूप में 55,420.25 करोड़ रुपए शामिल हैं, जो कुल बजट का क्रमशः 70.81% और 29.19% है।
- वर्ष 2014-15 से 2023-24 की अवधि के दौरान स्थिर कीमतों (2011-12 की कीमतें) पर हरियाणा के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में 6.1% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की गई है, जो वर्ष 2014-15 में 3,70,535 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 6,34,027 करोड़ रुपए हो गई है। ।
- वर्ष 2023-24 में, सकल राज्य मूल्य वर्धित (GSVA) में तृतीयक क्षेत्र की हिस्सेदारी प्राथमिक क्षेत्र में क्रमशः 52.6% और 18.1% अनुमानित है। प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों ने वर्ष 2023-24 में 8.6 %, 6.3% एवं 13.8% की वृद्धि दर्ज की है।
- द्वितीयक क्षेत्र की हिस्सेदारी 29.3% अनुमानित की गई है।
- वर्ष 2022-23 में राज्य सार्वजनिक उद्यमों (PSE) का कारोबार 79,907 करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया गया था, जो 11.94% की वृद्धि दर्शाता है।
- सीएम ने यह भी घोषणा की कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) से किसानों द्वारा लिये गए फसल ऋण पर ब्याज और ज़ुर्माना माफ किया जाएगा।
सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP)
- सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) एक निश्चित अवधि (आमतौर पर एक वर्ष और बिना दोहराव के) के दौरान राज्य की भौगोलिक सीमाओं के भीतर उत्पादित सभी तैयार वस्तुओं और सेवाओं की कुल मात्रा का मौद्रिक उपाय है।
- अर्थव्यवस्था के ये अनुमान, समय के साथ आर्थिक विकास के स्तर में बदलाव की सीमा और दिशा को प्रकट करते हैं।
- इसे प्राथमिक क्षेत्र, द्वितीयक क्षेत्र और तृतीयक क्षेत्र जैसे तीन व्यापक क्षेत्रों के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है तथा राष्ट्रीय लेखा प्रभाग, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा निर्धारित पद्धति के अनुसार आर्थिक गतिविधि के अनुसार संकलित किया गया है।
- राज्य घरेलू उत्पाद को प्राथमिक क्षेत्र, माध्यमिक क्षेत्र और तृतीयक क्षेत्र जैसे तीन व्यापक क्षेत्रों के तहत वर्गीकृत किया गया है तथा इसे राष्ट्रीय लेखा प्रभाग, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्धारित पद्धति के अनुसार आर्थिक गतिविधिवार संकलित किया जाता है।
प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (PACS)
- PACS ग्राम स्तर की सहकारी ऋण समितियाँ हैं जो राज्य स्तर पर राज्य सहकारी बैंकों (State Cooperative Banks- SCB) की अध्यक्षता वाली त्रि-स्तरीय सहकारी ऋण संरचना में अंतिम कड़ी के रूप में कार्य करती हैं।
- SCB से क्रेडिट का हस्तांतरण ज़िला केंद्रीय सहकारी बैंकों (District Central Cooperative Banks- DCCB) को किया जाता है, जो ज़िला स्तर पर काम करते हैं। ज़िला केंद्रीय सहकारी बैंक PACS के साथ काम करते हैं, साथ ही ये सीधे किसानों से जुड़े हैं।
- PACS विभिन्न कृषि और कृषि गतिविधियों हेतु किसानों को अल्पकालिक एवं मध्यम अवधि के कृषि ऋण प्रदान करते हैं।
- पहला PACS वर्ष 1904 में बनाया गया था।