पुरानी पेंशन योजना पर स्पष्टता | राजस्थान | 27 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान में विपक्षी दल ने 1 जनवरी, 2004 को या उसके बाद सेवा में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिये पुरानी पेंशन योजना (OPS) को जारी रखने के संबंध में स्पष्टीकरण का अनुरोध किया।
- राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया।
मुख्य बिंदु:
- यह योजना सेवानिवृत्ति के बाद आजीवन आय का आश्वासन देती है।
- पुरानी पेंशन योजना (OPS) के तहत, कर्मचारियों को पूर्व निर्धारित फार्मूले के अनुसार पेंशन मिलती थी जो अंतिम आहरित वेतन का आधा (50%) होता है तथा उन्हें वर्ष में दो बार महँगाई राहत (Dearness Relief) में संशोधन का भी लाभ मिलता था। भुगतान निर्धारित था और वेतन से कोई कटौती नहीं की जाती थी। इसके अलावा OPS के तहत सामान्य भविष्य निधि (General Provident Fund-GPF) का भी प्रावधान था।
- GPF भारत में सभी सरकारी कर्मचारियों के लिये उपलब्ध है। मूल रूप से यह सभी सरकारी कर्मचारियों को अपने वेतन का एक निश्चित प्रतिशत GPF में योगदान करने की अनुमति देता है। साथ ही कुल राशि जो रोज़गार की अवधि के दौरान जमा होती है, सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी को भुगतान की जाती है।
- पेंशन पर होने वाले खर्च को सरकार वहन करती है। वर्ष 2004 में इस योजना को बंद कर दिया गया था।
शून्यकाल
- शून्यकाल एक भारतीय संसदीय नवाचार है। संसदीय नियम पुस्तिका में इसका उल्लेख नहीं है।
- इसके तहत संसद सदस्य बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी मामले को उठा सकते हैं।
- शून्यकाल, प्रश्नकाल के तुरंत बाद शुरू होता है और दिन की कार्यसूची (सदन का नियमित कामकाज) शुरू होने तक चलता है।
- दूसरे शब्दों में, प्रश्नकाल और कार्यसूची के बीच के समय के अंतराल को शून्यकाल कहा जाता है।
- प्रत्येक संसदीय बैठक के पहले घंटे को प्रश्नकाल कहा जाता है। सदन की प्रक्रिया के नियमों में इसका उल्लेख है।