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मध्य प्रदेश ने प्रोजेक्ट चीता पर RTI जानकारी देने से किया इनकार
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश वन विभाग ने अफ्रीका से लाए गए चीतों और भारत में जन्मे उनके शावकों के प्रबंधन पर सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत जानकारी देने से इनकार कर दिया है।
- मुख्य बिंदु
- विभाग ने वन्यजीव कार्यकर्त्ता के अनुरोध के जवाब में सूचना रोकने के लिये सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम, 2005 की धारा 8(1)(a) का हवाला दिया।
- उन्होंने कहा कि प्रकटीकरण से भारत की संप्रभुता, अखंडता, सुरक्षा, रणनीतिक, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों, किसी विदेशी राज्य के साथ संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है या अपराध को बढ़ावा मिल सकता है।
- राज्य वन विभाग से “कूनो और मंदसौर में चीता परियोजना के प्रबंधन पत्राचार रिकॉर्ड” उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था।
चीता पुनर्वास परियोजना
- भारत में चीता पुनर्वास परियोजना (Cheetah Reintroduction Project) औपचारिक रूप से 17 सितंबर, 2022 को शुरू हुई, ताकि चीतों की आबादी को बहाल किया जा सके, जिन्हें वर्ष 1952 में देश में विलुप्त घोषित कर दिया गया था।
- इस परियोजना में दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित करना शामिल है।
- यह परियोजना राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा मध्य प्रदेश वन विभाग, भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) तथा नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका के चीता विशेषज्ञों के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही है।
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