डॉ. राजेंद्र प्रसाद का 62वाँ निर्वाण दिवस | बिहार | 06 Mar 2025
चर्चा में क्यों?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद के 62वें निर्वाण दिवस पर उन्हें शत-शत नमन किया और उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्य बिंदु
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद के बारे में:
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर, 1884 को बिहार के सिवान ज़िले के जीरादेई में हुआ था।
- वह बिहार में चंपारण सत्याग्रह (1917) के दौरान महात्मा गांधी के साथ जुड़े थे।
- डॉ. प्रसाद ने 1918 के रॉलेट एक्ट और 1919 के जलियाँवाला बाग हत्याकांड पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
- उन्होंने वर्ष 1930 में बिहार में नमक सत्याग्रह में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके कारण उन्हें कारावास भी हुआ।
- वह आधिकारिक तौर पर वर्ष 1911 में कलकत्ता में आयोजित अपने वार्षिक सत्र के दौरान भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस में शामिल हो गए।
- वर्ष 1946 में वे पंडित जवाहरलाल नेहरू की अंतरिम सरकार में खाद्य और कृषि मंत्री के रूप में शामिल हुए तथा “अधिक अन्न उगाओ” का नारा दिया।
- उन्होंने 26 जनवरी, 1950 से 13 मई, 1962 तक भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया और वे सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले राष्ट्रपति रहे।
- 26 जनवरी, 1950 को वे भारत के प्रथम राष्ट्रपति चुने गए। राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने 12 वर्षों से अधिक समय तक सेवा की, जो उन्हें भारत के इतिहास में सर्वाधिक समय तक कार्यरत राष्ट्रपति के रूप में दर्शाता है।
- डॉ. प्रसाद को वर्ष 1962 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कई किताबें लिखीं, जिनमें "सत्याग्रह एट चंपारण," "इंडिया डिवाइडेड" तथा उनकी "आत्मकथा" शामिल हैं।
- 28 फरवरी, 1963 को उनका निधन हो गया।