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बर्ड फ्लू का प्रकोप
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राँची में एक सरकारी पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू, जिसे एवियन फ्लू भी कहा जाता है, के कई मामले सामने आने के बाद झारखंड सरकार ने अलर्ट जारी किया।
मुख्य बिंदु:
- राज्य की राजधानी में होटवार में क्षेत्रीय पोल्ट्री फार्म में मामलों की पुष्टि होने के बाद मुर्गियों सहित लगभग 4000 पक्षियों को मार दिया गया और सैकड़ों अंडे भी नष्ट कर दिये गए।
- सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं का विवरण देने वाले एक आदेश में कहा गया है कि क्षेत्रीय पोल्ट्री फार्म में शेष मुर्गों को मारने का काम आगामी दिनों में किया जाएगा और वैज्ञानिक तरीकों से उनका निपटान किया जाएगा।
- अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे संक्रमण का पता लगाने और सफाया करने के लिये घटना केंद्र से 1 किलोमीटर के दायरे में एक सर्वेक्षण करें। उन्हें 10 किलोमीटर क्षेत्र का नक्शा बनाकर उसे निगरानी क्षेत्र के रूप में चिह्नित करने को भी कहा गया है।
- केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने राज्य से इसके प्रसार को रोकने के लिये सभी उपाय करने को कहा है।
एवियन इन्फ्लूएंज़ा
- एवियन इन्फ्लूएंज़ा, जिसे आमतौर पर ‘बर्ड फ्लू’ भी कहा जाता है, एक अत्यधिक संक्रामक वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से पक्षियों, विशेष रूप से जंगली पक्षियों तथा घरेलू मुर्गीपालन को प्रभावित करता है।
- वर्ष 1996 में अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंज़ा H5N1 वायरस सर्वप्रथम दक्षिणी चीन में घरेलू जलपक्षियों में पाया गया था। इस वायरस का नाम A/गूज़/गुआंगडोंग/1/1996 (A/goose/Guangdong/1/1996) है।
- मनुष्यों में संचरण और संबंधित लक्षण:
- H5N1 एवियन इन्फ्लूएंज़ा के मानव मामले कभी-कभी होते हैं, लेकिन संक्रमण को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलाना मुश्किल होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, जब लोग इससे संक्रमित होते हैं तो मृत्यु दर लगभग 60% होती है।
- यह बुखार, खाँसी और मांसपेशियों में दर्द सहित हल्के फ्लू जैसे लक्षणों से लेकर निमोनिया, साँस लेने में कठिनाई जैसी गंभीर श्वसन समस्याओं तथा यहाँ तक कि कुप्रभावित मानसिक स्थिति एवं दौरे जैसी संज्ञानात्मक समस्याओं तक विस्तृत हो सकता है।
- H5N1 एवियन इन्फ्लूएंज़ा के मानव मामले कभी-कभी होते हैं, लेकिन संक्रमण को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलाना मुश्किल होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, जब लोग इससे संक्रमित होते हैं तो मृत्यु दर लगभग 60% होती है।
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