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छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
चर्चा में क्यों?
सूत्रों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में एक मिलिशिया प्लाटून सेक्शन कमांडर और तीन महिलाओं समेत 18 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया।
मुख्य बिंदु:
- वे दक्षिण बस्तर में माओवादियों की भैरमगढ़ और मलंगेर क्षेत्र समितियों का हिस्सा थे।
- सूत्रों के मुताबिक, इन कैडरों को सड़कें खोदने, सड़कों को अवरुद्ध करने के लिये पेड़ काटने और नक्सलियों द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान पोस्टर तथा बैनर लगाने का कार्य सौंपा गया था।
- उन्हें सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत सुविधाएँ मुहैया कराई जाएंगी।
- इसके साथ ही दंतेवाड़ा ज़िले में अब तक 177 इनामी नक्सली सहित 738 नक्सली मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं।
- सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवाद (LWE) प्रभावित ज़िलों में नक्सलियों पर सख्त प्रवर्तन उपाय लागू किया है।
वामपंथी उग्रवाद (LWE)
- यह उन राजनीतिक विचारधाराओं और समूहों को संदर्भित करता है जो क्रांतिकारी तरीकों के माध्यम से महत्त्वपूर्ण सामाजिक एवं राजनीतिक परिवर्तन का समर्थन करते हैं।
- LWE समूह अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिये सरकारी संस्थानों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों या निजी संपत्ति को निशाना बनाने जैसे कदम उठाते हैं।
- भारत में वामपंथी उग्रवादी आंदोलन की शुरुआत वर्ष 1967 के पश्चिम बंगाल में नक्सलबाड़ी (Naxalbari) के उदय के साथ हुई।
- भारत में LWE की स्थिति:
- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि वर्ष 2010 की तुलना में वर्ष 2022 में वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा में 76% की कमी आई है।
- साथ ही, हिंसा के भौगोलिक प्रसार में भी कमी आई है क्योंकि वर्ष 2010 में 96 ज़िलों की तुलना में वर्ष 2021 में केवल 46 ज़िलों में वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा की सूचना मिली।
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