उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस 2025 | उत्तर प्रदेश | 25 Jan 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश, जो एक राज्य के रूप में अपने 75 वर्ष पूरे कर रहा है, का नाम 1950 में संयुक्त प्रांत से बदलकर उत्तर प्रदेश कर दिया गया था और यह भारत की राजनीति और अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- राज्य ने राजनीतिक और आर्थिक महत्त्व में वृद्धि की है तथा एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने जैसे महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किये हैं।
मुख्य बिंदु
- उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस 2025:
- उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस 2025 का विषय "विकास और विरासत: प्रगति के पथ पर उत्तर प्रदेश (Development and Heritage: Uttar Pradesh on the Path to Progress)" है।
- राज्य सरकार राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर संगीत, कृषि और शिक्षा के क्षेत्र से छह व्यक्तियों को 'उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान' पुरस्कार से सम्मानित करेगी।
- ऐतिहासिक महत्त्व:
- उत्तर प्रदेश, जिसे पहले संयुक्त प्रांत के नाम से जाना जाता था, का नाम 24 जनवरी, 1950 को भारत के गवर्नर जनरल द्वारा संयुक्त प्रांत (नाम परिवर्तन) आदेश, 1950 के माध्यम से बदल दिया गया।
- राज्यपाल राम नाईक के सुझाव के बाद राज्य ने वर्ष 2018 में 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के रूप में मनाना शुरू किया।
- राजनीतिक महत्त्व:
- राज्य से लोकसभा में 80 सांसद आते हैं, जिससे राष्ट्रीय राजनीति में इसका काफी प्रभाव है।
- इसने नौ प्रधानमंत्री दिये हैं, जिनमें वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं, जो संसद में वाराणसी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- आर्थिक आकांक्षाएँ:
- उत्तर प्रदेश अपने BIMARU (आर्थिक रूप से अविकसित) टैग से आगे बढ़ने और एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का दर्जा प्राप्त करने की दिशा में प्रयासरत है।
- BIMARU: बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश
- ODOP योजना का परिचय:
- इस अवसर का उद्देश्य राज्य के विकास और कल्याण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नई योजनाओं और पहलों को शुरू करना है।
- स्थानीय उद्योगों और शिल्प को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 2018 में पहले स्थापना दिवस समारोह के दौरान एक ज़िला एक उत्पाद (ODOP) योजना शुरू की गई थी।
उत्तर प्रदेश का पहला डबल डेकर बस रेस्टोरेंट | उत्तर प्रदेश | 25 Jan 2025
चर्चा में क्यों?
प्रयागराज के महाकुंभ मेला क्षेत्र के मीडिया सेंटर में उत्तर प्रदेश के पहले डबल डेकर बस रेस्टोरेंट, पंपकिन का उद्घाटन किया गया।
मुख्य बिंदु
- यह रेस्टोरेंट कुंभ मेले के धार्मिक वातावरण को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से शाकाहारी और सात्विक भोजन देता है।
- इसे किफायती तरीके से डिज़ाइन किया गया है तथा इसका उद्देश्य आम श्रद्धालुओं के बजट को समायोजित करना है।
- पंपकिन ब्रांड के संस्थापक ने काशी, मथुरा और अयोध्या जैसे अन्य धार्मिक स्थलों तक ब्रांड का विस्तार करने की योजना की घोषणा की।