उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने महाकुंभ में प्रमुख परियोजनाओं को मंज़ूरी दी
चर्चा में क्यों?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की 22 जनवरी, 2025 को प्रयागराज में महाकुंभ मेला स्थल पर एक महत्त्वपूर्ण बैठक हुई।
- राज्य सरकार ने आर्थिक विकास को सांस्कृतिक गौरव के साथ सम्मिश्रित करते हुए सुरक्षित, समृद्ध और बेहतर संपर्क वाला उत्तर प्रदेश बनाने पर अपना ध्यान केंद्रित किया।
मुख्य बिंदु
बैठक: हाइलाइट्स
- प्रमुख निर्णय एवं घोषणाएँ:
- मंत्रिमंडल ने राज्य की एयरोस्पेस और रक्षा नीतियों में सुधार को मंज़ूरी प्रदान की।
- उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास और औद्योगिक विकास के दृष्टिकोण के अनुरूप, इन क्षेत्रों में पर्याप्त निवेश आकर्षित करने के लिये नए प्रोत्साहन शुरू किये गए।
- दो महत्त्वपूर्ण एक्सप्रेसवे परियोजनाओं को सैद्धांतिक मंज़ूरी मिली:
- विंध्य एक्सप्रेसवे: प्रयागराज, मिर्ज़ापुर, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र को जोड़ने वाली 320 किलोमीटर लंबी परियोजना।
- विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे: 100 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाना है।
- महत्त्व:
- विंध्य एक्सप्रेसवे प्रयागराज और सोनभद्र को जोड़ेगा, जो गंगा एक्सप्रेसवे से शुरू होकर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH 39) पर समाप्त होगा।
- यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढाँचे को दृढ़ करेगा और झारखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे पड़ोसी राज्यों तक पहुँच में सुधार करेगा।
- इन परियोजनाओं से सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की आशा है, विशेष रूप से विंध्य और पूर्वांचल क्षेत्रों में तथा इससे राज्य के एक्सप्रेसवे के मौजूदा नेटवर्क को भी बल मिलेगा।
गंगा एक्सप्रेसवे
- राज्य को पूर्व से पश्चिम तक जोड़ने वाला यह एक्सप्रेसवे 12 ज़िलों के 518 गाँवों से होकर गुजरेगा, जिससे मेरठ और प्रयागराज के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा।
- इसे शुरू में छह लेन के लिये डिज़ाइन किया गया है, जिसे आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है तथा इसकी अधिकतम गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।
- एक अन्य महत्त्वपूर्ण विशेषता में गंगा और रामगंगा नदियों पर बने दो लंबे पुल शामिल हैं, जो बड़े विमानों को भी उतरने की अनुमति देते हैं। शाहजहांपुर में जलालाबाद तहसील के पास 3.50 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी इस परियोजना की बहुमुखी प्रतिभा को और बढ़ाती है।
- सार्वजनिक सुविधा बढ़ाने के लिये एक्सप्रेसवे के किनारे नौ सार्वजनिक सुविधा परिसरों की योजना बनाई गई है, जिनमें मेरठ और प्रयागराज में मुख्य टोल प्लाजा और 15 स्थानों पर रैंप टोल प्लाजा शामिल हैं।
- गंगा एक्सप्रेसवे महज एक परिवहन संपर्क मार्ग नहीं है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी परिदृश्य को आधुनिक बनाने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।