राजस्थान Switch to English
UGC ने राजस्थान के तीन विश्वविद्यालयों में Ph.D. प्रवेश रोके
चर्चा में क्यों?
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने राजस्थान के तीन विश्वविद्यालयों को नए Ph.D. छात्रों को प्रवेश देने से रोक दिया है। यह कार्रवाई फर्जी और पिछली तारीख की डिग्री जारी करने के आरोपों की जाँच के बाद की गई है।
मुख्य बिंदु
- प्रभावित विश्वविद्यालय: जिन संस्थानों पर नए Ph.D. छात्रों को दाखिला देने पर रोक लगाई गई है, वे हैं OPJS विश्वविद्यालय, चूरू, सनराइज विश्वविद्यालय, अलवर और सिंघानिया विश्वविद्यालय, झुंझुनू।
- आरोप: UGC द्वारा नियुक्त एक स्थायी समिति ने पाया है कि तीनों विश्वविद्यालयों ने UGC Ph.D. विनियमों और Ph.D. डिग्री प्रदान करने के शैक्षणिक मानदंडों के प्रावधानों का पालन नहीं किया।
- UGC की कार्रवाई: स्थायी समिति ने अनुशंसा की है कि UGC इन विश्वविद्यालयों को अगले पाँच वर्षों तक Ph.D. छात्रों के नामांकन से रोक सकता है।
- निहितार्थ: यह घटना राजस्थान में उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता और विश्वसनीयता पर चिंता उत्पन्न करती है।
- इसमें शैक्षणिक मानकों को बनाए रखने और छात्रों के हितों की रक्षा के लिये कठोर निगरानी की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC)
- UGC 28 दिसंबर, 1953 को अस्तित्व में आया और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम, 1956 के तहत विश्वविद्यालय शिक्षा में शिक्षण, परीक्षा और अनुसंधान के मानकों के समन्वय, निर्धारण और रखरखाव के लिये भारत सरकार का एक सांविधिक संगठन बन गया।
- UGC शिक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करता है, केंद्र सरकार UGC में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और दस अन्य सदस्यों की नियुक्ति करती है।
- अध्यक्ष का चयन ऐसे लोगों में से किया जाता है जो केंद्र सरकार या किसी राज्य सरकार के अधिकारी नहीं होते।
- पात्र विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को अनुदान प्रदान करने के अलावा, आयोग उच्च शिक्षा के विकास के लिये आवश्यक उपायों पर केंद्र और राज्य सरकारों को सलाह भी देता है।
- यह नई दिल्ली के साथ-साथ अपने छह क्षेत्रीय कार्यालयों से कार्य करता है जो बेंगलुरु, भोपाल, गुवाहाटी, हैदराबाद, कोलकाता और पुणे में स्थित हैं।
- यह फर्जी विश्वविद्यालयों, स्वायत्त कॉलेजों, समविश्वविद्यालयों और दूरस्थ शिक्षा संस्थानों की मान्यता को भी नियंत्रित करता है।
राजस्थान Switch to English
माउंट आबू में न्यूनतम तापमान 2.4°C दर्ज किया गया
चर्चा में क्यों?
राजस्थान के एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो राज्य का सबसे कम तापमान रहा।
नोट:
अरावली पर्वतमाला की सबसे ऊँची चोटी गुरु शिखर है, जो माउंट आबू पर स्थित है।
मुख्य बिंदु
- अन्य क्षेत्र: मैदानी इलाकों में, हनुमानगढ़ के संगरिया में न्यूनतम तापमान 5.8°C दर्ज किया गया, जबकि लूणकरणसर में 6.8°C, सिरोही और फतेहपुर में 7.3°C दर्ज किया गया।
- भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, पिलानी में 7.6 डिग्री सेल्सियस, चूरू में 7.8 डिग्री सेल्सियस, सीकर और श्रीगंगानगर में 8.2 डिग्री सेल्सियस और नागौर में 8.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
- मौसम की स्थिति: राजस्थान के विभिन्न भागों में ठंड का असर देखने को मिल रहा है तथा तापमान इस समय के सामान्य तापमान से काफी कम है।
- प्रभाव: असामान्य ठंड ने क्षेत्र में दैनिक जीवन, कृषि और पर्यटन पर इसके प्रभावों के संबंध में चर्चा को बढ़ावा दिया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD)
- परिचय:
- IMD की स्थापना 1875 में हुई थी। यह देश की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान सेवा है और मौसम विज्ञान एवं संबद्ध विषयों से संबंधित सभी मामलों में प्रमुख सरकारी एजेंसी है।
- यह भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक एजेंसी के रूप में कार्य करता है।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- IMD विश्व मौसम विज्ञान संगठन के छह क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्रों में से एक ह
- IMD की स्थापना 1875 में हुई थी। यह देश की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान सेवा है और मौसम विज्ञान एवं संबद्ध विषयों से संबंधित सभी मामलों में प्रमुख सरकारी एजेंसी है।
- नियम और ज़िम्मेदारियाँ:
- मौसम संबंधी अवलोकन करना तथा कृषि, सिंचाई, नौवहन, विमानन, अपतटीय तेल अन्वेषण आदि जैसी मौसम-संवेदनशील गतिविधियों के इष्टतम संचालन के लिये वर्तमान और पूर्वानुमानित मौसम संबंधी जानकारी प्रदान करना।
- उष्णकटिबंधीय चक्रवातों, नॉरवेस्टर, धूल भरी आँधी, भारी वर्षा और बर्फ, ठंड और हीट वेव्स आदि जैसी गंभीर मौसम संबंधी घटनाओं के खिलाफ चेतावनी देना, जो जीवन और संपत्ति के विनाश का कारण बनते हैं।
- कृषि, जल संसाधन प्रबंधन, उद्योग, तेल अन्वेषण और अन्य राष्ट्र निर्माण गतिविधियों के लिये आवश्यक मौसम संबंधी आँकड़े उपलब्ध कराना।
- मौसम विज्ञान और संबद्ध विषयों में अनुसंधान का संचालन और संवर्द्धन करना।