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उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग परियोजना
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग ने आगरा नहर के किनारे सड़क को फोरलेन (विस्तार करने) के संबंध में प्रक्रिया शुरू की है।
मुख्य बिंदु
- परियोजना अवलोकन:
- उद्देश्य: उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग का लक्ष्य आगरा नहर के किनारे सड़क को चार लेन का बनाना है, जिससे यातायात का प्रवाह सुगम हो सके।
- प्रस्ताव: परियोजना को औपचारिक रूप देने के लिये फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण (FMDA) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MOU) प्रस्तुत किया गया है, जिसकी अनुमानित लागत 278 करोड़ रुपए है।
- स्थिति एवं चुनौतियाँ:
- सरकारी मंज़ूरी के बावजूद भूमि स्वामित्व संबंधी औपचारिकताओं के कारण प्रगति रुकी हुई है।
- इसके लिये उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग से औपचारिक अनुमति लेना आवश्यक है, क्योंकि भूमि का स्वामित्व विभाग के पास है।
- विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार कर ली गई है तथा निविदाएँ आरंभ करने के लिये समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हेतु FMDA की मंज़ूरी लंबित है।
- लाभ:
- ग्रेटर फरीदाबाद, नोएडा, दिल्ली, बल्लभगढ़ और आगामी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से जेवर हवाई अड्डे तक बेहतर पहुँच।
- चौड़ी सड़क बनने से मौजूदा दो लेन वाले हिस्से पर भीड़भाड़ कम हो जाएगी।
- महत्त्व:
- यह परियोजना बेहतर बुनियादी ढाँचे की दीर्घकालिक मांगों को पूर्ण करती है तथा बेहतर क्षेत्रीय संपर्क और आर्थिक विकास का वादा करती है।
- यह परियोजना बेहतर बुनियादी ढाँचे की दीर्घकालिक मांगों को पूर्ण करती है तथा बेहतर क्षेत्रीय संपर्क और आर्थिक विकास का वादा करती है।
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विश्व रोगाणुरोधी जागरूकता सप्ताह (WAAW)
चर्चा में क्यों?
विश्व रोगाणुरोधी जागरूकता सप्ताह (WAAW) के अवसर पर, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।
इसका उद्देश्य मरीज़ों और MBBS छात्रों को रोगाणुरोधी दवाओं के सही उपयोग और महत्त्व के बारे में शिक्षित करना है।
मुख्य बिंदु
- WAAW का अवलोकन:
- रोगाणुरोधी प्रतिरोध के संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिये विश्व रोगाणुरोधी जागरूकता सप्ताह (WAAW) प्रतिवर्ष 18 से 24 नवंबर तक मनाया जाता है।
- AMR तब होता है जब बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी या कवक जैसे सूक्ष्मजीव विकसित होते हैं और रोगाणुरोधी दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं, जिससे संक्रमण का उपचार कठिन हो जाता है और रोग फैलने, गंभीर बीमारी और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।
- विशेषज्ञों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि रोगाणुरोधी प्रतिरोध के कारण प्रतिवर्ष लगभग 300,000 लोगों की मृत्यु होती है तथा उन्होंने स्पष्ट किया कि हर बुखार टाइफाइड नहीं होता है या हर बुखार के लिये एंटीबायोटिक की आवश्यकता नहीं होती है।
- इंटरैक्टिव गतिविधियाँ:
- छात्रों ने AMR जागरूकता का संदेश दर्शकों तक प्रभावी ढंग से पहुँचाने के लिये एक नुक्कड़ नाटक का प्रयोग किया।
- AMR से निपटने में संक्रमण की रोकथाम की भूमिका पर ज़ोर देते हुए उचित हाथ धोने की तकनीक का प्रदर्शन किया गया।
- महत्त्व:
- यह पहल एंटीबायोटिक प्रतिरोध के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और जनता को शिक्षित करने तथा इस समस्या के समाधान के लिये स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
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