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माइक्रोवेव ओवन में जीवाणु समुदाय

  • 12 Aug 2024
  • 2 min read

स्रोत: नेचर

हाल ही में माइक्रोवेव ओवन जैसे चरम ताप वाले वातावरण में पनपने वाले सूक्ष्मजीवों के विकासवादी अनुकूलन को समझने के लिये उन पर अध्ययन किया गया है।

मुख्य निष्कर्ष:

  • ये प्रमुख जीवाणु बैसिलस, माइक्रोकॉकस और स्टैफिलोकोकस जेनेरा  से संबंधित थे, जो आम तौर पर मानव त्वचा एवं सतहों पर रहते हैं जिन्हें लोग प्रायः छूते हैं।
  • क्लेबसिएला (Klebsiella) और ब्रेवुंडिमोनस (Brevundimonas) सहित खाद्य जनित बीमारियों से जुड़े बैक्टीरिया के कुछ प्रकार भी घरेलू माइक्रोवेव में विकसित हुए।
  • प्रयोगशाला माइक्रोवेव ओवन में बैक्टीरिया की सबसे बड़ी आनुवंशिक विविधता (एक प्रजाति के भीतर जीन में भिन्नता) थी।
  • माइक्रोवेव हीटिंग ऊष्मा उत्पन्न करने और भोजन में अधिकांश सूक्ष्मजीवों को निष्क्रिय करने के लिये विद्युत चुंबकीय तरंगों (300 मेगाहर्ट्ज़ से 300 गीगाहर्ट्ज़) का उपयोग करता है।
  • बैक्टीरिया:
    • बैक्टीरिया सूक्ष्म जीव हैं जिनमें केवल एक कोशिका होती है। ये गोले, छड़ और सर्पिल जैसे विभिन्न आकार के होते हैं। वे लाभप्रद या हानिकारक हो सकते हैं।
      • अच्छे बैक्टीरिया: शरीर में आँतों में पाई जाती हैं, जो भोजन को तोड़ने में मदद करते हैं तथा बिफिडोबैक्टीरिया की तरह कब्ज़ व दस्त को रोकते हैं।
      • बुरे बैक्टीरिया: उनमें से कुछ साल्मोनेला टाइफी द्वारा टाइफाइड बुखार जैसी बीमारियों का कारण बनते हैं।
    • एक्सट्रीमोफाइल्स ऐसे जीव हैं जो सबसे विषम वातावरण, जिसमें झुलसाने वाले जलतापीय छिद्र/हाइड्रोथर्मल वेंट, सब-ज़ीरो अंटार्कटिक आइस और भू-पर्पटी के परम दाब शामिल हैं, में भी जीवित रह सकते हैं और पनप सकते हैं।

और पढ़ें: मेटाजीनोमिक्स

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