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क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) की कार्यनिष्पादन समीक्षा
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री ने उदयपुर में नौ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) के प्रदर्शन की समीक्षा के लिये एक बैठक की अध्यक्षता की।
प्रमुख बिंदु
- गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान राज्यों के RRB की समीक्षा की गई।
- इस बैठक में कारोबारी प्रदर्शन, डिजिटल प्रौद्योगिकी उन्नयन, MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्लस्टर विकास तथा ग्रामीण वित्तीय समावेशन पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- केंद्रीय मंत्री ने निर्देश दिये:
- राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC) बुंदेलखंड और आकांक्षी ज़िलों में मुद्रा योजना तथा अन्य वित्तीय समावेशन योजनाओं के प्रदर्शन में सुधार के लिये राज्य सरकार, प्रायोजक बैंकों एवं RRB के साथ बैठकें आयोजित करेगी।
- गुजरात और राजस्थान में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक जागरूकता उत्पन्न करेंगे तथा ऋण उपलब्ध कराएंगे।
- RRB को PM विश्वकर्मा योजना के तहत संभावित व्यवसायों की पहचान करनी होगी और प्राथमिकता क्षेत्र ऋण के घोषित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये ज़मीनी स्तर पर कृषि ऋण वितरण में अपनी हिस्सेदारी बढ़ानी होगी।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB)
- RRB की स्थापना 26 सितंबर, 1975 को जारी अध्यादेश और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 के प्रावधानों के तहत वर्ष 1975 में की गई थी
- ये वित्तीय संस्थान हैं जो कृषि और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के लिये पर्याप्त ऋण सुनिश्चित करते हैं
- वे ग्रामीण समस्याओं की जानकारी के मामले में सहकारी समिति की विशेषताओं और व्यावसायिकता तथा वित्तीय संसाधन जुटाने की क्षमता के मामले में वाणिज्यिक बैंक की विशेषताओं को जोड़ते हैं
- 1990 के दशक में सुधारों के बाद, सरकार ने वर्ष 2005-06 में एक समेकन कार्यक्रम शुरू किया, जिसके परिणामस्वरूप RRB की संख्या वर्ष 2005 में 196 से घटकर वित्त वर्ष 2021 में 43 हो गई और 43 RRB में से 30 ने शुद्ध लाभ दर्ज किया।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY)
- PMMY को भारत सरकार ने वर्ष 2015 में लॉन्च किया था
- PMMY छोटे व्यवसाय उद्यमों के लिये 10 लाख रुपए तक के संपार्श्विक-मुक्त संस्थागत ऋण प्रदान करता है
- यह ऋण देने वाले सदस्य संस्थानों (MLI) यानी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (SCB), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (MFI) द्वारा प्रदान किया जाता है।
PM सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना
- सरकार ने छतों पर सौर ऊर्जा स्थापना को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 2014 में इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी।
- इसका मूल लक्ष्य वर्ष 2022 तक 40 गीगावाट स्थापित क्षमता (वर्ष 2030 तक 100 गीगावाट में से) का था, लेकिन वर्ष 2022 तक लक्ष्य पूरा नहीं हो सका, इसलिये इसकी समय सीमा वर्ष 2026 तक बढ़ा दी गई।
- रूफटॉप सौर पैनल फोटोवोल्टिक पैनल होते हैं जो किसी भवन की छत पर स्थापित किये जाते हैं तथा मुख्य विद्युत आपूर्ति इकाई से जुड़े होते हैं।
- इसका उद्देश्य आवासीय भवनों पर ग्रिड से जुड़ी सौर छत प्रणालियों को बढ़ावा देना है।
- रूफटॉप सोलर के अंतर्गत प्रमुख पहल:
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