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दून सिल्क
चर्चा में क्यों?
दून सिल्क को-ऑपरेटिव रेशम फेडरेशन (UCRF) के तहत एक लेबल है जो उत्तराखंड की प्राचीन रेशम-बुनाई परंपराओं को बनाए रखने और पुनर्स्थापित करने के लिये प्रतिबद्ध है।
मुख्य बिंदु
- दून सिल्क के उत्पाद उत्तराखंड के किसानों, रीलरों (Reelers), बुनकरों, शिल्पकारों और रंगाई करने वालों की प्रतिभा एवं कलात्मकता के प्रमाण हैं।
- यह ब्रांड रेशम, ऊन, कपास, बिछुआ (बिच्छू बूटी) और जूट (Hemp) जैसे प्राकृतिक रेशों से बने उत्पादों की एक शृंखला प्रस्तुत करता है, जिन्हें पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव डालने के लिये चुना गया है।
- गुणवत्ता और शिल्प कौशल के प्रति ब्रांड की प्रतिबद्धता ने इसे राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाज़ारों में महत्त्वपूर्ण उपस्थिति स्थापित करने में सहायता की है।
- हथकरघा पद्धतियों पर ध्यान केंद्रित करके, दून सिल्क पारंपरिक तकनीकों को बनाए रखता है तथा उत्तराखंड में 6,000 से अधिक लोगों को स्थायी रोज़गार की संभावनाएँ प्रदान करता है।
- दून सिल्क की 100% प्राकृतिक फाइबर की गारंटी शुद्धता के प्रति उसके समर्पण को दर्शाती है।
को-ऑपरेटिव रेशम फेडरेशन (UCRF)
- इसकी स्थापना वर्ष 2002 में उत्तराखंड के रेशम उत्पादन विभाग की कोकून-पश्चात गतिविधियों को संचालित करने के उद्देश्य से देहरादून में की गई थी।
- 20 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ, संगठन ने ऊनी और रेशमी मिश्रित कपड़ों के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए उत्तराखंड की पारंपरिक रेशम बुनाई को पुनर्जीवित किया है।
- UCRF और इसका ब्रांड दून सिल्क पर्यावरण तथा पारिस्थितिकी तंत्र को होने वाले नुकसान को न्यूनतम करने के लिये रेशम, ऊन, कपास, बिच्छू बूटी एवं जूट जैसे प्राकृतिक रेशों का उपयोग करके हथकरघा उत्पादन को प्राथमिकता देते हैं।
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