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माइक्रोप्लास्टिक पृथक्करण हेतु नोवेल हाइड्रोजेल

  • 18 Apr 2024
  • 2 min read

स्रोत:द हिंदू

भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के शोधकर्ताओं ने जल से माइक्रोप्लास्टिक के पृथक्करण हेतु एक स्थायी हाइड्रोजेल को डिज़ाइन किया है, जिससे मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर इसके खतरे को कम किया जा सकेगा। 

  • इस हाइड्रोजेल में तीन परत वाली पॉलिमर संरचना शामिल है जिसमें UV प्रकाश विकिरण का उपयोग करके माइक्रोप्लास्टिक्स को नष्ट करने के लिये उत्प्रेरक के रूप में कॉपर सब्स्टीट्यूट पॉलीऑक्सोमेलेट (Cu-POM) नामक सामग्री के नैनोक्लस्टर का उपयोग होता है।
  • यह हाइड्रोजेल अत्यधिक कुशल था, जिसके द्वारा लगभग न्यूट्रल pH (∼6.5) पर जल में दो अलग-अलग प्रकार के माइक्रोप्लास्टिक्स को लगभग 93% तथा 95% तक पृथक किया गया।
  • इस प्रक्रिया में विभिन्न परिस्थितियों में हाइड्रोजेल द्वारा माइक्रोप्लास्टिक्स को पृथक करने और अपघटित करने को ट्रैक करने के लिये माइक्रोप्लास्टिक्स में एक फ्लोरोसेंट डाई मिलाया गया।
    • इस पदार्थ को विभिन्न तापमानों के तहत स्थिर पाया गया, जिससे यह माइक्रोप्लास्टिक पृथक करने के क्रम में आशाजनक समाधान बन गया।
  • माइक्रोप्लास्टिक्स को पाँच मिलीमीटर से कम व्यास वाले प्लास्टिक के रूप में परिभाषित किया गया है, इनका निर्माण UV विकिरण, वायु एवं जल धाराओं जैसे प्राकृतिक कारकों के प्रभाव से होता है, जो प्लास्टिक के बड़े कणों को छोटे कणों में विघटित कर देते हैं।
    • इसकी दो श्रेणियाँ हैं: प्राथमिक माइक्रोप्लास्टिक्स, जिसमें व्यावसायिक उपयोग के लिये डिज़ाइन किये गए छोटे कण तथा वस्त्रों से निकलने वाले माइक्रोफाइबर शामिल हैं और द्वितीयक माइक्रोप्लास्टिक्स, जो पानी की बोतलों जैसे बड़े प्लास्टिक के उपकरणों के टूटने से बनते हैं।

और पढ़ें: माइक्रोप्लास्टिक्स

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